पंजाब को जीतने के बाद मोहम्मद गौरी की राज्य की सीमाएं दिल्ली और अजमेर के शासक Prithvi Raj Chauhan तृतीय की राज्य की सीमाओं से मिलने लगी 1189 ईसवी में मोहम्मद गोरी ने ताबरहिंद (भटिंडा )में दुर्ग पर अधिकार कर लिया और मलिक जियाउद्दीन तुलकी को वहां नियुक्त किया पृथ्वीराज चौहान तृतीय (राय पिथौरा) ने अपने लिए (मोहम्मद गोरी का) खतरा महसूस किया उसने मोहम्मद गौरी को आगे बढ़ने से रोकने का निश्चय किया एक विशाल सेना के साथ वह भटिंडा को जीतने के लिए आगे बढ़ा इस अभियान में सभी राजपूत राजाओं ने उसकी सहायता की Show नोट- जय चंद जो Kannauj के राठौर वंश का राजा था उसने इस युद्ध से अपने को अलग रखा क्योंकि पृथ्वीराज चौहान( राय पिथौरा )ने उसकी लड़की का अपहरण कर उसका अपमान किया था तराईन का द्वितीय युद्ध 1192तराइन के द्वितीय युद्ध के बाद ही भारत में मुस्लिम शासन (Muslim rule) की स्थापना हुई थी 1 वर्ष की तैयारी के बाद मोहम्मद गोरी ने विशाल सेना के साथ भारत की ओर प्रस्थान किया और 1192 ईस्वी में तराइन पहुंचा और उसी स्थान पर अपना शिविर लगाया जा 1 वर्ष पूर्व उसकी पराजय हुई थी उसकी सेना में गजनी के चार प्रसिद्ध सेनानी- जो अनुभवी और दक्ष थे इसके अतिरिक्त ताजुद्दीन,यल्दौज और ऐबक भी उसके साथ था पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु के बारे में विभिन्न मत पृथ्वीराज चौहान के कुछ सिक्कों पर उल्टी और श्री मोहम्मद साम लिखा पाया गया जिससे प्रमाणित होता है कि पृथ्वीराज चौहान तृतीय ने मोहम्मद गौरी की अधीनता स्वीकार कर ली थी अजमेर के तुर्क सत्ता को उखाड़ने का एक प्रयास मेढ़ राजपूतों ने भी किया था लेकिन कुतुबुद्दीन ऐबक ने इन के विद्रोह को दबा दिया तराइन के दूसरे युद्ध से पहले मोहम्मद गोरी ने “क्विम- उल-मुल्क” नामक दूध को Prithvi Raj Chauhan के पास अपनी अधीनता स्वीकार करने के लिए भेजा था तराइन के युद्ध में मोहम्मद गौरी की विजय और पृथ्वीराज चौहान तृतीय के हार के कारण?
तराइन के द्वितीय युद्ध के परिणामयह युद्ध भारतीय इतिहास का एक Turning point था जिसके परिणाम स्वरुप भारत में मुस्लिम सत्ता की स्थापना हुई और हिंदू सत्ता का अंत हुआ तराइन के प्रथम युद्ध में किसकी जीत हुई?पृथ्वीराज चौहान की सेना ने 1191 में तराइन का प्रथम युद्ध में घुरिदों को हराया था।
तराइन का द्वितीय युद्ध में कौन जीता था?तराइन का द्वितीय युद्ध 1192 ईस्वी में पृथ्वीराज तृतीय (पृथ्वीराज चौहान) व मोहम्मद गौरी के मध्य हुआ था, जिसमें पृथ्वीराज की पराजय हुई थी I.
तराइन का तृतीय युद्ध कौन जीता?तराइन का तृतीय युद्ध , जनवरी 1216 में , दिल्ली के गुलाम वंश के सुल्तान अल तुतमश ( इलतुतमिश ) और ग़ज़नी के सुल्तान ताज अल दिन यिलदीज़ के बीच लड़ा गया जिसमें अल तुतमश ( इलतुतमिश ) विजयी रहा।
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