एप्पल का लोगो पहले क्या था? - eppal ka logo pahale kya tha?

Computer या Laptop हो या फिर Apple Watch . आप Apple के Logo को भी जानते होंगे, एक कटा हुआ Apple . क्या आपने सोचा है कि इस Logo में सेव यानि Apple कटा हुआ क्यों है? अगर आपको नहीं पता तो मैं आज आपको उसी की कहानी बताने वाली हूँ।

 

Apple Logo Story in Hindi

बात 1997 की है, उस साल रॉब जनोफ़्फ़ ने स्टीव जॉब्स के Apple Computer के लिए Logo तैयार किया था। रॉब जनोफ़्फ़ अमेरिका के एक ग्राफ़िक डिज़ाइनर हैं जो कंपनीज के लिए Logo तैयार करती हैं और इसके साथ-साथ वह Advertisement और Television Commercial को भी बनाते हैं।

 

Apple के Logo में जो उन्होंने सेब यानि Apple की फोटो दिखाई उसको कोई और फ़ूड या चेरी न समझले इसलिए उन्होंने उस Apple को थोड़ा कटा हुआ बनाया। उन्होंने उस कटे हुए Apple में कलरफ़ुल पट्टिया बनाई जो की एक रेनबो यानि इंद्रधनुष जैसी लगती थी और कलर्स का इस्तिमाल करने के पीछे कारन यह था कि लोगों को पता चले कि Apple कंपनी की कम्प्यूटर्स का स्क्रीन कलरफ़ुल है।

 

समय के साथ Apple के Logo में बहुत बदलाव हुए लेकिन अभी भी वह पहला Logo कंपनी में यूज़ किया जाता है। कटा हुआ Apple, जिसको देखकर ऐसा लगता है कि किसी ने एक Apple को थोड़ा सा खाया हो। जब स्टीव जॉब्स ने वह कटा हुआ Apple का Logo देखा तो उनको वह पहलीबार में भी बहुत पसंद आया।

 

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स्टीव जॉब्स के इस Logo को पसंद करने के पीछे एक दूसरा कारन भी था और वह यह कि उत्तरी कैलिफोर्निया में उनका Apple का एक बहुत बड़ा बागान था। स्टीव जॉब्स Apple को एक ऐसा फ्रूट मानते थे जो की अपने आप में एक पूरा फ्रूट है, जिसमे हर अच्छी चीज़े मौजूत हैं।

 

ऐसा नहीं है कि Apple का Logo पहलीबार सेलेक्ट हुआ था। स्टीव जॉब्स Apple पसंद करते थे और उन्होंने 1976 में Apple कंपनी का पहला Logo जो बनाया था उसमे भी उन्होंने न्यूटन को Apple के ट्री के निचे दिखाया था लेकिन स्टीव जॉब्स उस Logo से पूरी तरह कन्वेंस नहीं हुए थे और अगले ही साल यानि 1997 में अपने कंपनी के लिए एक नए Logo को डिज़ाइन करने का काम रॉब जनोफ़्फ़ को दिया था।

 

Apple का Logo थोड़ा सा कटा हुआ क्यों है? | Apple Logo Story in Hindi

कुछ लोग मानते हैं कि रॉब जनोफ़्फ़ ने इस तरह के Logo को बनाया था कंप्यूटर साइंस के पिता जाने वाले एलन टूरिंग के याद में। एलन टूरिंग, जिनकी डेथ हुई थी 1954 में और डेथ के समय उनके पास एक कटा हुआ जहरीला Apple मिला था।

 

कुछ लोग यह भी मानते हैं कि एडम और ईव की कहानी में जो ज्ञान के बृक्ष के फल यानि Fruit of The Tree of Knowledge की बात की गई है उसको श्रद्धांजलि देने के लिए Apple कंपनी ने इस कटे हुए सेब को अपना Logo बनाया।

 

