उर्दू भाषा की लिपि का नाम क्या है? - urdoo bhaasha kee lipi ka naam kya hai?

Contents

  • 1 उर्दू भाषा की लिपि क्या है ? | Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai
    • 1.1 उर्दू भाषा क्या है ? | Urdu Bhasha Kya Hai 
    • 1.2 उर्दू शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई ?
    • 1.3 उर्दू की उप भाषाएं कौन सी है ?
    • 1.4 उर्दू साहित्य :
    • 1.5 उर्दू भाषा के साहित्यकार व कवि

Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai : आज हम उर्दू भाषा के बारे में – उर्दू भाषा की लिपि क्या है ? उर्दू भाषा क्या है ? और इसकी उत्पत्ति तथा इसका इतिहास क्या है ? के बारे में जानेंगे।

वैसे तो उर्दू भाषा को शायरी और गानों में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन उर्दू भाषा को आम बोलचाल में भी कई राज्यों में इस्तेमाल किया जाता है।

उर्दू भाषा भारत की शासकीय भाषाओं में से एक है। तो आइए जानते हैं, उर्दू भाषा की लिपि क्या है ( Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai ). लेकिन उससे पहले हमें यह जानना होगा, कि आखिर लिपि किसे कहते हैं ? यदि आप लिपि के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो यहां से कर सकते हैं :

  • लिपि किसे कहते हैं ?

Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai :- उर्दू भाषा की लिपि – ” नस्तालीक ” को माना जाता है। नस्तालीक लिपि अरबी और फारसी का ही एक रूप में है। उर्दू भाषा को नस्तालीक लिपि में दाएं से बाएं और लिखा जाता है।

फारसी भाषा को लिखने में भी नस्तालीक लिपी का इस्तेमाल किया जाता है। नस्तालीक लीपि का जन्म इरान में लगभग लगभग चौदहवी- पंद्रहवी शताब्दी में हुआ था। यह एक इस्लामिक लेखन की पद्धति भी है। इसका उपयोग अरबी भाषा के लिखने में भी किया जाता है।

नस्तालीक लिपि का उपयोग ईरान, दक्षिण एशिया, और तुर्की के क्षेत्रों में मुख्य रूप से किया जाता है।


उर्दू भाषा क्या है ? | Urdu Bhasha Kya Hai 

उर्दू भाषा भारत में शासकीय रूप से इस्तेमाल की जाने वाली भाषाओं में से एक हैं। उर्दू भाषा भारत के राज्य जम्मू कश्मीर की राजकीय भाषा है तथा भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की राष्ट्रभाषा भी है।

साथ ही साथ यह भारत के अन्य राज्यों जैसे दिल्ली, बिहार, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश की अतिरिक्त शासकीय भाषा भी है। 

उर्दू भाषा एक हिंदी आर्य भाषा है। हिंदी आर्य भाषा में भाषाएं होती हैं, जिनका निर्माण संस्कृत भाषा से हुआ है। जैसे – उर्दू, हिंदी, पंजाबी।

उर्दू भाषा में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं, बल्कि अरबी फारसी और संस्कृत के तद्भव शब्द अधिक हैं। यह भाषा मुख्य रूप से दक्षिण एशिया में बोली जाती है, भारत में उर्दू भाषा बोलने वालों की संख्या लगभग 6.81 करोड़ हैं।

ऊपर हमने आपको उर्दू भाषा क्या है ? और Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai के बारे में बताया। चलिए अब जानते हैं, कि उर्दू भाषा की उत्पत्ति कैसे हुई ?


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उर्दू शब्द की उत्पत्ति किस भाषा से हुई ?

मूल रूप से उर्दू शब्द की उत्पत्ति तुर्की भाषा से हुई जिसका अर्थ होता है ” शाही शिविर ” या ” खेमा ” यानि तम्बू।

उर्दू शब्द तुर्कों के साथ ही भारत में आया था। जब शाहजहां ने दिल्ली में लाल किले का निर्माण करवाया तब इसका नाम भी ” उर्दू  ए मुअल्ला ” था। जिसका अर्थ होता है। एक शाही या सैनी पड़ाव।

यहां बोले जाने वाली भाषा – ” ज़बान ए उर्दू ए मुअल्ला ” कहलाती थी। ” ज़बान ए उर्दू ए मुअल्ला ” का संक्षिप्त रूप ही उर्दू कहलाता हैं।


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उर्दू की उप भाषाएं कौन सी है ?

