सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए?... Show
ज्ञान गंगाशक्तिराजनीति विज्ञान Satyam SrivastavaUPSC Coach8:13 चेतावनी: इस टेक्स्ट में गलतियाँ हो सकती हैं। सॉफ्टवेर के द्वारा ऑडियो को टेक्स्ट में बदला गया है। ऑडियो सुन्ना चाहिये। ऐसा समझा जाता है कि अगर सत्ता का शक्ति काया पावर का विकेंद्रीकरण कर दिया जाए यानि डी सेंट्रलाइजेशन कर दिया जाए तो सताया पावर विध्वंसक नहीं हो पाती है एनी सत्ता या पावर को कम से कम केंद्रीकृत या केंद्रीकरण करना चाहिए सेंट्रलाइज नहीं होने देना चाहिए पावर को जिससे कि इस पावर को कल्याण के लिए वेलफेयर के लिए इस्तेमाल किया जा सके तो सत्ता को हमें डिसेंट्रलाइज करना चाहिए इसका विकेंद्रीकरण करना चाहिए केंद्रीयकरण करने से बचना चाहिए तो सेंट्रलाइज होने से बचने के लिए हमारे फाउंडर्स ने सत्ता कई तरह से विभाजित किया है या उसका साझा किया है तो इसकी साजिद साजिद आरी या पावर शेयरिंग जिसे कहते हैं इस तरह से है यह हमारे देश के टॉप लेवल से वाटर लेवल तक सबको सही से पावर का डिस्ट्रीब्यूशन हो सके तो 3 लेवल पर तीन स्तरों पर जो है पावर को सकता को बांटा गया है पहले लेवल में आपकी जो सेंट्रल गवर्मेंट आ जाती है दूसरे लेवल में स्टेट गवर्मेंट आ जाती है और तीसरे लेवल पर जो आपकी लोकल गवर्नमेंट है जिसे स्थानीय सरकार कहते हैं नगर निगम जैसे तो यह सरकार तीन स्तरों पर इस तरह से बड़ी होती है तो जो सेंट्रल गवर्मेंट होती है वह पूरे देश को के चलाती है जो स्टेट गवर्मेंट होती है वह सभी राज्यों में अपने-अपने राज्यों में उत्तर प्रदेश तमिलनाडु वगैरा राज्यों में जो गवर्नमेंट वहां राज्य की सरकार है वह होती है और लोकल गवर्नमेंट होती है तो वह जो सभी शहरों में इसे ग्राम पंचायत के द्वारा नगर निगम जो मुंसिपल कॉरपोरेशन है मुंसिपल बॉडी होती हैं ग्राम पंचायत होती हैं तो उसके द्वारा वह एक्जिक्यूट की जाती है तो यह तो सरकार हो गई लेबल्स के हिसाब से स्तरों के हिसाब से इस तरह से पावर का विभाजन होता है इसके अलावा जो केंद्रीय स्तर पर केंद्रीय स्तर पर भी जो है सरकार को मदद या सरकार को जो एक और तरीके से विधायक का विधायिका और न्यायपालिका कार्यपालिका में भी विभाजित करते हैं तो यह जुडिशरी एग्जीक्यूटिव और लेजिसलेच्योर के अकॉर्डिंग टो सब एक साथ सेवर सत्ता का विकेंद्रीकरण शेयरिंग किया गया है जिससे कि तो सरकार के अंग है न्यायपालिका अपना काम करती है जिसे संसद है जिसे आप पर विधायिका कहते हैं वह अपना काम करती है जो कार्यपालिका है वह अपना काम करती है तो संसद जो कानून बनाती है तो वह उन कानूनों को पाको पालन कराने का एग्जीक्यूट कार्यान्वित कराने का काम कार्यपालिका के पास होता है एग्जीक्यूटिव के पास होता तो एग्जीक्यूटिव या कार्यपालिका वह होती है जो मंत्रिपरिषद होती है कैबिनेट होती है जिसमें प्रधानमंत्री से होते हैं तो तो संसद तो यह प्रधानमंत्री आ कार्यपालिका जो होती है जो मंत्रिपरिषद होता है वह कोई भी कानून बिन या कोई भी योजनाओं को संसद द्वारा पास कर आते हैं संसद जब उस पर पूरी तरह से सहमत होती है पास कर देती है तभी सरकार यानी कार्यपालिका उस बिल को इंप्लीमेंट कर पाती है और अगर उस दिल में कोई खामी पाई जाती है अगर उससे योजना में जो संसद से पास कराई गई है या कार पालिका ने जो मिलाया