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जैसा की इस लेख में मैंने पहले बताया स्टीव जॉब्स का Apple का एक बहुत बड़ा बागान था तो कुछ लोग मानते हैं कि एक खास तरह का Apple जो स्टीव जॉब्स को पसंद था उसके नाम से ही Mac कंप्यूटर का नाम पड़ा। समय के साथ लोगों ने बहुत तरह के अटकले लगाई कि Apple के कटे हुए सेब का मीनिंग क्या है? लेकिन समय के बदलने के साथ ही साथ Apple के Logo में भी बदलाव आया।

 

पहले Logo के साथ Apple शब्द भी था जिसे बाद में हटा दिया गया। बाद में ब्लैक कॉलर का Logo भी बनाया गया और उसके बाद उसके 3D वर्शन भी आएं और फाइनली Apple कंपनी ने अपना Logo व्हाइट और ग्रे कलर में कर दिया जिसको आज हम देखते हैं।

नई दिल्ली (टेक डेस्क)। अपने प्रीमियम स्मार्टफोन के लिए दुनिया भर में जाने जानी वाली कंपनी Apple के Logo में आधा कटा हुआ सेब है। क्या आप जानते हैं कि इसमें आधा कटा हुआ सेब क्यों दिया गया है? क्या आपने कभी सोचा है कि ऐप्पल के लोगो में आधा कटा हुआ ही सेब क्यों होता है। जबकि, नाम ऐप्पल है तो पूरा सेब होना चाहिए। इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी छुपी हुई है। आज, हम आपको बताने जा रहे हैं ऐप्पल के लोगो की पूरी कहानी।

दरअसल, यह बात 1977 की है जब Rob Janoff ने इस Logo को तैयार करके एप्पल के फाउंडर Steve Jobs को दिखाया था और पहली ही नजर में जॉब्स को यह खाए हुए सेब का Logo पसंद आ गया था। इस Logo के बारे में बताया जाता है कि यह Logo कम्प्यूटर साइंस के विद्वान माने जाने वाले एलन टर्निंग की याद में बनाया गया है। एलन टर्निंग की 1954 में आचानक मौत हो गई थी। उनके शव के पास से एक जहरीला सेब मिला था, जिसको खाया हुआ था।

Janoff का मानना था कि सेब एक ऐसा फल है, जिसकी शेप थोड़ी सी कटने के बाद भी पहचानी जा सकती है। इसलिए एप्पल कंपनी के लिए इस तरह Logo को तैयार किया गया। अब बात आती है कि Steve Jobs ने कंपनी का नाम ऐप्पल क्यों रखा है तो आपको बता दें कि Jobs का अपना एक सेब का बागीचा था और वह वहां अपना काफी समय बिताते थे। जब वो कंपनी बनाने जा रहे थे, तो नामों की लिस्ट में ऐप्पल नाम सबसे ऊपर था। 

नई दिल्ली: आज की शौकीन दुनिया में एप्पल के मोबाइल (Apple iPhone) यूज करना भी काफी लोगों के लिए जुनून की तरह है. यह काफी महंगी डिवाइस है. अपने खास प्रोडक्ट्स के चलते कंपनी ने मोबाइल, कंप्यूटर से जुड़े टेक के मार्केट में काफी नाम कमाया है. कंपनी का नाम जितना अनोखा है उससे ज्यादा अनोखा इसका लोगो (Apple logo) है. 

महंगी डिवाइस का राज!

दरअसल इस कंपनी की पहचान कटे हुए सेब से है. आपने गौर किया होगा कि एप्पल कंपनी का लोगो आधे खाए हुए सेब जैसा दिखता है. खास बात ये है कि महंगी-महंगी डिवाइस यूज करने वाले शौकीन लोगों को भी इसके लोगो का राज नहीं पता होता. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि आखिर इसके पीछे कारण क्या है.

कई बार बदला है कंपनी का लोगो

गौरतलब है कि साल 1976 में जब कंपनी की स्थापना की गई थी तब इसका लोगो (Apple logo evolution) ऐसा नहीं था. लोगो में आइजैक न्यूटन बने थे और ऊपर एक सेब लटका था. मगर साल 1977 में कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) ने रॉब जैनॉफ (Rob Janoff) नाम के ग्राफिक डिजाइनर को नया लोगो डिजाइन (Who designed Apple logo) करने की जिम्मेदारी दी. उन्होंने खाए हुए सेब का लोगो डिजाइन किया जो रेनबो के रंग में था.

