Sovereignty Questionsसम्प्रभुता Show प्रश्न=1. “संप्रभुता राज्य के व्यक्तियों और समुदायों पर भौतिक निरंकुश और असीमित शक्ति है।” यह कथन हैं- (द) प्रश्न=2. “संप्रभुता नागरिकों और प्रजाजनों पर वह सर्वोच्च शक्ति है जो विधि द्वारा नियंत्रित नहीं है।” कथन हैं- (अ) प्रश्न=3. “राजनीतिक शास्त्र के लिए यह अस्थाई रूप से लाभदायक होगा यदि संपूर्णता के सिद्धांत को इस से निकाल दिया जाए।” कथन हैं- (अ) प्रश्न=4. प्रभुसत्ता को अंग्रेजी में (sovereignty) कहते हैं soveregnty शब्द की उत्पत्ति लेटिन भाषा के superanus शब्द से हुई है। जिसका अर्थ है- (ब) प्रश्न=5. संप्रभुता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग फ्रांसीसी विचारक बोंदा ने कब अपनी पुस्तक ‘six book concerning republic’ मे किया ? (अ) प्रश्न=6. भारतीय संप्रभुता निवास करती है- (ब) प्रश्न=7. भारत की संप्रभुता को अक्षुण्ण बनाए रखने का प्रावधान है- (ब) प्रश्न=8. कौन ‘राजनीतिक संप्रभुता’ की अवधारणा के लिए adovated था ? (अ) प्रश्न=9. किसने संप्रभुता का अद्वैत सिद्धांत दिया ? (द) प्रश्न=10. “प्रभुसत्ता कानूनों का निर्माण करने तथा उन्हें लागू करने वाली प्रतिदिन क्रियाशील सकती है।” कथन हैं- (ब) प्रश्न=11. “समाज का स्वरूप संघीय होता है सत्ता को भी संघीय होना चाहिए।” यह कथन निम्न में से है ? (ब) प्रश्न=12. संप्रभुता की धारणा का निरूपण सबसे पहले किसने किया ? (स) प्रश्न=13. “संगठित लोकमत ही लोकप्रिय संप्रभुता है” यह कथन है? (अ) प्रश्न=14. भारत में कानून संप्रभुता का स्त्रोत है- (स) प्रश्न=15. सम्प्रभुता की विशेषता है- (द) प्रश्न=16. संप्रभुता की एकलवादी अवधारणा प्रधानता स्वीकार करती है- (अ) प्रश्न=17. संप्रभुता के विभाजन के पक्षधर निम्न में से कौन है ? (ब) प्रश्न=18. सम्प्रभुता का सिद्धांत बल देता है ? (द) प्रश्न=19. कौन सम्प्रभुता के बहुलवादी सिद्धांत के समर्थक नही है ? (स) प्रश्न=20. “सम्प्रभुता मूलक संकट का सिद्धांत है” यह मत किसने प्रतिपादित किया ? (ब) प्रश्न=21. कौन सा युग्म सुमेलित नहीं है ? (द) प्रश्न=22. हाॅब्स निम्न में से किसका समर्थक हैं ? (अ) प्रश्न=23. निम्न में से कौन सम्प्रभुता के बहुलवादी सिद्धांत का समर्थक नही है ? (अ) प्रश्न=24. निम्नलिखित में से कौन सा समूह ‘लोकप्रिय प्रभुसत्ता’ का समर्थक है ? (अ) प्रश्न=25. “कानून संप्रभु की आज्ञा है।” यह किसने कहा है ? (स) प्रश्न=26. ऑस्टिन के संप्रभुता सिद्धांत को निम्न नाम से जाना जाता है ? (ब) प्रश्न=27. “संप्रभुता का विभाजन एक धोखा है” यह कथन किसका है ? (ब) प्रश्न=28. “संप्रभुता के कानूनी सिद्धांत को राजनीतिक दर्शन के लिए मान्य बना देना असंभव है” यह कथन है- (अ)
Specially thanks to Post and Quiz makers ( With Regards ) ज्योति जी प्रजापति, कैलाश जी गहलोत, कोमल जी शर्मा, कंचन जी पिरथानी, मुकेश पारीक ओसियाँआज हम संप्रभुताके बारे में चर्चा करेंगे जिसमें हम समझेगें की संप्रभुता क्या है, इसकी क्या परिभाषा हो सकती है तथा इसकी कौन-कौन सी विशेषताएं संप्रभुता में निहित होती है। Contents hide 1 संप्रभुता की परिभाषा – 2 संप्रभुता की विशेषताएं 2.1 पहली निरंकुशता या अस्मिता 2.1.1 दूसरा सर्व व्यापकता 2.1.2 तीसरा स्थिरता 2.1.3 चौथा अदेयता 2.1.4 पांचवा अविभाज्य 3 Related संप्रभुता की परिभाषा –
