भारत पर सबसे पहले कौन गया था? - bhaarat par sabase pahale kaun gaya tha?

भारत पर आक्रमण करने वाला पहला व्यक्ति दारिउस - I था। 516 ईसा पूर्व में, दारिउस - I ने मध्य एशिया, एरिया और बैक्ट्रिया के लिए अभियान शुरू किया और अफगानिस्तान से तक्षशिला पहुंचे। 515 ईसा पूर्व में, उन्होंने सिंधु नदी से घिरी भूमि पर विजय प्राप्त की। उन्होंने ज़ेरक्सेस के बाद गद्दी संभाली। सिकंदर महान का भारतीय अभियान 326 ईसा पूर्व में शुरू हुआ जब उन्होंने फारसी साम्राज्य को नष्ट कर दिया था। सेल्यूकस बाद में भारत आए जब सेलयूसिद - मौर्य युद्ध 305 ईसा पूर्व में हुआ था।

भारत का सामान्य परिचय भारत के राज्यों की अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति भारत के भू-आकृतिक प्रदेश भारत के दर्रे भारत की नदियाँ(हिमालय से निकलने वाली नदियाँ) भारत की नदियाँ(प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र) भारत की प्रमुख झीलें भारत के प्रमुख जल प्रपात भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं भारत के प्रमुख बांध भारत के राष्ट्रीय प्रतीक भारत की जलवायु भारत का इतिहास सिन्धु घाटी सभ्यता वैदिक काल प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(जैन धर्म) प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(बौद्ध धर्म) महाजनपद काल भारत पर विदेशी आक्रमण मौर्यकाल मौर्योत्तर काल गुप्त काल गुप्तोत्तर काल दक्षिण भारत का इतिहास मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत पूर्व मध्यकाल में भारत के कुछ राजवंश अरबों का आक्रमण तुर्कों का आक्रमण दिल्ली सल्तनत गुलाम/ममलूक वंश खिलजी वंश तुगलक वंश सैयद वंश लोदी वंश सल्तनतकालीन स्थापत्य कला सल्तनत कालीन प्रशासन सल्तनत कालीन स्वतंत्र प्रांतीय राज्य उत्तर भारत के स्वतंत्र राज्य दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (विजयनगर साम्राज्य) दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (बहमनी साम्राज्य) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(सूफी आन्दोलन) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(भक्ति आन्दोलन) बाबर हुमायूँ अकबर सलीम(जहांगीर) शाहजहां औरंगजेब उत्तरकालीन मुगल शासक मुगल शासन प्रणाली मुगलकालीन कला और साहित्य 18वीं शताब्दी में भारतीय समाज भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन नवीन राज्यों का उदय मराठा साम्राज्य भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश नीति ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 1857 का विद्रोह सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-1 सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-2 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-1 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-2 भारतीय राष्‍ट्रीय आंदोलन भारत की प्राकृतिक वनस्पतियां भारत में वन्य जीवन भारत की मिट्टियाँ

भारत जी.के.

भारत का सामान्य परिचय भारत के राज्यों की अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय स्थिति भारत के भू-आकृतिक प्रदेश भारत के दर्रे भारत की नदियाँ(हिमालय से निकलने वाली नदियाँ) भारत की नदियाँ(प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र) भारत की प्रमुख झीलें भारत के प्रमुख जल प्रपात भारत की प्रमुख नदी घाटी परियोजनाएं भारत के प्रमुख बांध भारत के राष्ट्रीय प्रतीक भारत की जलवायु भारत का इतिहास सिन्धु घाटी सभ्यता वैदिक काल प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(जैन धर्म) प्राचीन धार्मिक आन्दोलन(बौद्ध धर्म) महाजनपद काल भारत पर विदेशी आक्रमण मौर्यकाल मौर्योत्तर काल गुप्त काल गुप्तोत्तर काल दक्षिण भारत का इतिहास मध्यकालीन भारतीय इतिहास के स्रोत पूर्व मध्यकाल में भारत के कुछ राजवंश अरबों का आक्रमण तुर्कों का आक्रमण दिल्ली सल्तनत गुलाम/ममलूक वंश खिलजी वंश तुगलक वंश सैयद वंश लोदी वंश सल्तनतकालीन स्थापत्य कला सल्तनत कालीन प्रशासन सल्तनत कालीन स्वतंत्र प्रांतीय राज्य उत्तर भारत के स्वतंत्र राज्य दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (विजयनगर साम्राज्य) दक्षिण भारत के स्वतंत्र राज्य (बहमनी साम्राज्य) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(सूफी आन्दोलन) सूफी एवं भक्ति आन्दोलन(भक्ति आन्दोलन) बाबर हुमायूँ अकबर सलीम(जहांगीर) शाहजहां औरंगजेब उत्तरकालीन मुगल शासक मुगल शासन प्रणाली मुगलकालीन कला और साहित्य 18वीं शताब्दी में भारतीय समाज भारत में यूरोपीय कंपनियों का आगमन नवीन राज्यों का उदय मराठा साम्राज्य भारतीय राज्यों के प्रति ब्रिटिश नीति ब्रिटिश शासन का भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव 1857 का विद्रोह सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-1 सामाजिक एवं धार्मिक सुधार आन्दोलन भाग-2 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-1 निम्न जाति, जनजाति, मजदूर तथा किसान आन्दोलन भाग-2 भारतीय राष्‍ट्रीय आंदोलन भारत की प्राकृतिक वनस्पतियां भारत में वन्य जीवन भारत की मिट्टियाँ

