ठंड लगने से कौन सा बुखार होता है? - thand lagane se kaun sa bukhaar hota hai?

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

  • होम
  • वीडियो
  • सर्च
  • वेब स्टोरीज
  • ई-पेपर

  • Hindi News
  • ‘ठंड लगने तेज बुखार पर तुरंत करवाएं इलाज’

‘ठंड लगने तेज बुखार पर तुरंत करवाएं इलाज’

अगरआपको तेज बुखार के साथ ठंड भी लग रही है तो आप तुरंत डॉक्टर से इलाज करवाएं, नहीं तो आप मलेरिया के शिकार हो सकते हो। यह कहना था स्वास्थ्य विभाग के डाॅक्टरों का, जिन्होंने शुक्रवार को लोगों को मलेरिया की जानकारी देने के लिए जागरूकता कैंप लगाया। यहां सेक्टर-6 के डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग सेंटर में स्वास्थ्य विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर ने मलेरिया जैसी खतरनाक बीमारियों से बचने के उपाय बताए एवं कार्यक्रम में मौजूद सभी हेल्थ वर्कर्स को मलेरिया से निपटने के लिए किए जाने वाले कार्यों के बारे में बताया। डिस्ट्रिक्ट मलेरिया ऑफिसर डॉ. अनिल ऐलावादी ने बताया कि मलेरिया और डेंगू से बचने के लिए जिले भर में एंटी लारवा स्प्रे खड़े पानी की चेकिंग के लिए 12 टीमें लगाई गई हैं। मलेरिया की रोकथाम से स्वास्थ्य विभाग की ओर से रोकथाम के लिए प्रयास जारी है लेकिन लोगों में जागरूकता होना भी जरूरी हैं। जिले के हेल्थ इंस्पेक्टर गुरमीत सिंह, जसवीर सिंह, देवेंद्र सिंह सहित कई कर्मचारी शामिल रहे। मलेरिया के मच्छर साफ नालियों में एवं खड़े पानी में पनपते हैं। गांवों एवं शहरों के गड्ढ़ों के जमे पानी में मलेरिया का मच्छर मादा एनोफिलिज का लारवा बनता है तथा विकसित होने के बाद वह मच्छर बन जाता है। कूलर, टायरों, पानी के ड्रम,आदि में मलेरिया के मच्छरों के पनपने की संभावना ज्यादा होती है। किसी भी जगह पर हफ्ते भर से ज्यादा पानी के जमे होने के बाद ही उसमें मच्छर अपना लारवा देते हैं।

क्या हैं लक्षण

बायोलॉजिस्टअनीता वासुदेवा ने बताया कि ठंड के साथ तेज बुखार आना मलेरिया का मुख्य लक्षण है। सिर दर्द होना, बुखार के दौरान उल्टी आना , पेट में दर्द होना, कम भूख लगना, मांसपेशियों में दर्द होना आदि मलेरिया के लक्षण हैं।

कैसेकरें बचाव

मलेरियासे बचने के लिए मलेरिया से बचने के लिए शाम के समय लॉन्ग स्लीव शर्ट, ट्राउजर, जुराब एवं जूते पहने। कमरंे में मच्छर से बचने के लिए घरों के बर्तनों, बाल्टी, कूलर आदि में कई दिनों का जमा पानी रखें। घर के आसपास बने गड्ढ़े में पानी का जमावड़ा नहीं होने देना चाहिए। बायोलॉजिस्ट वासुदेवा ने बताया कि मलेरिया से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हंै। स्लम एरिया में मलेरिया के रोकथाम के लिए विशेष तौर हेल्थ कैंप आयोजित किया जा रहा है। मलेरिया संबंधी सारी जानकारी लोगों को दी जाती है।

मौसम बदलाव और सर्दी के मौसम में जुकाम-बुखार आम बात है. लेकिन, कई बार शरीर में किसी और दिक्कत की वजह से भी बुखार हो जाती है तो आप इस तरह से समझ सकते हैं कि आखिर बुखार चिंताजनक है या नहीं.

बुखार की वजह से असहज होना, भूख ना लगना, कंपकपी, थकान जैसे भी लक्षण आते हैं.

सर्दी के मौसम में ठंड या हल्की लापरवाही से जुकाम-बुखार होना आम बात है. लेकिन, कई बार होता है कि बुखार लंबे समय तक बना रहता है, जो आगे के लिए मुश्किल बन जाती है. साधारण तौर पर शरीर के तापमान में बढोतरी होने को बुखार कहा जाता है. सामान्य तौर पर यह लक्षण ठंड के मौसम में दिखाई देते है, लेकिन कई बार सामान्य बुखार के अलावा कोरोना, डेंगू की वजह से भी बुखार आ जाता है. इसके अलावा कई और भी परिस्थितियां होती हैं, जिसमें बुखार होना गलत संकेत देती है.

ऐसे में जानते हैं कि किस तरह से पता लगाया जाए कि किसी व्यक्ति को सामान्य बुखार है या फिर उस बुखार के लिए चिंता करने की आवश्यकता है. क्योंकि कई बार अन्य बीमारियों की वजह से भी बुखार हो जाता है, जो बाद में दिक्कत का कारण बनता है.

