बेलपत्र खाने से कौन कौन सी बीमारी ठीक होती है? - belapatr khaane se kaun kaun see beemaaree theek hotee hai?

कुदरत ने हमें कई ऐसे पौधे दिए हैं जिन्हें हम वरदान कह सकते हैं इनमे से बेलपत्र भी ऐसा ही एक पेड़ है | बेल को कई नामों से जाना जाता है जैसे बेलफल, बेलपत्र, बिल्व या बेलपत्थर इस में मौजूद पौषक तत्व बेलफल बेहद पौष्टिक और कई बीमारियों की अचूक औषधि है | इनकी खासियत यह है कि ये फल तो हैं ही, दवा भी हैं इसका मीठा स्वाद सबको भाता है | मज़ेदार बात यह है कि आमतौर पर लोगों को बेल के लाभ की जानकारी नहीं होती है | बेल का अच्छे स्वास्थ्य के लिए काफी महत्व है, जिसकी वजह से कई बीमारियां ठीक हो जाती हैं | बेलपत्र मिनरल्स और विटामिन्स से भरपूर फल है | बेल का पेड़, फल, फूल, पत्ते, छाल, जड़, बीज सभी में अलग-अलग गुण होते हैं | आयुर्वेदिक औषधि बनाने के लिए बेल का कच्चा फल, पका फल, पत्ते, फूल, जड़, छाल सभी भागों का प्रयोग किया जाता है | चूर्ण बनाने के लिए बेल के अंदर का गूदा बहुत ही उपयोगी होता है, बेल के पत्ते हल्की महक लिए और स्वाद में तीखे होते है | बेल के बीजों का तेल निकालकर उपयोग किया जाता है। संधि शोथ में इस तेल के मलने से दर्द और सूजन खत्म हो जाती है। बेल की जड़ त्रिदोषनाशक होती है और यह गर्मी, बैचैनी,घबराहट को दूर करती है। इसके सेवन से आमवात (Rheumatoid ) और दस्त में बहुत लाभ होता है।

बेलपत्र खाने से कौन कौन सी बीमारी ठीक होती है? - belapatr khaane se kaun kaun see beemaaree theek hotee hai?
बेलपत्र खाने से कौन कौन सी बीमारी ठीक होती है? - belapatr khaane se kaun kaun see beemaaree theek hotee hai?

बेल के फल का उपयोग आप लंबे समय तक कर सकते है, पेड़ से टूटने के बाद भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है | बेलपत्र एक ऐसा पेड़ है जिसके हर हिस्से का इस्तेमाल सेहत बनाने और सौंदर्य निखारने के लिए किया जा सकता है | आयुर्वेद में इसके कई फ़ायदों का उल्लेख मिलता है, पका हुआ बेल मधुर, रुचिकर, पाचक तथा शीतल है, कच्चा बेलफल रूखा, पाचक, गर्म, वात-कफ, दर्द नाशक व आंतों के रोगों में उपयोगी होता है | बेल का रस स्वादिष्ट, कुछ कसैला, मधुर, उष्ण और आसानी से पचने वाला होता है। इसका शरबत गर्मियों में बहुत फायदा करता है बेल की तासीर ठंडी होती है |

बेल का फल ऊपर से बेहद कठोर होता है | इसे नारियल की तरह फोड़ना पड़ता है. अंदर का पीले रंग का हिस्सा मुलायम, गूदेदार और बीजों से युक्त होता है. गूदा लसादार, चिकना, खुशबूदार और पौष्टिक होता है | लेकिन खाने में यह हल्की मिठास लिए होता है | बेल के ताजे फल का सेवन कभी भी किया जा सकता है. इसके गूदे को बीज हटाकर, सुखाकर, उसका चूर्ण बनाकर सेवन किया जा सकता है | इसका इस्तेमाल कई तरह की दवाइयों को बनाने में तो किया जाता है ही, साथ ही ये कई स्वादिष्ट व्यंजनों में भी प्रमुखता से इस्तेमाल होता है | चूर्ण औषधीय प्रयोग में बेल का कच्चा फल, मुरब्बे के लिए अधपक्का फल और शरबत के लिए पका फल काम में लाया जाता है |

भागलपुर [नवनीत मिश्र]। अगर आप बिना किसी परेशानी के बच्चा नहीं चाहते हैं तो आपको बेल (वुड एपल) के पत्ते का नियमित सेवन करना होगा। जब तक आप बेल के पत्ते का सेवन करेंगे, तब तक बच्चा नहीं होगा। तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय (टीएमबीयू) के जंतु विज्ञान विभाग के वरीय शिक्षक प्रो. विभूति नारायण सिंह ने बेल के पत्ते पर शोध किया है।