भारत पर विदेशी आक्रमण

पारसी(ईरानी) आक्रमण

भारत पर प्रथम विदेशी आक्रमण ईरान के हखमनी वंश के राजाओं ने किया। हखमनी वंश का संस्थापक साइरस-2(कुरूष) था। भारत पर पहला विदेशी आक्रमण करने का असफल प्रयास 550 ईसा पूर्व में ईरान के सम्राट सायरस द्वारा किया गया ।

ईरान के राजा कुरूष(साइरस) के उत्तराधिकारी डेरियस प्रथम(दारा-1) ने 516 ई.पू. में कम्बोज, पश्चिमी गांधार, सिंधु क्षेत्र पर विजय प्राप्त की। दारा प्रथम के तीन अभिलेखों बेहिस्तून, पर्सिपोलिस तथा नक्शे रुस्तम से यह सिद्ध होता है कि उसी ने सर्वप्रथम सिंधु नदी के तटवर्ती भारतीय भागों को अधिकृत किया, जो पारसी साम्राज्य का 20 वा प्रांत बना।

प्रभाव

भारत का पश्चिम के साथ संबंध सुदृढ़ हुआ।
विदेशी व्यापार को बल मिला।
खरोष्ठी लिपि का विकास, अरमाइक लिपि के सहयोग से हुआ।
भारतीय जय एवं स्थल सम्पर्क साधनों में विकास हुआ।
खरोष्ठी लिपि - यह पारसीय संपर्क से भारतीय पश्चिमोत्तर प्रदेशों में जन्मी एक लिपि थी। इसका जन्म ईरान की अरमेइक लिपि से हुआ।यह दाएं से बाएं लिखि जाती थी।

यूनानी आक्रमण(मकदूनियाई आक्रमण)

ईरानी आक्रमण के बाद मकदूनिया(मेसीडोनिया) निवासी सिकन्दर का आक्रमण भारत पर हुआ।

सिकन्दर मेसीडोनिया के क्षत्रप(स्थानीय शासक) फिलिप-2 का पुत्र पुत्र था।

सिकन्दर ने भारत पर 326 ई.पू. में आक्रमण किया। इस समय भारत के पश्चिमोत्तर भारत की स्थिति 28 राज्यों में विभाजित थी ( पुरु, अभिसार, पूर्वी व पश्चिमी गांधार, कंठ, सौभती, मालव, क्षुद्रक, अंबष्ट, भद्र, ग्लौगनिकाय आदि )

सिकन्दर का भारत विजय अभियान

सिकन्दर ने खैबर दर्रे से भारत में प्रवेश किया।

खैबर दर्रा (Khaibar Pass) पाकिस्तान व अफगानिस्तान के बीच में स्थित है।

सिकन्दर ने सबसे पहले - अश्वजीत, निशा, अश्वक जनजातियों को हराया।

तक्षशिला के शासक आम्भी ने आत्मसमर्पण कर दिया एवं सिकन्दर से जा मिलाा तथा सहयोग का आश्वासन दिया।

आम्भी के बाद एक और शासक शशिगुप्त ने सिकन्दर के सामने आत्म समर्पण कर दिया था।

पौरूष का युद्ध/झेलम का युद्ध/कर्री का युद्ध - (वितस्ता का युद्ध)

यह युद्ध पुरू/पौरूष तथा सिकन्दर के मध्य झेलम तथा चिनाब नदी के बीच लड़ा गया।

इसमें पुरू की हार हुई।

बंदी होने से जब पोरस से पूछा गया कि वह कैसा बर्ताव चाहता है तो उसने कहा कि “जैसा एक राजा दूसरे राजा के साथ करता है”। पुरू की वीरता से प्रसन्न होकर सिकन्दर ने पुरू का राज्य वापस लौटा दिया एवं पुरू से मित्रता कर ली।