है अगर उसमें कोई दिक्कत होती है तो न्यायपालिका उसकी समीक्षा करती तो संसद द्वारा पास किसी भी बिल को भेजो है न्यायपालिका और यानी ज्यूडिशरी के द्वारा सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के द्वारा रिव्यू समीक्षा किया जा सकता है और को वरुण q2 द्वारा जो भी बिल लाए जाते हैं उनको जो है ऐसी ओवरऑल कर के कर कर सकती है और उसे गलत साबित कर सकती तो न्यायपालिका के पास यह तो इस तरह की पावर शेयरिंग है जिससे कि कोई भी चीज की तानाशाही नहीं हो पाती तो सभी अपना-अपना पावर तो इसमें सबसे जो है जो है राज्य का योनि की देश का जो nation-state है राष्ट्र राज्य है उसके वेलफेयर के लिए पावर शेयरिंग न्यायपालिका और का पालिका विधायिका के बीच में बैठी हुई है जो एक दूसरे की शक्ति में अतिक्रमण नहीं कर पाते और देश का वेलफेयर कल्याणकारी तरीके से चलता रहता है तो हमारे यहां संविधान के अकॉर्डिंग सब चलता है भारतीय संविधान में जो जिस तरह से लिखा है तो अगर संसद कोई गलत कानून पास कर देती है तो न्यायपालिका उसको वरुल कर सकती है और उसकी न्यायपालिका संविधान के कानून का संविधान जो है उसकी विधि का उसके लीगल लीगल एस्पेक्ट का रिव्यू करती है क्योंकि संविधान की इंटरपलेशन का व्याख्या का अधिकार केवल न्यायपालिका के पास है क्योंकि जो न्यायपालिका है वह राज्य के लोगों का राज्य के लोगों के फंडामेंटल राइट्स को जो है वह उनकी गारंटी करता है संविधान तो उसको न्यायपालिका द्वारा देखा जाता है तो नेपाल किस किसी भी हाल में लोगों के फंडामेंटल राइट जो मौलिक मौलिक जो अधिकार हैं उनका हनन नहीं होने देती तो इस तरह से सत्ता इस तरह से बनी रहती है कि किसी भी किसी भी मित्र जो अपने देश के जो नागरिक हैं उनके उनके ऊपर उनका जो अधिकार है उनसे छीन नहीं जा सकते वोट देने का अधिकार या शिक्षा पाने का अधिकार यह स्वतंत्रता का अधिकार लाइफ का अधिकार जितने भी अधिकार हैं उनको उनका किसी के द्वारा अतिक्रमण नहीं किया जा सकता इसकी संविधान गारंटी करता है और न्यायपालिका उसको रिव्यू करता है तो इससे पावर शेयरिंग से एक तरह से सभी योजनाएं सरकार का काम होता है योजनाओं को सही तरीके से लगना जिसे कमजोर वर्गों तक पहुंच पाए और राज्य का उद्धार हो सके देश की अर्थव्यवस्था सही से चल सके लोगों को नौकरियां मिल सके शिक्षा मिल सके और लोगों के लिए जो सिस्टम है वह ऑर्गनाइज़ा कर व्यवस्थित होकर चल सके तो व्यवस्थित होने के लिए जुडिशरी कार्यपालिका और विधायिका या पार्लियामेंट इसका एक सही समायोजन कोआर्डिनेशन समायोजन होना जरूरी है जिससे कि तीनों स्तरों पर सरकारें केंद्र सरकार राज्य सरकार और स्थानीय सरकार है वह केंद्रीकृत होकर इंटीग्रेटेड होकर काम कर सके तो इस सत्ता की साझेदारी के यह रूप इस तरह के रूप है और इन रूपों से का एक ही उद्देश्य है कि उस राज्य उस देश के लोगों का कल्याण तो इस तरह से जो पावर है वह मुट्ठी भर लोगों के हाथ में ना होकर कई स्तरों पर बैठी होती है कई लेवल पर बैठी होती है और सरकार के कई अंगों में जो सरकार के और गहने वहां बैठी रहती है तो 7027 पावर है वह मुट्ठी भर लोगों के साथ के पास ना होकर अधिक से अधिक लोगों के पास होती है इसे की सत्ता का दुरुपयोग पावर का मिस यूज नहीं होने पाता Romanized Version 18 1072 1 जवाब ऐसे और सवाल सत्ता की साझेदारी किन रूपों में होता है?...