6 मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें? - 6 mukhee rudraaksh ko kaise dhaaran karen?

आज हम 6 मुखी रुद्राक्ष के बारे में बात करेंगे। 6 मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरुप माना जाता है। नवग्रहों में शुक्रग्रह 6 मुखी रुद्राक्ष के संचालक है। शुक्रग्रह धन संपत्ति, आकर्षण, ऐश्वर्य, सौभाग्य, भोग-विलास, प्रेम, संगीत, जीवनसाथी, सुंदरता, काम-वासना, और सभी प्रकार की भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक ग्रह होता है।  शुक्रग्रह के प्रभाव से जातक राजा के जैसा वैभव, मान-सम्मान एवं प्रतिष्ठा दिलवाने में अहम् भूमिका निभाता है। वहीँ इस ग्रह का अशुभ प्रभाव, रोगी परिवार, अशांति और क्लेश का कारण बनता है। तो आईये जानते है 6 मुखी रुद्राक्ष से सम्बंधित कुछ रोचक जानकारियां जो शायद आपलोगों को नहीं पता है। यह जानकारी आप (only4us.in) के माध्यम से पढ़ रहे हैं। 



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छः (6) मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या छः मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?

किस दिन धारण करे छः (6) मुखी रुद्राक्ष ?

किस राशि के लोगों को छः (6) मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?

क्या छः (6) मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?

किस बीमारी में काम आता है छः (6) मुखी रुद्राक्ष ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?

किस काम में आता है छः (6) मुखी रुद्राक्ष का पानी ?

किन लोगो को पहनना चाहिए छः (6) मुखी रुद्राक्ष ?

किस क्षेत्र के लोगों को 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति शुभ होता है ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?

छः (6) मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ? 

क्या छः (6) मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?



छः (6) मुखी रुद्राक्ष कैसे धारण करें ?

6 मुखी रुद्राक्ष को प्राण प्रतिष्ठित  करने के पश्चात शिवलिंग को स्पर्श करवाकर, तथा इसके बीज मंत्र का 108 बार पाठ करें। एवं ॐ नमः शिवाय मंत्र का जप करते हुए हमें इसे धारण करना चाहिए। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कुछ नियम होते है कुछ सावधानिया होती है जिनका पालन करना अति आवश्यक होता है।  रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात क्या करे क्या ना करे इसके बारे में विस्तृत जानकरी के लिए यहाँ क्लिक करें। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? या छः मुखी रुद्राक्ष की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करे ?

6 मुखी रुद्राक्ष हो या हो की भी रुद्राक्ष ! जब तक वह प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध नहीं किया जाता, तब तक वह निष्क्रिय रहता है। अतः हम जब भी अपनी राशि अनुसार रुद्राक्ष धारण करते है तो सबसे पहले उसे प्राणप्रतिष्ठित या सिद्ध करना चाहिए। इससे हमें रुद्राक्ष धारण करने का पूर्ण फल प्राप्त होता है। और वह रुद्राक्ष अपना असर दिखता है। तथा हमें सकारात्मक विचारों से भर देता है। अपने रुद्राक्ष को सिद्ध कैसे करे ? इस विषय में विस्तृत जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।  



छः (6) मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र क्या है ?

6 मुखी रुद्राक्ष का बीज मंत्र है,  " ॐ ह्रीं हूं नमः " इस मंत्र के द्वारा 6 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है। हमें कम से कम 108 बार इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस बीज मंत्र के द्वारा 6 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध किया जाता है। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष की पूजा कैसे की जाती है ?

6 मुखी रुद्राक्ष की दैनिक पूजा बहुत ही आसान है। 6 मुखी रुद्राक्ष को सिद्ध करने के पश्चात् पूजा के समय रुद्राक्ष को साफ पानी से स्नान करवा कर शिवलिंग के पास रख दें। आप अपनी दैनिक पूजा समाप्त करने के पश्चात्  ॐ नमः शिवाय बोलते हुए उस रुद्राक्ष को धारण कर सकते है। रुद्राक्ष के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करने के लिए यहाँ क्लिक करें। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष पहनने से क्या होता है ?

6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने वाले जातक के ऊपर माता लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है। 6 मुखी रुद्राक्ष भगवान कार्तिकेय का स्वरुप होने के कारण इसको धारण करने पर जातक में पराक्रम की वृद्धि होती है। जिन लोगों का भीड़ में दम घुटता है तथा पब्लिक स्पीकिंग (भाषण देने में ) में घबराहट होती है। उन लोगों के लिए इस रुद्राक्ष को धारण करना अति शुभ होता है। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष के फायदे ?

