इसे सुनेंरोकेंउत्तर: गोपियों द्वारा उद्धव को भाग्यवान कहने में निहित व्यंग्य यह है कि वे उद्धव को बड़भागी कहकर उन्हें अभाग्यशाली होने की ओर संकेत करती हैं। वे कहना चाहती हैं कि उद्धव तुम श्रीकृष्ण के निकट रहकर भी उनके प्रेम से वंचित हो और इतनी निकटता के बाद भी तुम्हारे मन में श्रीकृष्ण के प्रति अनुराग नहीं पैदा हो सका। भोली भाली गोपियों और चीटियों में क्या
समानता दर्शाई गई है? इसे सुनेंरोकेंभोली-भाली गोपियों और चींटियों में क्या समानता दर्शायी गई है? उत्तर-पाठ-1 पद सूरदास कक्षा 10 में भोली-भाली गोपियाँ अपने प्रिय कृष्ण की रूप-माधुरी पर मोहित होकर उनके प्रेम में | इस प्रकार लीन हो गई हैं कि अब कभी भी उनसे विमुख नहीं हो सकतीं। उनकी दशा। गोपियों ने स्वयं को भोरी क्यों कहा है? इसे सुनेंरोकेंगोपियों ने स्वयं को ‘भोरी’ कहा है। वे छल-कपट और चतुराई से दूर थीं इसीलिए वे अपने प्रियतम की रूप माधुरी पर शीघ्रता से
आसक्त हो गईं। वे स्वयं को श्रीकृष्ण से किसी भी प्रकार दूर करने में असमर्थ मानती थीं। वे चाहकर भी उन्हें प्राप्त नहीं कर सकती इसलिए उन्होंने स्वयं को अबला कहा है। इसे सुनेंरोकें(ब) उन्होंने अपना वैभव दिखाने को उनका सत्कार किया था (स) उनकी मित्रता केवल दिखावा थी (द) वह जरा से दही के लिए घर-घर हाथ फैलाया करते थे। गोपिया अपने मन की व्यथा को क्यों नहीं कह पा रही थी? इसे सुनेंरोकें(ङ) गोपियाँ धीरज धारण क्यों नहीं कर पा रही थीं? उत्तर: (क) गोपियों के मन की बात मन में ही रह गई क्योंकि गोपियाँ श्रीकृष्ण से प्रेम करती थीं, फिर भी ये अपने प्रेम को श्रीकृष्ण के सम्मुख प्रकट नहीं कर पाई। (ख) गोपियों श्रीकृष्ण के वियोग में विरह व्यथा को सह रही थीं। उद्धव द्वारा दिए गए योग के संदेश ने गोपियों की विरहागिन मे घी का काम कैसे किया? इसे सुनेंरोकेंउत्तर: गोपियाँ कृष्ण के जाने के बाद विरह की अग्नि में जल रही हैं। वे कृष्ण के आने का इंतजार कर रही थीं कि उनके बदले में उद्धव आ गए। उद्धव उनके पास अपने मन पर नियंत्रण रखने की सलाह लेकर पहुँचे हैं। कृष्ण के बदले में उद्धव का आना और उनके द्वारा मन पर नियंत्रण रखने की बात ने गोपियों की विरहाग्नि में घी का काम किया है। गोपियाँ श्रीकृष्ण की शरारतों का क्या कारण मानती हैं?इसे सुनेंरोकेंगोपियाँ कह रही थीं कि श्रीकृष्ण के प्रति उनका प्रेम था और उन्हें पूर्ण विश्वास था। | कि उनके प्रेम की मर्यादा का निर्वाह श्रीकृष्ण की ओर से भी वैसा ही होगा जैसा उनका है। इसके विपरीत कृष्ण ने योग-संदेश भेजकर स्पष्ट कर दिया कि उन्होंने प्रेम की मर्यादा को नहीं रखा। गोपियों के अनुसार पहले के लोग भले क्यों थे? इसे सुनेंरोकें6 ‘ऊधौ भले लोग आगे के’- पहले के लोगों को गोपियोंने भला क्यों कहा- [A] वे लोग दूसरों के हित के लिए भाग-दौड़ करते थे [B] वे लोग दूसरों का अहित नहीं करते थे [C] वे लोग कृष्ण का संदेश लाते थे These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 10 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 पद. पाठ्य-पुस्तक के प्रश्न-अभ्यास प्रश्न
1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6.
