धर्मनिरपेक्षता का भारतीय मॉडल: महत्त्व और चुनौतियाँ
इस Editorial में The Hindu, The Indian Express, Business Line आदि में प्रकाशित लेखों का विश्लेषण किया गया है। इस लेख में धर्मनिरपेक्षता का भारतीय मॉडल व उससे संबंधित विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है। आवश्यकतानुसार, यथास्थान टीम दृष्टि के इनपुट भी शामिल किये गए हैं। Show
संदर्भदेश के प्रमुख विपक्षी दलों के अनुसार, राम मंदिर भूमि पूजन में प्रधानमंत्री का धार्मिक गतिविधियों में भाग लेना ‘प्रधानमंत्री के रूप में ली गई शपथ के साथ-साथ संविधान की मूल संरचना’ का भी उल्लंघन है। ध्यातव्य है कि प्रधानमंत्री ने अयोध्या में भूमि पूजन कर ‘श्री राम जन्मभूमि मंदिर’ का शिलान्यास किया और कहा कि राम मंदिर राष्ट्रीय एकता व भावना का प्रतीक है तथा इससे समूचे अयोध्या क्षेत्र की अर्थव्यवस्था में सुधार होगा। राम मंदिर को भारतीय संस्कृति की ‘‘समृद्ध विरासत’’ का द्योतक बताते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह न केवल आने वाली पीढ़ियों को आस्था और संकल्प की, बल्कि अनंतकाल तक पूरी मानवता को प्रेरणा देता रहेगा। वस्तुतः धर्मनिरपेक्षता एक जटिल तथा गत्यात्मक अवधारणा है। इस अवधारणा का प्रयोग सर्वप्रथम यूरोप में किया गया। यह एक ऐसी विचारधारा है जिसमें धर्म और धर्म से संबंधित विचारों को इहलोक से संबंधित मामलों से जान बूझकर दूर रखा जाता है अर्थात् तटस्थ रखा जाता है। धर्मनिरपेक्षता राज्य द्वारा किसी विशेष धर्म को संरक्षण प्रदान करने से रोकती है। इस आलेख में धर्मनिरपेक्षता, धर्मनिरपेक्षता का संवैधानिक दृष्टिकोण, धर्मनिरपेक्षता के सकारात्मक व नकारात्मक पक्ष, धर्मनिरपेक्षता के भारतीय व पश्चिमी मॉडल का तुलनात्मक अध्ययन तथा चुनौतियों और समाधान पर विमर्श किया जाएगा। धर्मनिरपेक्षता से तात्पर्य
धर्मनिरपेक्षता के संदर्भ में संवैधानिक दृष्टिकोण
धर्मनिरपेक्षता का महत्त्व
धर्मनिरपेक्षता के सकारात्मक पक्ष
धर्मनिरपेक्षता के नकारात्मक पक्ष
धर्मनिरपेक्षता के भारतीय व पश्चिमी मॉडल का तुलनात्मक अध्ययन
भारतीय धर्मनिरपेक्षता की आलोचना के बिंदु
समाधान
आगे की राह
प्रश्न- धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं? धर्मनिरपेक्षता के भारतीय व पश्चिमी मॉडल का तुलनात्मक अध्ययन करते हुए आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिये। धर्मनिरपेक्षता से आप क्या समझते हैं भारत में धर्मनिरपेक्षता पर विमर्श की विवेचना कीजिए?धर्मनिरपेक्षता का अर्थ है कि राज्य राजनीति या किसी गैर-धार्मिक मामले से धर्म को दूर रखे तथा सरकार धर्म के आधार पर किसी से भी कोई भेदभाव न करे। धर्मनिरपेक्षता का अर्थ किसी के धर्म का विरोध करना नहीं है बल्कि सभी को अपने धार्मिक विश्वासों एवं मान्यताओं को पूरी आज़ादी से मानने की छूट देता है।
भारत धर्मनिरपेक्षता क्या है?धर्मनिरपेक्ष शब्द, भारतीय संविधान की प्रस्तावना में बयालीसवें संशोधन (1976) द्वारा डाला गया था। भारत का इसलिए एक आधिकारिक राज्य धर्म नहीं है। हर व्यक्ति को उपदेश, अभ्यास और किसी भी धर्म के चुनाव प्रचार करने का अधिकार है। सरकार के पक्ष में या किसी भी धर्म के खिलाफ भेदभाव नहीं करना चाहिए।
भारत में धर्मनिरपेक्षता का क्या महत्व है?धर्मनिरपेक्षता का महत्त्व
यह सुरक्षा सिर्फ धर्मनिरपेक्ष राज्य ही प्रदान कर सकता है। धर्मनिरपेक्ष राज्य नास्तिकों के भी जीवन और संपत्ति की रक्षा करता है साथ ही उन्हें अपने तरीके की जीवन शैली और जीवन जीने का अधिकार भी प्रदान करता है। धर्मनिरपेक्ष राज्य राजनैतिक दृष्टि से भी ज्यादा स्थायी होता है।
धर्म निरपेक्षता का क्या अर्थ है?'धर्मनिरपेक्षता, पंथनिरपक्षता या सेक्युलरवाद धार्मिक संस्थानों व धार्मिक उच्चपदधारियों से सरकारी संस्थानों व राज्य का प्रतिनिधित्व करने हेतु शासनादेशित लोगों के पृथक्करण का सिद्धान्त है। यह एक आधुनिक राजनैतिक एवं संविधानी सिद्धान्त है।
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