विक्रम अनुपात का नियम क्या है? - vikram anupaat ka niyam kya hai?

व्युत्क्रम अनुपात का नियम (Law of Reciprocal Proportion)

विक्रम अनुपात का नियम क्या है? - vikram anupaat ka niyam kya hai?


व्युत्क्रम या तुल्य अनुपात के नियम के अनुसार-

यदि कोई तत्व A दो अन्य तत्वों B व C से अलग-अलग संयोग करता है तथा B व Cभी एक-दूसरे से संयोग करते हैं तो B व C भारानुसार उस अनुपात में या उसके सरल गुणित अनुपात में संयोग करेंगे जिसमें B व C अलग-अलग A के किसी निश्चित द्रव्यमान से संयोग करते हैं।

व्युत्क्रम अनुपात के नियम को निम्नलिखित उदाहरण की सहायता से स्पष्ट किया जा सकता है-

विक्रम अनुपात का नियम क्या है? - vikram anupaat ka niyam kya hai?


कार्बन (C) व हाइड्रोजन (H) रासायनिक संयोग करके मेथेन (CH4) बनाते हैं। मेथेन के 16 ग्राम में 12 ग्राम कार्बन व 4 ग्राम हाइड्रोजन होते हैं। कार्बन (C) व ऑक्सीजन (O) रासायनिक संयोग करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO2) बनाते हैं। कार्बन डाइऑक्साइड के 44 ग्राम में 12 ग्राम कार्बन एवं 32 ग्राम ऑक्सीजन होते हैं। अत: कार्बन की समान मात्रा (12 ग्राम) से अलग-अलग संयुक्त होने वाले हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन के द्रव्यमानों का अनुपात 4 ग्राम : 32 ग्राम अर्थात् 1: 8 है। व्युत्क्रम अनुपात के नियम के अनुसार जब हाइड्रोजन व ऑक्सीजन परस्पर संयोग करेंगे तो उनके द्रव्यमानों का अनुपात यही होगा अथवा इसका सरल गुणक होगा। हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के परस्पर संयोग से बने जल (H2O) में इन दोनों तत्वों का भारात्मक अनुपात 1:8 ही होता है। हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के परस्पर संयोग से बने हाइड्रोजन परॉक्साइड में इन दोनों तत्वों का भारात्मक अनुपात 1:16 है, जो 1:8 का सरल गुणक है।

नोट-कुछ यौगिकों में तत्वों के परमाणुओं की संख्याएँ अधिक होती हैं। गुणित अनुपात के नियम की भाँति यह नियम भी उन यौगिकों के लिए सत्य नहीं होगा।

  • द्रव्यमान सरंक्षण या द्रव्य की अविनाशिता का नियम (Law of Conservation of Mass)|hindi
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  • गुणित अनुपात का नियम (Law of Multiple Proportion)|hindi
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नमस्कार दोस्तों स्वागत करता हूं आप सभी का आप का प्रश्न है विक्रम अनुपात का नियम लिखिए ठीक है ना तो आइए हम इस प्रश्न के उत्तर को लिखते हैं ठीक है जैसे कि हम सच में क्या बात करनी है ठीक है तो इसको हम लिखते हैं विक्रम अनुपात का नियम यह दुनिया में यह देखकर नामक ट्रैक्टर नामक वैज्ञानिक द्वारा सन 1792 इसी में दिया गया था ठीक है ना तो इन्होंने हमारे क्या बताया था कि जब दो तत्वों के भिन्न-भिन्न तापमान ठीक है तो हम इसको देख लेते हैं ठीक है ना तू जैसे कि हमारे दो तब तो हम ले लेते हैं इसमें एक हम मौका हाइड्रोजन ले लेते हैं तथा एक ऑक्सीजन ले लेते हैं ठीक है तो अलग-अलग किसी तीसरे तत्व के निश्चित क्रम मानसिक सहयोग करते हैं ठीक है ना तो अलग-अलग किसी तीसरे तत्व के निश्चित रहमान से जब सहयोग करते हैं ठीक है तो

ठीक है जैसे कि हमने कार्बन जो है हाइड्रोजन ले लिया अब तक तो तू जब भी हाइड्रोजन हमारे कार्बन से के साथ सहयोग करता तो हमारा मिथेन बनाता है ठीक है तथा जब हमारा ठीक है एक निश्चित अनुपात में सहयोग करता है जब का कार्बन हाइड्रोजन तो नितिन बनाते हैं तथा जब ऑक्सीजन जो होता है वह में कार्बन के साथ एक निश्चित अनुपात में सहयोग करता है तो हमारे यहां पर CO2 बनाता है ठीक है ना तो इन्होंने क्या बताया कि जब दो तत्वों के भिन्न-भिन्न प्रमाण अलग-अलग किसी तीसरे तत्व के निश्चित रहमान से सहयोग करें जैसे कि हमने देखा अलग-अलग यह तीसरी तत्व जो कार्बन है उसके साथ एक निश्चित अनुपात में सहयोग कर रहे हैं ठीक है ना तो अब यदि इन दोनों तत्वों में कभी सहयोग हो सके तो ठीक है यदि हम इन दोनों को तत्वों में कभी सहयोग हो सके तो वे उसी अनुपात में थे ना उसी अनुपात में सहयोग करेंगे आज के सरल उड़े अनुपात में सहयोग करेंगे जिसमें वे तीसरे तल से एक निश्चित रवाना निश्चित द्रव्यमान से सहयोग कर रहे थे तो जैसे कि यहां पर हम देखेंगे कार्बन हाइड्रोजन के बीच में जो अनुपात है ठीक है

