दक्षिण बिहार का प्राचीन नाम क्या है? - dakshin bihaar ka praacheen naam kya hai?

Old Name of Bihar in Hindi यानी कि आप जानना चाहते हैं कि बिहार का पुराना नाम क्या था और कैसे बिहार नाम पड़ा?  बिहार राज्य कब बना था और बंगाल, उड़ीसा व झारखंड के साथ क्या संबंध है?

दक्षिण बिहार का प्राचीन नाम क्या है? - dakshin bihaar ka praacheen naam kya hai?

पटना का पुराना नाम क्या था? इन सभी प्रश्नों का उत्तर आपको लेकर अंत तक मिलेगा, कृपया लेख को अंत तक ज़रूर पढ़ें।  

प्राचीन इतिहास में बिहार को मगध नाम से जाना जाता था।  मगध की राजधानी पाटलिपुत्र हुआ करता था, जिसे आज के समय पटना के नाम से जानते हैं।  कुछ ही लोगों को पता होगा कि प्राचीन में मगध की राजधानी राज-गृह (राजगीर) थी, बाद में मगध की राजधानी पाटलिपुत्र बना था।  

पटना का पुराना नाम क्या है? 

Patna काफी पुराना नाम पाटलिग्राम था, जो राजा पत्रक का राजधानी हुआ करता था। 490 ईसा पूर्व में हर्यक वंश के राजा ने पाटलिपुत्र को पहली बार राजधानी बनाया गया था।  

जब मौर्य साम्राज्य (321-184 ईसा पूर्व) का उदय हुआ, पाटलिपुत्र पूरे भारत के लिए सत्ता का केंद्र बन गया था। मौर्य साम्राज्य अफगानिस्तान से लेकर बंगाल की खाड़ी तक फैला हुआ था।  

अशोक का काल 268 से 232 ईसा पूर्व तक रहा, इसी बीच पाटलीपुत्रा को शिलाओं की संरचना मे बदल दिया था। मौर्य, शुंगा और नंदा सम्राट अलावा शेर-शाह का भी राजधानी पाटलीपुत्रा हुआ करता था।  

यूनान के राजदूत मेगास्थनिज जो अशोक के दरबार में आए थे।  उन्होंने अपने किताब में पाटलिपुत्र को पालिबोथरा नाम दिया था। इसी तरह से चीनी यात्री फाहियान ने पालिनफ नाम दिया था।  

माना जाता है कि शेरशाह सूरी के समय में पटना सब ज्यादा प्रचलित हुआ था, कुछ लोग इसे पटनदेवी मंदिर से इस नाम को जोड़कर देखते हैं।  

शायद आपको पता यह नहीं है कि पटना का नाम कभी अजीमाबाद भी हुआ करता था। 1704 में शहर का नाम अजीमाबाद, औरंगजेब ने अपने पोते के नाम पर रखा था।  

विहार से बिहार नाम कैसे पड़ा था? 

विहार क्या है? विहार शब्द का अर्थ मठ होता है। बौद्ध धर्म में बौद्ध भिक्षुओं के रुकने की वह जगह जहां पर वह प्रार्थना कर सकें, उसे विहार कहते हैं।  

तुर्कों ने विहार को बिहार शब्द से उच्चारित किया था। कुछ समय के बाद, ज्यादातर लोग इस शब्द का उच्चारण करने लगे। इस तरह से कभी मगध कहा जाने वाला प्रदेश बिहार के रूप में प्रचलित हो गया।  

बिहार पूर्वी भारत का एक राज्य है। यह जनसंख्या के हिसाब से भारत का तीसरा सबसे बड़ा राज्य है। बिहार के इतिहास का पता महाभारत के समय से लगाया जा सकता है। 

प्राचीन काल में बिहार को मगध के नाम से जाना जाता था। मगध की राजधानी पाटलिपुत्र थी, जो उस समय दुनिया के सबसे बड़े शहरों में से एक थी।

बिहार की एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत है। राज्य कई ऐतिहासिक स्थलों और स्मारकों का घर है। नालंदा विश्वविद्यालय, जो दुनिया के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है, बिहार में स्थित है।

बिहार भारत के पहले स्थानों में से एक था जहां इंसानों का निवास था। बिहार पर मौर्य, गुप्त और पाल सहित कई राजवंशों का शासन था। इस दौरान बिहार में बौद्ध धर्म का विकास हुआ।

मध्ययुगीन काल में, बिहार पर भारत के मुस्लिम शासकों ने विजय प्राप्त की थी। मुगलों और बाद में अंग्रेजों ने बिहार पर शासन किया। ब्रिटिश शासन के दौरान बिहार में कई सामाजिक सुधार किए गए।

बिहार राज्य का उदय कब और कैसे हुआ था? 

