धन के लिए कौन से ग्रह जिम्मेदार हैं? - dhan ke lie kaun se grah jimmedaar hain?

अक्सर लोग एक दूसरे से शिकायत करते हैं कि अच्छी खासी कमाई के बावजूद उनके घर में पैसा नहीं रुकता. पैसा जैसे एक हाथ से आता है वैसे ही दूसरे हाथ से चला भी जाता है और उनके घर में हमेशा धन की कमी बनी रहती है. अगर आपकी भी यही शिकायत है तो टेंशन छोड़ मंगल का करें ये खास उपाय. ये उपाय करने से आपको पैसों की तंगी से जल्द छुटकारा मिल सकता है. आइए जानते हैं क्या हैं ये उपाय.  

सबसे पहले जानते हैं धन की बचत के लिए ज्योतिष शास्त्र में कौन सा ग्रह जिम्मेदार होता है. बता दें, कुंडली का छठवां भाव मुख्य रूप से धन की बचत से सम्बन्ध रखता है. इसके अलावा कुंडली का ग्यारहवां भाव आय को नियंत्रित करता है इसलिए इस भाव को भी बचत के लिए देखना चाहिए. धन का आय व्यय बुध से नियंत्रित होता है, इसलिए बुध की स्थिति भी यहां महत्वपूर्ण हो जाती है. घर में पैसों की तंगी से बचने के लिए शुक्र बृहस्पति और मंगल की स्थिति भी देख लें. तभी पूरी तरह से बचत का आकलन कर पाएंगे.

कब धन की बचत नहीं हो पाती ?

- कुंडली में बुध के कमजोर होने पर

- शुक्र की बहुत ज्यादा प्रधानता होने पर

- कुंडली में छठवें भाव के स्वामी के खराब होने पर

- वायु तत्व के मजबूत होने पर

- घर में सही स्थान पर धन न रखने पर

- गलत रूप से पन्ना या पुखराज पहन लेने पर

कब व्यक्ति धन की बचत सरलता से कर पाता है

- बुध या बृहस्पति मजबूत होने पर

- शनि के धन भाव के निकट होने पर

- कुंडली में पृथ्वी तत्व की प्रधानता होने पर

- घर में रसोई और तिजोरी ठीक रखने पर

- धन के कुछ अंश का नियमित दान करने पर

धन की बचत के लिए क्या करें ?

- सलाह लेकर एक पन्ना या पुखराज धारण करें

- रसोई घर को साफ सुथरा रखें.

- उत्तर या पूर्व की ओर खुलने वाली आलमारी में धन रखें

- पीले कपडे में हल्दी बांधकर रसोई में रख दें

- शनिवार को निर्धन व्यक्ति को सिक्कों का दान करें

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रिश्ता एक ऐसा अनमोल शब्द है जो दो परिवारों को, दो व्यक्तियों को आपस में जोड़ता है. दुनिया में कोई व्यक्ति अकेले नहीं रह सकता है. इसलिए भगवान ने रिश्तों का निर्माण किया और बहुत ही खूबसूरती के साथ व्यक्तियों को रिश्तों में पिरो दिया. रिश्ते हर तरह के होते हैं. ये आपकी जिंदगी में खुशियां भी लाते हैं और दु:ख भी पहुंचाते हैं. ज्योतिष के अनुसार, हर रिश्ता किसी न किसी ग्रह से जुड़ा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि अगर ग्रह कमजोर होंगे तो रिश्ते कमजोर होंगे और रिश्ते कमजोर होंगे तो ग्रह खराब होंगे. तो आखिर रिश्तों का ग्रहों के साथ क्या संबंध है और किस प्रकार रिश्तों को अच्छा कर आप ग्रहों को अच्छा कर सकते हैं. इस बात को समझने के लिए आइए जानते हैं पंडित शैलेंद्र पांडेय से....

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पंडित शैलेंद्र पांडेय के अनुसार, सूर्य से व्यक्ति को अच्छा स्वास्थ्य, नाम-यश और राज्य सुख मिलता है. कुंडली में सूर्य कमजोर होने से हड्डियों और दिल से जुड़ी समस्या होती हैं. व्यक्ति को जीवन में बिना किसी कारण के अपयश की प्राप्ति होती है. अगर आपकी कुंडली में सूर्य कमजोर है तो आपकी सेहत कभी अच्छी नहीं रहेगी. ज्योतिष के अनुसार, पिती को सूर्य का स्त्रोत माना जाता है. सूर्य से लाभ लेने लिए अपने पिता का सम्मान करें.