तो आर्य द्वारा कारण तथा ऑक्सीजन के बीच में जो प्रधान पाठक यह दोनों अभी जब इन दोनों में आपस में सहयोग होगा तो हमारा हाइड्रोजन और ऑक्सीजन मिलकर S2 अर्थात जल बनाएंगे और इनके बीच में भी वही अनुपात होगा जो हमारा है के कार्बन हाइड्रोजन तथा कार्बन तथा ऑक्सीजन के बीच में सहयोग करते समय था ठीक है तो आइए हम इस नियम को इतना लेट लिख लेते हैं ठीक है ना तो जब दो तत्वों के भिन्न-भिन्न जब दो तत्वों के भिन्न-भिन्न सिग्नेचर दो तत्वों के भिन्न-भिन्न द्रव्यमान अलग-अलग किसी तीसरे दिन पहने द्रव्यमान अलग-अलग ठीक है अलग-अलग किसी किसी तीसरे तत्व के निश्चित रहमान किसी तीसरे तत्व के निश्चित क्या किसी

तीसरे तत्व के निश्चित द्रव्यमान द्रव्यमान से सहयोग करते हैं और यदि से सहयोग करते हैं और यदि और यदि इन दोनों तत्वों में कभी सहयोग हो सके तो इन दोनों तत्वों में ठीक है कभी सहयोग हो सके तो कभी संयोग हो सके तो ठीक है ना वह उसी अनुपात में उसी अनुपात में अथवा उसके उसी अनुपात में ठीक है अथवा एक सरल अनुपात में अथवा एक सरल गणित अनुपात में एक सरल गणित अनुपात में

तैनात सरल गणित अनुपात में सहयोग करेंगे जिसमें वह सहयोग करेंगे जिसमें भी सहयोग करेंगे जिसमें ठीक है जिसमें वे ए तीसरे तत्व के एक निश्चित अरमान से सहयोग करते हैं एक तीसरे तत्व के ठीक है तब तो के निश्चित द्रव्यमान से निश्चित द्रव्यमान से सहयोग करते है ठीक है ना इस प्रकार से यह जो इसकी परिभाषा है इस नियम की वह पूर्ण होती है तो यह आप जैसा कि हमने इसमें देखते हैं कि ने क्या कहा था कि दो तत्वों के भिन्न-भिन्न तरह मान ठीक है अलग-अलग किसी तीसरे तत्वों से

कि निश्चित रहमान से सहयोग करते हैं और यदि इन दोनों तख्तों में कभी सहयोग हो सके तो उसी अनुपात में अथवा एक सरल गणित अनुपात में सहयोग करेंगे जिसमें वे एक तीसरे तत्व के निश्चित रहमान से सहयोग करते हैं ठीक है कहां पर देखा भी की जाए हाइड्रोजन हमारे कार्बन से सहयोग करता है तथा यहां पर ऑक्सीजन जो है हमारा कार्बन से सहयोग करता है तीसरे तत्वों से और यह हमारे जो है यहां पर मीथेन बनाया था तथा यहां पर हमने नेटवर्क कार्बन डाइऑक्साइड बनाता ठीक है ना पूर्ण होता है आशा करता हूं आप सभी को तक आना होगा धन्यवाद

व्युत्क्रम अनुपात का नियम क्या होता है?

व्युत्क्रम अनुपात के नियम को एक उदाहरण द्वारा समझाइए। हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के परस्पर संयोग से बने जल (H2O) में इन दोनों तत्वों का भारात्मक अनुपात 1:8 ही होता है। हाइड्रोजन व ऑक्सीजन के परस्पर संयोग से बने हाइड्रोजन परॉक्साइड में इन दोनों तत्वों का भारात्मक अनुपात 1:16 है, जो 1:8 का सरल गुणक है।

तुल्य अनुपात का नियम क्या है उदाहरण सहित समझाइए?

तुल्य अनुपात / व्युत्क्रम का नियम उदाहरण 1 : C और O2 , तीसरे तत्व H2 से अलग अलग क्रिया करके CH4 व H 2O बनाते है और स्वयं क्रिया करके कार्बन डाइऑक्साइड (CO 2) बनाते है। CH4 में कार्बन के 12 ग्राम , H2 के 4 ग्राम से क्रिया है और H 2O में H2 के 2 ग्राम ,O2 के 32 ग्राम से क्रिया करते है।

गुणित अनुपात का नियम कौन दिया?

सही उत्तर जॉन डाल्टन है। गुणित अनुपातों के इस नियम को डाल्टन का नियम भी कहा जाता है, क्योंकि इस नियम की घोषणा (1803) अंग्रेजी रसायनज्ञ जॉन डाल्टन ने की थी।

रासायनिक संयोग के नियम क्या है?

इस नियम के अनुसार "रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले पदार्थों की मात्राओं का योग रासायनिक अभिक्रिया से बने पदार्थों की मात्राओं के योग के बराबर है। अर्थात् रासायनिक अभिक्रिया में द्रव्य न तो उत्पन्न होता है और न ही नष्ट होता है।" इसे पदार्थ की 'अविनाशिता का नियम' भी कहते हैं।