प्रो. सिंह का कहना है कि पुरुष जब तक बेल के पत्ते के चूर्ण का सेवन करेगा तब तक बच्चा नहीं होगा। जब बच्चे की इच्छा हो तब चूर्ण का सेवन करना बंद कर दे। यह शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के जर्नल में प्रकाशित भी हो चुका है। शोध को मान्यता भी मिल गई है। प्रो. सिंह के साथ राजेश कुमार ने भी काम किया है। अभी तक पुरुष जनसंख्या नियंत्रण के लिए कंडोम या फिर नसबंदी का सहारा लेते रहे हैं।

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चूहों पर किया सफल प्रयोग
प्रोफेसर सिंह ने 12 चूहों पर रिसर्च किया। छह चूहों को 0.15 मिलीग्राम बेल के पत्ते के चूर्ण का घोल बनाकर पिलाया गया। दसवें दिन देखा गया कि उसमें स्पर्म (शुक्राणु) और सीमेन का पीएच मान कम हो गया। इस तरह 20वें, 30वें, 40वें और 50वें दिन धीरे-धीरे स्पर्म कम होता गया। मूवमेंट कम हो गया। सीमेन का पीएच कम हो गया। इसके अलावा छह और चूहों को बिना कुछ किए छोड़ दिया गया। 50वें दिन देखा गया कि जिसे चूर्ण खिलाया गया था, उनमें शुक्राणुओं की संख्या कम हो गई थी। उनकी प्रजजन क्षमता घट गई। जिन्हें चूर्ण का घोल नहीं पिलाया गया, उनमें शुक्राणुओं की संख्या बरकरार थीं। इसके बाद उन चूहों को फिर से चूर्ण खिलाना बंद कर दिया गया और देखा गया कि शुक्राणु की संख्या धीरे-धीरे बढऩे लगीं।

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बेल के पत्ते कैंसर रोधी, लीवर के लिए भी फायदेमंद
प्रोफेसर सिंह की मानें तो बेल के पत्ते का चूर्ण गर्भ निरोधक में कारगर है। प्रति किलो शरीर के वजन के हिसाब से पुरुष 10 ग्राम बेल के पत्ते के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बेल के पत्ते के चूर्ण के सेवन से कैंसर होने की संभावना कम रहती है। किसी भी प्रकार के सूजन में फायदेमंद है। लीवर को फायदा पहुंचाता है। यह एंटी ऑक्सीडेंट हैं। एलर्जी को ठीक करता है। पेट की बीमारी को ठीक करता है।

धार्मिक मान्यताएं
बेल की पत्तियां अधिकतर तीन, पांच या सात के समूह में होती हैं। तीन के समूह की तुलना भगवान शिव के त्रिनेत्र या त्रिशूल से की जाती है। इसके अलावा इन्हें त्रिदेव यानी ब्रह्मा, विष्णु, महेश भी माना जाता है। स्कंद पुराण के अनुसार मंदार पर्वत पर माता पार्वती के पसीने की बूंदे गिरने से बेल के पेड़ की उत्पत्ति हुई। यह पेड़ सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न कर आसपास की नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।

बेलपत्र खाने से कौन कौन सी बीमारी ठीक होती है? - belapatr khaane se kaun kaun see beemaaree theek hotee hai?

बेल के स्वास्थ्य लाभ
गर्मी के मौसम में मिलने वाला बेल गर्मी से राहत देने के साथ ही कई स्वास्थ्य समस्या से भी निजात दिलाता है। अगर आप हर रोज बेस का शरबत पीते हैं तो आप हमेशा निरोग बने रहेंगे।

मधुमेह रोगी के लिए फायदेमंद
मधुमेह रोगियों के लिए बेलफल बहुत लाभदायक है। बेल की पत्तियों को पीसकर उसके रस का दिन में दो बार सेवन करने से डायबिटीज की बीमारी में काफी राहत मिलती है। आप चाहें तो कुछ दिन तक इसका नियमित सेवन करके फर्क देख सकते हैं।

सेहत के फायदे

  •  बेल फल में मौजूद टैनिन डायरिया और कालरा जैसे रोगों के उपचार में काम आता है।
  •  कच्चे फल का गूदा सफेद दाग बीमारी का प्रभावकारी इलाज कर सकता है।
  •  इससे एनीमिया, आंख और कान के रोग भी दूर होते हैं।
  •  बेल के पत्ते के चूर्ण के सेवन से कैंसर होने की संभावना कम रहती है।
  •  पुराने समय में कच्चे बेल के गूदे को हल्दी और घी में मिलाकर टूटी हुई हड्डी पर लगाया जाता था।
  •  इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स के चलते पेट के छालों में आराम मिलता है।
  •  वायरस व फंगल रोधी गुणों के चलते यह शरीर के कई संक्रमणों को दूर कर सकता है।
  •  विटामिन सी का अच्छा स्रोत होने के चलते इसके सेवन से सर्वी नामक रक्त वाहिकाओं की बीमारी में आराम मिलता है।
  •  बेल की पत्तियों का सत्व रक्त में कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम करने में लाभदायक है।
  •  पेड़ से मिलने वाला तेल अस्थमा और सर्दी-जुकाम जैसे श्वसन संबंधी रोगों से लड़ने में सहायक है।
  •  पके हुए फल के रस में घी मिलाकर पीने से दिल की बीमारियां दूर रहती हैं।
  •  कब्ज दूर करने की सबसे अच्छी प्राकृतिक दवा है। इसके गूदे में नमक और काली मिर्च मिलाकर खाने से आंतों से विषैले तत्व बाहर निकल जाते हैं।

