धर्म डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली Published by: श्वेता सिंह Updated Mon, 11 Jul 2022 11:21 AM IST Show BelPatra Chadhane Ke Niyam: सावन का महीना शीघ्र ही आरंभ होने वाला है। 14 जुलाई से सावन आरंभ होने वाला है। भगवान भोलेनाथ को यह महीना प्रिय होता है। श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की आरधना की जाती है। भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए उनकी प्रिय वास्तु अर्पित की जाती हैं। इसीलिए पूजा में हम भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र भी अर्पित करते हैं। बेलपत्र के पत्ते भगवान शिव को बहुत प्रिय हैं, इसलिए भगवान शिव की पूजा अर्चना में यदि बेलपत्र नहीं चढ़ाया तो वह अधूरी मानी जाती है। बेलपत्र के तीन पत्ते जो आपस में जुड़े होते हैं, पवित्र माने जाते हैं। तीन पत्ते आपस में जुड़े हुए हैं इसलिए इन तीन पत्तों को त्रिदेव माना जाता है और कुछ का मानना है कि तीन पत्ते महादेव के त्रिशूल का प्रतिनिधित्व करते हैं। मान्यता है कि बेलपत्र के तीन जुड़े हुए पत्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव को शांति मिलती है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। यदि भगवान शिव को प्रेम से केवल बेलपत्र के पत्ते चढ़ाए जाते हैं, तो भगवान शिव प्रसन्न होते हैं। आइए जानते हैं भगवान भोलेनाथ को बेलपत्र चढ़ाने के नियम और लाभ। भगवान शिव की पूजा में बेलपत्र का महत्व बेलपत्र चढ़ाने के नियम
सावन में इस तरह अर्पित करें बेल पत्र
ज्योतिष के जानकारों की मानें तो भगवान शिव के पूजन में बेलपत्र का विशेष महत्व है. शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से प्रसन्न होते हैं महादेव. मान्यता है कि शिव की उपासना बिना बेलपत्र के पूरी नहीं होती. अगर आप भी देवों के देव महादेव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो बेलपत्र के महत्व को समझना बेहद ज़रूरी है. आइए जानते हैं कि बेलपत्र क्यों है शिव को इतना प्रिय और क्या है बेलपत्र का महत्व... बेलपत्र का महत्व बेलपत्र के प्रयोग की सावधानियां जानिए बेलपत्र से जुड़ी इन सावधानियों के बारे में... शादी में देरी हो रही हो तो कैसे करें बेलपत्र का प्रयोग? गंभीर बीमारियों से छुटकारा दिलाएगा बेलपत्र बेलपत्र के आयुर्वेदिक प्रयोग अगर मुकदमे या विवाद से छुटकारा पाना हो बेलपत्र के प्रयोग से कैसे भरेगी सूनी गोद? शिव जी पर कितने बेलपत्र अर्पित करने चाहिए?कई बार देखने में आता है कि बेलपत्र एक, 3 या फिर 5 पत्र वाला भी होता है। शास्त्रों में बताया गया है कि बेलपत्र जितने अधिक पत्र वाला होता है उतना ही अच्छा होता है। इसलिए शिवजी को बेलपत्र चढ़ाने में कम से कम यह 3 पत्र वाला होना चाहिए। जब यह 3 पत्र पूरे होते हैं तो इसे एक बेलपत्र माना जाता है।
शिवलिंग पर चढ़ा बेलपत्र खाने से क्या होता है?बिल्वपत्र के प्रतिदिन सेवन से गर्मी बढ़ने की समस्या भी समाप्त हो जाती है। 5 शिवलिंग पर प्रतिदिन बिल्वपत्र चढ़ाने से सभी समस्याएं दूर हो जाती हैं भक्त को कभी भी पैसों की समस्या नहीं रहती है। बिल्वपत्र को तिजोरी में रखने से भी बरकत आती है। 6 कुछ विशेष तिथियों पर बिल्वपत्र को तोड़ना वर्जित होता है।
बेलपत्र चढ़ाने से क्या फायदा होता है?बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से हृदय मजबूत होता है और हार्ट अटैक का खतरा कम होता है। श्वास रोगियों के लिए भी यह अमृत के समान है। इन पत्तियों का रस पीने से श्वास रोग में काफी लाभ होता है।
सोमवार के दिन शिवलिंग पर क्या क्या चढ़ाना चाहिए?* भोलेनाथ को शुद्ध जल से स्नान कराने पर सभी इच्छाएं पूरी होती है। * संतान प्राप्ति के लिए भगवान शिवलिंग पर बेलपत्र, अक्षत, दूध, फूल और फल चढ़ाना चाहिए। * शिव पूजा में आंकड़े के फूल व बिल्व पत्र का विशेष महत्व है। सफलता की कामना है तो इन्हें प्रति सोमवार चढ़ाना ना भूलें।
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