Q.35 : वायु प्रदूषण क्या है ? विभिन्न प्रकार के वायु प्रदूषण कारकों की व्याख्या कीजिए एवं वायु प्रदूषण दूर करने के उपाय लिखिए। Show उत्तर - मानव एवं अन्य जीवधारियों के जीवन के लिए स्वच्छ वायु आवश्यक है जो वायुमण्डल से प्राप्त होती है। वायुमण्डल में पाई जाने वाली गैसें निश्चित मात्रा एवं अनुपात में होती हैं। जब किन्हीं कारणों से इनकी मात्रा एवं अनुपात में परिवर्तन होता है। तो इसे वायु प्रदूषण (air pollution) कहते हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की गैसें, कार्बन के कण, धुआँ, खनिजों के कण आदि सम्मिलित हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने वायु प्रदूषण को निम्नलिखित प्रकार से परिभाषित किया है - "वायु प्रदूषण एक ऐसी परिस्थिति है, जिसमें बाह्य वायुमंडल में ऐसे पदार्थ एकत्रित हो जाते हैं जो मनुष्य एवं उसके पर्यावरण के लिए हानिकारक होते हैं।" वायु प्रदूषण के स्त्रोत एवं कारण- वायु प्रदूषण के स्त्रोत एवं कारण निम्नलिखित हैं - (i) प्राकृतिक स्त्रोत - प्रकृति में प्रदूषण ज्वालामुखी से निकली राख, आँधी तूफान के समय उड़ती धूल, वनों में लगी आग से उत्पन्न धुएँ तथा कोहरे इत्यादि के रूप में होता है। (ii) मानवीय स्त्रोत - वर्तमान में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण मानव की विभिन्न गतिविधियों द्वारा वायु में छोड़ी गई गैसें तथा अन्य हानिकारक पदार्थ हैं, जैसे - कार्बन डाइऑक्साइड, कार्बन मोनोक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, अमोनिया आदि। इसके अतिरिक्त औद्योगिक कारणों से, घरों में ईंधन जलाने से, वाहनों के चालन से तथा कृषि सम्बन्धी कार्यों से भी वायु प्रदूषित होती है। सुविधा की दृष्टि से वायु प्रदूषण के विभिन्न स्त्रोतों को निम्नलिखित शीर्षकों में विभाजित किया जा सकता है - (i) दहन प्रक्रम - दहन अनेक प्रकार से होता है, जैसे - सफाई कार्यों में कूड़ा-करकट जलाने, घरेलू कार्यों में ईंधन जलाने, यातायात के साधनों में पेट्रोल और डीजल के जलने से तथा विद्युत् घरों में कोयले के जलने से दहन से अनेक गैसें तथा पदार्थ उत्पन्न होते हैं। जो वायु को प्रदूषित करते हैं। (ii) औद्योगिक निर्माण प्रक्रम - उद्योगों से निकलने वाले प्रदूषकों की प्रकृति कारखानों के प्रकार पर निर्भर करती है कि वह उद्योग किस प्रकार का है? क्या वहाँ कच्चा माल उपयोग में लाया जाता है? क्या वहाँ उत्पादन किया जाता है? उदाहरणार्थ - मोमबत्ती बनाने वाले उद्योग तथा धातुकर्म उद्योग से निकले प्रदूषक पदार्थ, पुट्ठा तथा शक्कर बनाने वाले उद्योगों से उत्पन्न प्रदूषकों से निश्चित ही भिन्न होते हैं। (iii) कृषि कार्य- आजकल फसल को नुकसान पहुँचाने वाले कीटों तथा पेस्ट (pest) का नाश करने के लिए अनेक प्रकार के विषैले कीटनाशी तथा पेस्टनाशी दवाइयों के छिड़काव का बहुत अधिक प्रचलन है। पौधों के संक्रामक रोगों और टिड्डी तथा दूसरे कीटों के आक्रमण के समय इन दवाओं का विस्तृत छिड़काव वायुयानों के द्वारा भी किया जाता है। इस प्रकार छिड़काव से ये विषैले रसायन वाष्प तथा सूक्ष्म कणों के रूप में वायुमण्डल के विस्तृत क्षेत्र में व्याप्त हो जाते हैं तथा गम्भीर वायु प्रदूषण का कारण बनते हैं। (iv) विलायकों का प्रयोग - स्प्रे, पेन्ट तथा फर्नीचर की पॉलिश बनाने में तरह-तरह के विलायकों का