खून की कमी को दूर करे
जिन लोगों में खून की कमी की समस्या होती है वे पके हुए सूखे बेल की गिरी का पाउडर बनाकर गर्म दूध में मिश्री के साथ एक चम्मच पावडर प्रतिदिन देने से शरीर में नए रक्त का निर्माण होकर स्वास्थ्य लाभ होता है।

डायरिया
गर्मियों में डायरिया की समस्या बहुत आम होती है। ऐसी स्थिति में होने वाले उल्टी-दस्तों, जी मिचलाने में बेल के गूदे को पानी में मथ कर चीनी मिला कर पीने से लाभ होता है। इससे आपको अंदर से अच्छा महसूस होगा और पेट को शीतलता का आभास होता है।

लू लगने पर
गर्मियों में लू लगने पर बेल के ताजे पत्तों को पीसकर मेहंदी की तरह पैर के तलुओं में भली प्रकार मलें। इसके अलावा सिर, हाथ, छाती पर भी इसकी मालिश करें। मिश्री डालकर बेल का शर्बत भी पिलाएं तुरंत राहत मिलती है।

मुंह के छाले
मुंह में छाले और मसूड़ों के रोग से काफी लोग परेशान होते हैं। ऐसी स्थिति में बेल का गूदा पानी में उबालकर कुल्ला करने से छाले और मसूड़ों की समस्या दूर होती है। अगर आप इसका परिणाम चाहते हैं तो नियमित रुप से इस प्रक्रिया को अपनाएं।

भूख बढ़ाएं
भूख कम हो, कब्ज हो, जी मिचलाता हो तो इसका गूदा पानी में मथ कर रख लें और उसमें चुटकी भर लौंग, काली मिर्च का चूर्ण, मिश्री मिला कर कुछ दिन लेने से भूख बढ़ेगी।

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Edited By: Sanjay Pokhriyal

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बेलपत्र खाने से कौन से रोग ठीक होते हैं?

बेलपत्र को दिल के रोगियों के लिए भी बहुत ही खास औषधि माना जाता है। बेलपत्र का काढ़ा बनाकर पीने से रक्‍चसंचार दुरुस्‍त होता है, रक्‍तसंचार अच्‍छा होने से हृदय मजबूत होता है। ऐसा होने से हर्ट अटैक का खतरा कम होता है। इसकी पत्तियों का रस पीने से श्‍वास संबंधी रोगों में भी आराम मिलता है।

बेलपत्र कितने दिन खाना चाहिए?

Health Tips: बेलपत्र का हिंदू धर्म में एक अलग ही स्थान है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस पत्त्ते के अनिगिनत स्वास्थ्य लाभ भी है इसलिए इनका सेवन रोजाना जरूर करना चाहिए

सुबह खाली पेट बेलपत्र खाने के क्या फायदे हैं?

ब्लड शुगर कंट्रोल करने में सहायक.
कब्ज दूर करने में मददगार अगर कब्ज की समस्या है तो बेल के पत्ते खाएं। बेल के पत्तों को को हल्का नमक और काली मिर्च के साथ चबाने से कब्ज से राहत मिल सकती है। ... .
पाचन शक्ति बढ़ाए बेल पेट को साफ करने का काम करता है। इसमें लैक्सेटिव प्रोपर्टीज होती हैं जो डाइजेस्टिव सिस्टम को मजबूत करती हैं।.

बेलपत्र खाने से क्या क्या लाभ होता है?

अगर नहीं जानते तो आपको जरूर जानना चाहिए....
1 बुखार होने पर बेल की पत्तियों के काढ़े का सेवन लाभप्रद है। ... .
2 हृदय रोगियों के लिए भी बेलपत्र का प्रयोग बेहद फायदेमंद है। ... .
3 शरीर में गर्मी बढ़ने पर या मुंह में गर्मी के कारण यदि छाले हो जाएं, तो बेल की पत्तियों को मुंह में रखकर चबाने से लाभ मिलता है और छाले समाप्त हो जाते हैं।.