उर्दू भाषा की कई उप भाषाएं भी है। जैसे- रेख्ता, दक्खीनी, खड़ी बोली तथा हिंदी। उर्दू भाषा का व्याकरण लगभग हिंदी व्याकरण जैसा ही होता है। तथा यह अन्य भारतीय भाषाओं से भी मेल खाता हैं। 

उर्दू साहित्य :

दोस्तों, उर्दू का साहित्य बहुत ही विशाल है। अमीर खुसरो को उर्दू भाषा के अधिकार के कवियों में से एक माना जाता हैं। उर्दू भाषा के ऐसे बहुत से प्रसिद्ध लेखक और साहित्यकार है, जो उर्दू भाषा में ही अपना साहित्य लिखते थे। 

सबसे पहले उर्दू साहित्य के इतिहासकार वली औरंगाबादी के द्वारा उर्दू साहित्य में रचनाओं का आरंभ हुआ।

शाहजँहा ने 1648 ईस्वी में दिल्ली में शाहजँहानाबाद बसाया । ऐसा माना जाता हैं, कि इसके बाद राज दरबारों में फारसी के साथ-साथ ” ज़बान-ए-उर्दू-ए-मुअल्ला ” में रचनाएँ होने लगी।

भाषा और लिपि में हमेशा भेद रहा हैं। राज्यसभाओ की भाषा पारसी तथा नीति भी पारसी थी, लेकिन उन लोगों ने अपनी रचनाओं को अपने जनता तक पहुंचाने के लिए जनता की भाषा तो अपना ली, लेकिन उन्हें भी फ़ारसी लिपि में ही लिखते रहे।


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उर्दू भाषा के साहित्यकार व कवि

अमीर खुसरो ने उर्दू भाषा को हिंदी, हिंदवी तथा ज़बाने देहलवी कहा था। दक्षिण के कुछ लेखकों ने उर्दू भाषा को ज़बाने अहले हिंदुस्तान भी कहा है।

अमीर खुसरो 14th सदी के बहुत प्रसिद्ध कवि तथा शायर थे। वह भी उर्दू भाषा में ही साहित्य की रचना करते थे। वली औरंगाबादी को उर्दू साहित्य का इतिहासकालर माना जाता है। यह मुग़ल काल के जमाने के एक प्रसिद्ध व्यक्ति थे।

उर्दू की एक प्रसिद्ध लेखक ” मोहम्मद हुसैन आजाद ” भी हैं। इनकी एक रचना ” आबे हयात ” बहुत ही प्रसिद्ध हैं। मीर तक़ी मीर साहब 18 वीं सदी मुग़ल काल के उर्दू के प्रसिद्ध कवि थे, इन्हें कविताओं का भगवान भी कहा जाता हैं।


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निष्कर्ष :

दोस्तों, आज के लेख में ” उर्दू भाषा की लिपि क्या हैं ? ( Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai ) ” के बारे में जाना। उम्मीद हैं, आपको हमारी यह जानकारी अच्छी लगी होगी।

यदि आपको हमारी यह जानकारी ( Urdu Bhasha Ki Lipi Kya Hai ) अच्छी लगी, तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूलें। यदि आप इस लेख से सम्बंधित कोई जानकारी और प्रश्न पूछना चाहते हैं, तो कमेंट के माध्यम से पूछ सकते हैं।

उर्दू भाषा की लिपि कौन सी है?

उर्दू नस्तालीक़ लिपि में लिखी जाती है, जो फ़ारसी-अरबी लिपि का एक रूप है। उर्दू दाएँ से बाएँ लिखी जाती है।

पंजाबी भाषा की लिपि का नाम क्या है?

गुरमुखी लिपि (ਗੁਰਮੁਖੀ ਲਿੱਪੀ) एक लिपि है जिसमें पंजाबी भाषा लिखी जाती है। गुरुमुखी का अर्थ है गुरुओं के मुख से निकली हुई।

उर्दू कविता का जनक कौन है?

उर्दू के पिता के रूप में कौन जाना जाता है? अब्दुल हक (उर्दू विद्वान) मौलवी अब्दुल हक (उर्दू: مولوی عبد الحق) (20 अप्रैल 1870 - 16 अगस्त 1 9 61) एक विद्वान और भाषाविद थे, जिन्हें कुछ बाबा-ए-उर्दू कहते हैं (उर्दू: بابائے اردو) (पिता उर्दू का)।

अरबी और उर्दू फारसी की लिपि कौन सी है?

नस्तालीक लिपि अरबी और फारसी का ही एक रूप में है। उर्दू भाषा को नस्तालीक लिपि में दाएं से बाएं और लिखा जाता है। फारसी भाषा को लिखने में भी नस्तालीक लिपी का इस्तेमाल किया जाता है। नस्तालीक लीपि का जन्म इरान में लगभग लगभग चौदहवी- पंद्रहवी शताब्दी में हुआ था।