पुरू के बाद सिकन्दर और आगे बढ़ा परन्तु सिकन्दर की सेना ने व्यास नदी पार करने से मना कर दिया।

सिकन्दर की सेना के व्यास नदी पार करने से इन्कार के कारण

उसकी सेना थक चुकी थी तथा बीमारी से ग्रस्त थी।
भारतीय शौर्य की जानकारी उन्हें मिल गयी थी।
नन्द के शासक घनानन्द की विशाल सेना की जानकारी मिल गयी थी।
स्वदेश से बाहर 10 माह बिताने के बाद सैनिक घर वापस जाना चाहते थे।

सेना के इन्कार के बाद सिकन्दर ने दुखी मन से कहा “मैं उन दिलों में उत्साह भरना चाहता हूं जो निष्ठावान एवं कायरतापूर्ण डर से दबे हुए हैं।”

इस घटना के बाद सिकन्दर विजित भारतीय प्रदेशों को अपने सेनापति फिलिप को सौंप कर वापस चला गया।

सिकन्दर के बारे में तथ्य

जन्म - मकदूनिया(यूरोप)

यह यूनानी राज्य मकदूनिया का शासक था।

सिकन्दर ने भारत में 2 नगर बुकाफेला(अपने घोड़े के नाम पर) एवं निकैया(अपनी विजय स्मृति में) बसाए।

सिकन्दर की अन्तिम विजय पाटल राज्य के विरूद्ध थी।

मृत्यु - बेबीलोन(एशिया)

अंतिम संस्कार - सिकन्दरिया(अफ्रीका)

सिकन्दर एकमात्र महापुरूष है जिसका जन्म, मृत्यु एवं अन्तिम संस्कार अलग-अलग देशों में हुआ।

तथ्य

अप्रैल 2019 में सिंकदर महान की 3.5 मीटर की मूर्ति को मध्य एथेंस में लगा दिया गया। कांसे की इस मूर्ति को ग्रीस की सरकार ने 1992 में खरीदा था। हाल में नॉर्थ मेसेडोनिया के नाम से अस्तित्व में आए देश से उसके नाम को लेकर चल रहे विवाद को इसकी मुख्य वजह बताया जा रहा है। पूर्व में इसे यूगोस्लाव रिपब्लिक ऑफ मेसेडोनिया कहा जाता था। ग्रीस दशकों से मेसेडोनिया पर अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को हड़पने का आरोप लगाता रहा है। मेसेडोनिया के नए नाम पर इस साल फरवरी में मुहर लगने के बाद ग्रीस ने अपनी ऐतिहासिक धरोहरों को फिर संजोना शुरू कर दिया है। चौथी शताब्दी ईसा पूर्व के महान योद्धा सिकंदर का जन्म मौजूदा उत्तरी ग्रीस के मेसेडोनिया क्षेत्र में हुआ था। सिकंदर ने भारत पर भी आक्रमण किया था।

सबसे पहले भारत पर किसका शासन था?

उत्तर: चंद्रगुप्त मौर्य प्राचीन भारत का पहला राजा/शासक था

भारत पर सबसे पहले कब्जा किसने किया?

बहुतायत की भूमि भारत ने अपने समृद्ध इतिहास में समय-समय पर विभिन्न उभरती हुई शक्तियों द्वारा कई आक्रमण देखे हैं। इनमें से भारत पर पहले बड़े पैमाने के आक्रमण के लिए सिकंदर महान/अलेक्जेंडर द ग्रेट को जिम्मेदार ठहराया गया है।

भारत पर सबसे पहला आक्रमण कब हुआ?

भारत पर पहला सफल आक्रमण 20 जून 712 ईस्वी में मोहम्मद बिन कासिम ने सिंध प्रांत पर किया। इससे पहले 711 ईस्वी में उसने पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था।

सबसे पहले भारत को लूटने कौन आया था?

भारत पहुचने वालों में पुर्तगाली सबसे पहले थे इसके बाद डच आए और डचों ने पुर्तगालियों से कई लड़ाईयाँ लड़ीं। भारत के अलावा श्रीलंका में भी डचों ने पुर्तगालियों को खडेड़ दिया। पर डचों का मुख्य आकर्षण भारत न होकर दक्षिण पूर्व एशिया के देश थे। अतः उन्हें अंग्रेजों ने पराजित किया जो मुख्यतः भारत से अधिकार करना चाहते थे।