दस रुपये
भारतीय १० रुपये का नोट (₹१०) भारतीय रुपये का एक सामान्य मूल्यवर्ग है। ₹१० का नोट महात्मा गाँधी श्रेणी का के सबसे पहले नोटों में से एक है, जिसे भारतीय रिज़र्व बैंक के द्वारा जारी किया गया था। यह नोट वर्तमान में चलन में है।[2] Show
औपनिवेशिक काल में जारी व प्रचलित १० रुपये का नोट का १९२३ से ही लगातार मुद्रण हो रहा है, जब भारतीय रिज़र्व बैंक ने नोटों के मुद्रण का पदभार सम्भाला।[3] नई महात्मा गाँधी श्रेणी का नोट[संपादित करें]५ जनवरी २०१८ को भारतीय रिज़र्व बैंक ने ₹१० के नये नोट की बदलावों के साथ घोषणा की।[4] आकृति[संपादित करें]भारतीय रिज़र्व बैंक ने नये महात्मा गाँधी श्रेणी के ₹१० की मुद्रा को जारी किया जिसके पश्च भाग में कोणार्क सूर्य मन्दिर है। आधार का रंग चॉकलेट भूरा है। नोट की आकृति ६३ मि॰ मी॰ x १२३ मि॰ मी॰ है। सुरक्षा विशेषताएँ[संपादित करें]
पुरानी महात्मा गाँधी श्रेणी का नोट[संपादित करें]आकृति[संपादित करें]₹१० का पुराना हात्मा गाँधी श्रेणी का नोट नारंगी-बैगनी रंग का है, जिसमे अग्र भाग पर महात्मा गाँधी का चित्र तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर के हस्ताक्षर हैं। इसमे ब्रेल पद्धति को भी शामिल किया गया है, जिससे दृष्टिबाधित लोग भी नोट को पहचान सकें। पश्च भाग में भारतीय गैण्डा, भारतीय हाथी तथा बंगाल बाघ का भारतीय जन्तु के रूप में चित्रण किया गया है। २०११ में ₹ चिह्न को भी नोट पर सम्मिलित किया गया है।[5] जनवरी २०१४ में भारतीय रिज़र्व बैंक ने ३१ मार्च २०१४ से सभी २००५ के पूर्व के चलन से बाहर करने की घोषणा की। यह तिथि पहले १ जनवरी २०१५ तक बढाई गयी तथा फिर इसे ३० जून २०१६ तक विस्तारित कर दिया गया।[6] सुरक्षा विशेषताएँ[संपादित करें]₹१० के पुराने नोट पर निम्नलिखित सुरक्षा विशेषताएँ हैं:[7]
भाषाएँ[संपादित करें]अन्य भारतीय रुपयाें की तरह ₹१० के नोट पर भी इसका मूल्य १७ भाषाओं में लिखा है। अग्र भाग पर यह मूल्य अंग्रेजी तथा हिन्दी भाषाओँ में लिखा है जबकि पश्च भाग में एक भाषा पट्टिका है जिसमे भारत की २२ आधिकारिक भाषाओं में से १५ अंकित हैं। यह भाषाएँ अंग्रेजी वर्णमाला के क्रमानुसार हैं। पट्टिका पर असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मराठी, नेपाली, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू अंकित है।
अशोक की लाट श्रेणी[संपादित करें]१९७० में जारी हुई १० रूपए के नोट की अशोक की लाट श्रेणी के अग्र भाग में अशोक स्तम्भ तथा मूल्यवर्ग असमिया, बंगाली, गुजराती, कन्नड़, कश्मीरी, मलयालम, मराठी, ओड़िया, पंजाबी, संस्कृत, तमिल, तेलुगु तथा उर्दू भाषाओं में अंकित था तथा पश्च भाग में दो मोर तथा अंग्रेजी भाषा में लिखा मूल्यवर्ग अंकित है।[8] जॉर्ज षष्ठम् श्रेणी[संपादित करें]१९३७ से १९४३ के मध्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी १० रुपये का नोट १९३७ से १९४३ के मध्य भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा जारी १० रुपये का नोट १९३७ में जारी हुई जॉर्ज षष्ठम् श्रेणी के अग्र भाग में जॉर्ज षष्ठम् का चित्र तथा पश्च भाग में दो हाथियों के साथ मूल्यवर्ग उर्दू, हिन्दी, बंगाली, बर्मी, तेलुगु, तमिल, कन्नड़ तथा गुजराती भाषाओं में अंकित है।[9] सन्दर्भ[संपादित करें]
दृष्टिबाधित लोगों के लिए भारतीय मुद्रा नोट की कौन सी विशेषता है?भारत एक नगद-आधारित अर्थव्यवस्था है, इसलिए जाली भारतीय मुद्रा नोटों के प्रचलन का संकट जारी है । जाली नोटों तथा काले धन की बढ़ती घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए पुराने 500 और 1000 रुपए के मूल्यवर्ग के बैंक नोटों की वैध मुद्रा विशेषता की वापसी की योजना प्रारम्भ की गई ।
दृष्टि बाधित व्यक्तियों के लिए भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा कौन सा ऐप जारी किया गया है?रिजर्व बैंक (RBI) ने मनी नाम से एक मोबाइल एप जारी किया है जिसकी मदद से दृष्टिबाधित लोग भी करेंसी नोट का मूल्य जान सकेंगे। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को मोबाइल एडेड नोट आइडेंटिफायर (मनी) एप...
भारतीय मुद्रा में कितने प्रकार के नोट होते हैं?है और ₹१, ₹२, ₹५ और ₹१० रुपये भी। बैंकनोट ₹५, ₹१०, ₹२०, ₹५०, ₹१००, ₹२००, ₹५००, ₹१००० और ₹२००० के मूल्य पर हैं।
50 के नोट के पीछे किसका चित्र है?50 रुपये के नोट के पीछे हंपी मंदिर का चित्र बना है। ये मंदिर कर्नाटक की तुंगभद्रा नदी के किनारे स्थित है। हंपी मंदिर पत्थर से बना रथ वास्तुकला का अद्भुत नमूना है, जो रथ के आकार में है।
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