शंकु के कितने फलक होते हैं - shanku ke kitane phalak hote hain

आज का जो हमारा प्रश्न है वह यह है कि एक शंकु में फलकों की संख्या होती है यह हमें बताना है कि शंकु में फलकों की संख्या होती कैसा है तो इसके लिए सबसे पहले हमें शंकु की आकृति को समझना पड़ेगा और आकृति को समझने के लिए उसे बनाना पड़ेगा हम शंकु की आकृति बताएं बनाए तो शंकु की आकृति कुछ इस प्रकार से दिखती है जिसका कि जो सिर्फ होता है वह एक बिंदु ना होता है और जिसका जो आधार होता है वह एक वृत्ताकार होता है वृत्ताकार के रूप में आधार होता है होता है जैसे कि यदि हम एक बात करें एक घन की और गाना आपके सामने एक बनाएं और पूछे कि आपसे किस घर में फलों की कितने हैं यदि आप घर की बात करें तो फलक यह मतलब कि जो आपको सामने से देख सकते हैं जिसको देख सकते जैसे यह चतुर्भुज चतुर्भुज आप देख पा रही है जो होगा वह एक घन का फल होगा ठीक इसके पीछे को भी देखा जा सकता है कि वह भी एक फलक होगा इस साइड वाले को भी देखा जा सकता है इस साइड वाले को भी देखा जा सकता है एक आगे पीछे दो और यह तीन चार अंक ऊपर और नीचे

मन में छह फलक हो रहा है तो यहां पर प्रश्न उठता है कि संतों में कितना फलादेश एक तो आप इस फलों को देख सकते हैं बहुत आसानी से और जब इस फलों को आप देख सकते हैं या नहीं किए एक फलक का लाएगा और दूसरा जो फलक होगा हमारा कुछ यह नीचे का आधार होगा जो कि क्या होगा वृत्ताकार के रूप में होगा यानी कि जो शंकु में फलकों की संख्या होती है वह कितने होती है दो होती है यानी कि जो हमारा विकल्प होगा वह सही उत्तर होगा

आज का जो हमारा प्रश्न यह है कि एक शंकु का डांस किनारा होता है और इस मैटर फलक होता है यदि हम लोग बात करें शंकु की तो शंकु की रचना हमारे पास कुछ इस प्रकार होती है जिसके आधार होता है वह क्या होता है एक वृत्ताकार होता है और एक जोशीला होता है वह क्या होता है एक बिंदु होता है तो पूछ रहा है कि इसमें कितने किनारे होते हैं तो किनारा मतलब की क्या होता है कि दर्शक और समय आप लोग किनारा होता है वह एक नीचे की तरफ होता है वह क्या होता है एक आधार यह जो वृत्ताकार का जो होना होता है वह क्या होता है इसका एक किनारा होता है यानी कि किनारे कितने होते हैं तो इसमें किनारा होता है कितना होता है तो एक किनारा होता है और पूछ रहा है कि इसमें ड्रेस फलक होता है फलक मतलब होता है एक तरह से उसकी दीवार दीवार मतलब क्या आप देखिए क्या होता है वह क्या होता है आप बर्थडे की टोपी पर किसी का बर्थडे होगा तो उसकी टोपी देखे होंगे वह क्या होता है एक शंकु की आकृति का होता है तो उसमें कितने दीवारें होती यदि आप उस शंभू को खोलें या उस टोपी को खोले तो आप देखेंगे कि उसमें केवल एक ही दीवार होती

क्या वृत्ताकार रूप में होती है यानी कि इसमें कितने फलक हो जाएंगे इसमें जो फलक होगा वह भी कितना हो जाएगा ठीक हो जाएगा यह जो होगा इसको यदि आप लोग इसे खोलेंगे तो यह इसका फल कल आएगा और कितना फलक होगा एक शंकु का एक किनारा होता है और इसमें एक फलक होता है यह हो गया इस प्रश्न का उत्तर

इस पोस्ट में हम Shanku In Hindi के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी प्राप्त करेंगे। इस पोस्ट के माध्यम से आप शंकु के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल, शंकु के वक्र पृष्ठिय क्षेत्रफल, शंकु की ऊंचाई तथा शंकु के आयतन के बारे में जान पाएंगे।

मुझे पूरा विश्वास है कि इस पोस्ट को पूरा पढ़ने के बाद आपको शंकु के प्रश्नों को हल करने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होंगी। इसलिए आपसे निवेदन है कि कृपया इस पोस्ट को अंत तक पूरा पढ़ें ताकि आपको किसी प्रकार की कोई परेशानी ना आये।

  • शंकु की परिभाषा – Shanku Ki Paribhasha
    • शंकु का शीर्ष – Shanku Ka Top
  • शंकु का क्षेत्रफल – Shanku Ka Kshetrafal
  • शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल – Shanku Ka Vakra Prasthiy Kshetrafal
  • शंकु के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल
  • शंकु की तिर्यक ऊंचाई – Shanku Ki Tiryak Unchai
  • शंकु का आयतन – Shanku Ka Aaytan
  • Shanku Ke Udaharan
  • अभ्यास के लिए Shanku Ke Question
  • Shanku FAQ
    • Q.1. शंकु की परिभाषा क्या है?
    • Q.2. शंकु के पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र क्या होता है?
    • Q.3. शंकु के आयतन का सूत्र बताओ?
    • Q.4. शंकु में कितने किनारे होते हैं?

