उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं Class 10? - udyog paryaavaran ko kaise pradooshit karate hain chlass 10?

उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं?


उद्योग पर्यावरण को निम्नलिखित तरीके से प्रदूषित करते है:
(i) वायु प्रदूषण- चिमनी से निकलने वाला धुआँ वायु को प्रदूषित करता है। अनचाही गैसे जैसे सल्फर डाईऑक्साइ तथा कार्बन मोनोऑक्साइड वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। छोटे-बड़े कारखाने प्रदूषण के नियमों का उलंघन करते हुए धुआँ निष्कासित करते है। जहरीली गैसों का रिसाव बहुत भयानक होता है। यह मानव स्वास्थ्य, पशुओं पौधों और पुरे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालती है।
(ii) जल प्रदूषण- उद्योगों से निकला हुआ जल अपने से 8 गुना अधिक ताजे जल को प्रदूषित करता है। उद्योगों द्वारा कार्बनिक और अकार्बनिक अपशिष्ट प्रदार्थों के नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है। जल प्रदूषण के प्रमुख कारक- कागज, रसायन, वस्र चमड़ा उद्योग आदि है। भारी धातुएँ जैसे सीसा, पारा आदि जल में वाहित करते है।
(iii) तापीय प्रदूषण- कारखानों तथा तापघरों से गर्म जल को बिना ठंडा किए नदियों और तालाबों में छोड़ देने पर तापीय प्रदूषण होता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के अपशिष्ट व परमाणु शस्त्र उत्पादक कारखानों से जन्मजात विकार आदि होते है।
(iv) ध्वनि प्रदूषण- कुछ उद्योगों से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इससे श्रवण असक्षमता ही नहीं, रक्तचाप आदि समस्याएँ भी उत्पन्न होती है। औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, गैस यांत्रिक, जेनरेटर आदि भी ध्वनि उत्पन करते है जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है।

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विनिर्माण उद्योग

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समकालीन भारत 2

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Solution : उद्योग पर्यावरण को निम्न तरीकों से प्रदूषित करते हैं: वायु प्रदूषण: कार्बन डाइऑक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड और कार्बन मोनोऑक्साइड के बढ़ते स्तर के कारण वायु प्रदूषण होता है। वायु में निलंबित कणनुमा पदार्थों से भी समस्या होती है। कारखानों की चिमनियों से धुँआ निकलता है। कुछ उद्योगों से हानिकारक रसायन भी निकलने का खतरा रहता है। जल प्रदूषण: उद्योग से निकलने वाला कार्बनिक और अकार्बनिक कचरा और अपशिष्ट से जल प्रदूषण होता है। जल प्रदूषण के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार उद्योग हैं, कागज, लुगदी, रसायन, कपड़ा, डाई, पेट्रोलियम रिफाइनरी, चमड़ा उद्योग, आदि। जल का तापीय प्रदूषण: जब थर्मल प्लांट से गरम पानी सीधा नदियों और तालाबों में छोड़ दिया जाता है तो जल का तापीय प्रदूषण होता है। इससे जल में रहने वाले सजीवों को बहुत नुकसान होता है। रेडियोऐक्टिव अपशिष्ट: परमाणु ऊर्जा संयंत्र से निकलने वाले अपशिष्ट में रेडियोऐक्टिव पदार्थ होते हैं जिन्हें सही ढ़ंग से रखने की जरूरत होती है। रेडियोऐक्टिव पदार्थों में हल्की सी भी लीकेज होने से इंसानों और अन्य सजीवों को होने वाले नुकसान दूरगामी होते हैं। ध्वनि प्रदूषण: ध्वनि प्रदूषण से बेचैनी, उच्च रक्तचाप और बहरापन की समस्या होती है। कारखाने के मशीन, जेनरेटर, इलेक्ट्रिक ड्रिल, आदि से काफी ध्वनि प्रदूषण होता है।