जो लोग स्पीच देने से घबराते है। उन लोगों के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष एक गुरु का काम करता है। 

जिन लोगों को नजरदोष ज्यादा प्रभावित करती है अर्थात जिन्हे नजर जल्दी लग जाती है तो ऐसे लोगों के लिए 6 मुखी रुद्राक्ष बहुत लाभदायक सिद्ध होता है। 

जिन लोगों का अकारण ही अपने साथी से झगड़ा होता है। उनके लिए 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना उनके गृहस्थ जीवन के लिए बहुत लाभकारी साबित होता है। 

जो लोग अभिनय के क्षेत्र में जाना चाहते है। उनके लिए 6 मुखी रुद्राक्ष बहुत उपयोगी साबित होता है।


 

6 मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें? - 6 mukhee rudraaksh ko kaise dhaaran karen?
 
6 मुखी रुद्राक्ष को कैसे धारण करें? - 6 mukhee rudraaksh ko kaise dhaaran karen?



6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से व्यक्ति के आकर्षण में वृद्धि होती है। वह बुद्धिमानी से सोचने लगता है। उसके ज्ञान में वृद्धि होती है। 

6 मुखी रुद्राक्ष बुद्धि और मन दोनों को स्थिर रखता है। जिससे आपकी वाणी में कुशलता आती है। और आप आसानी से अपने सामने वाले को अपनी बातो से इम्प्रेस (मोहित) कर सकते हो। 

6 मुखी रुद्राक्ष आपकी शुगर को कण्ट्रोल करता है। और आपकी नसों से सम्बंधित बिमारी को दूर करता है। 

यदि आप किसी क़ानूनी मसले में फंस गए हो तो उस समय आपको 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ये आपको बहुत लाभ पहुंचाएगा। 

6 मुखी रुद्राक्ष के इतने लाभ है की हम आप को गिना नहीं सकते। आप इसे धारण करने के पश्चात् इससे होने वाले फायदों को स्वयं महसूस कर सकते है। 



किस दिन धारण करे छः (6)मुखी रुद्राक्ष ?

रुद्राक्ष को सदैव शुक्ल पक्ष के किसी भी सोमवार के दिन शिवलिंग का अभिषेक करने के पश्चात् ही धारण करना चाहिए। 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करने से जातक मानसिक तथा आध्यात्मिक रूप से मजबूत बनता है। आपके लिए रुद्राक्ष से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण जानकारिया जानना बहुत आवश्यक है। अतः धारण करने के पूर्व जान ले ये महत्वपूर्ण बातें। 



किस राशि के लोगों को छः (6) मुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए ?

जिस जातक का जन्म लग्न या जन्म राशि वृषभ या तुला हो वह 6 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकता है। जन्म कुंडली में जब शुक्रग्रह ख़राब स्थिति में हो तो उस समय 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति फलदायी होता है। उदहारण के तौर पे शुक्रग्रह अपनी नीच राशि कन्या में हो, सूर्य के साथ मिलकर किसी ख़राब भाव में बैठा हो, शत्रु राशि में विराजमान हो या शत्रु ग्रह के साथ हो तथा क्रूर ग्रह की दृष्टि के प्रभाव में हो। ऐसे समय में 6 मुखी रुद्राक्ष एक वरदान साबित होता है।  क्या रुद्राक्ष के बारे में ये बात आपको पता है। 


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छः (6) मुखी रुद्राक्ष किसे नहीं धारण करना चाहिए ?

मांस मदिरा का सेवन करने वाले और नशीली वस्तुओं का सेवन करने वाले व्यक्तियो को गणेशमुखी रुद्राक्ष धारण करना तथा स्पर्श करना सदा वर्जित है। ऐसा शास्त्रों में कहा गया है की ऐसा व्यक्ति यदि गणेश रुद्राक्ष धारण करता है या स्पर्श करता है तो उसे इस रुद्राक्ष के नकारात्मक परिणामों का सामना करना पड़ सकता है। एवं वह व्यक्ति पाप का भागी बनता है। अतः इससे बेहतर यह है की ऐसा व्यक्ति रुद्राक्ष को स्पर्श करने से बचे। सावधानियां 



क्या छः (6) मुखी रुद्राक्ष पहनने के बाद कुछ सावधानिया भी बरतनी पड़ती है ?

जी हाँ, आप 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करें या कोई और रुद्राक्ष धारण करें। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् आपको कुछ सावधानियां अवश्य बरतनी चाहिए। अगर आपने उन सावधानियों पर ध्यान नहीं दिया तो आपको इसके नकारात्मक परिणाम भुगतने पड़ेंगे। रुद्राक्ष धारण करने के पश्चात् कौन-कौन सी सावधानिया बरतनी पड़ती है यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करें। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण ?