22 अक्टूबर 1764 में, ईस्ट इंडिया कंपनी और मुगल व नवाबो के सैनिकों के बीच बक्सर में युद्ध हुआ था। जिसमें ईस्ट इंडिया कंपनी की जीत हुई थी। पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, उड़ीसा और बांग्लादेश अंग्रेजों के अधीन हो गया। इन प्रदेशों को मिलाकर ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल राज्य की स्थापना की थी। 22 मार्च 1912 में बंगाल का विभाजन के फलस्वरूप, फिर बिहार नाम का राज्य अस्तित्व में आया।  

बिहार से उड़ीसा एवं झारखंड का उदय कब हुआ था? 

उड़ीसा पहले बिहार राज्य के अंदर ही आता था। लेकिन 1935 में बिहार से उड़ीसा को अलग राज्य बना दिया गया।  

आज़ादी के बाद, फिर से बिहार का एक बार और विभाजन हुआ, सन 2000 में बिहार से झारखंड को अलग करके एक नया राज्य बना दिया गया।  

वर्तमान बिहार में सामाजिक बदलाव

बिहार में सामाजिक परिवर्तन तेजी से हो रहा है। पिछले दशक में, गरीबी में कमी आई है और शिक्षा और स्वास्थ्य देखभाल तक पहुंच में वृद्धि हुई है। महिला सशक्तिकरण और कार्यबल में उनकी भागीदारी में भी वृद्धि हुई है। ये सभी परिवर्तन समाज पर सकारात्मक प्रभाव डाल रहे हैं और अधिक समान और न्यायपूर्ण समाज बनाने में मदद कर रहे हैं।

हाल के वर्षों में, बिहार में एक उल्लेखनीय परिवर्तन आया है। राज्य ने शिक्षा, स्वास्थ्य देखभाल और बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए काफी प्रगति की है। इन सुधारों से एक अधिक समृद्ध और समतामूलक समाज का निर्माण हुआ है।

हालांकि, बिहार में अभी भी बहुत कुछ किया जाना बाकी है। आर्थिक असमानता एक प्रमुख मुद्दा बनी हुई है, जैसा कि जाति आधारित भेदभाव है। इसके अलावा, महिलाओं को समानता प्राप्त करने में महत्वपूर्ण बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है।

इन चुनौतियों के बावजूद, बिहार एक अधिक न्यायपूर्ण और समृद्ध समाज बनने की दिशा में प्रगति कर रहा है। निरंतर प्रयास और प्रतिबद्धता से राज्य आने वाले वर्षों में और भी बड़ी सफलता प्राप्त कर सकता है।

Conclusion Point 

बिहार का पुराना नाम विहार और मगध के रूप में जाना जाता था लेकिन पटना का पुराना नाम कभी पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पालिबोथरा, पालिनफ, और अजीमाबाद रहा है। 

दोस्तों, यह लेख आप बिहार और पटना के ऐतिहासिक नाम से संबंधित पढ़ा और उम्मीद करता हूं कि कि आपको बिहार और पटना का पुराना नाम अब अच्छे से पता चल गया होगा।  बिहार और इतिहास से संबंधित लेख के लिंक नीचे दिए गए, कृपया इसे एक बार ज़रुर पढ़ें। 

बिहार के दूसरा नाम क्या है?

बिहार का पुराना नाम विहार और मगध के रूप में जाना जाता था लेकिन पटना का पुराना नाम कभी पाटलिग्राम, पाटलिपुत्र, पालिबोथरा, पालिनफ, और अजीमाबाद रहा है।

बिहार के प्राचीन नाम क्या था?

बिहार का प्राचीन नाम 'विहार' था, जिसका मतलब मठ होता है। यह भारत के पूर्वी भाग में स्थित है।

दक्षिण बिहार में कौन सा जिला है?

दक्षिण बिहार भारत के बिहार राज्य कि गंगा नदी के दक्षिण में स्थित भूभाग है। इसके प्रमुख क्षेत्र है- पटना, गया, औरंगाबाद, नवादा जिला, नालंदा जिला, जहानाबाद जिला इत्यादि है।

दक्षिण बिहार में कितने जिले हैं?

इसके लिए आहर और पइनों का जीर्णोद्धार कर खेतों की सिंचाई की जाएगी। योजना दक्षिण बिहार के 17 जिलों में लागू होगी। इसके अलावा सतही सिंचाई योजना से भी लगभग दो लाख हेक्टेयर में सिंचाई व्यवस्था करने की योजना है।