योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम क्या है? - yogee aadityanaath ka puraana naam kya hai?

योगी आदित्यनाथ
योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम क्या है? - yogee aadityanaath ka puraana naam kya hai?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
19 मार्च 2017
राज्यपाल राम नाईक तत्कालीन,
आनन्दीबेन पटेल वर्तमान
पूर्वा धिकारी अखिलेश यादव

सदस्य, विधान परिषद

पदस्थ
कार्यालय ग्रहण 
18 सितम्बर 2017
चुनाव-क्षेत्र उत्तर प्रदेश

सांसद, लोकसभा

पद बहाल
1998 – सितम्बर 2017
पूर्वा धिकारी महन्त अवैद्यनाथ
उत्तरा धिकारी प्रवीण कुमार निषाद
चुनाव-क्षेत्र गोरखपुर

जन्म 5 जून 1972 (आयु 50)
पंचुर, पौड़ी गढ़वाल, उत्तराखण्ड
राष्ट्रीयता भारतीय
राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी
निवास गोरखनाथ मठ, गोरखपुर , उत्तर प्रदेश, भारत
धर्म हिन्दू (नाथ सम्प्रदाय)
जालस्थल yogiadityanath.in

योगी आदित्यनाथ (मूल नाम : अजय सिंह बिष्ट; जन्म 5 जून 1972) गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त[1] तथा राजनेता हैं एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली।[2] वे 1998 से 2017 तक भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर गोरखपुर लोकसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया[3] और 2014 लोकसभा चुनाव में भी यहीं से सांसद चुने गए थे। आदित्यनाथ गोरखनाथ मन्दिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के उत्तराधिकारी हैं। ये हिन्दू युवाओं के सामाजिक, सांस्कृतिक और राष्ट्रवादी समूह हिन्दू युवा वाहिनी के संस्थापक भी हैं, तथा इनकी छवि एक प्रखर राष्ट्ररवादी नेता की है।

प्रारंभिक जीवन

5 जून 1972 को उत्तराखण्ड (तत्कालीन उत्तर प्रदेश; देखें: उत्तर प्रदेश का विभाजन) के पौड़ी गढ़वाल जिले स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचुर गाँव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में योगी आदित्यनाथ का जन्म हुआ।[4] इनके पिता का नाम आनन्द सिंह बिष्ट है जो एक फॉरेस्ट रेंजर थे,[5] तथा इनकी मां का नाम सावित्री देवी है। 20 अप्रैल 2020 को उनके पिता आनन्द सिंह बिष्ट की मृत्यु हो गई। अपनी माता-पिता के सात बच्चों में तीन बड़ी बहनों व एक बड़े भाई के बाद ये पांचवें थे एवं इनसे और दो छोटे भाई हैं।[6]

इन्होंने 1977 में टिहरी के गजा के स्थानीय स्कूल में पढ़ाई शुरू की व 1987 में यहाँ से दसवीं की परीक्षा पास की। सन् 1989 में ऋषिकेश के श्री भरत मन्दिर इण्टर कॉलेज से इन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा पास की। 1990 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई करते हुए ये अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े। 1992 में श्रीनगर के हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय से इन्होंने गणित में बीएससी की परीक्षा पास की। कोटद्वार में रहने के दौरान इनके कमरे से सामान चोरी हो गया था जिसमें इनके सनत प्रमाण पत्र भी थे। इस कारण से गोरखपुर से विज्ञान स्नातकोत्तर करने का इनका प्रयास असफल रह गया। इसके बाद इन्होंने ऋषिकेश में पुनः विज्ञान स्नातकोत्तर में प्रवेश तो लिया लेकिन राम मंदिर आंदोलन का प्रभाव और प्रवेश को लेकर परेशानी से उनका ध्यान अन्य ओर बंट गया। [6] 1993 में गणित में एमएससी की पढ़ाई के दौरान गुरु गोरखनाथ पर शोध करने ये गोरखपुर आए[7] एवं गोरखपुर में अपने चाचा महंत अवैद्यनाथ के शरण में ही चले गए और दीक्षा ले ली।[6] 1994 में ये पूर्ण संन्यासी बन गए, जिसके बाद इनका नाम अजय सिंह बिष्ट से योगी आदित्यनाथ हो गया।[2][4]

12 सितंबर 2014 को गोरखनाथ मंदिर के पूर्व महन्त अवैद्यनाथ के निधन के बाद इन्हें यहाँ का महंत बनाया गया। 2 दिन बाद इन्हें नाथ पंथ के पारंपरिक अनुष्ठान के अनुसार मंदिर का पीठाधीश्वर बनाया गया।[7]

राजनैतिक जीवन

सबसे पहले 1998 में योगी आदित्यनाथ गोरखपुर से भाजपा प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े और जीत गए। तब इनकी उम्र केवल 26 वर्ष थी।[4][7] वे बारहवीं लोक सभा (1998-99) के सबसे युवा सांसद थे। 1999 में ये गोरखपुर से पुनः सांसद चुने गए।

