Free UPSC Civil Service Prelims General Studies Mock Test 100 Questions 200 Marks 120 Mins Last updated on Sep 21, 2022 The Uttar Pradesh Public Service Commission (UPPSC) is going to release a new notification for UPPSC PCS 2023 cycle. Recently, UPPCS Prelims Scorecard for the 2022 cycle has been released that was conducted on 12th June 2022. Candidates who had a Graduation degree appeared for the examination. The candidates selected under the UPPSC recruitment will get UPPSC PCS Salary range between Rs. 9300 to Rs. 39100. Free Bihar Police ASI Paper II 2020: Full Mock Test 100 Questions 200 Marks 120 Mins Latest Bihar Police ASI Steno Updates Last updated on Dec 2, 2022 The Bihar Police Subordinate Selection Commission (BPSSC) released the marksheet for the Bihar Police ASI Stenographer for the 2020 recruitment cycle on 21st December 2022. This is in with reference to advt no 01/2020. The direct link to download the marksheet will be available on the official website and the link will remain active from 21st December 2022 to 4th January 2023. The DV (Document Verification) was held on 10th March 2022 at Bihar Police Headquarters, Patna. The candidates who are selected finally will get the Bihar Police ASI Steno Salary range between Rs. 36,300 to Rs. 64,600. होम /न्यूज /मध्य प्रदेश /एशिया की सबसे बड़ी तांबा खानें बनीं आदिवासियों के लिए खतरा एशिया की सबसे बड़ी तांबा खानें बनीं आदिवासियों के लिए खतराएशिया की सबसे बड़ी तांबे की खान वहां के स्थानीय लोगों व आदिवासियों के लिए खतरा बन चुकी हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि राजधानी भोपाल से करीब 370 किलोमीटर दूर स्थित बालाघाट जिले के मलाजखंड इलाके के लोग सिकुड़ती हुई खेती और खनन गतिविधि के कारण क्षरण से जूझ रहे हैं। अब सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) अपना उत्पादन करीब दोगुणा करते हुए 50 लाख टन वार्षिक उत्पादन करने पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में यहां से 20 लाख टन वार्षिक खनन हो रहा है और खनन बढ़ाने के लिए उसे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनिवार्य अनापत्ति मिल चुकी है। एशिया की सबसे बड़ी तांबे की खान वहां के स्थानीय लोगों व आदिवासियों के लिए खतरा बन चुकी हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि ...अधिक पढ़ें
एशिया की सबसे बड़ी तांबे की खान वहां के स्थानीय लोगों व आदिवासियों के लिए खतरा बन चुकी हैं। पर्यावरणविदों का कहना है कि राजधानी भोपाल से करीब 370 किलोमीटर दूर स्थित बालाघाट जिले के मलाजखंड इलाके के लोग सिकुड़ती हुई खेती और खनन गतिविधि के कारण क्षरण से जूझ रहे हैं। अब सरकारी स्वामित्व वाली हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड (एचसीएल) अपना उत्पादन करीब दोगुणा करते हुए 50 लाख टन वार्षिक उत्पादन करने पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में यहां से 20 लाख टन वार्षिक खनन हो रहा है और खनन बढ़ाने के लिए उसे वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनिवार्य अनापत्ति मिल चुकी है। पर्यावरणविदों को डर है कि इससे वनों का विनाश बढ़ेगा और आसपास के पर्यावरण पर बुरा असर पड़ेगा। मलाजखंड क्षेत्र कान्हा राष्ट्रीय पार्क से महज 20 किलोमीटर दूर स्थित है और यहां देश का 70 प्रतिशत तांबे का भंडार है। एचसीएल के संपूर्ण उत्पादन का 80 प्रतिशत यहीं की खानों से होता है। भिलाई प्रौद्योगिकी संस्थान के पर्यावरणीय विज्ञान एवं अभियंत्रण केंद्र ने उल्लेख किया है कि क्षेत्र में अयस्क शोधन संयंत्र से पर्यावरण को गंभीर क्षति पहुंच रही है और इससे मनुष्य एवं पशु दोनों के स्वास्थ्य को नुकसान हो रहा है। केंद्र के वैज्ञानिकों ने उल्लेख किया कि संयंत्र के सिरा बांध से दूषित जल का रिसाव होता है, जिसमें कई खतरनाक भारी धातु घुले होते हैं। इन खतरनाक धातुओं में निकेल, जस्ता और सीसा होते हैं, जो मिट्टी में समाकर जल को दूषित करते हैं और विभिन्न तरह की बीमारियों का कारण बनते हैं। आपके शहर से (भोपाल)भोपाल
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