शंकु की परिभाषा – Shanku Ki Paribhasha

शंकु (Cone) एक ऐसी त्रिआयामी (3d) आकृति है जिसका जिसका आधार गोलाकार होता है तथा जिसका शीर्ष एक बिंदु होता है। यदि किसी Shanku का आधार एक वृत्त हो तो उसे हम लम्ब वृत्तीय शंकु कहते है। यह शंकु समान आधार और ऊंचाई वाले बेलन के 1/3 भाग के बराबर होता है।

शंकु के कितने फलक होते हैं - shanku ke kitane phalak hote hain
Shanku

एक शंकु में केवल एक आधार होता है एवं गोलाकार होता है। यह Cone का नीचे का हिस्सा होता है। इसे शंकु का फलक भी कहा जाता है।

शंकु का शीर्ष – Shanku Ka Top

एक शंकु में एक शीर्ष होता है। शंकु का शीर्ष एक बिंदु होता है।

एक शंकु की चौड़ाई उसके गोलाकार फलक का व्यास होता है अर्थात शंकु के गोलाकार भाग का व्यास ही शंकु की चौड़ाई होती है।

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शंकु का क्षेत्रफल – Shanku Ka Kshetrafal

अब हम Cone Ke Kshetrafal के बारे में बात करेंगे। हम Shanku Ka Area निकालने के लिए सूत्रों का उपयोग करते हैं। शंकु का क्षेत्रफल हम बहुत आसानी से निकाल सकते हैं।

शंकु का क्षेत्रफल दो प्रकार का होता है एक पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा दूसरा वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल। आइये अब Shanku के क्षेत्रफल को निकालने के लिए महत्वपूर्ण सूत्रों को जाने।

शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल – Shanku Ka Vakra Prasthiy Kshetrafal

शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए हमें शंकु की त्रिज्या तथा शंकु की तिर्यक ( तिरछी ) ऊंचाई का पता होना चाहिए। तभी हम शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल निकाल सकते हैं।

शंकु का वक्र पृष्ठिय क्षेत्रफल = πRL

अगर हमें शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा त्रिज्या दी गयी हो तो हम शंकु की तिर्यक ऊंचाई निकाल सकते हैं। इसके लिए हम शंकु के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल को इसके सूत्र के बराबर लिख कर और थोड़ी सी कैल्कुलेशन करके मान ज्ञात कर सकते हैं। ऐसा ही हम अन्य सूत्रों के साथ भी कर सकते हैं।

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शंकु के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल

शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने का मतलब होता है शंकु के चारों तरफ का क्षेत्रफल। इसमे शंकु के तल में मौजूद वृत का क्षेत्रफल भी शामिल होता है। शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए हम सूत्र का उपयोग करते हैं। Cone के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल में हम शंकु तथा वृत के क्षेत्रफल को जोड़ देते हैं। क्योंकि Shanku के तल में वृत भी होता है।

जब हम शंकु के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल में वृत्त का क्षेत्रफल भी जोड़ देते हैं तो हमें शंकु का पूर्ण पृष्ठीय या सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल प्राप्त होता है।

शंकु के वक्र पृष्ठ का क्षेत्रफल + वृत्त का क्षेत्रफल = शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल

अन्तः शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल = πr ( l + r ) 

यहाँ R या r का मतलब शंकु के आधार की त्रिज्या होता है तथा L या l का मतलब शंकु की तिर्यक अर्थात तिरछी ऊंचाई होता है। पाई का मान हम 22/7 या 3.14 लेते हैं।

अगर किसी सवाल या प्रश्न में हमें शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए कहा जाए तो हम शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालेंगे ना कि वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल।

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शंकु की तिर्यक ऊंचाई – Shanku Ki Tiryak Unchai

एक शंकु की तिर्यक ऊंचाई अर्थात तिरछी ऊंचाई को हम L या l से चिह्नित करते हैं। शंकु की तिर्यक ऊंचाई निकालने के लिए हमें शंकु का आधार तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई पता होनी चाहिए।

