पानी पानी होने का क्या अर्थ है? - paanee paanee hone ka kya arth hai?

पानीपानीहोनामुहावरेकाअर्थ pani pani hona muhavare ka arth – लज्जितहोनायाशर्मिदाहोना

दोस्तो जब कोई किसी कारण से अपमानित हो जाता है तो वह लज्जित होना कहा जाता है और उसी तरह से जब वह जिस कारण से अपमानित होता है और वह कारण या उसके बारे मे कही जाने वाली बाते सत्य ‌‌‌हो तब वह अपने किये पर शर्मिदगी महसुस करता है और इसे ही पानी पानी होना कहा जाता है । इस तरह के कार्य मे उस के बारे मे ‌‌‌अनेक लोगो के सामने उसकी सच्चाई ‌‌‌आ जाती है जिससे वह अपने बचाव के कारण रोने भी लग जाता है । इस   मुहावरे का सरल भाषा मे अर्थ यह है की लज्जित होना या शर्मिदा होना ।

पानी पानी होने का क्या अर्थ है? - paanee paanee hone ka kya arth hai?

पानी पानी होना मुहावरे का वाक्य मे प्रयोग Use in sentence

  • ‌‌‌अपने ही घर मे चोरी करते पकडे जाने के कारण राहुल पानी पानी हो गया ।
  • महेश के किए गए घोटालो के बारे मे गाव के लोगो को पता चला तो महेश पानी पानी हो गया ।
  • खुनी खुन करते हुए ‌‌‌पकडे जाने के कारण वह शर्म से पानी पानी हो गया ।
  • गाव के लोगो का सारा रुपया सरपंच खा ‌‌‌गया जब इस बात का गाव के लोगो को पता चला ‌‌‌तो सरपंच वह पानी पानी हो गया ।

पानी पानी होना मुहावरे ‌‌‌पर कहानी Idiom story

‌‌‌राजेश नाम का एक लडका अपने गाव मे रहता था । राजेश के घर मे उसकी मा और पिता के अलावा उसका एक छोटा भाई और था । राजेश के पिता गाव के लोगो मे से ठिक ठाक थे । उन्हे समय पर सभी वस्तुए मिल जाया करती थी । और उनकी तुलना मे गाव के लोगो को खाना भी समय पर नही मिलता था । राजेश बहुत ही खुशहाल था की उसका ‌‌‌जनम उस घर मे हुआ था ।

राजेश के पिता के पास पैसे होने के कारण राजेश को उसके पिता ने खुब पढाया और नोकरी लगने को कहा । राजेश को गाव के लोगो की तुलना मे अच्छा आराम मिलने के कारण वह नोकरी नही लगना चाहता था । वह तो चाहता था की वह दिन भर यही रह कर आराम करता रहे ।

जब राजेश को उसके पिता ने कहा की ‌‌‌बेटा तुम्हे नोकरी ‌‌‌करनी होगी । तब राजेश को लगा की मुझे काम तो करना ही होगा नही तो मैरे पिताजी मेरा पिछा नही छोडेगे । राजेश के पिता की गाव मे बहुत इज्जत थी और जब भी ‌‌‌वे कही जाते तो गाव के लोग उन्हे प्राणाम किया करते थे ।

यहां तक की गाव के लोगो को जब भी किसी चिज की जरुरत पड जाती तो वे लोग ‌‌‌राजेश के पिता के पास आकर मदद मागते थे । राजेश के पिता के पास इतना धन तो था ही नही की वह लोगो की मदद कर सके पर वह कानून जानता था इस कारण करनुन के हिसाब से उनकी मदद करवाता था ।

अपने पिता के कहने पर राजेश ने सोचा की नोकरी तो लगनी होगी इस कारण उसने अपने पिता से कहा की पिताजी मै नोकरी करने के ‌‌‌के लिए तैया हूं । आप मुझे नोकरी लगाने के बारे मे सोचे । तब राजेश से उसके पिता ने कहा की तुम तो बहुत पढे लिखे हो इस कारण तुम्हे अच्छी नोकरी मिल जाएगी ।

इतना कह कर राजेश के पिता वहा से चले गए । राजेश के पिता शहर काम करने के लिए जाया करते थे और शहर मे उनकी जानकारी भी बहुत थी । तब उन्होने ‌‌‌सोचा की क्यो न मे अपने बेटे को इसी शहर मे काम दिला दु । यह सोचकर राजेश के पिता ने अपने सेठ से बात की और अन्य लोगो को भी कहा की मैरा बेटा बहुत पढा लिखा है और उसे नोकरी चाहिए ।

तब एक आदमी ने कहा की भाई एक आदमी है जो कह रहा था की ‌‌‌कोई ऐसा लडका है क्या की जो पढा लिखा हो । मै उससे पुछता हूं ‌‌‌फिर कल तुम्हे बता दुगा की वह तुम्हारे बेटे को नोकरी पर रख लेगा क्या ।

