स्पाइरोगाइरा का हरित लवक किस आकार का होता है - spairogaira ka harit lavak kis aakaar ka hota hai

  1. चक्रिकाभ
  2. जालिका रूपी
  3. ताराकार
  4. पार्श्वीय

Answer (Detailed Solution Below)

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स्पाइरोगाइरा का हरित लवक किस आकार का होता है - spairogaira ka harit lavak kis aakaar ka hota hai

अवधारणा -

  • लवक (प्लास्टिड) पौधों और यूगलीनोइड्स में पाए जाते हैं।
  • रंजक के प्रकार के आधार पर लवक को हरितलवक, क्रोमोप्लास्ट और ल्यूकोप्लास्ट में वर्गीकृत किया जा सकता है। 
  • हरितलवक मे क्लोरोफिल शामिल है और कैरोटीनॉयड रंजक जो प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक प्रकाश ऊर्जा फँसाने के लिए जिम्मेदार हैं।
  • हरितलवक डबल झिल्ली से बंधा है।
  • हरे पौधों के अधिकांश हरितलवक पत्तियों के मेसोफिल कोशिकाओं में पाए  जाते हैं।

व्याख्या -

  • हरितलवक लेंस के आकार, अंडाकार, थाली के आकार का है, कप - आकार , करधनी के आकार का , जालीदार,  थाली की तरह, रिबन- आकार का , या सर्पिल।
  • ओडोगोनियम एक हरा शैवाल है जो ताजे पानी में पाया जाता है, इसमें एक रेशा होता है। फिलामेंट की कोशिकाएं बेलनाकार होती हैं सिवाय बेसल कोशिकाओं (होल्डफास्ट) के जो जड़ जैसी होती हैं। इन कोशिकाओं का उपयोग सतह से जुड़ने के लिए किया जाता है।
  • ओडोगोनियम जालीदार आकार हरितलवक है
  • ओडोगोनियम या तो अन्य पौधों से जुड़ा रहता है या मुक्त-तैरता है।

Important Points

  • 'कैप कोशिकाओं' ओडोगोनियम की सर्वाधिक विशिष्ट सुविधा में से एक हैं 

Additional Information

क्लोरोप्लास्ट आकारउदाहरणकप के आकारक्लैमाइडोमोनससर्पिल आकार कास्पाइरोगाइराजालिका रूपीओडोगोनियमरिबन के आकार काएक्टोकार्पस

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  1. सर्पिल आकार
  2. मेखला आकार
  3. 1 और 2 दोनों 
  4. इनमें से कोई नहीं

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अवधारणा:

  • हरितलवक एक द्वि झिल्ली-आबद्ध सेल कोशिकांग है।
  • दो झिल्ली में से, भीतरी झिल्ली अपेक्षाकृत कम पारगम्य होती है (बाहरी झिल्ली में छिद्र होते हैं)
  • हरितलवक की संख्या और आकार भी शैवाल की एक प्रजाति से दूसरे में भिन्न होती है।

स्पष्टीकरण:

  • यूलोथ्रिक्स परिवार यूलोट्रिकेसी में हरी शैवाल की एक वंश है। यूलोथ्रिक्स गैर-शाखाओं वाली तंतुल हरी शैवाल का एक वंश है, जो आमतौर पर ताजे और समुद्री पानी में पाया जाता है।
  • कोशिकाएं सामान्य रूप से जितनी लंबी होती हैं, उतनी चौड़ी होती हैं, और वे वसंत और सर्दियों के कम तापमान में समृद्ध होती हैं।
  • यूलोथिक्स में एक हरितलवक मौजूद होता है जो मेखला के आकार का होता है।
  • पाइरीनाभ प्रोटीन युक्त शरीर हैं जो हरितलवक से युग्मित रहते हैं और संख्या में 1 - 4 होते हैं
  • यूलोथ्रिक्स में प्रजनन वनस्पति, अलैंगिक और यौन विधियों के माध्यम से होता है

