मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस मिलकर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) को बनाते हैं। सीएनएस के ट्यूमर बिना कैंसर वाले या कैंसर वाले हो सकते हैं। हालांकि, सीएनएस में बिना कैंसर वाले ट्यूमर भी बहुत सी गंभीर समस्याएं पैदा कर सकते हैं और यहां तक कि इनसे मृत्यु भी हो सकती है। Show
मस्तिष्क में शुरू होने वाले ट्यूमर को केंद्रीय मस्तिष्क का कैंसर कहा जाता है। ये मस्तिष्क या रीढ़ के अंदर की नस के अन्य भागों में फैल सकते हैं, लेकिन ये आमतौर पर शरीर के अन्य भागों में नहीं फैलते। मस्तिष्क के कैंसर, शरीर के अन्य भागों से फैली ट्यूमर कोशिकाओं से भी हो सकते हैं। इन्हें मेटास्टेटिक (कैंसर फैला हुआ) या माध्यमिक मस्तिष्क का कैंसर कहा जाता है। इन ट्यूमर के नाम शरीर के उन अंगों के अनुसार रखे गए हैं जहां से ये शुरू होते हैं और ये बच्चों में बहुत ही कम पाए जाते हैं। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर, खून के कैंसर (ल्यूकेमिया) के बाद बच्चों में होने वाले दूसरे सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं। बचपन में होने वाले लगभग 20% कैंसर मस्तिष्क या रीढ़ के अंदर की नस में शुरू होते हैं। अमेरिका में हर साल सीएनएस ट्यूमर से पीड़ित लगभग 4,100 नए बच्चे पाए जाते हैं। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर, बचपन में होने वाले कैंसर से होने वाली मृत्यु के प्रमुख कारण हैं। बाल-रोग मस्तिष्क के कैंसर के, लगभग आधे ट्यूमरों को ग्लियोमास या एस्ट्रोसाइटोमास कहा जाता है। ये ग्लायल सेल से बनते हैं, जो मस्तिष्क के सहायक ऊतक का निर्माण करती हैं। ग्लियोमास बिना कैंसर वाले या कैंसर वाले हो सकते हैं और मस्तिष्क व रीढ़ के अंदर की नस के विभिन्न भागों में उत्पन्न हो सकते हैं। बच्चों में होने वाला सबसे आम कैंसर वाला मस्तिष्क का कैंसर मेडुलोब्लास्टोमा है। यह कैंसर मस्तिष्क के पीछे के भाग सेरेबेलम में होता है, जिसे पोस्टेरियर फोसा के नाम से जाना जाता है। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस)मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस मिलकर केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (सीएनएस) को बनाते हैं। केंद्रीय तंत्रिका तंत्र, सोचने, सीखने, भावनाओं, वाक्-संबंधी, दृष्टि-संबंधी, गति, दर्द, साँस लेने और हृदय गति जैसे शरीर के महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करता है। मस्तिष्क के 3 मुख्य भाग होते हैं: सेरब्रम (मस्तिष्क), सेरेबेलम और ब्रेन स्टेम।
संदेश, रीढ़ के अंदर की नस और नसों के माध्यम से, मस्तिष्क से शरीर के बाकी हिस्सों में आगे-पीछे गमन करते हैं। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर के संकेत और लक्षणऐसे कई प्रकार के ट्यूमर हैं जो मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस में बनते हैं, लेकिन उनके लक्षण व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं। लक्षण, ट्यूमर के स्थान, ट्यूमर के आकार, ट्यूमर के बढ़ने की गति और बच्चे की आयु तथा विकास के स्तर पर निर्भर करते हैं। बचपन में होने वाले बहुत से सीएनएस ट्यूमर धीमी गति से बढ़ने वाले होते हैं। इनके लक्षण बहुत ही सूक्ष्म हो सकते हैं या वे आते-जाते रह सकते हैं। हो सकता है कि वे एक विशिष्ट या अपेक्षित पैटर्न के अनुसार न हों। मस्तिष्क का कैंसर के कुछ लक्षणों में निम्नलिखित शामिल हैं:
बचपन में होने वाले बहुत से ट्यूमर कम श्रेणी के होते हैं। हो सकता है कि सिरदर्द और जी मिचलाना/उल्टी होने के विशिष्ट लक्षण दिखाई न दें।
रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर के लक्षणों में पीठ का या गर्दन का दर्द, बाजुओं या टांगों में कमज़ोरी, चलने में कठिनाई और बाथरूम जाने में समस्याएं। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर रोग की पहचान करनामस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर के लक्षण शुरू में हल्के हो सकते हैं और उन्हें पहचानना कठिन हो सकता है। प्रारंभिक लक्षण अक्सर अन्य बचपन की बीमारियों के जैसे ही होते हैं। ट्यूमर के प्रकार और यह कितनी तेजी से बढ़ता है, इसके आधार पर कभी-कभी ट्यूमर पहचान करने में देरी हो सकती है। निदान में सामान्यतः स्वास्थ्य इतिहास और शारीरिक जांच, तंत्रिका-सम्बंधित जांच, खून की जाँच तथा इमेजिंग जांच शामिल होती हैं।
इन एमआरआई जैसी इमेजिंग जांचों में, चिकित्सक इन विस्तृत चित्रों को देख सकते हैं जो ट्यूमर के आकार और स्थान को भी दिखाते हैं। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर का इलाजसर्जरी मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर के लिए एक प्रमुख इलाज है। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर के अतिरिक्त इलाज में कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी और लक्षित इलाज शामिल हैं। इलाज ट्यूमर के प्रकार पर, वह कहां स्थित है, बच्चे की उम्र पर और सर्जरी से कितना ट्यूमर निकाला जा सकता है, इस बात पर निर्भर करते हैं। जिन रोगियों की मस्तिष्क की सर्जरी होती है, उनमें से अधिकांश रोगियों को मस्तिष्क की सूजन कम करने के लिए स्टेरॉयड वाली दवाएं दी जाएंगी। कुछ रोगियों को दौरा रोकने की दवाएं दी जा सकती हैं। कुछ स्थितियों में, मस्तिष्क में तरल को बनने (हाइड्रोसिफ़लस (दिमाग में पानी आ जाना)) से रोकने के लिए एक शंट लगाया जाता है। शंट एक छोटी सी नली जैसा होता है जो रीढ़ की हड्डी के पानी को खींच लेता है ताकि इसे मस्तिष्क से निकाला जा सके। शंट अस्थायी या स्थायी हो सकता है। सर्जरी के बाद पुनर्सुधार और प्रशामक देखभाल जिसमें दृष्टि, वाक्, श्रवण, ताकत और गति में मदद शामिल है, स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करना आसान बना सकती है। मनोविज्ञानी (साइकोलॉजिस्ट) और स्कूल सहायता सेवाओं से भावनात्मक, सामाजिक, विकास की अवस्था और सीखने की ज़रूरतों में मदद मिल सकती है। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर का पूर्वानुमानमस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर का पूर्वानुमान बहुत सारे अलग-अलग कारकों पर निर्भर होता है। इनमें ट्यूमर का प्रकार और श्रेणी, ट्यूमर की आणविक विशेषताएं, बच्चे की उम्र, ट्यूमर नया है या दोबारा हुआ है, क्या कैंसर अन्य भागों में फैल गया है, क्या ट्यूमर को सर्जरी से निकाला जा सकता है और यह इलाजों पर कितनी अनुकूल प्रतिक्रिया दिखाता है, यह सब जानकारी शामिल होती है। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के बचपन में होने वाले कैंसर के लिए जीवित रहने की औसत दर लगभग 75% है। लेकिन, इसका पूर्वानुमान कैंसर के प्रकार के आधार पर बहुत अलग हो सकता है। मस्तिष्क और रीढ़ के अंदर की नस के ट्यूमर के बाद जीवनमस्तिष्क के कैंसर के प्रभाव से एक बच्चे की जीवन शैली व्यापक रूप से बदल जाती है। मस्तिष्क के कैंसर वाले कुछ बच्चों में इलाज के बाद स्वास्थ्य और कार्य करने की क्षमता में बहुत ही कम स्थायी प्रभाव दिखते हैं। अन्य बच्चे शारीरिक, संज्ञानात्मक और भावनात्मक