पेड़-पौधे लगाना और इसकी हिफाजत करना हमारी गौरवशाली परंपरा का हिस्सा रहा है. कुछ पेड़ धार्मिक नजरिए से भी बहुत महत्वपूर्ण होते हैं. शमी भी ऐसे ही वृक्षों में शामिल है. Show
ऐसी मान्यता है कि घर में शमी का पेड़ लगाने से देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त होती है और घर में सुख-समृद्धि आती है. साथ ही यह वृक्ष शनि के कोप से भी बचाता है. किस ओर लगाएं शमी का वृक्ष शनि के कोप से बचाता है शमी नवग्रहों में शनि महाराज को न्यायाधीश का स्थान प्राप्त है, इसलिए जब शनि की दशा आती है, तब जातक को अच्छे-बुरे कर्मों का पूरा फल प्राप्त होता है. यही कारण है कि शनि के कोप से लोग भयभीत रहते हैं. शमी (खेजड़ी ) जिसे प्रोसोपिस सिनेरेरिया कहा जाता है । शमी के पेड़ का व्यापारिक नाम कांडी है । यह थार से मरू.स्.थल में पाया जाता है । शमी का पेड़ जेठ के महीने में भी हरा रहता है । यह पेड़ रेगिस्थान में जानवरों के लिए धूप से बचने का सहारा देता है । जब खाने को कुछ नहीं होता है तब यह चारा देता है जो लूंग कहलाता है । इसका फूल मींझर कहलाता है । इसका फल सांगरी कहलाता है जिसकी सब्जी बनाई जाती है । यह फला सूखने पर खोखा कहलाता है जो सूखा मेवा है । इसकी लकड़ी जलाने और फर्नीचर बनाने के काम आती है । धार्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व - दशहरे के दिन शमी के पेड़ की पूजा की जाती है । शनिवार के दिन शमी के पेड़ की लकड़ी यज्ञ की समिधा के लिए पवित्र मानी जाती है । हजार कुश फूलों के बराबर एक शमी का पत्ता, शमी का फूल शिव को चढ़ाना शिव भक्ति से तमाम मनचाही कामनाओं को पाने का सबसे श्रेष्ठ उपाय है । दशहरा पर्व पर शमी पूजन का विशेष महत्व है । शमी पेड़ की पूजा अर्चना से दुष्कृत्या का दमन, दुस्पप्नों का नाश, और धन प्राप्त होने की बात कही गई है । नवरात्र में मां दुर्गा की पूजा शमी पेड़ के पत्तों से करने का विधान है । शमी पेड़ का पूजन करने से आरोग्य व धन प्राप्ति होती है । शमी पेड़ लगभग 8 से 10 मीटर ऊंचा होता है तथा शाखाओं पर कांटे होते हैं पत्तियां द्विपक्षवत होती हैं । शमी के फूल छोटे पीले रंग के तथा प्रौढ़ पत्तियों का रख कुछ राख जैसा होता है । शमी का पेड़ तेजसिवता तथा दृढ़ता का प्रतीक माना जाता है जिसमे अग्नि तत्व की प्रचुरता होती है । यह यज्ञ में इसका उपयोग होता है । कवि कालीदास ने शमी के पेड़ के नीचे बैठ कर तपस्या करके ही ज्ञान की प्राप्ति की थी । शनि देव को शान्त रखने के लिये भी शमी की पूजा की जाती है । शमी को गणेशजी का भी प्रिय पेड़ माना जाता है और इसकी पत्तियों गणेश जी की पूजा में भी चढ़ाई जाती हैं । हिन्दू धर्म में इसे शब्दों और लेखनी का देवता माना गया है । shami ke ped ke totke : हेल्लो नमस्कार दोस्तों आज हम आप लोगों को शमी के पेड़ के टोटके बताएंगे शमी पेड़ के बारे में हमारे रामायण में या पुराण महाभारत में इसका जिक्र किया गया है शमी का पौधा धार्मिक रूप से बहुत ही ज्यादा माना जाता है. शमी के पौधे की लकड़ी को धार्मिक अनुष्ठान में उपयोग किया जाता है और घर में अगर आपके कोई भी हवन हो रहा है तो उसमें भी उपयोग कर सकते हैं ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ऐसा माना जाता है कि शमी के पेड़ की पूजा करने से शनि ग्रह के जितने भी प्रकोप होते हैं या दुष्ट परिणाम होते हैं वह सब