सिंधु घाटी के लोग कौन से धातु से परिचित नहीं थे? - sindhu ghaatee ke log kaun se dhaatu se parichit nahin the?

सिंधु घाटी सभ्यता से जुड़ी महत्‍वपूर्ण जानकारी और तथ्‍य

सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1700 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी. यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है.

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सिंधु घाटी के लोग कौन से धातु से परिचित नहीं थे? - sindhu ghaatee ke log kaun se dhaatu se parichit nahin the?

हड़प्‍पा शहर के अवशेष

सिंधु घाटी के लोग कौन से धातु से परिचित नहीं थे? - sindhu ghaatee ke log kaun se dhaatu se parichit nahin the?

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 30 जून 2014,
  • (अपडेटेड 30 जून 2014, 4:10 PM IST)

सिंधु घाटी सभ्यता (3300-1700 ई.पू.) विश्व की प्राचीन नदी घाटी सभ्यताओं में से एक प्रमुख सभ्यता थी. यह हड़प्पा सभ्यता और सिंधु-सरस्वती सभ्यता के नाम से भी जानी जाती है. इसका विकास सिंधु और घघ्घर/हकड़ा (प्राचीन सरस्वती) के किनारे हुआ. मोहनजोदड़ो, कालीबंगा, लोथल, धोलावीरा, राखीगढ़ी और हड़प्पा इसके प्रमुख केंद्र थे.

  • रेडियो कार्बन c14 जैसी विलक्षण-पद्धति के द्वारा सिंधु घाटी सभ्यता की सर्वमान्य तिथि 2350 ई पू से 1750 ई पूर्व मानी गई है.
  • सिंधु सभ्यता की खोज रायबहादुर दयाराम साहनी ने की.
  • सिंधु सभ्यता को प्राक्ऐतिहासिक (Prohistoric) युग में रखा जा सकता है.
  • इस सभ्यता के मुख्य निवासी द्रविड़ और भूमध्यसागरीय थे.
  • सिंधु सभ्यता के सर्वाधिक पश्चिमी पुरास्थल सुतकांगेंडोर (बलूचिस्तान), पूर्वी पुरास्थल आलमगीर ( मेरठ), उत्तरी पुरास्थल मांदा ( अखनूर, जम्मू कश्मीर) और दक्षिणी पुरास्थल दाइमाबाद (अहमदनगर, महाराष्ट्र) हैं.
  • सिंधु सभ्यता सैंधवकालीन नगरीय सभ्यता थी.  सैंधव सभ्‍यता से प्राप्‍त परिपक्‍व अवस्‍था वाले स्‍थलों में केवल 6 को ही बड़े नगरों की संज्ञा दी गई है. ये हैं: मोहनजोदड़ों, हड़प्पा, गणवारीवाला, धौलवीरा, राखीगढ़ और कालीबंगन.
  • हड़प्पा के सर्वाधिक स्थल गुजरात से खोजे गए हैं.
  • लोथल और सुतकोतदा-सिंधु सभ्यता का बंदरगाह था.
  • जुते हुए खेत और नक्काशीदार ईंटों के प्रयोग का साक्ष्य कालीबंगन से प्राप्त हुआ है.
  • मोहनजोदड़ो से मिले अन्नागार शायद सैंधव सभ्यता की सबसे बड़ी इमारत थी.
  • मोहनजोदड़ो से मिला स्नानागार एक प्रमुख स्मारक है, जो 11.88 मीटर लंबा, 7 मीटर चौड़ा है.
  • अग्निकुंड लोथल और कालीबंगा से मिले हैं.
  • मोहनजोदड़ों से प्राप्त एक शील पर तीन मुख वाले देवता की मूर्ति मिली है जिसके चारो ओर हाथी, गैंडा, चीता और भैंसा थे.
  • हड़प्पा की मोहरों में एक ऋृंगी पशु का अंकन मिलता है.
  • मोहनजोदड़ों से एक नर्तकी की कांस्य की मूर्ति मिली है.
  • मनके बनाने के कारखाने लोथल और चन्हूदड़ों में मिले हैं.
  • सिंधु सभ्यता की लिपि भावचित्रात्मक है. यह लिपि दाई से बाईं ओर लिखी जाती है.
  • सिंधु सभ्यता के लोगों ने नगरों और घरों के विनयास की ग्रिड पद्धति अपनाई थी, यानी दरवाजे पीछे की ओर खुलते थे.
  • सिंधु सभ्यता की मुख्य फसलें थी गेहूं और जौ.
  • सिंधु सभ्यता को लोग मिठास के लिए शहद का इस्तेमाल करते थे.
  • रंगपुर और लोथल से चावल के दाने मिले हैं, जिनसे धान की खेती का प्रमाण मिला है.
  • सरकोतदा, कालीबंगा और लोथल से सिंधुकालीन घोड़ों के अस्थिपंजर मिले हैं.
  • तौल की इकाई 16 के अनुपात में थी.
  • सिंधु सभ्यता के लोग यातायात के लिए बैलगाड़ी और भैंसागाड़ी का इस्तेमाल करते थे.
  • मेसोपोटामिया के अभिलेखों में वर्णित मेलूहा शब्द का अभिप्राय सिंधु सभ्यता से ही है.
  • हड़प्पा सभ्यता का शासन वणिक वर्ग को हाथों में था.
  • सिंधु सभ्यता के लोग धरती को उर्वरता की देवी मानते थे और पूजा करते थे.
  • पेड़ की पूजा और शिव पूजा के सबूत भी सिंधु सभ्यता से ही मिलते हैं.
  • स्वस्तिक चिह्न हड़प्पा सभ्यता की ही देन है. इससे सूर्यपासना का अनुमान लगाया जा सकता है.
  • सिंधु सभ्यता के शहरों में किसी भी मंदिर के अवशेष नहीं मिले हैं.
  • सिंधु सभ्यता में मातृदेवी की उपासना होती थी.
  • पशुओं में कूबड़ वाला सांड, इस सभ्यता को लोगों के लिए पूजनीय था.
  • स्त्री की मिट्टी की मूर्तियां मिलने से ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि सैंधव सभ्यता का समाज मातृसत्तात्मक था.
  • सैंधव सभ्यता के लोग सूती और ऊनी वस्त्रों का इस्तेमाल करते थे.
  • मनोरंजन के लिए सैंधव सभ्यता को लोग मछली पकड़ना, शिकार करना और चौपड़ और पासा खेलते थे.
  • कालीबंगा एक मात्र ऐसा हड़प्पाकालीन स्थल था, जिसका निचला शहर भी किले से घिरा हुआ था.
  • सिंधु सभ्यता के लोग तलवार से परिचित नहीं थे.
  • पर्दा-प्रथा और वैश्यवृत्ति सैंधव सभ्यता में प्रचलित थीं.
  • शवों को जलाने और गाड़ने की प्रथाएं प्रचलित थी. हड़प्पा में शवों को दफनाने जबकि मोहनजोदड़ों में जलाने की प्रथा थी. लोथल और कालीबंगा में काफी युग्म समाधियां भी मिली हैं.
  • सैंधव सभ्यता के विनाश का सबसे बड़ा कारण बाढ़ था.
  • आग में पकी हुई मिट्टी को टेराकोटा कहा जाता है.