जहाँ r शंकु के आधार की त्रिज्या होती है एवं h शंकु की ऊंचाई होती है। शंकु की तिर्यक ऊंचाई हम पाइथागोरस प्रमेय से पता कर सकते हैं क्योंकि शंकु के अंदर एक समकोण त्रिभुज बनती है।

इस सूत्र के माध्यम से हम शंकु की ऊंचाई तथा त्रिज्या भी ज्ञात कर सकते हैं। बस हमें इन तीन चीजों में से किसी दो की जानकारी होनी चाहिए तब हम तीसरे का मान निकाल सकते हैं। अगर हमें Shanku की तिर्यक ऊंचाई तथा ऊंचाई का पता हो तो हम शंकु की त्रिज्या निकाल सकते हैं।

अगर हमें शंकु की तिर्यक ऊंचाई तथा शंकु की त्रिज्या का पता हो तो हम शंकु की ऊंचाई ज्ञात कर सकते हैं। बस आपको दिया गया मान इस सूत्र में रखना है और हल करना है।

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शंकु का आयतन – Shanku Ka Aaytan

शंकु की बनावट के आधार पर हम Shanku का आयतन शंकु के  समान आधार वाले एक बेलन के आयतन का तीसरा हिस्सा मानते हैं। जितना समान आधार वाले बेलन का आयतन होगा उसका तीसरा हिस्सा उसी आधार वाले शंकु का आयतन होगा।

बेलन का आयतन =

शंकु का आयतन = 1/3 × बेलन का आयतन 

इस प्रकार से Shanku का आयतन बेलन के आयतन का तीसरा हिस्सा होगा। इसलिए हम बेलन के आयतन को 3 से भाग कर देते हैं और हमें शंकु के आयतन का सूत्र मिल जाएगा।

शंकु का आयतन = 

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Shanku Ke Udaharan

अब हम कुछ उदाहरणों के माध्यम से शंकु के कुछ प्रश्नों को हल करेंगे ताकि आपको शंकु के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सके।
आप ऐसे ही कुछ अन्य सवाल खुद करके देखें। हमें उम्मीद ही नहीं पूरा भरोसा है कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप आसानी से शंकु के प्रश्नों को हल कर पाएंगे।

उदाहरण 1: एक शंकु जिसके आधार की त्रिज्या 20 cm है तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई 40 cm है। इस शंकु का पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात कीजिये।

हल: इस प्रश्न में हमें शंकु की त्रिज्या तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई दी गयी है। इसके माध्यम से हम शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल आसानी से निकाल सकते हैं। प्रश्न में हमें पृष्ठीय क्षेत्रफल निकालने के लिए कहा गया है तो हम शंकु का पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल निकलेंगे।

शंकु के पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र =  πr (l+r) 

अब हम π की जगह 22/7 रखेंगे तथा शंकु की त्रिज्या ओर तिर्यक ऊंचाई भी रख देंगे।

= 22/7 × 20 (40 + 20)

= 3771.42 cm2

तो देखा दोस्तों आपने कितना आसान है। चलिए अब एक और उदाहरण के माध्यम से हम शंकु के बारे में कुछ और प्रश्न देखते हैं।

उदाहरण:2 एक शंकु जिसके आधार की त्रिज्या 30 cm है तथा शंकु की तिर्यक ऊंचाई 63 cm है। शंकु की ऊंचाई 42 cm है। इस शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल तथा आयतन ज्ञात कीजिये।

हल: सबसे पहले हम शंकु का वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करेंगे।

शंकु के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र = πrl

= 22/7 × 30 × 63

= 5940 cm2

अब हम शंकु का आयतन निकाल लेते हैं।

शंकु के आयतन का सूत्र =

अब हम फॉर्मूले में सभी वैल्यू रख देते हैं। ध्यान रहे यहां सूत्र में त्रिज्या का वर्ग है यानी हमें त्रिज्या को 2 बार लिखना पड़ेगा।

= 1/3 × 22/7 × 30 × 30 × 42

= 39600 cm3

किसी भी वस्तु का आयतन लिखते समय उसके साथ लगी इकाई में घन लिखते हैं अर्थात उसकी घात 3 लिखते हैं और किसी भी वस्तु के क्षेत्रफल में घात 2 लिखते हैं अर्थात वर्ग लिखते हैं।

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उदाहरण: 3 एक शंकु के आधार की त्रिज्या 6 cm है तथा शंकु की ऊंचाई 8 cm है तो शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करो।

हल: इस प्रशन में हमें शंकु की तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करनी है। अब हम इसमे पाइथागोरस प्रमेय का प्रयोग करेंगे।