दरअसल, होता क्या है कि जब इंफेक्शन निर्माण करने वाले पैथोजेन शरीर में प्रवेश करता है तो ऐसी स्थिति में बायोकेमिकल रिएक्शन होकर पैथोजेन और मानवी रोगप्रतिकारक शक्ति शरीर में कुछ रसायनों का निर्माण करता है, जिसे पायरोजेन्स कहा जाता है. इस प्रक्रिया का अपने हाईपोथैलमस (मस्तिष्क का एक भाग) पर असर पड़ता है. यह भाग शरीर के तापमान को नियंत्रित करता है और उस वजह से बुखार हो जाता है. बुखार यह एक ऐसा लक्षण है जिस से यह पता चलता है की शरीर पैथोजेन से लड़ने की कोशिश कर रहा है. इसलिए जब भी लंबे समय तक बुखार हो तो डॉक्टर से संपर्क कर मौसमी या कोरोना जैसी बीमारियों की जांच करवानी चाहिए.

किन बीमारियों में आता है बुखार?

केएमसी हॉस्पिटल के इंटर्नल मेडिसिन कंसल्टेंट डॉक्टर हारून एच के अनुसार, अगर बुखार की बात करें तो कई बीमारियों का लक्षण बुखार ही है, इसलिए इसका ध्यान रखना आवश्यक है. बुखार डेंगू, मलेरिया, किसी भी अंग का इन्फेक्शन, फेफड़ों में इन्फेक्शन, यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन्स, टॉन्सिलाईटिस/साईनसाईटिस, गैस्ट्रो एन्ट्राईटिस, मस्तिष्क में इन्फेक्शन- मैनेंजाईटिस, पुरानी बिमारियां,आरथ्राईटिस, सिस्टमैटिक ल्युपस एरिथेमेटस, कैंसर, लू लगने की वजह से भी बुखार आ सकता है, इसलिए उसका खास ख्याल रखना चाहिए.

किन लोगों को बुखार होना ज्यादा खतरनाक?

डॉक्टर हारून एच का कहना है, ‘वैसे अगर स्वस्थ्य व्यक्ति को बुखार होता है तो उन्हें डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, लेकिन उनके लिए चिंताजनक स्थिति कम केस में ही होती है. ऐसे में नवजात बालक, वरिष्ठ नागरिक, डाइबीटिज, दिल की बिमारी के मरीज, सांस की तकलीफ वाले मरीज, कैंसर के मरीज, कीमोथेरपी ले रहे मरीज, डाइलिसिस का इलाज ले रहे मरीज, अंग बदलने के बाद उपचार ले रहे मरीज, स्टेरॉईड्स जैसे इम्युनोसप्रेसंट दवाईयां ले रहे मरीज को बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.’

क्या करें?

बुखार होने पर डॉक्टर के पास जाने के बाद उनकी सलाह के अनुसार उन्होंने दी हुई दवाइयों का प्रयोग करें. अगर लक्षण जारी रहते है या स्थिति अधिक खराब होती है या अगर कोई नया लक्षण सामने आता है तो फिर से डॉक्टर से संपर्क करें. अगर नए लक्षण सामने आते है जैसे रैशेस, सांस लेने में तकलीफ, उल्टी, खाने की इच्छा ना होना, दिल की धड़कने बढ़ना आदी हो तो मरीज को तुरंत अस्पताल में भर्ती करें.

आप बुखार पर उपचार लेते समय सुयोग्य मात्रा में द्रव पदार्थों का सेवन डॉक्टर की सलाह से करें और वजन में हल्के सूती वस्त्र परिधान करें. हवा से भरपूर कमरें में रहे तथा डॉक्टर की सलाह के अनुसार सेहतमंद खाना खाएं. आजकल की स्थिति में मास्क पहनना, हाथ धोना, हाथों को सैनिटाइज करना उनकी सुरक्षा के लिए भी जरूरी है.

ये भी पढ़ें- अंडे का पीले वाला पार्ट लोग क्यों नहीं खाते हैं, जानिए उसमें ऐसा क्या होता है?

ठंड लग के बुखार आने का क्या मतलब है?

आमतौर पर वायरल फीवर में रोगी को खांसी, जुकाम के साथ हल्का बुखार और बदन दर्द रहता है। लेकिन इस बार वायरल फीवर के नेचर में बदलाव आया है। मरीजों को ठंड देकर तेज बुखार आने और गले में दर्द की शिकायत भी है। ठंड देकर तेज बुखार मलेरिया का लक्षण है।

ज्यादा ठंड लगने से क्या होता है?

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, अगर तापमान ज्यादा नीचे गिर जाता है तो शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं. मल्टी ऑर्गन फेल्योर होने की वजह से इंसान की मौत हो सकती है. ज्यादा ठंड जिसे हाइपोथर्मिया कहते हैं, इससे जान भी जा सकती है. आपकी त्वचा पर सर्दी महसूस होती है, लेकिन दिमाग शरीर के अंदर के तापमान को गिरने से रोकता है.

ठंड लगने से कौन सी बीमारी होती है?

जिस व्यक्ति को ठंड लग जाती है उसे स्वाभाविक तौर पर कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ता है जैसे कि नाक बहना, गले में जमाव (खिचखिचाहट) और लगातार छींक आते रहना आदि को कोई भी पहचान सकता है, क्योंकि ये अक्सर होने वाली समस्याएँ हैं. लेकिन इसके बारे में कई तथ्यों को लेकर लोगों में जागरूकता की कमी भी है.

बार बार बुखार आना किसका लक्षण है?

लेकिन बार-बार बुखार होना वायरस या बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से हो सकता है या पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम के कारण ऐसा हो सकता है. यह सिंड्रोम कभी-कभी जेनेटिक डिफेक्ट की वजह से होते हैं. बार-बार बुखार आना जब पीरियोडिक फीवर सिंड्रोम से होता है तो शरीर का टेंपरेचर बढ़ सकता है.

Toplist

नवीनतम लेख

टैग