Here is the Complete Guide of AP and Telangana 10th Hindi 1st Lesson बरसते बदल for Free Download. Baraste Badal Questions and Answers given in Textbook are mentioned below. Show
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TS / AP 10th Hindi 1st Lesson बरसते बदल Questions and Answersउन्मुखीकरणक्या गाती हो, किसे बुलाती, प्रश्नोत्तरఏమి పాడుతున్నావు, ఎవరిని పిలుస్తున్నావు , 1. मीठे गीत कौन गाती है ? ( మధురమైన పాటని ఎవరు పాడుతున్నారు ? ) उद्देश्यप्रकृति के प्रति काव्य रचनाओं के प्रोत्साहन के साथ-साथ सौंदर्यबोध कराना, मनोरंजनकी भावना जगाना और प्रकृति संरक्षण के लिए प्रेरित करना इसका उददेश्य है। विधा विशेष‘बरसते बादल’ कविता पाठ है। कविता भावनाओं को उदात्त बनाने के साथ-साथ सौंदर्यबोध को भी सजाती-संवारती है। प्रस्तुत कविता नाद (ध्वनि) के साथ गेय योग्य है। इसमें अनुप्रास का सुंदर प्रयोग है। विषय प्रवेशवर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है| वर्षा के समय प्रकृति की सुंदरता देखने लायक होती हैं| पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, मनुष्य और यहाँ तक कि धरती भी खुशी से झूम उठती है| इसी सौंदर्य का वर्णन यहाँ प्रस्तुत किया गया है| कवि परिचयप्रकृति के बेजोड़ कवि माने जाने वाले सुमित्रानंदन पंत का जन्म 20 मई सन् 1900 में अल्मोड़ा जिले,उत्तराखंड के कौसानी गाँव में हुआ| इन्हें 1960 में ‘कला और बूढ़ा चाँद’ केलिए ‘साहित्य अकादमी’, 1961 में हिंदी साहित्य सेवा केलिए ‘पद्मभूषण’, 1965 में ‘लोकायतन’ पर ‘सोवियत लैंड नेहरु पुरस्कार’, 1968 में ‘चिदंबरा’ केलिए ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ दिया गया| इनकी प्रमुख रचनाएँ – वीणा, पल्लव, ग्रंथि, गुंजन, युगांत, ग्राम्या, स्वर्णकिरण, कला और बूढ़ा चाँद, तथा चिदंबरा आदि। इनका निधन 28 दिसंबर, सन् 1977 को इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में हुआ | शब्दार्थ – Meaningsझम-झम,मेघ,बरसना,सावन,छम–छम, रिमझिम,कहना,बूँद,स्वर,रोम,सिहर उठना,भीतर,अंतर, भाषा की बातपर्यायवाची शब्द* तरु,* गगन,* घन,* बिजली, दिन,तम,मोर, तत्सम रूप & तत्भव रूपसावन,सपना,सूरज वचन बदलनाधरती,मेघ,सपना,तरु,झिल्ली,बूँद,झूला ,धारा विलोम शब्दगिरना,दिन ,जागना,सुख,उठना,भीतर,जीवन,धरती समासचातक गण,सोन बालक, आर्द – सुख, तृण – तृण बरसते बदल Textbook Questions and Answersप्रश्न 1. मीटे गीत कौन गाती है? प्रश्न 2. प्यासी धरती पानी किससे माँगती है? प्रश्न 3. बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं। कैसे? ——————————– Page-2 ——————— प्रश्न 1. मेघ, बिजली और बूंदों का वर्णन यहाँ कैसे किया गया है? प्रश्न 2. प्रकृति की कौन – कौनसी चीजें मन को छू लेती हैं? प्रश्न 3. तृण – तृण की प्रसन्नता का क्या भाव है? अर्थग्राह्यता-प्रतिक्रियाअ) प्रश्नों के उत्तर दीजिए।