12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर - 12 veen ke baad manovigyaan mein kariyar

इस आर्टिकल में हम 12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर के बारे में बात करेंगे। 

दोस्तों एक समय था जब करियर के रूप में विद्यार्थियों के पास बहुत ज्यादा विकल्प नहीं थे, लेकिन आज के समय में विद्यार्थियों के लिए बहुत से अलग-अलग विषयों में, और उनसे संबंधित अलग-अलग क्षेत्रों में अच्छा करियर बनाने के विकल्प मौजूद हैं। 

बेशक विज्ञान के क्षेत्र को ज्यादातर विद्यार्थी करियर के विकल्प के रूप में सबसे पहले देखते हैं, और इसमें medical क्षेत्र एक महत्वपूर्ण भाग है। 

और इसी से संबंधित एक मुख्य विषय साइकोलॉजी यानी मनोविज्ञान है। 

आज के समय में, मनोविज्ञान की पढ़ाई करके इस क्षेत्र में अच्छा करियर बनाया जा सकता है।

और इसी से संबंधित विद्यार्थियों के मन में यह सवाल रहता है कि 12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर कैसे बनाएं? या 12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर के क्या विकल्प हैं?

12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर - 12 veen ke baad manovigyaan mein kariyar

यहां इस आर्टिकल में हम मुख्य तौर पर इसी की बात करेंगे की 12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर की क्या स्थिति है? 

12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर कैसे बना सकते हैं?  इसके लिए क्या और कैसे पढ़ाई करनी होती है? आदि। 

आज हम जानेंगे

  • 1 12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर
    • 1.1 मनोविज्ञान में करियर के लिए 12वीं के बाद के course
      • 1.1.1 Conclusion

12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर - 12 veen ke baad manovigyaan mein kariyar

पहले हम थोड़ा मनोविज्ञान के बारे में बात करते हैं। 

दोस्तों आज के समय में शहरी भागदौड़ भरी जिंदगी और आपाधापी के चलते लोगों की लाइफ में चिंता, तनाव और अवसाद जैसी परेशानियां तेजी से बढ़ रही हैं। 

और इन सभी के कारण लोगों की मानसिक परेशानियां बढ़ रही है, और यहीं पर साइकोलॉजी के जानकार यानी कि मनोवैज्ञानिकों की जरूरत पड़ती है। 

मनोवैज्ञानिकों की जरूरत मानसिक परेशानियों के हल के साथ साथ इससे संबंधित विभिन्न पहलुओं के अध्ययन के लिए भी पड़ती है। 

अन्य भाषा में कहें तो साइकोलॉजी ट्रीटमेंट, बिना दवाइयों का सेवन किए, व्यक्ति की सोच में परिवर्तन लाने पर आधारित होता है। 

आज के समय के हिसाब से अच्छे साइकोलॉजिस्ट की जरूरत काफी बढ़ गई है। 

12वीं के बाद यदि मनोविज्ञान में करियर बनाने की बात करें तो इसके लिए विद्यार्थी सामान्यतः B.A इन साइकोलॉजी का ही कोर्स करते हैं। 

साइकोलॉजी में करियर बनाने के लिए विद्यार्थी को 12वीं के बाद सबसे पहले बैचलर इन साइकोलॉजी, उसके बाद मास्टर इन साइकोलॉजी जैसे courses करने होते हैं, generally ये courses करने के बाद ही विद्यार्थी इस फील्ड में प्रवेश कर सकते हैं। 

साइकोलॉजी में बैचलर कोर्स की अवधि वही 3 बर्ष, और मास्टर कोर्स की अवधि भी वही 2 बर्ष होती है। 

साइकोलॉजी में मास्टर डिग्री के बाद आप स्पेशलाइजेशन भी कर सकते हैं।

सायकोलॉजी के अंतर्गत अलग-अलग स्पेशलाइजेशंस आ जाते हैं, जैसे कि आप social psychology, industrial psychology, consumer psychology आदि में से किसी में स्पेशलाइजेशन कर सकते हैं, और फिर उसके स्पेशलिस्ट बन सकते हैं। 

