विधि के समक्ष समानता का क्या आशय है - vidhi ke samaksh samaanata ka kya aashay hai

विधि के समक्ष समानता क्या है?

इसका तात्पर्य देश के अंतर्गत सभी न्यायालयों द्वारा प्रशासित कानून के सामने सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाएगा, चाहे व्यक्ति अमीर हो या गरीब, सरकारी अधिकारी हो या कोई गैर-सरकारी व्यक्ति, क़ानून से कोई भी ऊपर नहीं है।

विधि के समान संरक्षण से क्या अभिप्राय है?

अनुच्छेद-15 (1) "राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूल वंश, जाति, लिंग, जन्म-स्थान अथवा इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा । "

विधि के अनुसार समानता का अधिकार क्या है?

भारत में समता/समानता का अधिकार अनुच्छेद १४= विधि के समक्ष समानता। अनुच्छेद १५= धर्म, वंश, जाति, लिंग और जन्म स्थान आदि के आधार पर भेदभाव नहीं किया जायेगा। अनुच्छेद १६= लोक नियोजन के विषय में अवसर की समानता। अनुच्छेद १७= छुआछूत (अस्पृश्यता) का अन्त कर दिया गया है।

समता और समानता से आप क्या समझते हैं?

समानता का दावा है कि समान मानवता के कारण सभी मनुष्य समान महत्त्व और सम्मान पाने योग्य हैं। साझी मानवता की यह धारणा ही 'सार्वभौम मानवाधिकार' या 'मानवता के प्रति अपराध' जैसी धारणाओं के पीछे रहती है । 4 बहुत सी सामाजिक संस्थाएँ और राजसत्ता लोगों में पद, धन, हैसियत या विशेषाधिकार की असमानता कायम रखती हैं