Solution : उद्योग पर्यावरण को निम्नलिखित तरीके से प्रदूषित करते है (i) वायु प्रदूषण चिमनी से निकलने वाला धुआँ वायु को प्रदूषित करता है। अनचाही गैसे जैसे सल्फर डाईऑक्साइ तथा कार्बन मोनो ऑक्साइड वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। छोटे-बड़े कारखाने प्रदूषण के नियमों का उलंघन करते हुए धुआँ निष्कासित करते है। जहरीली गैसों का रिसाव बहुत भयानक होता है। यह मानव स्वास्थ्य, पशुओं पौधों और पुरे पर्यावरण पर दुष्प्रभाव डालती है। (ii) जल प्रदूषण उद्योगों से निकला हुआ जल अपने से 8 गुना अधिक ताजे जल को प्रदूषित करता है। उद्योगों द्वारा कार्बनिक और अकार्बनिक अपशिष्ट प्रदार्थों के नदी में छोड़ने से जल प्रदूषण फैलता है। जल प्रदूषण के प्रमुख कारक कागज, रसायन, वस चमड़ा उद्योग आदि है। भारी धातुएँ जैसे सीसा, पारा आदि जल में वाहित करते है। (iii) तापीय प्रदूषण कारखानों तथा तापघरों से गर्म जल को बिना ठंडा किए नदियों और तालाबों में छोड़ देने पर तापीय प्रदूषण होता है। परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के अपशिष्ट व परमाणु शस्त्र उत्पादक कारखानों से जन्मजात विकार आदि होते है। (iv) ध्वनि प्रदूषण कुछ उद्योगों से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। इससे श्रवण असक्षमता ही नहीं, रक्तचाप आदि समस्याएँ भी उत्पन्न होती है। औद्योगिक तथा निर्माण कार्य, गैस यांत्रिक, जेनरेटर आदि भी ध्वनि उत्पन करते है जो ध्वनि प्रदूषण का कारण बनती है।

उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं

भारत के आर्थिक विकास में उद्योगों ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसके साथ ही उद्योगों ने औद्योगिक प्रदूषण में वृद्धि की है और पर्यावरण का संतुलन बिगाड़ा है। उद्योग कई प्रकार का प्रदूषण फैलाते हैं: वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण तथा तापीय प्रदूषण।
(क) वायु प्रदूषण: उद्योगों से निकलने वाला धुआँ जल तथा वायु को बुरी तरह से प्रदूषित करता है। वायु प्रदूषण प्रायः वायुमंडल में कार्बन मोनोक्साइड तथा सल्फर डाइऑक्साइड जैसी गैसों में वृद्धि से होता है। वायु प्रदूषण में धूल, गंध देने वाले पदार्थ, धुआँ, स्प्रे आदि ठोस तथा तरल पदार्थ भी शामिल हैं। वायु प्रदूषण मानव स्वास्थ्य, पशुओं, पौधों तथा पर्यावरण पर बुरा प्रभाव डालता है। यहाँ तक कि निर्जीव पदार्थ भी वायु प्रदूषण से प्रभावित होते हैं।
(ख) जल प्रदूषण: जल प्रदूषण मुख्य कारक औद्योगिक अपशिष्ट पदार्थ हैं जिन्हें नदियों में बहा दिया जाता है। ये पदार्थ जैविक तथा अजैविक दोनों प्रकार के होते हैं। इनमें से कोयला, रंग, साबुन, कीटाणुनाशक औषधि, उर्वरक, प्लास्टिक तथा रबड़ मुख्य हैं। जल प्रदूषण के उत्तरदायी मुख्य उद्योग कागज़ की लुग्दी, वस्त्र, रसायन, पेट्रोलियम शोधन, चमड़ा रंगने आदि से संबंधित हैं।
(ग) भूमि प्रदूषण: कुछ उद्योगों से ऐसे अपशिष्ट पदार्थ बाहर निकलते हैं जिनमें विषैली धातुओं के कण शामिल होते हैं। ये कण मिट्टी को प्रदूषित करते हैं।
(घ) ध्वनि प्रदूषण: ध्वनि प्रदूषण का मुख्य कारण बढ़ता हुआ अत्यधिक शोर है। इस शोर का मुख्य कारण कारखानों में चलने वाली मशीनें तथा तेज़ गति से दौड़ते वाहन हैं। आरा मशीनों तथा वायवीय (pneumatic) बरमों से निकलने वाली ध्वनि लोगों के लिए असहनीय तथा कष्टदायक होती है। इससे मनुष्य की सुनने की शक्ति पर बुरा प्रभाव पड़ता है। यदि शोर इसी गति से बढ़ता रहा तो संभव है कि मानव आने वाले कुछ दशकों तक बहरा हो जाए।
(ङ) तापीय प्रदूषण: कारखानों तथा तापघरों से गर्म जल को प्रायः बिना ठंडा किए ही नदियों तथा तालाबों में छोड़ दिया जाता है। इससे जल में तापीय प्रदूषण होता है

पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न

कीटनाशकों के अवशेष की अधिकतम सान्द्रता ऐसी चिडियों में पायी जाती है जो विशेष रूप से खाती हैं:

A. मछली
B. बीज
C. केंचुए
D. मांस

किससे अम्ल-वर्षा उत्पन्न होती है:

A. जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलने वाली NO2 एवं SO2 से
B. उद्योगों और कोल गैस द्वारा NH, के अधिक उत्पादन से
C. अपूर्ण दहन से निकलने वाली CO गैस से
D. दहन और जन्तुओं के श्वसन से बनने वाली CO2 से

Answer

जीवाश्म ईंधन के जलने से निकलने वाली NO2 एवं SO2 से

निम्नलिखित में से कौन सामान्य रूप से प्रदूषक नहीं है:

A. हाइड्रोकार्बन
B. CO2
C. CO
D. SO2

हरित गृह प्रभाव में उष्मन किसके कारण होता है:

A. धरातल तक पहुंचने वाली अवरक्त किरणों (Infra-Red) के कारण
B. वायुमंडल में नमी की परत के कारण
C. वायुमंडल में CO2 की सान्द्रता बढने के कारण बढने वाला तापमान
D. वायुमंडल की ओजोन परत के कारण

Answer

वायुमंडल में CO2 की सान्द्रता बढने के कारण बढने वाला तापमान

जेट जहाज से निकलने वाले धुएं में मुख्य एयरोसोल प्रदूषक होता है:

A. सल्फर डाईऑक्साइड
B. कार्बन मोनोक्साइड
C. मीथेन
D. फ्लोरो कार्बन

भोपाल गैस त्रासदी में रिसी गैस थीः

A. मिथाइल आइसोसाइनेट
B. पोटैशियम आइसोथायोसाइनेट
C. सोडियम आइसोथायोसाइनेट
D. इथाइल आइसोथायोसाइनेट

घरेलू व्यर्थ पदार्थ (कचरे) में होते है:

A. अजैविक अपघटनीय प्रदूषक
B. जैविक अपघटनीय प्रदूषक
C. बहिः स्राव
D. वायु प्रदूषक पर्यावरण के मुद्दे

Answer

जैविक अपघटनीय प्रदूषक

वाहनों के धुंए में उपस्थित सबसे खतरनाक धातु प्रदूषक होता है

A. पारा
B. कैडमियम
C. सीसा
D. तांबा

सूर्य प्रकाश के पराबैंगनी विकिरण से एक अभिक्रिया होती है जिससे उत्पन्न होता है:

A. फ्लोराइड्स
B. कार्बन मोनोक्साइड
C. सल्फर डाईऑक्साइड
D. ओजोन

किसके कारण महानगरों का वायुमंडल सर्वाधिक प्रदूषित होता है:

A. वाहनों का धुआं
B. खरपतवार नाशकों के अवशेष
C. घरेलू कचरा
D. रेडियोधर्मी विकिरण

सर्वाधिक डी.डी.टी. संचय किसमें होता है।

A. पादप प्लवक
B. समुद्री चिड़िया
C. क्रैब (केकड़ा)
D. ईल

‘हरित गृह प्रभाव’ में कौन सी गैस सर्वाधिक योगदान देती

A. सी.एफ.सी.
B. फ्रिऑन
C. CO2
D. CH4

पारे के प्रदूषक युक्त जल में पलने वाली मछलियां खाने पर कौन सा रोग होता है:

