तांबे की अंगूठी कौन सी उंगली में पहनना चाहिए? - taambe kee angoothee kaun see ungalee mein pahanana chaahie?

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यूटिलिटी डेस्क। ज्योतिष में बताए गए हर ग्रह की अलग-अलग धातु है। ग्रहों का राजा सूर्य को माना जाता है और सूर्य की धातु है तांबा। हिन्दू धर्म में सोना, चांदी और तांबा काफी पवित्र धातुएं मानी गई हैं। यही वजह है कि पूजा-पाठ में इन धातुओं का यूज सबसे ज्यादा किया जाता है। इसके अलावा इनकी अंगूठी भी काफी लोग पहनते हैं। तांबे की अंगूठी पहनने के कई फायदे हैं। लेकिन इसे पहनने का तरीका भी ध्यान में रखना काफी जरूरी होता है। हम यहां इस वीडियो के जानिए आपको बता रहे हैं तांबे की अंगूठी पहनने के फायदे...

क्या हैं तांबे की अंगूठी के फायदे?
तांबे की अंगूठी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए। यह उंगली सूर्य की उंगली होती है। इससे कुंडली में सूर्य के दोषों का असर कम हो सकता है। सूर्य के साथ ही तांबे की अंगूठी से मंगल के अशुभ असर भी कम हो सकते हैं। तांबे की अंगूठी से सूर्य का बल बढ़ती है, जिससे हमें सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है। तांबे की अंगूठी लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहती है। जिससे तांबे के औषधीय गुण शरीर को मिलते हैं। इससे खून साफ होता है। साथ ही और भी कई तरह के हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं।

नई दिल्ली: तांबे की अंगूठी पहनने की परंपरा हमारे प्राचीन काल से चलते आ रहा है. इस धातु को पहनने के कई फायदे होते हैं. ज्योतिष शास्त्र में तांबा को सूर्य और मंगल का धातु भी कहा जाता है. इस धातु का इस्तेमाल हम अपने घरों में पूजा-पाठ के लिए भी करते हैं. कई बार ऐसा होता है कि हम अपने आस-पास मौजूद कुछ लोगों के हाथों में तांबे की अंगूठी को पहने देख खुद भी पहनना शुरू कर देते हैं लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए. आयुर्वेद के अनुसार, तांबे की अंगूठी या कड़ा पहनने से जोड़ों और गठिया का दर्द दूर रहता है क्योंकि तांबे में एंटी-ऑक्सीडेंट की मात्रा अधिक होती है, जो रोगों को दूर करती है. 

आइये जानते हैं तांबे के अंगूठी पहनने के फायदे के बारे में-

तांबे की अंगूठी लगातार हमारे शरीर के संपर्क में रहती है. जिससे तांबे के औषधीय गुण शरीर को मिलते हैं. इससे खून साफ होता है. 

जिस प्रकार तांबे के बर्तन में रखा पानी स्वास्थ्य को लाभ पहुंचाता है, ठीक उसी प्रकार तांबे की अंगूठी से भी फायदा मिलता है. 

तांबे की अंगूठी के असर से पेट से जुड़ी बीमारियों में भी राहत मिल सकती है. 

तांबा लगातार त्वचा के संपर्क में रहता है, जिससे त्वचा की चमक बढ़ती है. 

आयुर्वेद के अनुसार तांबे के बर्तनों का उपयोग करने से हमारी रोगप्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.  यही लाभ तांबे की अंगूठी पहनने से भी मिलता है. 

तांबे की अंगूठी पेट से संबंधित सभी समस्याओं में काफी फायदेमंद है यह पेट दर्द, पाचन में गड़बड़ी और एसिडिटी की समस्याओं में फायदा पहुंचाती है. 

इसके अलावा अगर आप पेचिश की समस्या से परेशान हैं तो तांबे की अंगूठी इस समस्या में आपकी काफी मदद कर सकती है. 

तांबे की अंगूठी ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है.  ये हाई ब्लड प्रेशर या लो ब्लड प्रेशर से पीड़ित लोगों के लिए बहुत फायदेमंद होती है.  
इसके अलावा इस अंगूठी को पहनकर आप शरीर के सूजन को भी कम कर सकते हैं. 

तांबे की अंगूठी शरीर की गर्मी को कम करने में मदद करता है.  इसे पहनने से शारीरिक और मानसिक तनाव कम होता है, ये अंगूठी तन और मन दोनों को शांत रखने में मदद करता है. 

तांबे की अंगूठी सूर्य की उंगली यानी रिंग फिंगर में पहननी चाहिए.  इससे कुंडली में सूर्य के दोषों का असर कम हो सकता है. 

सूर्य के साथ ही तांबे की अंगूठी से मंगल के अशुभ असर भी कम हो सकते हैं. 

तांबे की अंगूठी के प्रभाव से सूर्य का बल बढ़ता है, जिससे हमें सूर्य देव की कृपा से घर-परिवार और समाज में मान-सम्मान मिलता है. 
यदि आपके हाथों के नाखून खराब हो रहे हैं, तो उसमे भी लाभ होगा. 

जिनकी मकर और कुम्भ लग्न या राशि है, कृपा वह ना पहने ! उनको छल्ला सूट करने की संभावना बहुत कम है.  छल्ला रविवार शुक्ल पक्ष (अमावस्या ) के बाद सुबह गंगाजल से धोकर पहने. 

इससे पेट से संबंधित बीमारियों से मुक्ति मिलती है.  बताया जाता है कि आर्थराइटिस के रोगियों को तांबे का कड़ा जरूर पहनना चाहिए

यदि आपको छल्ला पहनने के बाद बेचैनी घबराहट महसूस हो तो छल्ला उतार दें.

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तांबे का छल्ला कब धारण करना चाहिए?

तांबे का छल्ला : यदि आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो तांबे का छल्ला धारण कर लेना चाहिएतांबे के छल्ले को ना सिर्फ स्वास्थ्य के लिहाज से फायदेमंद बताया गया है। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक एक तांबे का छल्ला पहनकर आप सूर्य से संबंधित सभी रोगों से काफी हद तक निजात पा सकते हैं।

तांबे की अंगूठी पहनने से क्या फायदे हैं?

तांबे के प्रयोग से शरीर शुद्ध रहता है क्योंकि इसके पहनने से शरीर से सारा विष बाहर निकल जाता है। यह पाचन तंत्र समेत पेट की समस्याओं से भी निजात दिलाता है। इससे नाभि और हार्मोन्स की समस्या में भी सुधार होता है।

हाथ में तांबा पहनने से क्या होता है?

तांबे से मजबूत होता है सूर्य और मंगल ज्योतिष शास्त्र का कहना है कि तांबा इस्तेमाल करने से शरीर शुद्ध रहता है. तांबा दारण करने से शरीर में से सारा विष निकल जाता है. इतना ही नहीं, ये मंगल को मजबूत करता है और रक्त प्रवाह को सही बनाए रखता है. तांबा पहनने से व्यक्ति का सूर्य मजबूत होता है.

तांबे का छल्ला कौन सी उंगली में पहनना चाहिए?

ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, तांबे की अंगूठी को रिंग फिंगर में धारण करना चाहिए क्योंकि यह उंगली सूर्य की उंगली होती है। अगर आपकी कुंडली में सूर्य से संबंधित दोष हैं तो यह सूर्य के दोषों का असर कम करता है। सूर्य के साथ ही मंगल के अशुभ प्रभाव से भी मुक्ति मिलती है।