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एप्पल ने बदले कई रंग

एप्पल का लोगो पहले क्या था? - eppal ka logo pahale kya tha?

Apple का सबसे पहले सेब वाले लोगो का कलर रेनबो था. उसका कारण ये था कि स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) चाहते थे कि कंपनी को एक मानवीय दृष्टिकोण से भी देखा जाए. जैनॉफ ने ये भी बताया था कि इस लोगो में विबग्योर के ही ऑर्डर में उन्होंने रंग नहीं डाले. सबसे ऊपर पत्ती थी इसलिए हरा रंग सबसे ऊपर रखा गया. उसके बाद 1998 से अभी तक एप्पल के लोगो का रंग एक ही रंग में रखा गया. कभी वो पूरा नीला हो गया तो कभी ग्रे और कभी शाइनिंग ग्रे. 

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लोगो बनाने वाले शख्स ने बताया कारण

कोड्सजेस्चर नाम की वेबसाइट के मुताबिक रॉब जैनॉफ ने एक इंटरव्यू में ये राज खोला था कि उन्होंने क्यों लोगो को कटा हुआ बनाया था. उन्होंने कहा था कि सेब के कटे होने का कारण ये था कि लोग आसानी से समझ सकें कि वो सेब है ना कि चेरी या टमाटर. उन्होंने दूसरा कारण बताया कि वो चाहते थे कि लोग समझें कि वो सेब में से एक बाइट ले रहे हैं. मगर उस दौरान एक थ्योरी ये भी बनी की एप्पल के कटे हुए बाइट को कंप्यूटर के बाइट से भी जोड़ कर देखा गया.

एप्पल का लोगो कैसे बना?

लोगो में आइजैक न्यूटन बने थे और ऊपर एक सेब लटका था. मगर साल 1977 में कंपनी के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) ने रॉब जैनॉफ (Rob Janoff) नाम के ग्राफिक डिजाइनर को नया लोगो डिजाइन (Who designed Apple logo) करने की जिम्मेदारी दी. उन्होंने खाए हुए सेब का लोगो डिजाइन किया जो रेनबो के रंग में था.

एप्पल का लोगो आधा कटा हुआ सेब क्यों है?

Janoff का मानना था कि सेब एक ऐसा फल है, जिसकी शेप थोड़ी सी कटने के बाद भी पहचानी जा सकती है। इसलिए एप्पल कंपनी के लिए इस तरह Logo को तैयार किया गया। अब बात आती है कि Steve Jobs ने कंपनी का नाम ऐप्पल क्यों रखा है तो आपको बता दें कि Jobs का अपना एक सेब का बागीचा था और वह वहां अपना काफी समय बिताते थे।

एप्पल का लोगो किसने डिजाइन किया था और इसे क्यों चुना गया था?

यह 1977 की बात है जब प्रसिद्ध अमेरिकी ग्राफिक डिजाइनर रॉब जेनॉफ (Rob Janoff) ने इस logo को डिजाइन किया था और इसे Apple के संस्थापक स्टीव जॉब्स (Steve Jobs) को प्रस्तुत किया था. स्टीव जॉब्स को कटे हुए सेब का यह logo पहली नजर में ही पसंद आ गया और उन्होंने इस logo को फाइनल भी कर दिया.

एप्पल कंपनी के मालिक पहले क्या करते थे?

एप्पल इंक॰ की स्थापना स्टीव जॉब्स, स्टीव वोज़नियाक, और रोनाल्ड वेन ने 1976 में वोज़्निएक के एप्पल I पर्सनल कंप्यूटर के विकास और बिक्री के लिए की थी । इसे जॉब्स और वोज्नियाक द्वारा 1977 में एप्पल कंप्यूटर, इंक॰ के रूप में निगमित किया गया था, और एप्पल II सहित इसके कंप्यूटरों की बिक्री तेजी से बढ़ी।