शंकु की तिर्यक ऊंचाई का सूत्र :-

यहां l शंकु की तिर्यक ऊंचाई, r शंकु की त्रिज्या तथा h शंकु की ऊंचाई है।

= 100

अब हमें l का वर्ग बराबर 100 प्राप्त हुआ। अब हम l के वर्ग को बराबर के दूसरी तरफ लेकर जाएंगे तथा बराबर के उस पार जाते ही वर्ग, वर्ग रुट में बदल जायेगा।

l = √100

l = 10
100 का वर्गरूट 10 होता है अर्थात हमें शंकु की ऊंचाई 10 प्राप्त हुई।

अभ्यास के लिए Shanku Ke Question

अभ्यास के लिए दिए गए इन प्रश्नों का उत्तर आप हमें कमेंट बॉक्स में जरूर लिखें।

  1. एक शंकु की त्रिज्या 35 cm तथा तिर्यक ऊँचाई 42 cm है। इस शंकु का वक्र पृष्ठीय तथा सम्पूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल ज्ञात करो?
  2. एक शंकु कि त्रिज्या 9 cm तथा तिर्यक ऊंचाई 15 cm है। इस Shanku की ऊंचाई ज्ञात करो?
  3. एक शंकु की त्रिज्या 21 cm है तथा शंकु की ऊंचाई 35 cm है। इस शंकु का आयतन तथा तिर्यक ऊंचाई ज्ञात करो?

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Shanku FAQ

Q.1. शंकु की परिभाषा क्या है?

Ans. शंकु एक ऐसी 3d आकृति है जिसका आधार गोलाकार होता है तथा Shanku का शीर्ष एक बिंदु होता है।

Q.2. शंकु के पृष्ठीय क्षेत्रफल का सूत्र क्या होता है?

Ans.  शंकु का वक्र पृष्ठिय क्षेत्रफल πrl होता है|

Q.3. शंकु के आयतन का सूत्र बताओ?

Ans. शंकु के आयतन का सूत्र आपको इस पोस्ट में ऊपर दिया गया है|

Q.4. शंकु में कितने किनारे होते हैं?

Ans. शंकु में तीन किनारे और तीन फलक होते हैं|

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उम्मीद करता हूँ दोस्तों इस पोस्ट के माध्यम से आपको Shanku के बारे में पूर्ण जानकारी मिल पाएगी। हमने इस लेख में शंकु के बारे में बहुत आसान भाषा मे लिखने का प्रयत्न किया है।

मुझे पूरा विश्वास है कि इस पोस्ट को अच्छे से पढ़ने के बाद आपको शंकु से सम्बंधित किसी प्रश्न को हल करने में कोई दिक्कत नहीं होगी। आप आसानी से Shanku के प्रश्नों को हल कर पाएंगे।


अगर आपको हमारी यह पोस्ट अच्छी लगे तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें। अपना कीमती समय देने के लिए आपका बहुत – बहुत धन्यवाद।

शंकु के शीर्ष कितने होते हैं?

शंकु (cone), एक त्रि-आयामी(त्रिविमीय) संरचना है, जो शीर्ष बिन्दु और एक आधार (आवश्यक नहीं कि यह आधार वृत्त ही हो) को मिलाने वाली रेखाओं द्वारा निर्मित होती है। यदि किसी शंकु का आधार एक वृत्त हो तो वह लम्ब वृत्तीय शंकु कहलाता है। यह समान आधार और ऊंचाई के बेलन के १/३ भाग के बराबर होता है।

शंकु के कितने भाग होते हैं?

3. एक लंब वृत्तीय शंकु में ऊँचाई, त्रिज्या और तिर्यक ऊँचाई सदैव एक समकोण त्रिभुज की भुजाएँ नहीं होते हैं । 4. यदि एक बेलन की त्रिज्या दुगुनी कर दी जाए तथा उसके वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफल में कोई परिवर्तन न किया जाए, तो उसकी ऊँचाई अवश्य ही आधी हो जाएगी।

एक शंकु में कितने आधार होते हैं?

शंकु (Cone) एक ऐसी त्रिआयामी (3d) आकृति है जिसका जिसका आधार गोलाकार होता है तथा जिसका शीर्ष एक बिंदु होता है। यदि किसी Shanku का आधार एक वृत्त हो तो उसे हम लम्ब वृत्तीय शंकु कहते है। यह शंकु समान आधार और ऊंचाई वाले बेलन के 1/3 भाग के बराबर होता है। एक शंकु में केवल एक आधार होता है एवं गोलाकार होता है।

शंकु का l कैसे निकालते हैं?

एक शंकु का आयतन.
एक शंकु का आयतन.
अभ्यास करें: शंकु का आयतन.
एक गोले का आयतन.
अभ्यास करें: गोले का आयतन.
अभ्यास करें: बेलन, गोले और शंकु के आयतन की शब्द समस्याएँ.