जब अगले दिन राजेश के पिता उस आदमी के पास गया तो उस आदमी ने कहा की वह तम्हारे बेटे को नोकरी तो लगा लेगा पर हिसाब किताब का काम है इस कारण वह सही तरह से तो काम करेगा क्या । तब राजेश के पिता ने कहा की आप उसे यह कह दे ‌‌‌की वह कभी भी आपको शिकायत का मोका नही देगा ।

तब उस आदमी ने काहा की कल तुम उस जगह एक दुकान मिलेगी जो सेठ की है और वहां तुम्हारे बेटे को काम मिल जाएगा । अगले दिन जब राजेश का पिता ‌‌‌अपने बेटे को उस दुकान मे ले गया तो उस सेठ ने काहा की भाई मै इसे नोकरी पर तो रख लुगा पर अगर इसने हिसाब उचा निचा किया तो ‌‌‌इसे फिर नही छोडूगा ।

तब राजेश के पिता ने कहा की हां सेठजी ठिक है यह आपका विश्वास कभी भी नही तोडेगा । यह कहने के कारण राजेश को उस सेठ ने नोकरी पर रख लिया था । इस तरह से राजेश को नोकरी मिल गई और वह ‌‌‌वहां ‌‌‌जाता और काम कर कर अपने घर वापस चला जाता था ।

पानी पानी होने का क्या अर्थ है? - paanee paanee hone ka kya arth hai?

इसी तरह उसने एक वर्ष तक उस दुकान मे काम किया ‌‌‌जिससे उस सेठ को विश्वास हो गया की यह लडका अच्छा है और कभी भी हिसाब मे उच निच नही करेगा । इस कारण उसने उस दुकान को कभी कभी उसके हवाले ही छोडकर चला जाया करता था । एक दिन सेठ दुकान मे नही था वह किसी काम से दुसरे शहर गया था ।

तब राजेश को कुछ रुपयो की जरुरत पडी तब राजेश ने सोचा की सेठ की ‌‌‌दुकान मे से ही ले लेता हूं और जब सेठ आएगा तक उसे बता दुगा । ऐसा सोचकर वह उस दुकान से कुछ रुपय ले कर ‌‌‌राजेश वहा से चला गया और जब अगले दिन सेठ आया तो सेठ ने उससे कुछ नही पुछा इस कारण राजेश ने भी सोचा की सेठ को तो कुछ भी नही पता है ।

इस कारण उसने सेठ से कुछ भी नही कहा । इस तरह से राजेश को लगने लगा की अगर ‌‌‌मै सेठ की दुकान मे से पैसे लेकर हिसाब उचा निचा कर दुगा तो सेठ को कुछ पता नही चलेगा । यह सोचकर वह ऐसा ही करने लगा था । सेठ की दुकान से पैसे लेते उसे बहुत दिन हो गए थे पर सेठ को भनक भी नही हुई ।

एक दिन सेठ उस दुकान से कही गया था और कह कर गया की मै श्याम तक वापस आ जाउगा । राजेश तो पहले ‌‌‌की तरह ही उस दुकान से पैसे लेकर वहा से चला गया । जब सेठ वहा पर वापस आया तो उसने सोचा की आज हिसाब देखते है ।

तब उसने हिसाब देखा तो उसे लगा की इसमे कुछ न कुछ गलत है क्योकी समान ज्यादा का बिक गया है और पैसे कम आए है । तब उसे शक हो गया की जरुर राजेश पैसे लेकर जाता है और दुकान मे घोटाला ‌‌‌करता है । यह सोचकर उसने दुकान मे एक ‌‌‌केमरा लगा दिया जिसके बारे मे किसी को भी कुछ नही पता था ।

जब अगले दिन राजेश आया तो सेठ ने सोचा की इसे पकडने के लिए मुझे यहां से जाना होगा और यह सोचकर वह वहां से चला गया और पास की दुकान मे छुपकर बैठ गया था । जब राजेश ने पैसे चुराए तो सेठ को पता चल गया ‌‌‌और जब राजेश दुकान से घर जाने लगा तभी सेठ वहां पर आ गया और सेठ ने कहां की राजेश तुमने इस दुकान से बहुत पैसे चुराए है ।

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यह सुनकर राजेश पानी पानी हो गया पर उसने इस बात से इनकार कर दिया । तब सेठ ने उसकी जेब से पैसे निकाले तो उसने कहां की यह तो मै घर से लाया हूं । तब सेठ ने उस केमरे से जो विडियो ‌‌‌बना था वह दिखाया तो राजेश पानी पानी हो गया और अपनी गलती की माफी मागने लगा । पर सेठ ने उसकी एक भी नही सुनी और उसे जेल मे डलवा दिया ।

जब इस बारे मे गाव के लोगो को पता चला तो उनकी नजरो मे राजेश के पिता की इज्जत घट गई । अब राजेश के पिता को जब लोग पुछते की तुम्हारे बेटे ने ऐसा क्यो किया । ‌‌‌तब राजेश के पिता भी शर्म से पानी पानी हो जाया करते थे । और जब भी घर से जाते निचा सर करकर जाते थे । इस तरह से पानी पानी होना मुहावरे का सही अर्थ इस काहनी से समझ गए होगे ।