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ज्योतिष में चंद्रमा को मन का कारक माना जाता है. चंद्रमा से व्यक्ति को लोकप्रियता, अच्छा मन, पारिवारिक सुख प्राप्त होता है. इसके कमजोर होने पर मानसिक समस्या होती है, तनाव बना रहता है. इसी के साथ स्त्री पक्ष से कष्ट होता है. चंद्रमा से लाभ लेने के लिए माता का सम्मान जरूर करें.

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ज्योतिष में मंगल ग्रह से व्यक्ति को पराक्रम, संपत्ति का सुख प्राप्त होता है. मंगल, छोटे भाई-बहनों से अच्छा संबंध देता है. कुडंली में मंगल कमजोर होने पर मुकदमेबाजी और कर्ज की समस्या होती है. मंगल कमजोर होने पर गंभीर चोट भी लग सकती है. मंगल से लाभ लेने के लिए अपने भाई-बहनों से संबंध अच्छा रखें. अपनी पैतृक संपत्ति की कद्र करें.

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ज्योतिष में बुध ग्रह से व्यक्ति को तीव्र बुद्धि, अच्छी वाणी और अच्छी त्वचा का वरदान मिलता है. बुध के कमजोर होने से बुद्धि कमजोर हो जाती है. वाणी दोष होता है और आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता है. बुध से लाभ लेने के लिए पौधे लगाएं और उनकी देखभाल करें. अपने ननिहाल पक्ष से संबंध अच्छे रखें.

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ज्योतिष में बृहस्पति को देव गुरू बृहस्पति कहा जाता है. बृहस्पति से व्यक्ति को विद्या, ज्ञान, अध्यात्म और ईश्वर की कृपा मिलती है. बृहस्पति के कमजोर होने पर व्यक्ति को लिवर, आंत, पेट से जुड़ी समस्या और कई अन्य तरह की बीमारियां हो जाती हैं. व्यक्ति जीवन में अकेला रह जाता है. बृहस्पति से लाभ लेने के लिए विद्वान और बुजुर्ग लोगों की सम्मान करें.

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ज्योतिष के अनुसार, जीवन में हर सुख का कारण शुक्र ग्रह से संबंधित होता है. शुक्र से भौतिक सुख, ऐश्वर्य, धन-संपदा और दांप्तय सुख मिलता है. कुंडली में शुक्र कमजोर होने पर जीवन से सुख चला जाता है. व्यक्ति के पास सब कुछ होकर भी आनंद नहीं उठा पाते. शुक्र से लाभ लेने के लिए स्त्रियों का सम्मान करें. अपने आचरण को शुद्ध रखें.

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ज्योतिष में हर तरह के रोजगार का कारक शनि देव को माना जाता है. शनि से नौकरी-रोजगार में सफलता मिलती है, वाहन का सुख मिलता है. कुंडली में शनि के कमजोर होने पर आजीविका नहीं मिलती है. जीवन में संघर्ष का सामना करना पड़ता है. शनि से लाभ लेने के लिए अपने से छोटों का सम्मान करना होगा.

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ज्योतिष में राहु ग्रह से व्यक्ति के जीवन में राजनीतिक और फिल्मी दुनिया की सफलता देखी जाती है. व्यक्ति के जीवन में रातों-रात यश की प्राप्ति होना राहु से संबंधित होता है. राहु का दुष्प्रभाव हो तो व्यक्ति अर्श से फर्श पर आ जाता है. राहु से लाभ लेने के लिए व्यक्ति को मांस-मदिरा, नशा और तामसिक भोजन से बचाव रखना चाहिए. सदगुरू की शरण में रहें.

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ज्योतिष में केतु का अपना अलग महत्व है. केतु से जीवन में वैराग्य, ईश्वर की कृपा प्राप्त होती है. माना जाता है कि अष्ट सिद्धि और नौ निधि का सुख केतु से ही प्राप्त होता है. केतु से जीवन में रहस्यमयी शक्तियां प्राप्त होती हैं. केतु का प्रभाव खराब होने से व्यक्ति को विचित्र बीमारियां होती हैं. केतु से लाभ लेने से लिए व्यक्ति को भगवान शिव की पूजा करें. इसके अलावा, भगवान गणेश की पूजा भी कर सकते हैं. रोजाना सुबह खाली पेट दो तुलसी के पत्ते खाएं.