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  • सिंधु घाटी के लोग कौन से धातु से परिचित नहीं थे? - sindhu ghaatee ke log kaun se dhaatu se parichit nahin the?

  • सिंधु घाटी के लोग कौन से धातु से परिचित नहीं थे? - sindhu ghaatee ke log kaun se dhaatu se parichit nahin the?

सिंधु घाटी के लोग कौन सी धातु से परिचित नहीं थे?

सिंधु सभ्यता कांस्य युग की सभ्यता थी इसलिए वे आयरन के बारे में अनजान थे

सिंधु वशी कौन कौन सी धातु से परिचित थे?

सिंधु घाटी सभ्यता के लिए सोना, तांबा, चांदी, कांस्य धातुएं जानी जाती थीं लेकिन लोहा नहीं। सिंधु घाटी के लोगों या हड़प्पा के लोगों ने लोहे की खोज नहीं की थी।

सिंधु घाटी सभ्यता के निवासियों को कौन सी धातु का ज्ञान नहीं था?

Notes: सिंधु घाटी सभ्यता के लोग कांसे, तांबे ,चांदी और सोने से परिचित थे लेकिन लोहे के बारे में नहीं जानते थे।

सिन्धु घाटी में कौन सी धातु की मात्रा पर्याप्त थी?

सिन्धु घाटी सभ्यता में लोग पत्थर के औज़ारों का काफी उपयोग करते थे, इसके साथ-साथ वे कई धातुओं से भी परिचित थे, इसमें कांसा धातु प्रमुख थी