12 दिन में पीरियड आने का क्या कारण है? - 12 din mein peeriyad aane ka kya kaaran hai?

हेल्थ डेस्क : आज भी भारत में तमाम महिलाएं हैं जो मेंस्ट्रुएशन (menstruation) या पीरियड्स (periods ) को लेकर खुलकर बात नहीं करती हैं। महावारी के दौरान उनके शरीर पर क्या बीतती है, इस बारे में ना वो किसी को बताती हैं और डॉक्टर से कंसल्ट करती हैं। जिससे आगे जाकर उन्हें कई सारी परेशानी हो सकती है। वैसे तो एक महिला को 25 से 28 दिन के अंदर या किसी-किसी कंडीशन में 30 से 35 दिन के अंदर भी पीरियड्स होते हैं। जिसे आमतौर पर सामान्य माना जाता है। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि हार्मोनल इंबैलेंस और अन्य कारणों से महीने में एक नहीं बल्कि 2 या 3 बार पीरियड्स हो जाते हैं। ऐसा किस लिए होता है और क्या इससे घबराने की जरूरत है? इसे लेकर आज हम आपको बताते हैं, इररेगुलर पीरियड्स (irregular menstruation) होने के क्या कारण हो सकते हैं...

दो बार पीरियड होने के कारण

आज के समय में कई महिलाएं इररेगुलर पीरियड से परेशान है। किसी को पीरियड आने में देरी होती है तो किसी को महीने में दो-दो बार पीरियड आ जाते हैं। इसका आमतौर पर कारण परिवार में किसी को फाइब्रॉइड, अल्सर या जल्द मोनोपॉज होना हो सकता है। कई बार आयरन की कमी होने के कारण भी महीने में दो बार पीरियड हो सकते हैं।

स्ट्रेस हो सकता है बार बार पीरियड होने का कारण

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में महिलाएं बहुत ज्यादा तनाव लेती हैं। घर की समस्या होने के साथ-साथ ऑफिस और बाहर के भी बहुत सारे काम उन्हें होते हैं। जिससे स्ट्रेस के कारण उनके खून में हार्मोन बढ़ जाते हैं और कई बार इस कारण उनके पीरियड एक से ज्यादा बार महीने में आ सकते हैं। इसके साथ ही हैवी ब्लीडिंग और पीरियड्स के दौरान दर्द भी ज्यादा हो सकता है।

अल्सर के कारण भी आते हैं बार-बार पीरियड

अगर आपको पीरियड्स के दौरान अल्सर की समस्या होती है तो इससे ज्यादा ब्लीडिंग होने के साथ-साथ कई बार दोबारा भी पीरियड आ सकते हैं। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाकर उनसे अल्सर के दवाई लें।

कहीं प्रेग्नेंट तो नहीं है आप

प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को पीरियड नहीं होते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि प्रेग्नेंट होने के बाद भी महिलाओं को बीच-बीच में ब्लीडिंग होती रहती है। खासकर गर्भावस्था के शुरुआती महीनों में ऐसा हो सकता है। ऐसे में अपने डॉक्टर से जरूर कंसल्ट करें।

ज्यादा वर्कआउट करने से हो सकते है 2 बार पीरियड

आजकल महिलाएं बहुत ज्यादा फिटनेस फ्रीक होती हैं और अपने आप को फिट रखने के लिए घंटों जिम में पसीना बहाती हैं। इस कारण उनके हार्मोंस भी इंबैलेंस हो सकते। जिसके चलते उन्हें महीने में दो बार पीरियड आ जाते हैं।

मिसकैरेज तो नहीं हुआ

प्रेग्नेंसी के स्टार्टिंग के महीनों में ब्लीडिंग होना आम बात है, लेकिन कई बार यह मिसकैरेज के कारण भी होता है। ऐसे में अगर आप प्रेग्नेंट है और बार-बार ब्लीडिंग हो रही है तो डॉक्टर से जरूर संपर्क करें कि कहीं आपका गर्भपात तो नहीं हो गया है।

बार-बार इंटिमेसी भी होती है पीरियड का कारण

अगर आप अपने पार्टनर के साथ रेगुलर इंटिमेट होते हैं तो इसके चलते भी कई बार आपको पीरियड्स के दौरान समस्याएं हो सकती हैं। इसमें महीने में एक से ज्यादा बार पीरियड होना, पीरियड के दौरान दर्द होना या अत्यधिक ब्लीडिंग होना शामिल होता है।

गर्भनिरोध गोलियों के सेवन करने से

आज के समय में कई महिलाएं इररेगुलर पीरियड से परेशान है। किसी को पीरियड आने में देरी होती है तो किसी को महीने में दो-दो बार पीरियड आ जाते हैं। इसका आमतौर पर कारण परिवार में किसी को फाइब्रॉइड, अल्सर या जल्द मोनोपॉज होना हो सकता है। कई बार आयरन की कमी होने के कारण भी महीने में दो बार पीरियड हो सकते हैं।

सभी महिलाओं का शरीर अलग-अलग होता है. लेकिन अगर महिलाओं के मासिक धर्म की बात की जाए, तो एक चक्र 24 से 38 दिन के बीच में हो सकता है. किशोरावस्था में यह चक्र थोड़ा बढ़ भी सकता है. हालांकि, हर महीने मासिक धर्म चक्र में परिवर्तन होने की संभावना रहती है. इसलिए पिछले महीने के मुकाबले अगली मेंस्ट्रुअल साइकिल कम दिन की हो सकती है और महिलाओं को महीने की 1 से 30 तारीख के बीच दो बार पीरियड्स हो सकते हैं. लेकिन कुछ छिपे हुए कारण या समस्या की वजह से भी आपको जल्द ही पीरियड्स जैसा अनुभव हो सकता है. आइए जानते हैं कि किन कारणों के कारण महीने में दो बार पीरियड्स हो सकते हैं.