प्रश्न 1. धरती की शोभा का प्रमुख कारण वर्षा है। इस पर अपने विचार बताइए। प्रश्न 2. घने बादलों का वर्णन अपने शब्दों में कीजिए। आ) वाक्य उचित क्रम में लिखिए।प्रश्न 1. हैं झम – झम बरसते झम – झम मेघ के सावन। प्रश्न 2. गगन में गर्जन घुमड़ – घुमड़ गिर भरते मेघा प्रश्न 3. धरती पर झरती धाराएँ पर धाराओं। इ) नीचे दिये गये भाव की पंक्तियाँ लिखिए।प्रश्न 1. बादलों के घोर अंधकार के बीच बिजली चमक रही है और मन दिन में ही सपने देखने लगा है। . प्रश्न 2. मिट्टी के कण – कण से कोमल अंकुर फूट रहे हैं। प्रश्न 3. कवि चाहता है कि जीवन में सावन बार – बार आयें और सब मिलकर झूलों में झूलें। ई) पद्यांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर दीजिए।बादल और बूंदें, बंद किये हैं बादल ने 1. इसने अंबर के दरवाज़े बंद कर दिये हैं – 2. पंख किसने पसारे हैं? 3. पद्यांश में आया युग्म शब्द है – 4. धरती के लोग किस ओर निहार रहे हैं? 5. इस कविता का विषय है – अभिव्यक्ति – सृजनात्मकताअ) इन प्रश्नों के उत्तर तीन – चार पंक्तियों में लिखिए।प्रश्न 1. वर्षा सभी प्राणियों के लिए जीवन का आधार है। कैसे? प्रश्न 2. वर्षा ऋतु के प्राकृतिक सौंदर्य पर अपने विचार लिखिए। आ) ‘बरसते बादल’ कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण है। उसे अपने शब्दों में लिखिए।(या) ‘बरसते बादल कविता के आधार पर प्रकृति का वर्णन कीजिए। “बरसते बादल” कविता में पंतजी ने वर्षा ऋतु का सुंदर और सजीव चित्रण किया है। पंतजी कहते हैं कि वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है। उसमें भी सावन का महीना अधिक सुंदर और मनभावन होता है। सावन की वर्षा सबका मन मोहती है। सावन के मेघ झम – झम बरसते हैं। वर्षा की बूंदें पेडों से छनकर छम – छम आवाज़ करती धरती पर गिरती हैं। मेघों के हृदय में बिजली चम – चम चमकती है। दिन में भी वर्षा के कारण अंधेरा छा जाता है। लोगों के दिलों में सपने जगने लगते हैं। वर्षा के बरसने पर दादुर टर – टर आवाज़ करते हैं। झींगुर झींझी आवाज़ देते हैं। मोर म्यव – म्यव करते नाचते हैं। पपीहे पीउ – पीउ करके कूकते हैं। सोनबालक पक्षी गीली – खुशी से आह्वान करते हैं। आसमान पर बादल घुमडते गरजते हैं। .. रिमझिम बरसनेयाली बूंदों के स्वर हम से कुछ कहते हैं। अर्थात् मन खुश करते हैं। उनके छूते ही शरीर के रोम सिहर उठते हैं। धरती पर जल की धाराएँ झरती हैं। इससे मिट्टी के कण – कण में कोमल अंकुर फूट पडते हैं। अर्थात् मिट्टी का हर कण अतिप्रसन्न लगता है। वर्षा की धाराओं के साथ कवि का मन झूलने लगता है। वे लोगों को आमंत्रित करते हैं कि आप सब आइए मुझे घेरकर सावन के गीत गाइए। हम सब लोग इंद्रधनुष के झूले में झूलने का आनंद लें। यह कामना करें कि मनभावन सावन हमारे जीवन में बार – बार आये। विशेषता : इस कविता में प्रकृति का सुंदर चित्रण अंकित किया है। इस कविता से संवेदनशीलता का विकास होता है। इ) प्रकृति सौंदर्य पर एक छोटी-सी कविता लिखिए।