दूर हो जाते हैं. जिस भी व्यक्ति पर शनि का प्रकोप होता है वह हमेशा के लिए दूर हो जाता है अगर आपको भी अपने घर के दुष्ट प्रभाव को शनि के प्रकोप को दूर करना है तो आप भी अपने घर में शमी का पेड़ लगा सकते हैं। शमी के पेड़ को अपने घर में लगाने से शनि ग्रह शांत हो जाता है तो आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से शमी के पेड़ के टोटके बताएंगे तथा शमी के पेड़ से संबंधित और भी जानकारी देने का प्रयास करेंगे। Table of contents : दिखाएँ 1. शमी का फूल किस भगवान को चढ़ाना चाहिए ? 2. शमी का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए ? 3. शमी का पेड़ किस दिन लगाना चाहिए ? 4. शमी के पेड़ के टोटके | Shami ke ped ke totke 5. शमी का पेड़ कहां मिलेगा 6. शमी पूजन मंत्र 7. FAQ : शमी के पेड़ के टोटके 7.1. शमी का पेड़ घर में क्यों नहीं लगाना चाहिए ? 7.2. शमी के पेड़ के कितने नाम है? 7.3. शमी की पहचान कैसे करें? 8. निष्कर्ष शमी का फूल किस भगवान को चढ़ाना चाहिए ?[राशिफल 2023 : जाने यह साल कैसा रहेगा ] शमी का फूल शंकर भगवान को अर्पित करना चाहिए क्योंकि शंकर भगवान को यह फूल अति प्रिय है और फूल को अगर आप भगवान शंकर को चढ़ाते हैं तो भगवान शंकर आपसे बहुत प्रसन्न हो जाते हैं और आपके सारे कष्टों को दूर कर देते हैं अगर आप अपने घर में शमी का पेड़ लगाते हैं. तो यह आपको शनि के प्रकोप से भी बचाता है इसीलिए शमी का पौधा या फूल अगर आप अपने घर में लगाते हैं या शंकर भगवान को चढ़ाते हैं तो आपकी सारी इच्छा पूरी हो जाती हैं और यह गणेश भगवान को भी अति प्रिय है अगर आप इसे गणेश भगवान की पूजा में रखते हैं या चढ़ाते हैं तो वह भी इस फूल से बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं। शमी का पौधा किस दिशा में लगाना चाहिए ?अगर आप कभी भी शमी का पेड़ अपने घर में लगाते हैं तो आपको इस बात का ध्यान जरूर रखना है कि आप शमी का पौधा किस दिशा में लगाते हैं क्योंकि अगर शमी के पेड़ को आप किसी अच्छी दिशा में लगाते हैं तो वह आपको काफी ज्यादा लाभ देगा क्योंकि शमी का पौधा हमारे जीवन के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है लेकिन कुछ पौधे हमारे सांस्कृतिक जीवन के लिए काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं और इसीलिए यह शमी का पेड़ हमारे लिए अति पवित्र पौधा माना जाता है शमी का पौधा लगाने से पर्यावरण में भी फायदे मिलते हैं यह पौधा मरुस्थलीय रेगिस्तानी पौधा है जो राजस्थान का राष्ट्रीय वृक्ष माना जाता है तो आइए जानते हैं कि हम किसी भी वृक्ष को लगाने से पहले उसकी सही दिशा का चुनाव जरूर करें वास्तु शास्त्र के हिसाब से शमी का पौधा पूर्व और उत्तर दिशा के बीच में लगाना चाहिए इससे ईशान दिशा वाली जगह पर लगाना चाहिए क्योंकि यह भगवान शिव को प्रिय है तो भगवान शिव की प्रिय दिशा में लगाना चाहिए जिससे आपको फायदा मिल सके और अगर आप इसे पश्चिम दिशा में लगाते हैं तो आपको इससे नुकसान भी हो सकता है केवल ईशान में ही लगाना शुभ माना जाता है। इस जानकारी को सही से समझने हम नये लेख आप को सीधा ई-मेल कर देंगे ! ▼▼ यंहा अपना ई-मेल डाले ▼▼ Email Address सदस्यता ले Join 463 other subscribers ★ सम्बंधित लेख ★