सत्ता की साझेदारी किन रूपों में होता है मैं आपको बताता हूं सच्चा सत्ता कीऔर पढ़ें Pradeep SinghTeacher सत्ता का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा सत्ता के विभिन्न स्रोतों एवं प्रकार का वर्णन कीजिए?...सत्ता का अर्थ स्पष्ट कीजिए तथा के विभिन्न स्रोतों के बारे में बताइए तो सकताऔर पढ़ें Rakesh Chandra Pargi सत्ता के कार्यों का वर्णन करें?...सत्ता सत्ता जो है करने वाले दो प्रकार के होते हैं एक एक कार्यपालिका होतीऔर पढ़ें Omkar SinghSelf Impolye सत्ता में हिस्सेदारी का संक्षेप में वर्णन करें?...जमीदारी का संक्षेप में वर्णन करें चुनाव जीती है और सरकार बनाती है वहऔर पढ़ें DR OM PRAKASH SHARMAPrincipal, Education Counselor, Best Experience in Professional and Vocational Education cum Training Skills and 25 years experience of Competitive Exams. 9212159179. [email protected] लोकतंत्र के विभिन्न रूपों का वर्नण कीजिये?...आपने मुझसे पूछा लोकतंत्र के विभिन्न रूपों का वर्णन कीजिए तो मैं आपको बताना चाहूंगीऔर पढ़ें Harpreeth सत्ता की साझेदारी क्या है?...नमस्कार आपका प्रश्न है सता की साझेदारी का अर्थ क्या है कि सत्ता की साझेदारीऔर पढ़ें Raghuveer Singh👤Teacher & Advisor🙏 सत्ता की साझेदारी किसे कहते हैं?...जब किसी शासन व्यवस्था में हर सामाजिक समूह और समुदाय की भागीदारी सरकार में होती...और पढ़ें abhiStudy लोग किस तरह सत्ता में साझेदारी करते हैं?...लोग किस तरह सत्ता में साझेदारी करते थे कि यह एक लोकतांत्रिक देश है औरऔर पढ़ें Jagdish Panwarराजनैतिक व दिशा के लिये उपाय Related Searches: satta ki sajhedari ke vibhinn rupon ka ullekh kijiye ; सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूपों का उल्लेख कीजिए ; satta ki sajhedari ke vibhinn rupo ka ullekh kijiye ; satta ki sajhedari ke vibhinn roop ka ullekh kijiye ; sajhedari ka vichar kaise samne aaya samanya roop se prachalit satta ki sajhedari ke vibhinn swaroop ki vyakhya kijiye ; satta ki sajhedari ke vibhinn roop ; satta ki sajhedari ke char rupon ka varnan karen ; satta ki sajhedari ke char rupon ka varnan kijiye ; samanya roop se prachalit satta ki sajhedari ke vibhinn swaroop ki vyakhya kijiye ; This Question Also Answers:
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सत्ता की साझेदारी से आप क्या समझते हैं यह क्यों आवश्यक है?Solution : (i) टकराव को रोकने के लिए- सत्ता की साझेदारी जरूरी इसलिए है क्योंकि इससे सामाजिक समूहों के बीच टकराव का अंदेशा कम हो जाता है। चूंकि सामाजिक टकराव आगे बढ़कर अक्सर हिंसा और राजनीतिक अस्थिरता का रूप ले लेता है इसलिए सत्ता में हिस्सा दे देना राजनैतिक व्यवस्था के स्थायित्व के लिए अच्छा है।
3 सत्ता की साझेदारी के अलग अलग तरीके क्या है ?`?सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा (क) सामुदायिक सरकार. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा (ख) अधिकारों का वितरण. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी (ग) गठबंधन सरकार. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी. |