उत्तर: ई) ‘फिर – फिर आये जीवन में सावन मनभावन’ ऐसा क्यों कहा गया होगा? स्पष्ट कीजिए।उत्तर: भाषा की बातअ) कोष्ठक में दी गयी सूचना पढ़िए और उसके अनुसार कीजिए।1. तरु, गगन, घन (प्रत्येक शब्द का वाक्य प्रयोग करते हुए पर्याय शब्द लिखिए।) पर्याय शब्द 2. साक्न, सपना, सूरज (एक-एक शब्द का तत्सम रूप लिखिए।) 3. गण, वारि, चंद्र (एक-एक शब्द का तद्भव रूप लिखिए।) 4. चम – चम, तृण – तृण, फिर – फिर (पुनरुक्ति शब्दों से वाक्य प्रयोग कीजिए।) आ) इन्हें समझिए और सूचना के अनुसार कीजिए।1. धाराओं पर धाराएँ झरती धरती पर। (अंतर स्पष्ट कीजिए।) (अंतर स्पष्ट कीजिए।) (रेखांकित शब्द का पद परिचय दीजिए।) मनभावन झम-झम-झम-झम मेघ बरसते हैं सावन के, अलंकार शब्द का अर्थ है – आभूषण। किसी बात को साधारण ढंग से न कहकर चमत्कार व सौंदर्यपूर्ण ढंग से कहना ही अलंकार है। इस कविता में अनुप्रास अलंकार का सुंदर प्रयोग हुआ है। जब वाक्य में कोई अक्षर या शब्द बार – बार प्रयोग होता है तो वहाँ वाक्य का ध्वन्यात्मक सौंदर्य बढ़ जाता है। इस प्रकार का काव्य – सौंदर्य अनुप्रास अलंकार कहलाता है। परियोजना कार्य वर्षा, बादल, नदी, सागर, सूरज, चाँद, झरने आदि में किसी एक विषय पर प्रकृति वर्णन से जुड़ी कविता का संग्रह कीजिए। कक्षा में उसका प्रदर्शन कीजिए। तृण तृण की प्रसन्नता का भाव क्या है?तृण - तृण की प्रसन्नता का क्या भाव है ? ज : तृण - तृण की प्रसन्नता का भाव यह है कि धाराओं पर धाराएँ बरसती वर्षा के कारण मिट्टी के कण-कण से कोमल अंकुर फूट रहे हैं । अर्थात् वर्षा की धाराओं को देखकर तृण - तृण में प्रसन्नता भर जाती है ।
बरसते बादल पाठ का सारांश दस वाक्यों में लिखिए?“बरसते बादल” कविता में पंतजी ने वर्षा ऋतु का सुंदर और सजीव चित्रण किया है। पंतजी कहते हैं कि वर्षा ऋतु हमेशा से सबकी प्रिय ऋतु रही है। उसमें भी सावन का महीना अधिक सुंदर और मनभावन होता है। सावन की वर्षा सबका मन मोहती है।
3 बादल प्रकृति की शोभा बढ़ाते हैं कैसे?ये बरसकर हमें पानी देते हैं। धरती पर स्थित सारी प्रकृति को जीवन दान मिलता है। हर जगह हरियाली छा जाती है। सब पानी के स्रोत भरकर सुंदर लगते हैं।
बादलों के आगमन से धरती और सभी प्राणी झूम उठते हैं क्यों?इस कविता में बादलों के आगमन से पृथ्वी के गर्भ में सोए हुए अंकुर अंकुरित होते हैं। वे अपने मन में नवजीवन का संचार कर अनेक आशाओं के साथ बादलों की ओर देख रहे हैं। बादलों की घनघोर गर्जना से संपूर्ण संसार भयभीत हो उठता है। उन्नति के शिखर पर पहुंचे सैकड़ों वीर पृथ्वी पर सो जाते हैं।
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