संप्रभुता की विशेषताएंपहली निरंकुशता या अस्मितासंप्रभुता के ऊपर अन्य किसी व्यक्ति का प्रभुत्व नहीं होता जो उसके अधिकारों को सीमित करने की क्षमता रखता हो। कानून, राज्य के अंदर निवास करने वाले प्रत्येक नागरिक व नागरिकों के समूह को संप्रभु के आदेशों का पालन करना अनिवार्य है। संप्रभु ही विधि निर्माण का मुख्य स्रोत होता है जो समस्त व्यक्तियों को मान्य है, अर्थात संप्रभुता असीमित है। दूसरा सर्व व्यापकतासंप्रभुता की सर्व व्यापकता से तात्पर्य देश की समस्त वस्तुओं पर पूर्ण अधिकार एवं नियंत्रण होता है। कोई भी उसके नियंत्रण से मुक्त होने का दावा नहीं कर सकता। साथ ही राज कुछ विशेष व्यक्तियों को अपनी इच्छा से ही कुछ अधिकार प्रदान कर सकता है या किसी प्रांत को स्वायत्तता प्रदान कर सकता है परंतु ऐसा करने पर भी संप्रभु की व्यापकता पर कोई असर नहीं पड़ता। तीसरा स्थिरतासंप्रभुता स्थाई है। इसका राज्य के साथ अटूट संबंध है। दोनों को एक दूसरे से अलग नहीं किया जा सकता। संपूर्णता का नाश राज्य के नाश के समान होता है। संप्रभु व्यक्ति की मृत्यु होने पर भी संप्रभुता का नाश नहीं होता क्योंकि उसका प्रयोग कोई अन्य दूसरे व्यक्ति करता है। हम कह सकते हैं कि सरकार में ही परिवर्तन होता है। संप्रभुता अक्षुण्ण होती है। चौथा अदेयताअदेयता का तात्पर्य संप्रभुता अपनी संप्रभुता तक किसी दूसरे को नहीं दे सकता। ऐसा करने पर उस व्यक्ति का स्वता ही अंत हो जाएगा। अर्थात वह संप्रभु नहीं बना रह सकता। इसके बारे में लीवर ने कहा कि संपूर्णता एक वृक्ष के समान है जो अनेक विकास के अधिकार को किसी अन्य व्यक्ति के अधिकार में नहीं छोड़ सकता क्योंकि ऐसा करने पर उसका अंत हो जाएगा। यदि कोई राज्य अपने राज्य के किसी भाग को दूसरे राज्य को सोता है तो उससे उसकी संप्रभुता उस भाग पर से समाप्त हो जाएगी तथा उस भाग पर दूसरे दूसरा अपनी संपूर्णता कायम करेगा। पांचवा अविभाज्यसंपूर्णता का विभाजन नहीं किया जा सकता क्योंकि वह अविभाज्य है। किसी राज्य में दो संप्रभु नहीं हो सकते क्योंकि सर्वोच्च इसका विभाजन असंभव है। हेनरी क्ले ने कहा कि संप्रभुता एक है। उसकी विभक्त करने का मतलब उसका अंत करना है। क्योकिं वह राज्य की सर्वोच्च सत्ता है। अर्धसर्वोच्चत्ता या सम्पुर्णता की बात करना उसी तरह है जैसे त्रिभुज की बात करना। हम कह सकते हैं कि संप्रभुता वह मौलिक निरंकुश एवं असीम शक्तियां है जो राज को अपनी समस्त शक्तियों तथा उसकी समस्त संस्थाओं को प्राप्त है। संप्रभुता के सिद्धांत के जनक कौन है?संप्रभुता शब्द का सबसे पहले प्रयोग फ्रांसीसी विचारक जीन बोंदा ने 1756 में अपनी पुस्तक Six Book Concerning Republic में किया था, अतः इसका उदभव 16 वी शताब्दी में माना जाता है।
संप्रभुता की मुख्य अवधारणा क्या है?सम्प्रभुता से तात्पर्य राज्य की उस शक्ति से है, जिसके कारण राज्य अपनी सीमाओं के अंतर्गत कुछ भी करने के लिए स्वतंत्र है। राज्य के अंदर कोई भी व्यक्ति अथवा समुदाय राज्य के ऊपर नही है। बाहरी दृष्टि से संप्रभुता का अर्थ है राज्य किसी बाहरी सत्ता के प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष नियंत्रण से स्वतंत्र होता है।
संप्रभुता किसका अनिवार्य तत्व है?संप्रभुता राज्य का एक अनिवार्य तत्व है और संप्रभुता के बिना राज्य की कल्पना ही नहीं की जा सकती है। राज्य के लिए संप्रभुता का वही महत्व है जो व्यक्ति के जीवन के लिए प्राणों का कहा जा सकता है।
संप्रभुता का पिता कौन है?जीन बोंदा ने 1756 में अपनी किताब Six Book Concerning Republic में संप्रभुता शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग किया था। उन्होंने फ्रांसीसी राजा की ताकत को और को मजबूत करने के लिए संप्रभुता की नई अवधारणा का प्रयोग किया था। किसी राज्य की सर्वोच्च सत्ता संप्रभुता कहलाती है।
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