Show
शिवलिंग पर ऐसे चढ़ाए बेलपत्र, खत्म होगी धन संबंधी दिक्कतभगवान शिव की अनेक प्रकार से पूजा होती है। जिससे भगवान अलग-अलग कामनाओं को पूरा करते है। लेकिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से आपकी धन संबंधित परेशानियां बिल्कुल ही खत्म हो जाएगी। इस श्रावण सोमवार को आप खास विधि के तहत भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा-अर्चना करें। श्रावण माह में भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो श्रावण सोमवार को शिव कि विशेष पूजा की जाती है। भगवान शिव बड़े ही दयालु है वे अपने भक्त की मुराद जल्द ही सुन लेते है। श्रावण माह कोई आम महीना नहीं है। हिन्दू धर्म में इसे बहुत ही पवित्र माह माना गया है। आप श्रावण के हर सोमवार को शिव पूजा अवश्य करतें होंगे। अनेक प्रकार से शिव की पूजा की जाती है जिससे शिव प्रसन्न होते है। लेकिन श्रावण माह के सोमवार को आप बेलपत्र से भगवान शिव की विशेष पूजा करें। जिससे आपके धन की दिक्कतें हमेशा के लिए दूर हो जाएगी। साथ ही आपको अनेकों फायदे भी मिलेंगे। इसे भी पढ़ें: महाकालेश्वर की शाही सवारी में देखने को मिलता है आस्था का अनूठा संगम शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने के फायदे- भगवान शिव की अनेक प्रकार से पूजा होती है। जिससे भगवान अलग-अलग कामनाओं को पूरा करते है। लेकिन शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से आपकी धन संबंधित परेशानियां बिल्कुल ही खत्म हो जाएगी। इस श्रावण सोमवार को आप खास विधि के तहत भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा-अर्चना करें। क्योंकि भगवान शिव की विशेष पूजा करने का दिन श्रावण का सोमवार रहता है और शिवजी को बेलपत्र अत्यधिक पसंद है। शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से वैवाहिक जीवन सुखमय बनता है, बड़े से बड़ा रोग दूर होता है, संतान सुख प्राप्त होता है तथा कोर्ट के मुकदमों में जीत हासिल होती है। ऐसे चढ़ाई शिवलिंग पर बेलपत्र- भगवान शिव की बेलपत्र से पूजा करने की खास विधि आज हम आपको बता रहें है। श्रावण सोमवार को अगर आप इस विधि से शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाएंगे तो आपकी धन संबंधित समस्या खत्म हो जाएगी। सबसे पहले आप वृक्ष से बेलपत्र ले आइए। इनमें सें बिना कटे-फटे 11 या 21 बेल पत्र को शुद्ध पानी से साफ कर लीजिए। जिसके बाद एक कटोरे में गाय का दूध लीजिए। जिसमें आपके स्वच्छ बेलपत्र डाल दीजिए। इतने आप जिस विधि से शिवलिंग पर पूजा करते है वह कर लीजिए। अब आप दूध के कटोरे से बेलपत्र निकाल लीजिए और उन्हें गंगाजल से स्वच्छ कर दीजिए। 11 या 21 बेलपत्र जो आपने स्वच्छ किए है उनके हर पत्ते पर चंदन से ॐ बना दीजिए और इत्र छिड़ककर शिवलिंग पर "ॐ नमः शिवाय" मंत्र का जाप करते हुए सभी बेल पत्र चढ़ा दीजिए। इसके एक हफ्ते बाद ही आपको इसका परिणाम दिखाई देगा। यह एक प्रकार का टोटका भी है जो श्रावण सोमवार को किया जाता है। आप चाहे तो बेलपत्र की माला भी इस विधि से शिवलिंग पर चढ़ा सकते है। इसे भी पढ़ें: श्रावण सोमवार को इस तरह पूजन कर करें भगवान शंकर को प्रसन्न इसलिए भगवान को पसंद है बेलपत्र- बताया जाता है कि भगवान शिव को पति रूप में पाने हेतु माता पार्वती ने कई प्रकार के जतन किए थे। कई व्रत भी शिवजी को पाने के लिए माता पार्वती ने किए थे। एक दिन भगवान शिव जंगल में बेलपत्र के वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या कर रहें थे। माता पार्वती जब शिवजी की पूजा के लिए सामग्री लाना भूल गई तो उन्होने नीचे गिरे हुए बेलपत्र से शिवजी को पूरी तरह ढक दिया। जिससे शिवजी अत्यधिक प्रसन्न हुए। तब से भगवान शिव को बेलपत्र चढ़ाया जाने लगा और माता पार्वती जब भी शिवजी की पूजा करती तो वे शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाना बिल्कुल नही भूलती। - कमल सिंघी आखिर शिवलिंग पूजा में बेलपत्र का क्या महत्व है और इसे चढ़ाने का सही तरीका क्या है। आइए ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री से जानें। महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान शिव की विशेष पूजा होती है। धर्म और शास्त्रों में ऐसा माना गया है कि भगवान शिव की पूजा में उनकी प्रिय चीजों को चढ़ाने से वह खुश हो जाते हैं। वैसे तो भगवान शिव की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं लेकिन सबसे ज्यादा महत्व बेलपत्र का होता है। ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री बताते हैं, ‘शिवलिंग की पूजा में बहुत सारी चीजें चढ़ाई जाती हैं, लेकिन बेल पत्र भगवान शिव को अति प्रिय है। बेल के पेड़ की पत्तियों का शिव पूजन में बहुत ही अधिक महत्व है। इस पेड़ की पत्तियां एक साथ 3 की संख्या में जुड़ी होती हैं और इसे 1 ही पत्ती माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि बिना बेलपत्र के शिव जी की उपासना पूरी नहीं होती है।’शास्त्रों में भगवान शिव को बेलपत्र आर्पित करने की एक विधि होती है। चलिए जानते हैं कि शिवलिंग पूजा में किस विधि से बेलपत्र चढ़ाया जाना चाहिए। इसे जरूर पढ़ें:भगवान शिव के बारे में कितना जानती हैं आप? दें जवाब कैसा होना चाहिए बेलपत्र और कैसे चढ़ाया जाना चाहिएज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद शास्त्री के अनुसार, ‘बेल पत्र के तीनो पत्ते त्रिनेत्रस्वरूप् भगवान शिव के तीनों नेत्रों को विशेष प्रिय हैं। अगर आप शिवलिंग पूजा के दौरान बेलपत्र चढ़ाती हैं तो इससे भगवान शिव खुश होंगे और आपकी मनोकामना पूरी करेंगे।’ मगर, बहुत जरूरी है कि बेलपत्र चढ़ाने से पहले आप जान लें कि बेलपत्र कैसा होना चाहिए और कैसे चढ़ाया जाना चाहिए। (रोज महामृत्युंजय मंत्र पढ़ने से मिलेंगे ये 5 लाभ)
Recommended Video
बेलपत्र का महत्वज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं, ‘बिल्वाष्टक और शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। वहीं स्कंदपुराण में बल पत्र के महत्व के बारे में बताया गया है। ऐसा कहा गया है कि यदि बेलपत्र के साथ शिवलिंग की पूजा की जाए तो सभी पापों का नाश होता है।’ एक कथा के अनुसार एक बार माता पार्वती को बहुत पसीना आ रहा था। तब उन्होंने अपनी उंगलियों से माथे के पसीने को साफ किया। इससे पसीने की कुछ बूंदे मदार पर्वत पर जा गिरी और उन्हीं बूंदों से बेल का पेड़ उत्पन्न हुआ। बेलपत्र का महत्व यही खत्म नहीं होता है। ज्योतिषाचार्य पण्डित दयानन्द शास्त्री बताते हैं, ‘ बेलपत्र बहुत ही पवित्र होता है। इसमें मां पार्वती के कई रूपों का वास होता है। इस वृक्ष की जड़ों में माँ गिरिजा, तने में मां महेश्वरी, इसकी शाखाओं में मांं दक्षयायनी, बेल पत्र की पत्तियों में माँ पार्वती, इसके फूलों में मांं गौरी और बेल पत्र के फलों में माँ कात्यायनी का वास हैं। इतना ही नहीं इसमें माता लक्ष्मी का भी वास होता है। अगर आप घर में बेल का पेड़ लगाती हैं तो इससे माता लक्ष्मी बहुत प्रसन्न होती हैं और घर में वैभव आता है।’ बेलपत्र चढ़ाने के लाभ
क्या आपको ये आर्टिकल पसंद आया ?बेहतर अनुभव करने के लिए HerZindagi मोबाइल ऐप डाउनलोड करें Disclaimer आपकी स्किन और शरीर आपकी ही तरह अलग है। आप तक अपने आर्टिकल्स और सोशल मीडिया हैंडल्स के माध्यम से सही, सुरक्षित और विशेषज्ञ द्वारा वेरिफाइड जानकारी लाना हमारा प्रयास है, लेकिन फिर भी किसी भी होम रेमेडी, हैक या फिटनेस टिप को ट्राई करने से पहले आप अपने डॉक्टर की सलाह जरूर लें। किसी भी प्रतिक्रिया या शिकायत के लिए, पर हमसे संपर्क करें। शिवलिंग पर बेलपत्र के कितने पत्ते चढ़ाने चाहिए?शिवलिंग पर चढ़ाएं ऐसी बेलपत्र
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए 5 पत्तों वाला बेलपत्र चढ़ाना शुभ होता है।
महादेव के ऊपर बेलपत्र कैसे चढ़ाया जाता है?बेलपत्र चढ़ाने के नियम
भगवान शिव को हमेशा उल्टा बेलपत्र यानी चिकनी सतह की तरफ का भाग स्पर्श कराते हुए ही बेलपत्र चढ़ाएं। बेलपत्र को हमेशा अनामिका,अंगूठे और मध्यमा अंगुली की मदद से चढ़ाएं एवं मध्य वाली पत्ती को पकड़कर शिवजी को अर्पित करें।
शिवलिंग पर पहले क्या चढ़ाना चाहिए?सबसे पहले गणेश पूजा करें और इसके बाद शिवलिंग पर तांबे, चांदी या सोने के लोटे से जल चढ़ाएं। जल चढ़ाते समय शिव जी के मंत्रों का जप करें। जल के साथ ही शिवलिंग पर दूध, दही, शहद भी चढ़ाना चाहिए। इस तरह अभिषेक करने के बाद शिवलिंग पर बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल आदि चीजें अर्पित करें।
शिवलिंग में जल चढ़ाते समय कौन सा मंत्र बोलना चाहिए?शिवलिंग पर जल चढ़ाने का मंत्र
मन्दाकिन्यास्तु यद्वारि सर्वपापहरं शुभम् । तदिदं कल्पितं देव स्नानार्थं प्रतिगृह्यताम् ॥ श्रीभगवते साम्बशिवाय नमः । स्नानीयं जलं समर्पयामि।
|