Psychology के फील्ड में रोजगार की कमी नही है, इन दिनों में Psychology में बेहतर कैरियर बनाया जा सकता है। 

Psychologists के job fields को देखें तो, वे प्राइवेट और गवर्नमेंट हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी, कॉलेज, स्कूल, रिसर्च ऑर्गनाइजेशन, प्राइवेट इंडस्ट्री, कॉरपोरेट हाउस आदि जगहों पर आसांनी से रोजगार प्राप्त कर सकते हैं। 

इसके अलावा वे Psychology में स्पेशलाइजेशन कर ही सकते है, जोकि उनके Psychology Career के लिए काफी अच्छा साबित होगा। 

साइकॉलजी के फील्ड में कई करियर फील्ड हैं, जिसमें आप अपनी रूचि के अनुसार जा सकते है। इसमें

  • काउंसलर
  • क्लिनिकल साइकॉलजिस्ट
  • करियर काउंसलर
  • फॉरेंसिक साइकॉलजिस्ट 
  • इंड्ट्रियल या ऑर्गनाइजेशनल साइकॉलजिस्ट 

आदी आ जाते हैं 

मनोविज्ञान में करियर के लिए 12वीं के बाद के course

तो जैसा कि हमने ऊपर जाना, मनोविज्ञान में करियर बनाने के लिए विद्यार्थी को 12वीं के बाद पहले bachelor of arts in psychology यानी बीए इन साइकॉलजी का कोर्स करना होता है। 

इस कोर्स को पूरा करने के बाद विद्यार्थी को master of Arts and psychology यानी एमए इन साइकॉलजी का कोर्स करना होता है। 

और उसके बाद वे specialisation कर सकते हैं, वे PG diploma in psychology कर सकते हैं।

इन अलग-अलग courses में दाखिले की बात करें तो बीए या बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी में एडमिशन के लिए उम्मीदवार का 50 प्रतिशत अंकों के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है। 

इसके अलावा वे पीजी (पोस्ट ग्रेजुएशन यानी एमए इन साइकॉलजी) या डिप्लोमा भी कर सकते हैं, जिसके लिए 55 प्रतिशत अंकों के साथ साइकोलॉजी विषय में ग्रेजुएशन की डिग्री जरूरी हो जाती है। 

एमफिल या पीएचडी की बात करें तो इन्हें करने के लिए विद्यार्थी का 55 प्रतिशत अंकों के साथ साइकोलॉजी में पोस्ट ग्रेजुएट होना जरूरी हो जाता है।

साइकोलॉजी में विद्यार्थियों के पास निम्नलिखित courses करने का विकल्प होता है – 

  • बीए इन साइकोलॉजी
  • बीए ऑनर्स इन साइकोलॉजी
  • बीएससी इन अप्लायड साइकोलॉजी
  • पीजी डिप्लोमा इन गाइडेंस एंड काउंसलिंग
  • पीजी डिप्लोमा इन चाइल्ड साइकोलॉजी केयर एंड मैनेजमेंट
  • पीजी डिप्लोमा इन क्लिनिकल एंड कम्युनिटी साइकोलॉजी
  • आदि।

देश के जो कई मुख्य यूनिवर्सिटीज हैं, जिनमें दिल्ली यूनिवर्सिटी, बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी, जामिया मिलिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, आदि जैसे मुख्य नाम आते हैं, उन सभी में साइकोलॉजी के यह कोर्स उपलब्ध हैं। 

साइकॉलजी के क्षेत्र में अगर आपको आगे बढ़ना है, तो आप इस सब्जेक्ट में डिग्री के बाद (एमए या एमएससी या अप्लाइड साइकॉलजी के कोर्स के बाद) साइकॉलजी में 2 वर्षीय एमफिल कर सकते हैं। 

इसके बाद आप अपना क्लिनिक भी खोल सकते हैं। जैसा हमने बताया, देश भर में कई यूनिवर्सिटी हैं, जो साइकॉलजी में एमए आदि से अन्य उच्च डिग्री courses करातीं है। 

जिसके लिए एंट्रेंस एग्जाम और इंटरव्यू का आयोजन भी किया जाता है। जो भी इच्छुक विद्यार्थी हो वे कोर्स करने के लिए अप्लाई कर सकते है।

दोस्तों वर्तमान समय में विद्यार्थियों का साइकोलॉजी की तरफ रुझान और झुकाव बढ़ा है। 

पहले जहां वे 12वीं के बाद बीए आदि करके टीचर आदि बनने के लिए देखते थे, उनके मन में यह सवाल रहता था कि टीचर बनने के लिए 12वीं के बाद क्या करें? 