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शमी का पेड़ कहां मिलेगाअगर आपको शमी का पेड़ चाहिए और आप भी आपके कई सारे कष्टों से जूझ रहे हैं तो आपको शमी का पौधा आपके घर के आसपास किसी भी नर्सरी में बहुत ही आसानी से मिल जाता है साथ ही आप इसके बीज भी लगा सकते हैं। शमी पूजन मंत्रआप जब कभी शमी के पेड़ की पूजा करते हैं या फिर शिव भगवान की पूजा करते हैं तो पूजा करते समय इस मंत्र का जाप कर सकते हैं। “अमंगलानां च शमनीं शमनीं दुष्कृतस्य च दु:स्वप्रनाशिनीं धन्यां प्रपद्येहं शमीं शुभाम्” FAQ : शमी के पेड़ के टोटकेशमी का पेड़ घर में क्यों नहीं लगाना चाहिए ?शमी का पेड़ इसलिए घर में लगाना चाहिए क्योंकि शमी के पेड़ पर शनिदेव का वास होता है और उसमें आप से कोई गलती हो जाती है तो वह आपसे बहुत ही ज्यादा नाराज हो जाते हैं इसीलिए घर में शमी का पेड़ सोच-समझकर लगाएं या फिर पूजा करते समय कोई भी गलती ना करें नहीं तो शनिदेव नाराज हो जाएंगे। शमी के पेड़ के कितने नाम है?शमी के पौधे के अनेकों प्रकार के नाम है जिससे छोंकरा (उत्तर प्रदेश), जंड (पंजाबी), कांडी (सिंध), वण्णि (तमिल), शमी, सुमरी (गुजराती) आते हैं। और इस पौधे का व्यापारिक नाम कांडी है। इस वृक्ष को आप विभिन्न देशों में देख सकते हैं वहां पर यह पाया जाता है इसके अंग्रेजी में अलग-अलग नाम प्रोवाइड किए गए हैं जैसे कि प्रोसोपिस सिनेरेरिया के नाम से भी जाना जाता है। शमी की पहचान कैसे करें?शमी की पहचान करने के लिए आपको उस का पौधा 9 से 18 मीटर ऊंचाई मध्य कार का और प्रतीक समय हरा रहने वाला होता है शमी के पेड़ में छोटे-छोटे कांटे होते हैं और उनकी शाखाएं पतली और बुरी होती हैं और इस का पेड़ झुका हुआ होता है शमी के पेड़ की पहचान के लिए आपको कोई खास तरीका नहीं ढूंढना है। निष्कर्षउम्मीद करते हैं कि आज का हमारा यह लेख शमी के पेड़ के टोटके अच्छा लगा होगा क्योंकि आज हमने इस आर्टिकल के माध्यम से शमी के पेड़ के टोटके बताने का प्रयास किया है इसके अलावा हमने शमी के पेड़ से संबंधित अन्य जानकारी भी देने का प्रयास किया है. तो उम्मीद करते हैं कि आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित होगा आशा करते हैं कि हमारे द्वारा पेश किया गया लेख आपको अच्छा लगा होगा । शमी के पेड़ पर कौन सा फूल चढ़ाना चाहिए?इन्हीं वृक्षों में से एक है शमी का पेड़। ऐसी मान्यता है कि घर में शमी का पेड़ लगाने से आपके पूरे परिवार पर देवी-देवताओं का कृपा बनी रहती है और घर में सकारात्मक ऊर्जा के साथ सुख-समृद्धि भी आती है। भगवान शिव को शमी के फूल अति प्रिय माने जाते हैं।
शमी के पेड़ में फूल आने से क्या होता है?भगवान शिव को शमी के फूल अति प्रिय माने जाते हैं। रोजाना पूजा के वक्त उन्हें यह फूल अर्पित करने से भगवान प्रसन्न होते हैं और सभी प्रकार के संकटों से दूर रहते हैं। शमी का पेड़ आपको शनि के प्रकोप से भी बचाता है। शमी के पौधे को घर के ईशान कोण यानी पूर्वोत्तर कोने में लगाना सबसे लाभकारी माना जाता है।
शमी के पत्ते कौन से भगवान को चढ़ाए जाते हैं?आमतौर पर शमी के पत्ते शनि को चढ़ाए जाते हैं, लेकिन ये पत्तियां शिवजी और गणेशजी को भी चढ़ा सकते हैं।
शमी के पौधे में फूल कब लगते हैं?नर्सरी से लेकर मौसमी पौधा लगाते है तो या तो उसमे पहले से फूल आ रहे होंगे या लगाने के 15 दिन में आ जायेंगे। लेकिन अगर आप बीज लगाने वाले है तो 45 - 60 दिन लग सकते है।
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