A. मिनामाटा रोग
B. ब्राइट का रोग
C. हसीमोटो का रोग
D. ऑस्टियोस्क्लेरेसिस

खरपतवार नाशक के रूप में डी.डी.टी. का नकारात्मक पक्ष है:

A. कुछ समय बाद यह अप्रभावी हो जाती है
B. अन्यों की अपेक्षा यह कम प्रभावी है
C. प्रकृति में इसका अपघटन आसानी से नहीं होता है
D. इसकी ऊंची कीमत

Answer

प्रकृति में इसका अपघटन आसानी से नहीं होता है

ध्वनि किस स्तर पर खतरनाक शोर प्रदुषण बन जाती है:

A. 30 डेसीबल से ऊपर
B. 80 डेसीबल से ऊपर
C. 100 डेसीबल से ऊपर
D. 120 डेसीबल से ऊपर

किस कारण मल-जल प्रदूषित जल में मछलियां मर जाती

A. रोगाणु
B. बालू से गिल बंद हो जाते हैं
C. ऑक्सीजन की कमी
D. दुर्गन्ध

कौन सा युग्म अवशेष प्रकार का जैव-भू-रासायनिक चक्र

A. ऑक्सीजन एवं नाइट्रोजन
B. फॅास्फोरस एवं सल्फर
C. फॉस्फोरस एवं नाइट्रोजन
D. फॉस्फोरस एवं कार्बन डाईऑक्साइड

Answer

फॅास्फोरस एवं सल्फर

किसके दुष्प्रभाव के कारण ताजमहल को खतरा है:

A. ऑक्सीजन
B. हाईड्रोजन
C. क्लोरीन
D. सल्फर डाईऑक्साइड

मानवीय क्रियाओं द्वारा ओजोन पर्त संरक्षण की अपील करने वाला मांट्रियल प्रोटोकॉल, किस वर्ष पारित हुआ:

A. 1987
B. 1988
C. 1985
D. 1986

निम्नलिखित में से किस एक में सीवेज (S), आसवनी बहि:स्राव (DE), कागज के कारखाने के बहिःस्राव (PE) और चीनी मिल के बहि:स्राव (SE) के जैवरासायनिक ऑक्सीजन माँग (BOD) को, उनके आरोही क्रम में रखा गया है?

A. SE<S<PE
B. SE< PE<S
C. PE<S<SE
D. S<DE<PE

कोयला ईंधन वाले एक बिजली संयन्त्र में विद्युतस्थैतिक प्रेसिपिटेटर्स किसके निष्कासन को नियन्त्रित करने के लिए लगाए जाते हैं?

A. SO2
B. NOx
C. SPM
D. CO

निम्नलिखित में से कौन सा एक, जल प्रदूषण का जैवसंकेती नहीं है?

A. स्लजवर्म
B. ब्लडवर्म
C. स्टोनफ्लाई
D. सीवेज फंगस (जलमल कवक)

निम्नलिखित में से एक नवीकरणीय समाप्तशील प्राकृतिक संसाधन कौन सा है?

A. कोयला
B. पेट्रोलियम
C. खनिजें
D. वन

DB एक मानक संकेताक्षर है जिसका उपयोग निम्नलिखित में से किस एक की मात्रात्मक अभिव्यक्त के लिए किया जाता है?

A. किसी माध्यम में बैक्टीरिया का घनत्व
B. एक विशिष्ट प्रदूषक
C. किसी संवर्धन के भीतर पाया जाने वाला प्रभावी बेसिलस
D. एक विशिष्ट पीड़कनाशी

विलोडिल-टैंक जैव रिऐक्टरों को किस लिए तैयार किया गया है?

A. उत्पाद में परिरक्षकों को जोड़ा जाना।
B. उत्पाद का शोधन।
C. संवर्धन पात्र के भीतर अवायवीय दशाओं को सुनिश्चित करना।
D. सम्पूर्ण प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता।

Answer

सम्पूर्ण प्रक्रिया के दौरान ऑक्सीजन की उपलब्धता।

जब घरेलू सीवेज (मलजल) नदी के पानी से जा मिलता है तब क्या होता है?