या commerce के विद्यार्थी, यह जानना चाहते थे कि 12th कॉमर्स के बाद best कोर्स कौन से हैं? और आगे इसके क्या विकल्प हैं? 

उनमें से कई विद्यार्थियों का ध्यान साइकॉलजी की तरफ है, वे साइकोलॉजी के क्षेत्र में अच्छा करियर बनाने के लिए देख रहे हैं।

12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर - 12 veen ke baad manovigyaan mein kariyar

Conclusion

ऊपर इस आर्टिकल में हमने 12वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर के बारे में बात की है। 

आज के समय में मानसिक परेशानियों और तनाव के इलाज के लिए साइकोलॉजिस्ट की जरूरत बढ़ी है। 

वर्तमान में साइकोलॉजि विद्यार्थियों के लिए करियर का एक बेहतर विकल्प के रूप में आ रहा है। 

ऐसे में विद्यार्थियों के मन में यह प्रश्न रहता है कि 12वीं के बाद साइकोलॉजी में करियर कैसे बनाएं, ऊपर हमने इसी के बारे में अच्छे से बताने का प्रयास किया है।

12 वीं के बाद मनोविज्ञान में करियर - 12 veen ke baad manovigyaan mein kariyar

Akash, Padhaipur के Writter है। इन्होंने 2020 में अपनी M.A (हिंदी) की पढ़ाई पूरी की।इनको किताबें पढ़ने का बहुत शौक़ है, इसके अलावा इन्हें लिखना भी बहुत पसंद है।

साइकोलॉजी से क्या बन सकते हैं?

मनोविज्ञान का कोर्स करने के बाद पब्लिक और प्राइवेट हेल्थ केयर, एजुकेशन, स्पोर्ट्स, सोशल वर्क, थेरेपी एंड काउंसलिंग जैसे कई सेक्‍टर में करियर बनाया जा सकता है (Psychologist Career). इसके अलावा मीडिया और अन्य क्रिएटिव फील्‍ड में भी मनोविज्ञान स्नातकों के लिए कई ऑप्शन हैं.

मनोविज्ञान में करियर कैसे बनाएं?

इस सेक्‍टर में विशेषज्ञता और रुचियों के आधार पर मनोविज्ञान डिग्री धारकों के लिए कई अलग-अलग विकल्प उपलब्ध हैं। जिसे छात्र 12वीं के बाद कर सकते हैं। कोर्स के बाद छात्र पब्लिक और प्राइवेट हेल्थ केयर, मेंटल हेल्थ स्पोर्ट्स, सोशल वर्क, एजुकेशन, थेरेपी एंड काउंसलिंग जैसे कई सेक्‍टर में शानदार करियर बना सकते हैं।

मनोविज्ञान में कितने विषय होते हैं?

बीए मनोविज्ञान के पाठ्यक्रम में प्रमुख विषय मानव व्यवहार, मानव मनोविज्ञान, सामाजिक मनोविज्ञान, मनोवैज्ञानिक विकार आदि हैं

साइकोलॉजी को हिंदी में क्या कहा जाता है?

मनोविज्ञान (Psychology) वह शैक्षिकcl व अनुप्रयोगात्मकdok विद्या है जो प्राणी (मनुष्य, पशु आदि) के मानसिक प्रक्रियाओं (mental processes), अनुभवों तथा व्यक्त व अव्यक्त दाेनाें प्रकार के व्यवहाराें का एक क्रमबद्ध तथा वैज्ञानिक अध्ययन करती है।