प्रयोग किया जाता है। अधिकांश विलायक वाष्पशील हाइड्रोकार्बन पदार्थ होते हैं। स्प्रे-पेन्टिंग तथा पॉलिश करते समय ये पदार्थ सूक्ष्म कणों तथा वाष्प के रूप में वायु में मिल जाते हैं तथा वायु को प्रदूषित करते हैं। (v) परमाण्विक ऊर्जा परियोजनाएँ - परमाणु बमों के निर्माण में विघटनाभिक समस्थानिक तत्वों का उपयोग होता है। ये पदार्थ अस्थायी प्रकृति के होते हैं तथा उत्पन्न होने के साथ ही विघटित होना शुरू हो जाते हैं। इनका विघटन -किरणों तथा परमाणु कणों के विकिरण के रूप में होता है। विकिरण मनुष्य तथा पेड़-पौधों दोनों के लिए घातक पाये गये हैं। बम विस्फोट के साथ ही ये विघटनाभिक पदार्थ कण वायुमण्डल में दूर-दूर तक फैल जाते हैं तथा बाद में धीरे-धीरे अवपात के रूप में नीचे गिरते हैं। अमेरिका द्वारा जापान के हिरोशिमा तथा नागासाकी शहरों पर किया बम विस्फोट तथा उससे अब तक महसूस किये जाने वाले प्रभाव इसके ज्वलन्त उदाहरण हैं। (vi) अन्य स्त्रोत - धूल भरी कच्ची सड़कों पर वाहनों तथा पैदल यात्रियों के आवागमन से बहुत धूल उड़ती है जो वायु को प्रदूषित करती है। मद्य निर्माणशालाओं तथा चर्म शोधन शालाओं के आस-पास के क्षेत्रों में अरुचिकर दुर्गन्ध अनुभव होती है। इसके अतिरिक्त सड़कों के आस-पास तथा मकानों के पीछे पड़े कचरे के ढेरों की सड़न, नाली-नालों की गन्दगी से वायु प्रदूषण होता है। सिनेमाघरों, नाट्यगृहों इत्यादि सार्वजनिक मनोरंजन तथा गतिविधियों के समय एक ही स्थान (हॉल) में बैठे व्यक्ति, धूम्रपान से उत्पन्न धुएँ से पीड़ित होते हैं। सार्वजनिक मूत्रालयों तथा शौचालयों में सफाई की पर्याप्त व्यवस्था न होने से भी वायु प्रदूषित होती है। वायु प्रदूषण दूर करने के उपाय - वायु प्रदूषण की रोकथाम (prevention) निम्नलिखित प्रकार से की जाती है - (ii) स्त्रोत पर नियंत्रण (Control on Source)- स्त्रोत पर नियंत्रण लगाने के लिए। निम्नलिखित उपाय अपनाए जाते हैं - (अ) स्त्रोतों का पुनःस्थापन (Sources Relocation) - फैक्टरियों के कारण होने वाले वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फैक्टरियों को जनसंख्या वाले क्षेत्रों से दूर करके वायु प्रदूषण को रोका जाता है। वायु प्रदूषण के कारण क्या है?वायु प्रदूषण के कारण एवं बचाव - Causes And Prevention Of Air Pollution In Hindi!. बढ़ती आबादी भारत जैसे देश में जिस गति से जनसंख्या में वृद्धि हो रही है वह बढ़ते वायु प्रदूषण का एक सबसे बड़ा संकेतक है। ... . बढ़ते उद्योग ... . संचार के साधन ... . वनों की अंधाधुंध कटाई ... . परमाणु परिक्षण. वायु प्रदूषण के 3 कारण क्या है?बहुत से उद्योग भी वायु प्रदूषण के लिए उत्तरदायी हैं। पेट्रोलियम परिष्करणशालाएँ सल्फर डाइऑक्साइड तथा नाइट्रोजन डाइऑक्साइड जैसे गैसीय प्रदूषकों की प्रमुख स्रोत हैं। विद्युत संयंत्रों में कोयला जैसे ईंधन के दहन से सल्फर डाइऑक्साइड उत्पन्न होती है।
क्या वायु प्रदूषण के 10 कारण होते हैं?1) वातावरण की वायु में घुली हानिकारक गैस और अशुद्ध कण वायु प्रदुषण कहलाती हैं। 2) उद्योग, वाहन व ज्वालामुखी से उत्सर्जित गैस वायु प्रदूषण का मुख्य कारण है। 3) मानवजनित गतिविधियां वायु प्रदूषण के कारण होते हैं। 4) जीवाश्म ईंधन का अधिक दोहन और जंगल की आग भी प्रदूषण का कारण है।
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