A. नदी का जल तब भी पीने के लिए उपयुक्त बना रहता है क्योंकि अशुद्धताएं मात्र 0.1% के लगभग ही होती है
B. चूहे जैसे छोटे प्राणी नदी के जल को पीकर मर जाएंगे
C. बढ़ गयी सूक्ष्मजीवीय सक्रियता से सूक्ष्मपोषकों का जैसे कि आयरन (लौह) का विमोचन होता है
D. बढ़ गयी सूक्ष्मजीवीय सक्रियता से घुली हुई ऑक्सीजन इस्तेमाल हो जाती है

Answer

बढ़ गयी सूक्ष्मजीवीय सक्रियता से घुली हुई ऑक्सीजन इस्तेमाल हो जाती है

द्वितीयक सीवेज उपचार मुख्यत क्या है।

A. भौतिक प्रक्रिया
B. यांत्रिक प्रक्रिया
C. रसायनिक प्रक्रिया
D. जैविक प्रक्रिया

सीवेज पर अवायवीय बैक्टीरिया की क्रिया द्वारा मुख्यतः क्या बनता है।

A. लाफिंग गैस
B. प्रोपेन
C. मस्टर्ड गैस
D. मार्श गैस

इस पोस्ट में आपको उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं? उद्योग वायु को किस प्रकार दूषित करते हैं? Udyog Paryavaran Ko Kaise Pradushit Karte Hain उद्योग द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए विभिन्न उपायों की चर्चा करें उद्योग से पर्यावरण को हानि कैसे होती है लघु उद्योग का पर्यावरण पर प्रभाव पर्यावरण के बहुविकल्पीय प्रश्न pdf पर्यावरण के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर पर्यावरण वस्तुनिष्ठ से संबंधित काफी महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर दिए गए है यह प्रश्न उत्तर फायदेमंद लगे तो अपने दोस्तों के साथ शेयर करें और इसके बारे में आप कुछ जानना यह पूछना चाहते हैं तो नीचे कमेंट करके अवश्य पूछे.

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उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं उत्तर?

(i) वायु प्रदूषण- चिमनी से निकलने वाला धुआँ वायु को प्रदूषित करता है। अनचाही गैसे जैसे सल्फर डाईऑक्साइ तथा कार्बन मोनोऑक्साइड वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण है। छोटे-बड़े कारखाने प्रदूषण के नियमों का उलंघन करते हुए धुआँ निष्कासित करते है।

उद्योग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते हैं 3 marks?

कोयला, रंजक साबुन, कीटानाशक, उर्वरक, प्लास्‍टिक तथा रबड़ जल के सामान्य प्रदूषक है। जल को प्रदूषित करने वाले प्रमुख उद्योग है-लुग्दी, वस्त्र, रसायन, तेल शोधनशालाएं, इलेक्ट्रोप्लेटिंग उद्योग आदि। औद्योगिक अपशिष्ट भूमि तथा मृदा को भी प्रदूषित करते हैं। <br> (ii) ध्वनि प्रदूषण- आवांछित ध्वनि प्रदूषण है।

उद्योगों में प्रदूषण कैसे फैलता है?

Solution : उद्योग प्रदूषण का प्रमुख कारक है। उद्योगों में ऊर्जा संसाधन के प्रयोग से अर्थात्‌ चिमनियों के धुएँ से वायु प्रदूषण फैलता है। इसमें प्रयुक्त जल तथा उद्योगों से निकलने वाले अपशिष्ट जलाशयों में प्रवाहित किए जाते हैं, जिससे विभिन्न प्रकार के रसायन जल में घुलनकर प्रदूषित करते हैं।

उद्योगों से पर्यावरण को क्या हानि होती है?

उद्योगों द्वारा होने वाले प्रदूषण उद्योगों से होने वाले प्रदूषण हैं- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण, तापीय प्रदूषण, औद्योगिक उत्सर्ग, बहिर्स्राव से पेड़ और फसलों की बर्बादी, जन हानि