6 मुखी रुद्राक्ष के औषधीय गुण हमें यौन रोग, मूत्र रोग, मुँह सम्बंधित रोग, लिवर के रोग और पेट की आंतों के रोगों में हमारी बहुत मदत करता है। इसके इस्तेमाल से हमें उपरोक्त रोगों में बहुत आराम मिलता है। 



किस बीमारी में काम आता है छः (6) मुखी रुद्राक्ष ?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जन्म कुंडली में शुक्रग्रह कमजोर हो तो जातक को नेत्रों में विकार (आँखों में प्रॉब्लम) यौन रोग, मूत्र रोग, मुँह सम्बंधित रोग, लिवर रोग, पेट के आंतों के रोगों का सामना करना पड़ता है। शुक्रग्रह की शांति के लिए और इससे सम्बंधित होने वाले रोगों से बचाव हेतु जातक को 6 मुखी रुद्राक्ष अवश्य धारण करना चाहिए। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष का पानी कैसे बनाये ?

6 मुखी रुद्राक्ष का पानी बनाना बहुत ही आसान है। सबसे पहले आप एक लोटे में साफ जल ले एवं उसके अंदर 6 मुखी रुद्राक्ष धोकर डाल दें। और उस जल को ढँक कर रात भर के लिए छोड़ दे। सुबह आप उस जल में से वह रुद्राक्ष निकाल ले। रुद्राक्ष का पानी आपके इस्तेमाल के लिए तैयार है। आप उस पानी को अपने काम में ले सकते है। 



किस काम में आता है छः (6) मुखी रुद्राक्ष का पानी ?

वेद पुराणों के अनुसार रुद्राक्ष का पानी एक औषधि की तरह इस्तेमाल होता है। रुद्राक्ष यह एक ऐसी लकड़ी है जो पानी में डूबती नहीं है। कारण है इसका घनत्व। इसका घनत्व आम लकड़ी से ज्यादा होता है। रुद्राक्ष का जल मनुष्यों के लिए अमृततुल्य होता है। रुद्राक्ष के जल से होने वाले फायदे के बारे में विस्तार से जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। और अपने जीवन को निरोगी एवं सुखमय बनाये। 


किन लोगो को पहनना चाहिए छः (6) मुखी रुद्राक्ष ?

अंक शास्त्र के अनुसार जिनका मूलांक एवं भाग्यांक 6 हो वे लोग भी 6 मुखी रुद्राक्ष बिना किसी की सलाह लिए धारण कर सकते है। जिनका जन्म नक्षत्र भरणी, पूर्वा फाल्गुनी, पूर्वाषाढ़ा हो तो वह लोग निःसंकोच 6 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। जिनका जन्म लग्न या जन्म राशि वृषभ या तुला हो वह लोग भी 6 मुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते है। अपनी राशि के हिसाब से कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए यह जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। 


किस क्षेत्र के लोगों को 6 मुखी रुद्राक्ष धारण करना अति शुभ होता है ?

शुक्रग्रह 6 मुखी रुद्राक्ष से सम्बंधित है। इसलिए जो लोग शुक्रग्रह से सम्बंधित कार्यों को करते है। उनके लिए 6 मुखी रुद्राक्ष वरदान साबित होता है। आईये जानते है 

जो लोग बैंकिंग, फाइनेंस, अकाउंटेंट, शेयर मार्केट, सोना व्यापारी, आर्थिक सलाहकार, होम लोन, गोल्ड लोन, नवरत्नों का व्यवसाय, (राशिरत्न का बिज़नेस) दुर्लभ चीजों का व्यवसाय, प्रॉपर्टी डीलिंग, फिल्म निर्माण का व्यापार, विज्ञापन का बिज़नेस, सौंदर्य प्रसाधन का व्यवसाय, इत्र का व्यवसाय, फूलों का व्यापार, कपड़ों की फैक्ट्री, कपड़ों की प्रिंटिंग, लकड़ी सम्बंधित व्यवसाय या लकड़ी के कारखाने आदि व्यापार करते है। तो उनके लिए 6 मुखी रुद्राक्ष साक्षात् माता लक्ष्मी का आशीर्वाद है। उनके व्यापार में दिन दूनी और रात चौगुनी तरक्की निश्चित है। 



छः (6) मुखी रुद्राक्ष की कीमत क्या है ?

