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विराम का मूल अर्थ - रुकना, ठहराव, आराम की स्थिति है। बोलते समय या दूसरों से बात करते समय जब हम बीच-बीच में रुकते हैं या किसी स्वर या शब्द पर विशेष जोर देते हैैं, कभी दूसरे शब्द पर विशेष जोर देते हैं, कभी-कभी हम उतार-चढ़ाव के साथ अपनी बात कहतेे हैं तो इसी उतार-चढ़ाव को विराम चिन्ह कहा जाता है। विराम चिह्नों की विशेषताएँ- हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। उदाहरण- रोको मत जाने दो। हिन्दी में प्रयुक्त विराम चिन्ह हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। प्रयोग 1. अल्प विराम ( , )- जहाँ हमें थोड़ी देर के लिए रुकना होता है तो वहाँ अल्प विराम लगाते हैं। 2 अर्द्ध विराम ( ; )जहाँ अल्पविराम की तुलना में कुछ अधिक देर रुकना हो तो वहाँ अर्ध्दविराम ( ; ) का प्रयोग होता है। 3.पूर्णविराम ( । ) इसका प्रयोग वाक्य की पूर्णता पर होता है। 4.अपूर्ण विराम ( : )- इसका प्रयोग वाक्य की अपूर्णता पर होता है- 5.प्रश्नवाचक चिन्ह (?)- इसका प्रयोग क्यों, कहाँ, कब, कौन आदि का वाक्य में प्रयोग होने पर होता है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। 6.निर्देशक चिन्ह (–) 7.योजक.चिन्ह ( -
) इसका प्रयोग दो पदों के बीच होता है। 8.विस्मयादिबोधक चिन्ह ( ! )- इस चिन्ह का प्रयोग हर्ष, शोक, घृणा , भय , आश्चर्य, संबोधन आदि के लिए होता है - 9.कोष्ठक ( ) [ ] { } इस जिनका प्रयोग मूल्य वाक्य के अर्थ को अधिक स्पष्ट करते हुए किया जाता
है। हिन्दी व्याकरण के इन 👇 प्रकरणों को भी पढ़िए।। 10. इकहरा अवतरण चिन्ह ( ' ' ) किसी
कथन या उक्ति को, किसी प्रसिद्ध नाम या वस्तु को उदाहरण एकहरे अवतरण चिह्न के अंदर लिखा जाता है। 11. अवतरण (उध्दरण) चिन्ह (" ") इसका भी प्रयोग किसी के द्वारा कहे गये कथन या वाक्य को ज्यों का त्यों लिखने हेतु किया जाता है। 12.विवरण चिन्ह (:–) इसका प्रयोग विस्तार से किसी बात को कहने के लिए किया जाता है। 13. लोप निर्देशक चिन्ह (------) कुछ अनावश्यक अंश छोड़ जाता है या छोड़ देने पर इसका प्रयोग करते हैं। 14.पुनरुक्ति सूचक चिन्ह
(---,,-- ---,,----) इसका प्रयोग किसी बात को दोहराने की जगह किया जाता है। 15.तुलना सूचक (=) इसका प्रयोग बराबरी को दर्शाने के लिए किया जाता है 16. संक्षेप सूचक (लाघव) (०) किसी बड़े शब्द या वाक्य को संक्षिप्त करने के लिए किया जाता है। इन प्रकरणों 👇 के बारे में भी जानें। 17. समाप्ति सूचक (--×--×--)किसी
वाक्य, प्रसंग या अध्याय की समाप्ति पर सूचक स्वरूप इसका प्रयोग हमने करते हैं। 18.हंसपाद (काक पाद) (^ या <) किसी वाक्य का लिखते समय कुछ छूट जाता है, तो इसका प्रयोग करके वाक्य पूरा कर लिया जाता है। 19. अपूर्णता सूचक चिन्ह-(××××) जब कोई बात पूर्ण न कह कर
बीच में अपूर्ण छोड़ दी जाती है तो वह दर्शाने के लिए उसका प्रयोग किया जाता है। इन प्रकरणों 👇 को भी पढ़ें। आशा है, विराम चिह्नों से संबंधित यह जानकारी परीक्षापयोगी एवं महत्वपूर्ण होगी। I hope the above information will be useful and important. Watch
related information below विराम चिन्ह क्या है इसकी क्या उपयोगिता है उदाहरण सहित समझाइए?विराम चिन्ह: Viram Chinh Ki Paribhsha
अथार्त वाक्य लिखते समय विराम को प्रकट करने के लिए लगाये जाने वाले चिन्ह को ही विराम चिन्ह कहते हैं। विराम का अर्थ: विराम का अर्थ है 'रुकना' या 'ठहरना', अथार्त वाक्य को लिखते अथवा बोलते समय बीच में कहीं थोड़ा-बहुत रुकना पड़ता है जिससे भाषा स्पष्ट, अर्थवान एवं भावपूर्ण हो जाती है।
विराम चिन्हों की क्या उपयोगिता है संक्षेप में चर्चा कीजिए?विराम चिन्ह की परिभाषा
विराम का अर्थ “रुकना” है। लिखित भाषा में प्रयोग किए जाने वाले लिखित चिन्हों को viram chinh कहते है। लेखक के भाव बोध को सुबोध और सरल बनाने के लिए विराम चिह्नों की आवश्यकता होती है।
विराम चिन्ह किसे कहते हैं यह कितने प्रकार के होते हैं उदाहरण सहित समझाइए?विराम चिन्ह (Punctuation Mark) की परिभाषा – भित्र-भित्र प्रकार के भावों और विचारों को स्पष्ट करने के लिए जिन चिह्नों का प्रयोग वाक्य के बीच या अंत में किया जाता है, उन्हें 'विराम चिह्न' कहते है। दूसरे शब्दों में- विराम का अर्थ है – 'रुकना' या 'ठहरना' ।
विराम चिन्ह किसे कहते हैं हिंदी भाषा में कितने प्रकार के चिन्हों का प्रयोग किया जाता है?पाठ को सरल बनाने के लिए, भाव बोध के लिए, शब्दों और वाक्यों के परस्पर संबंध दर्शाने के लिए, पढ़ते समय एक वाक्य की समाप्ति के लिए हम जिन चिह्नों का प्रयोग करते हैं, उसे 'विराम चिह्न' कहते हैं। अधिकांश विराम चिह्न जो आज हिन्दी में प्रयुक्त हैं, वो अंग्रेज़ी से लिए गए हैं।
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