अप्रैल 2002 में इन्होंने हिन्दू युवा वाहिनी बनायी। 2004 में तीसरी बार लोकसभा का चुनाव जीता। 2009 में ये 2 लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर लोकसभा पहुंचे। 2014 में पांचवी बार एक बार फिर से दो लाख से ज्यादा वोटों से जीतकर ये सांसद चुने गए। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत मिला, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 12 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इसमें योगी आदित्यनाथ से काफी प्रचार कराया गया, लेकिन परिणाम निराशाजनक रहा। 2017 में विधानसभा चुनाव में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने योगी आदित्यनाथ से पूरे राज्य में प्रचार कराया। इन्हें एक हेलीकॉप्टर भी दिया गया।[4]

19 मार्च 2017 में उत्तर प्रदेश के बीजेपी विधायक दल की बैठक में योगी आदित्यनाथ को विधायक दल का नेता चुनकर मुख्यमंत्री पद सौंपा गया।[2][4]

भारतीय जनता पार्टी से सम्बन्ध

आदित्यनाथ के भारतीय जनता पार्टी के साथ रिश्ता एक दशक से पुराना है। वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं।[8] इससे पहले उनके पूर्वाधिकारी तथा गोरखनाथ मठ के पूर्व महन्त, महन्त अवैद्यनाथ भी भारतीय जनता पार्टी से 1991 तथा 1996 का लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं।[4]

लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन

योगी आदित्यनाथ सबसे पहले 1998 में गोरखपुर से चुनाव भाजपा प्रत्याशी के तौर पर लड़े और तब उन्होंने बहुत ही कम अंतर से जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद हर चुनाव में उनका जीत का अंतर बढ़ता गया और वे 1999, 2004, 2009 तथा 2014 में सांसद चुने गए।[9] इन्होंने अप्रैल 2002 में हिन्दू युवा वाहिनी बनायी।[2]

विवाद

7 सितम्बर 2008 को योगी आदित्यनाथ पर आजमगढ़ में जानलेवा हिंसक हमला हुआ था। इस हमले में वे बाल-बाल बचे। यह हमला इतना बड़ा था कि सौ से भी अधिक वाहनों को हमलावरों ने घेर लिया और लोगों को लहूलुहान कर दिया।[10] आदित्यनाथ को गोरखपुर दंगों के दौरान तब गिरफ्तार किया गया जब मुस्लिम त्यौहार मोहर्रम के दौरान फायरिंग में एक हिन्दू युवा की जान चली गयी।[11] जिलाधिकारी ने बताया कि वह बुरी तरह जख्मी है। तब अधिकारियों ने योगी को उस जगह जाने से मना कर दिया परन्तु आदित्यनाथ उस जगह पर जाने को अड़ गए। तब उन्होंने शहर में लगे कर्फ्यू को हटाने की मांग की। अगले दिन उन्होंने शहर के मध्य श्रद्धांजलि सभा का आयोजन करने की घोषणा की लेकिन जिलाधिकारी ने इसकी अनुमति देने से मना कर दिया। आदित्यनाथ ने भी इसकी चिंता नहीं की और हजारों समर्थकों के साथ अपनी गिरफ़्तारी दी। आदित्यनाथ को सीआरपीसी की धारा 151A, 146, 147, 279, 506 के तहत जेल भेज दिया गया।[12] उनपर कार्यवाही का असर हुआ कि मुंबई-गोरखपुर गोदान एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे फूंक दिए गए, जिसका आरोप उनके संगठन हिन्दू युवा वाहिनी पर लगा।[13]

यह दंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के छह जिलों और तीन मंडलों में भी फैल गए।[14] उनकी गिरफ़्तारी के अगले दिन जिलाधिकारी हरि ओम और पुलिस प्रमुख राजा श्रीवास्तव का तबादला हो गया। कथित रूप से आदित्यनाथ के ही दबाव के कारण मुलायम सिंह यादव की उत्तर प्रदेश सरकार को यह कार्यवाही करनी पड़ी।[15]

योगी धर्मांतरण के खिलाफ और घर वापसी के लिए काफी चर्चा में रहे। 2005 में योगी आदित्यनाथ ने कथित तौर पर 1800 ईसाइयों का शुद्धीकरण कर हिन्दू धर्म में शामिल कराया। ईसाइयों के इस शुद्धीकरण का काम उत्तर प्रदेश के एटा जिले में किया गया था।[7]

मुख्यमंत्री निर्वाचन

योगी आदित्यनाथ ने रविवार, 19 मार्च 2017 को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। शपथ समारोह लखनऊ के कांशीराम स्मृति उपवन में हुआ। इनके साथ दो उप-मुख्यमंत्री भी बनाये गए। उत्तर प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार दो उप-मुख्यमंत्री बने।[16] समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, बीजेपी के तत्कालीन अध्यक्ष अमित शाह और पार्टी के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए थे। मंच पर अखिलेश यादव और मुलायम सिंह भी मौजूद रहे।[17]

इन्हें भी देखें

  • केशव प्रसाद मौर्य
  • दिनेश शर्मा
  • उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री