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एक महीने में दो बार पीरियड्स होने के कारण
निम्नलिखित कारणों की वजह से आपको असली पीरियड्स नहीं होते हैं, बल्कि आपको वजायनल ब्लीडिंग (Vaginal Bleeding) होने लगती है. जिसे पीरियड्स समझ लिया जाता है. आइए इन कारणों के बारे में जानते हैं.

1. पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के कारण
महिलाओं में पेल्विक इंफ्लामेटरी डिजीज के कारण असामान्य वजायनल ब्लीडिंग (Vaginal Bleeding) हो सकती है. क्योंकि इस बीमारी का कारण बनने वाले बैक्टीरिया वजायना और सर्विक्स के माध्यम से महिलाओं के जननांग के भीतर पहुंच जाते हैं और उसे संक्रमित कर देते हैं. इस समस्या के कारण आपको महीने में दो बार पीरियड्स जैसा अनुभव हो सकता है.

2. यूटेराइन फाइब्रॉयड के कारण
जब गर्भाशय के अंदर ट्यूमर (बिनाइन ट्यूमर) विकसित हो जाता है, तो उसे यूटेराइन फाइब्रॉयड की समस्या कहा जाता है. आमतौर पर यह समस्या उन महिलाओं को होती है, जिनकी उम्र गर्भवती होने के लायक होती है. इन बिनाइन ट्यूमर के कारण वजायनल ब्लीडिंग हो सकती है.

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3. गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन
जो महिलाएं नियमित रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कर रही होती हैं, उनके अचानक दवाओं का सेवन छोड़ने पर असामान्य पीरियड्स शुरू हो सकते हैं. वहीं, कुछ गर्भनिरोधक दवाएं आपके शरीर में हॉर्मोनल चेंज का कारण बन सकती हैं, जिसके कारण असामान्य ब्लीडिंग हो सकती है.

4. प्रेग्नेंसी के कारण ब्लीडिंग
गर्भधारण होने के दौरान आपको वजायनल ब्लीडिंग का अनुभव हो सकता है. इसे इंप्लांटेशन ब्लीडिंग कहा जाता है. जो कि ब्लड स्पॉटिंग से लेकर मध्यम रक्तस्राव तक हो सकता है. यह रक्तस्राव गर्भधारण करने के 6 दिन से लेकर 12 दिन के अंदर हो सकता है. इसलिए अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं और आपने एक महीने में दो बार पीरियड्स जैसा अनुभव किया है, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर करवा लें.

यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है. इसकी हम पुष्टि नहीं करते हैं.

१२ दिन में पीरियड आने का क्या कारण है?

प्रेग्नेंसी के कारण ब्लीडिंग जो कि ब्लड स्पॉटिंग से लेकर मध्यम रक्तस्राव तक हो सकता है. यह रक्तस्राव गर्भधारण करने के 6 दिन से लेकर 12 दिन के अंदर हो सकता है. इसलिए अगर आप सेक्शुअली एक्टिव हैं और आपने एक महीने में दो बार पीरियड्स जैसा अनुभव किया है, तो प्रेग्नेंसी टेस्ट जरूर करवा लें.

10 दिन में पीरियड आने का क्या कारण है?

इसका पहला कारण अक्सर हार्मोनल परिवर्तन होता है, विशेष रूप से प्यूबर्टी यानि की यौवन की शुरुआत में और पेरिमेनोपॉज़ के दौरान। इसके अलावा कई मेडिकल कंडीशन भी मासिक धर्म की अनियमितता की वजह हो सकती है। यहां हम मासिक धर्म यानि पीरियड जल्दी होने की प्रमुख 7 वजहों के साथ-साथ उनके लक्षण और उपचार भी बता रहे हैं।

13 दिन में पीरियड आने का क्या कारण है?

यदि कोई महिला अधित तनाव में हो, तब भी इसका सीधा मासिक चक्र पर पड़ता है। तनाव की वजह से खून में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है और इस कारण या तो पीरियड बहुत लंबे या बहुत छोटे हो सकते है। 3. यदि कोई महिला बर्थ कंट्रोल पिल्स ले रही हैं, तब ये भी पीरियड्स अनियमित हो सकते है।

महीने में दो बार पीरियड आए तो क्या करना चाहिए?

ज्यादा स्ट्रेस लेना यदि कोई महिला अधिक तनाव में हो, तब भी इसका सीधा पीरियड पर पड़ता है. दरअसल तनाव के कारण से खून में स्ट्रेस हार्मोन बढ़ जाता है. तनाव के कारण से पीरियड्स बहुत लंबे या बहुत छोटे हो सकते हैं.