प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11.
प्रश्न 12.
प्रश्न 13. यह भी संभव है कि हे उद्धव! तुम्हारे समीप रहते-रहते ज्ञान की बातें सुनते-सुनते तुम्हारा ही प्रभाव पड़ गया हो और प्रेम की तुलना में अब उन्हें योग ही श्रेष्ठ लगने लगा हो। उद्धव हमारे पास एक ही मन था, जिसे हमने कृष्ण को समर्पित कर दिया है। अब निर्गुण ब्रह्म का ध्यान किस मन से करें। हे उद्धव! हमारे लिए यह संभव नहीं है कि हम प्रेम को छोड़कर योग को अपनाएँ। प्रश्न 14. प्रश्न 15. गोपियों के इस कथन का विस्तार समकालीन राजनीति में पूरी तरह से नजर आता है। आज राजनीति को छल-कपट, प्रपंच, झूठ, फरेब, धोखाधड़ी, छीना-झपटी आदि का दूसरा नाम माना जाने लगा है। इन कार्यों में जो जितना निपुण है, वह उतना ही बड़ा नेता कहलाता है। इस तरह की राजनीति में धर्म, कर्तव्य, विश्वास, ईमानदारी, सदाचार जैसे मूल्यों के लिए कोई जगह नहीं है। जिस तरह गोपियों को कृष्ण को राजधर्म की याद दिलानी पड़ी, उसी तरह आज के नेता भी अपना राजधर्म पूर्णतया विस्मृत कर चुके हैं। Hope given NCERT Solutions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 1 are helpful to complete your homework. If you have any doubts, please comment below. Learn Insta try to provide online tutoring for you. उद्धव को भाग्यशाली क्यों कहा गया है?Answer: गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान कहते हुए व्यंग्य कसती है कि श्री कृष्ण के सानिध्य में रहते हुए भी वे श्री कृष्ण के प्रेम से सर्वथा मुक्त रहे।
गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान क्यों समझती है?उत्तर: गोपियों को पता है कि उद्धव भी कृष्ण से असीम प्रेम करते हैं। वे तो बस उद्धव से इसलिए जलती हैं कि उद्धव कृष्ण के पास रहते हैं। कृष्ण के पास रहने के कारण उद्धव को शायद विदाई की वह पीड़ा नहीं झेलनी पड़ती जो गोपियों को झेलनी पड़ती है। उन्हें भाग्यवान कहकर गोपियाँ इसी बात की ओर इशारा कर रही हैं।
उद्धि को बड़भागी क्यों कहा है?गोपियों ने उद्धव को इसलिए बड़भागी कहा है क्योंकि उद्धव श्रीकृष्ण के प्रेम से दूर हैं। उन्हें कृष्ण का प्रेम अपने बंधन में न बाँध सका। ऐसे में उद्धव को प्रेम की वैसी पीड़ा नहीं झेलनी पड़ रही है जैसी गोपियाँ झेलने को विवश हैं।
गोपियों ने उद्धव को भाग्यशाली बताया है क्या आप उद्धव को भाग्यशाली मानते हैं या नहीं अपने शब्दों में लिखिए?उत्तर : गोपियाँ उद्धव को भाग्यवान कहकर उनके दुर्भाग्य पर व्यंग्य करती हैं कि वे कृष्ण- प्रेम से अछूते रहे । वे प्रेम की पीड़ा के अनुभव को भला कैसे जान सकते हैं। जबकि कृष्ण के निकट रहकर भी उनके सुंदर रूप से प्रभावित हो उनके मन में प्रेम नहीं जगा, तो प्रेम की पीड़ा से बचकर वे सचमुच भाग्यशाली ही सिद्ध हुए ।
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