सन्दर्भ

  1. राजनीति की धुरी रहा है योगी का गोरखनाथ मठ Archived 2017-03-19 at the Wayback Machine - बीबीसी - 19 मार्च 2017
  2. ↑ अ आ इ ई योगी आदित्यनाथ का असली नाम है ठाकुर अजय सिंह बिस्ट है। इनके जीवन से जुड़ी अनसुनी बातें Archived 2017-03-18 at the Wayback Machine - एनडीटीवी - 18 मार्च 2017
  3. "Official biography from Parliament of India records". मूल से 30 अक्तूबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 12 मार्च 2014.
  4. ↑ अ आ इ ई उ ऊ योगी आदित्यनाथ का पूरा बायोडाटा, जन्म से लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री तक का सफर Archived 2017-03-19 at the Wayback Machine - एनडीटीवी - 19 मार्च 2017
  5. यूपी का सीएम बनने पर योगी आदित्यनाथ को पिता आनंद सिंह बिष्ट ने दी यह सलाह Archived 2017-03-20 at the Wayback Machine - एनडीटीवी - 19 मार्च 2017
  6. ↑ अ आ इ जब योगी आदित्यनाथ को एबीवीपी का टिकट न मिला.. Archived 2017-03-22 at the Wayback Machine - बीबीसी हिंदी - 20 मार्च 2017
  7. ↑ अ आ इ ई यूपी के नए CM योगी आदित्यनाथ के बारे में ये 8 चीजें जरूर जानें Archived 2017-03-20 at the Wayback Machine - हिंदुस्तान - 20 मार्च 2017
  8. शरद गुप्ता (28 सितम्बर 1999). "Group war peaks in Uttar Pradesh". इंडियन एक्सप्रेस. मूल से 30 अक्तूबर 2008 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 सितंबर 2014.
  9. "भारतीय निर्वाचन आयोग". मूल से 28 सितंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2014.
  10. "दैनिक पांचजन्य". मूल से 25 अक्तूबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 मई 2014.
  11. "Violence hits parts of eastern UP, curfew in Gorakhpur area, दीपक गिडवानी डीएनए मुंबई, जनवरी 29, 2007". मूल से 27 सितंबर 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 मार्च 2014.
  12. अपूर्वानंद (17 फ़रवरी 2007). "Riot, manufactured in Gorakhpur". तहलका. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2007.
  13. शाहिरा नईम (2 फ़रवरी 2007). "Vahini activists set train ablaze". ट्रिब्यून समाचार सेवा. मूल से 28 अप्रैल 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2007.
  14. शाहिरा नईम (30 जनवरी 2007). "Gorakhpur: DM, SSP removed". ट्रिब्यून समाचार सेवा. मूल से 4 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 26 अप्रैल 2007.
  15. सुभाषिनी अली (27 फ़रवरी 2007). "Hindutva's Uncivil Society in Eastern UP: Its time stop the hate spewing yogi of Gorakhpur". SACW.net Communalism Repository. मूल से 7 जून 2007 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 1 मई 2007.
  16. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बने योगी आदित्यनाथ, केशव-दिनेश उप-मुख्यमंत्री Archived 2017-12-03 at the Wayback Machine - बीबीसी - 19 मार्च 2017
  17. योगी आदित्यनाथ ने यूपी के सीएम पद की शपथ ली Archived 2017-03-20 at the Wayback Machine - आज तक - 19 मार्च 2017

बाहरी कड़ियाँ

  • आधिकारिक जालस्थल
लोक सभा
पूर्वाधिकारी
महंत अवैद्यनाथ
गोरखपुर से
सांसद

1998–2017
उत्तराधिकारी
प्रवीण कुमार निषाद
राजनीतिक कार्यालय
पूर्वाधिकारी
अखिलेश यादव
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री
19 मार्च 2017 – अब तक
उत्तराधिकारी
Incumbent

योगी जी का पूरा नाम क्या है?

योगी आदित्यनाथ (मूल नाम : अजय सिंह बिष्ट; जन्म 5 जून 1972) गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त तथा राजनेता हैं एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश के मुख्यमन्त्री हैं। इन्होंने 19 मार्च 2017 को प्रदेश के विधान सभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी की बड़ी जीत के बाद यहाँ के 21वें मुख्यमन्त्री पद की शपथ ली।

योगी का जन्म कहाँ हुआ है?

पौड़ी गढ़वाल, भारतयोगी आदित्यनाथ / जन्म की जगहnull

Yogi का जन्म कब हुआ था?

5 जून 1972 (आयु 50 वर्ष)योगी आदित्यनाथ / जन्म तारीखnull

योगी आदित्यनाथ का घर किधर है?

प्रारंभिक जीवन: योगी आदित्यनाथ जिनका मूल नाम अजय सिंह बिष्ट है। वर्तमान समय में यह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और गोरखपुर के प्रसिद्ध गोरखनाथ मन्दिर के महन्त है। योगी जी का जन्म 05 जून 1972 को उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल जिले में स्थित यमकेश्वर तहसील के पंचूर गांव के एक गढ़वाली क्षत्रिय परिवार में हुआ था।