क्रियाओं के विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक समस्याओं का अनुभव कर सकते हैं। कभी-कभी, समस्याएं ट्यूमर और/या सर्जरी से मस्तिष्क में लगने वाली चोट के परिणामस्वरूप हो जाती हैं। अन्य परिवर्तन कीमोथेरेपी और/या रेडिएशन से दीर्घकालिक अथवा देर से होने वाले प्रभावों के कारण हो सकते हैं। पुनर्सुधार थेरेपी और प्रशामक देखभालपुनर्सुधार थेरेपी, मस्तिष्क के कैंसर के बाद शारीरिक क्रियाशीलता में अस्थायी या स्थायी समस्याओं का समाधान करने में मदद कर सकती है। थेरेपी में शारीरिक चिकित्सा, संयोजन चिकित्सा, वाक् थेरेपी, दृष्टि सहायता, श्रवण-संबंधी सहायता शामिल हो सकती है। मस्तिष्क के कैंसर का इलाज किए गए रोगियों पर निम्नलिखित सहित क्रियाशीलता में परिवर्तनों या समस्याओं के लिए नज़र रखी जानी चाहिए:
मनोविज्ञानी (साइकोलॉजिस्ट) सेवाओं से भावनात्मक, सामाजिक, विकासात्मक और संज्ञानात्मक ज़रूरतों में मदद मिल सकती है। अक्सर, मस्तिष्क के कैंसर के इलाज के बाद स्कूल में वापसी के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता पड़ती है। इलाज से पहले और बाद में न्यूरोसाइकोलॉजिकल (तंत्रिका मनोविज्ञान) आकलन से परिवारों को शिक्षा से जुड़ी आवश्यकताओं की पहचान करने में मदद मिल सकती है। बच्चे की देखभाल टीम, जाँच और शैक्षणिक आवास की योजना बनाने में माता-पिता की मदद कर सकती है। कुशल व्यवहारसाधारण जीवन शैली की आदतें मस्तिष्क स्वास्थ्य और समग्र स्वास्थ्य को सुधारने में मदद कर सकती हैं।
थेरेपी के बाद देर से दिखाई देने वाले प्रभावसामान्य स्वास्थ्य और बीमारी की रोकथाम के लिए, कैंसर से बचे सभी लोगों को स्वस्थ जीवन शैली और खान-पान की आदतों को अपनाना चाहिए, साथ ही उन्हें प्राथमिक चिकित्सक द्वारा नियमित रूप से शारीरिक परीक्षण और जांच भी करवाते रहना चाहिए। बचपन में होने वाले कैंसर से बचे लोग जिनका इलाज पूरे शरीर में कीमोथेरेपी और/या रेडिएशन द्वारा किया गया था, उनकी तीव्र या देर से होने वाले प्रभावों के लिए निगरानी की जानी चाहिए। ट्यूमर की बीमारी कैसे होती है?ट्यूमर शरीर के अन्य भागों से शुरू होता है और बाद में मस्तिष्क में फैल जाता है जिसे घातक (मेटास्टैटिक) मस्तिष्क ट्यूमर के रूप में जाना जाता है। घातक ट्यूमर या कैंसर के ट्यूमर तेजी से बढ़ने वाले होते हैं जो आक्रामक भी होते हैं। जबकि दूसरी तरफ, बिनाइन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ते हैं और गैर-आक्रामक होते हैं।
ट्यूमर क्यों आता है?पुरानी कोशिकाओं के मृत होने और नई कोशिकाओं के बनने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है। यदि किसी वजह से कोशिकाओं की इस सामान्य प्रक्रिया में बाधा उत्पन्न हो जाए और इनकी वृद्धि असामान्य हो जाए, तो ये शरीर में गांठ के रूप में उभरने लगती हैं। इसी स्थिति को हम ट्यूमर कहते हैं।
ट्यूमर का इलाज क्या है in Hindi?सर्जरी: मैलिग्नेंट ब्रेन ट्यूमर के लिए यह सबसे आम उपचार है। सर्जन स्वस्थ मस्तिष्क के ऊतकों को नुकसान पहुंचाए बिना अधिक से अधिक कैंसर कोशिकाओं को हटा देती है। रक्तस्राव और संक्रमण सर्जरी के 2 संभावित दुष्प्रभाव हैं। बिनाइन ब्रेन ट्यूमर को सर्जरी के जरिए भी हटाया जा सकता है।
ट्यूमर का पता कैसे चलता है?ब्रेन ट्यूमर के लक्षण
सिर दर्द- आपके दिमाग के किसी भी पार्ट में अगर गांठ होती है तो सिर दर्द हो सकता है। 2.) उल्टी आना- अगर किसी भी व्यक्ति के दिमाग में गांठ है तो उसे वुमिटिंग यानी उल्टियां भी हो सकती हैं।
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