नियोजन” का अर्थ किसी कार्य को करने के लिए पहले से सोची गई युक्ति या विधि से होता है । अतः आर्थिक नियोजन से तात्पर्य देश की आर्थिक उन्नति के लिए पहले से सोची एवं निश्चित य्की गर्ड युक्ति या विधि से होता है ॥ प्रत्येक देश अधिकतम सामाजिक लाभ तथा भविष्य में अधिक उत्पादन प्राप्त करने के लिए अपने स्रीमित साधनों एवं शक्तियों का निश्चित योजना के अनुसार उपयोग करता है एवं वर्तमान साधनों को अधिक विकसित करने का भी प्रयत्न करता है। इस प्रकार प्रो. एल. रोबिन्स के मतानुसार, “सही शाब्दों में सम्पूर्ण आर्थिक जीवन में नियोजन की आवश्यकता होती है योजना तैयार करना किसी उद्देश्य से कार्य करना है और चुनाव ही आर्थिक क्रियाओं का सार है Show आर्थिक नियोजन की परिभाषाएँ-विभिन्न अर्थशास्त्रियों ने आर्थिक नियोजन की भिन्न-भिन्न परिभाषाएँ दी हैं-
सरल परिभाषा– आर्थिक नियोजन वह संगठित आर्थिक प्रयास है, जिसमें एक निश्चित अवधि में पूर्व निर्धारित एवं सुपरिभाषित सामाजिक आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आर्थिक साधनों का विवेकपूर्ण ढंग से समन्वय एवं नियन्त्रण किया जाता है। इस प्रकार आर्थिक नियोजन
यह साधनों के अधिकतम ब श्रेष्ठतम उपयोग करने का तरीका है, ताकि सामाजिक उद्देश्यों की प्राप्ति हो सके । Advertisement नियोजन की विशेषताएँ या लक्षण-आर्थिक नियोजन की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
आर्थिक नियोजन के उद्देश्य-प्रत्येक देश में योजना के उद्देश्य भिन्न-भिन्न होते हैं। वे वहाँ की परिस्थिति, प्राकृतिक साधनों की उपलब्ध मात्रा तथा आर्थिक स्थिति पर निर्भर करते हैं। आर्थिक योजना के प्रमुख उद्देश्यों को तीन प्रमुख भागों में बाँट सकते हैं- आर्थिक उद्देश्य-आर्थिक नियोजन के आर्थिक निम्नलिखित हैं-
सामाजिक उद्देश्य-सामाजिक नियोजन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
राजनैतिक उद्देश्य-राजनैतिक नियोजन के उद्देश्य निम्नलिखित हैं-
आर्थिक नियोजन के लाभ तथा महत्व-आर्थिक नियोजन आर्थिक क्रियाओं को संचालित करने की एक श्रेष्ठ प्रणाली है। सभी देश में इसका अत्यधिक महत्व रहता है। इससे कई लाभ होते हैं, जो कि इस प्रकार है –
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