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Additional Information

  • हरितलवक लेंस के आकार का, अंडाकार, चक्राभ, प्याला रूप का, मेखला के आकार का, जालिकारुपी, प्लेट जैसी, रिबनवत्, या सर्पिल हो सकता है।
हरितलवक आकारउदाहरणप्याला रूपक्लैमिडोमोनाससर्पिल रूपस्पाइरोगाइराजालिकारुपीओडोगोनियमरिबनवत्एक्टोकार्पस

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लवक केवल पादप कोशिकाओं में स्थित होते हैं। लवक पादप कोशिकाओं के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले गोल या अंडाकार रचना हैं । इनमें पादपों के लिए महत्त्वपूर्ण रसायनों का निर्माण होता है। लवक तीन प्रकार के अर्थात् हरितलवक (Chloroplast) , अवर्णी लवक ((Leucoplast) तथा वर्णी लवक (Chromoplasts) होते हैं।

हरितलवक (क्लोरोप्लास्ट) नामक हरे रंग के लवक में जीव जगत की सबसे महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रिया प्रकाश-संश्लेषण होती है। हरे रंग को छोड़कर अन्य रंगों वाले लवकों को वर्णी लवक (क्रोमोप्लास्ट) कहते हैं, इनसे ही फूलों एवं फलों को रंग प्राप्त होता है। रंगहीन लवकों को अवर्णी लवक (लिउकोप्लास्ट) कहते हैं जिनका मुख्य कार्य भोजन संग्रह में मदद करना है। आकृति यह अंडाकार गोलाकार तन्तुनुमा होता है जो पूरे कोशिका द्रव्य मे फैले रहता है जो दो पर्टो से घिरा रहता है। इसके भीतर पाए जाने वाले खाली स्थान को stroma कहते है जो एक तरल पदार्थ से भरा रहता है जिसे matrix कहाँ जाता है।

स्पाइरोगाइरा का हरित लवक किस आकार का होता है - spairogaira ka harit lavak kis aakaar ka hota hai

लवक कितने प्रकार के होते है ?

लवक तीन प्रकार के होते है :

  1. हरितलवक (Chloroplast)
  2. अवर्णी लवक (Leucoplast)
  3. वर्णी लवक (Chromoplasts)

हरितलवक (Chloroplast)

हरे रंग के पदार्थ हरितलवक के कारण इसका रंग हरा होता है। यह हरितलवक दोहरे झिल्ली से घिरे होते हैं, जो लाइपोप्रोटीन की बनी होती है। इसके अन्दर की ओर एक तरल पारदर्शी पदार्थ होता है, जिसे स्ट्रोमा कहा जाता है। इस स्ट्रोमा में अनेक एन्जाइम, राइबोसोम आदि पदार्थ पाए जाते हैं। माइटोकॉण्ड्रिया की तरह लवक में अपना DNA और राइबोसोम होते हैं।

वस्तुतः इसमें बाहरी झिल्ली सपाट परन्तु भीतरी झिल्ली गोल पटलिका होती है, जिसे थायलेकॉइड कहते हैं। अनेक स्थानों पर यह थायलेकॉइड एक के ऊपर लगी होती है, जो ग्रेनम कहलाती है। ग्रेनाओं को जोड़ने वाली पटलिकाएँ स्ट्रोमा पटलिकाएँ कहलाती हैं।

थायलेकॉइड की भीतरी सतह पर क्वान्टासोम पाए जाते हैं, जिसमें हरितलवक अणु होते हैं ये प्रकाश-संश्लेषण की आधारभूत इकाई है। इसे पादप कोशिका का रसोईघर कहा जाता है। हरितलवक में प्रकाश-संश्लेषण की प्रकाशिक अभिक्रिया ग्रेना में, जबकि प्रकाशहीन अभिक्रिया स्ट्रोमा में होती है।

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क्लोरोप्लास्ट वाली पादप कोशिकाएँ