वैसे तो 6 मुखी रुद्राक्ष अनमोल है। लेकिन शिवजी के आशीर्वाद स्वरुप आप इसे 100/- से लेकर 2000/- तक की कीमत में बाजार से खरीद सकते है। रुद्राक्ष धारण करने से पूर्व जान ले ये महत्वपूर्ण बातें।   बाजार में आजकल कई लोग रुद्राक्ष की जगह भद्राक्ष बेच रहे है और मोटा मुनाफा कमा रहे है। रुद्राक्ष लेते समय आपको बहुत सावधानिया बरतनी पड़ेंगी नहीं तो आप रुद्राक्ष की जगह भद्राक्ष ले आएंगे। रुद्राक्ष और भद्राक्ष में बहुत मामूली सा अंतर होता है। यदि आपके पहचान का कोई है तो आप उनसे सलाह ले सकते है। और नहीं है तो आप अपनी बुद्धि और विवेक से सही पहचान कर सकते है। वैसे रुद्राक्ष और भद्राक्ष में अंतर जानने के लिए यहाँ क्लिक करे। 


छः (6) मुखी रुद्राक्ष की पहचान क्या है ? 

6 मुखी रुद्राक्ष की मुख्य पहचान यह है की इस मनके में 6 धारियाँ होती है। परन्तु आप इस रुद्राक्ष को सिर्फ धारियों से पहचानना चाहते है। तो यह आप की भूल है। नया रुद्राक्ष लेने से पहले समझदार व्यक्ति पहले उसके बारे में जानकारी एकत्रित करता है। चाहे वह जानकारी दोस्तों से मिले, इंटरनेट से मिले या कही और से मिले। मतलब सिर्फ इतना है की आपको सही चीज मिलना चाहिए। असली रुद्राक्ष की पहचान कैसे करें? एक बार इस पोस्ट को आप लोग जरूर पढ़ें। इससे आपको असली और नकली रुद्राक्ष पहचानने में बहुत मदत मिलेगी। और हाँ। यदि आपको इस पोस्ट को पढ़ कर फायदा हुआ तो यह जानकारी अपने तक ही सिमित मत रखना। आप इसे शेयर जरूर करना। 


क्या छः (6) मुखी रुद्राक्ष को सोने, चाँदी या धागे में धारण कर सकते है ?

जी हाँ, आप छः (6) मुखी रुद्राक्ष को लाल या सफ़ेद धागे में पहन सकते है। यदि आप समर्थवान है तो छः (6) मुखी रुद्राक्ष को सोने या चांदी में भी धारण कर सकते है। आप छः (6) मुखी रुद्राक्ष को ताम्बे में भी धारण कर सकते है। भगवान शिवजी बहुत भोले है उनकी कृपा प्राप्त करने के लिए आपके के पास बस आपकी राशि से सम्बंधित रुद्राक्ष होना चाहिए। वह धागे में है या सोने में है। इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। बस आप अपनी पूरी श्रद्धा के साथ अपना रुद्राक्ष धारण करें। आपकी सब मनोकामना पूरी होगी। 

6 मुखी रुद्राक्ष कब पहनना चाहिए?

छह मुखी रुद्राक्ष विल पावर, एक्सप्रेशन पावर, लर्निंग पावर और पहनने वाला मानसिक रूप से मजबूत हो जाता है। इसलिए छह मुखी रुद्राक्ष विशेष रूप से छात्रों के लिए अत्यधिक उपयोगी होता है। छह मुखी रूद्राक्ष धारण करने वाले व्यक्ति को वशीकरण, आकर्षक और बुद्धिमान बनाकर वशीकरण (मंत्रमुग्ध) करने की क्षमता के साथ संपन्न करता है।

6 मुखी रुद्राक्ष कैसे पहनना चाहिए?

शुद्ध करके इस चंदन, बिल्वपत्र, लालपुष्प अर्पित करें तथा धूप, दीप दिखाकर दिए गये नीचे मन्त्रों में से कोई एक सवा लाख जाप करके छह मुखी रुद्राक्ष सिद्ध कर ले ! उसके बाद 6 Mukhi Rudraksha Dharan करने वाले को शिवलिंग से स्पर्श कराकर पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके मंत्र जाप करते हुए इसे धारण करें.।

किस राशि वालों को कौन सा रुद्राक्ष पहनना चाहिए?

मेष राशि के जातक तीन मुखी रुद्राक्ष को धारण कर सकते हैं। वृष राशि के जातकों को छहमुखी और दसमुखी रुद्राक्ष धारण कर सकते हैं। मिथुन राशि के जातकों के लिए चारमुखी या ग्यारह मुखी रुद्राक्ष धारण करना शुभ रहता है। कर्क राशि के जातकों को चारमुखी रुद्राक्ष धारण करना चाहिए

रुद्राक्ष कितने दिनों में असर करता है?

सिद्ध किया गया रुद्राक्ष का चमत्कारिक प्रभाव केवल 7 दिनों में ही असर दिखाने लगता है.