हरितलवक को आकृति के आधार पर वर्गीकरण निम्न है :

  • क्लोमाइडोमोनास –   कपनुमा
  • स्पाइरोगाइरा (तालाब की रेशम ) – फीताकार
  • ऊडोगोनियम –  जालिकावृत
  • यूलोथ्रिक्स (तालाब की ऊन ) – मेखलाकार
  • उच्च पादप – अण्डकार या तश्तरीनुमा
  • जिग्नीमा – तारकार स्टार्च कार

अवर्णी लवक (Leucoplast)

यह एक रंगहीन लवक, जो जड़ों और भूमिगत तनों में पाए जाते हैं। ये स्टार्च के रूप में भोजन का संग्रह करते हैं, ये मुख्यतया तीन ये प्रकार के होते हैं :

अवर्णी लवक (ल्यूकोप्लास्ट) को तीन भागों में बांट गया है।

a. एमाइलोप्लास्ट
b. एलयुरोप्लास्ट
c. इलियोप्लास्ट

एमाइलोप्लास्ट, जो जड़ों भूमिगत तनों तथा चावल, गेहूँ तथा मक्का के बीज में पाए जाते हैं तथा स्टार्च का संग्रहण करते हैं। इलायोप्लास्ट बीज में वसा का संग्रहण करते हैं। प्रोटीनोप्लास्ट, इनमें प्रोटीन संग्रहण होता है, जो बीजों में पाए जाते हैं।

स्पाइरोगाइरा का हरित लवक किस आकार का होता है - spairogaira ka harit lavak kis aakaar ka hota hai
अवर्णी लवक ( एमाइलोप्लास्ट )

वर्णी लवक (Chromoplasts)

ये पौधों के रंगीन भागों, पुष्पों की पंखुड़ियों तथा फलों की भित्तियों में पाए जाते हैं। ये पीले, लाल तथा नारंगी रंग के लवक हैं।

उदाहरण टमाटर में लाइकोपेन, गाजर में कैरोटीन, चुकन्दर में विटानीन आदि वर्णक के कारण इसका रंग निर्धारित होता है।

स्पाइरोगाइरा का हरित लवक क्या होता है?

स्पाइरोगाइरा एक शैवाल है। इसमे क्लोरोफिल पाया जाता है अतः यह प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन स्वय बनाता है। यह पौधा एक सिल्क के धागे की तरह हरे रंग का दिखाई देता है जो जल की उपरी सतह पर तैरता रहता है।

हरित लवक का दूसरा नाम क्या है?

हरितलवक या क्लोरोप्लास्ट एक प्रकार का कोशिकांग है जो सुकेन्द्रिक पादप कोशिकाओं में और शैवालीय कोशिकाओं में पाया जाता है। हरितलवक प्रकाश-संश्लेषण द्वारा प्रकाशीय ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करतें हैं। इन का हरा रंग इन में पर्णहरित (क्लोरोफ़िल) रसायन के होने के कारण है जो प्रकाश-संश्लेषण में अत्यावश्यक है।

हरित लवक कितने प्रकार के होते हैं?

लवक तीन प्रकार के अर्थात् हरितलवक (Chloroplast) , अवर्णी लवक ((Leucoplast) तथा वर्णी लवक (Chromoplasts) होते हैंहरितलवक (क्लोरोप्लास्ट) नामक हरे रंग के लवक में जीव जगत की सबसे महत्त्वपूर्ण जैव रासायनिक क्रिया प्रकाश-संश्लेषण होती है।

पादपों में हरित लवक का क्या कार्य है?

हरित लवक के प्रमुख कार्य हरित लवक प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेटस का निर्माण करते हैं। इनमें ग्लूकोज से मण्ड, प्रोटीन, वसाएँ, विटामिन हार्मोन्स आदि का निर्माण भी होता है। जल का आयनीकरण एवं CO2 अपचयन के लिए NADPH + H+ की उपलब्धि कराना हरितलवक का ही कार्य है।