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बारांएक वर्ष पहले
बारां. स्टेशन रोड स्थित राजकीय महात्मा गांधी स्कूल।
काेराेना संक्रमण के कारण पिछले डेढ़ साल से देश-प्रदेश में जनजीवन असत-व्यस्त हो गया है। इसका असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ रहा है। स्कूलों में ग्रीष्मकालीन अवकाश खत्म होने के बाद शिक्षण सत्र शुरु हो रहा है। इसके तहत कक्षा 1 से 12 वीं तक के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पढ़ाई करवाई जाएगी। लगातार दूसरे साल भी स्कूलों में क्लास रूम लॉकडाउन रहेंगे। न विद्यार्थियाें काे स्कूल बुलाया जाएगा अाैर न ही छात्राें काे क्लास रूम में बैठाकर पढ़ाई कराई जाएगी। विभाग का दावा है कि वॉट्सएप ग्रुप बनाकर स्टूडेंट्स को जोड़ेंगे, जिसमें पाठ्यसामग्री अपलोड की जाएगी। हर स्कूल के शिक्षक घर-घर जाकर हाेमवर्क देंगे। हकीकत यह है कि जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले 1 लाख 60 हजार स्टूडेंट्स में से एक लाख ग्रामीण इलाकों के हैं। इनमें से करीब 30 फीसदी के पास या तो स्मार्टफोन नहीं या इंटरनेट की कनेक्टिविटी नहीं है। बिना परीक्षा प्रमाेट नहीं करना पड़े, इसके लिए नवाचार पर तैयारीविभागीय अधिकारियों का कहना है कि काेराेना का पूरी तरह खात्मा नहीं हुआ है। इसे देखते हुए बाेर्ड परीक्षा के लिए नवाचार की तैयारी है। नवाचार के तहत पहला असेसमेंट अगस्त माह में और दूसरा अक्टूबर में हाेगा। इस बार पहली दफा दिसंबर में मिड-टर्म एग्जाम की भी तैयारी है। असेसमेंट के लिए क्विज प्राेग्राम भी हाेंगे। इससे काेराेना की पहली और दूसरी लहर जैसी स्थिति बनने पर आगे भी परीक्षा कराना संभव नहीं हाे ताे असेसमेंट और मिड-टर्म एग्जाम के अंकाें के आधार पर रिजल्ट घाेषित किया जा सके। ऑन लाइन पढ़ाई के लिए यह हाेंगे कार्यक्रम शिक्षा दर्शन (3:15 घंटे राेजाना): इसके तहत पाठ्यक्रम आधारित शिक्षण सामग्री का प्रसारण होगा। जिसकी साप्ताहिक सारणी ग्रुप पर जारी कर दी जाएगी। दूरदर्शन राजस्थान चैनल पर इसे कक्षा 9 से 12 के लिए प्रतिदिन दोपहर साढ़े 12 से ढ़ाई बजे तक व कक्षा 1 से 8वीं तक के लिए दोपहर 3 से शाम सवा 4 बजे तक देखा जा सकेगा। शिक्षा वाणी-(55 मिनट राेजाना) : कार्यक्रम में कक्षा 1 व 2 के बालक-बालिकाओं के लिए मीना की कहानियां तथा कक्षा 3 से 12 के विद्यार्थियों के लिए कक्षावार पाठ्यक्रम आधारिक ऑडियो का प्रसारण किया जाएगा। इसकी समय सारणी विद्यार्थियों को ग्रुप व अन्य माध्यम से अवगत करवा दी जाएगी। रेडियो पर इसे सुबह 11 से 11 55 तक आकाशवाणी के जरिए सुना जा सकेगा। स्माइल 3.0- प्रोजेक्ट के तहत पिछले साल की तरह कक्षा 1 से 12 तक विद्यार्थियों के लिए दक्षता आधारित कंटेट, गृहकार्य के लिए वर्कशीटस को प्रतिदिन व्हाट्सअप ग्रुप के माध्यम से सुबह 8 बजे साझा किया जाएगा। नेशनल एजुकेशन पालिसी :- 21वीं सदी के 20 वे साल में भारत में नई शिक्षा नीति आई है। भारत में सर्वप्रथम 1968 में नई शिक्षा नीति बनाई गई थी उसके बाद 1986 में बनाई गई जिसके बाद नई शिक्षा नीति को 1992 में संशोधित किया गया। लगभग 34 साल बाद 2020 में पुनः नई शिक्षा नीति को लेकर अहम बदलाव किए गए हैं। जिसमें शिक्षा सम्बन्धित बहुत से नियमों में
बदलाव किया गया है। वही हाल ही में मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय ने शिक्षा नीति में बदलाव के साथ साथ अपने मंत्रालय का नाम भी बदल दिया है, मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय को अब शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाएगा। National education policy तहत शिक्षकों के लिए व्यवसायिक विकास को जरुरी कर दिया गया है और शिक्षकों के लिए सर्विस ट्रेनिंग का आयोजन भी किया जाएगा जिसमे शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जायेगी। आइए जानते हैं, नेशनल एजुकेशन पॉलिसी क्या है, New Education Policy PDF (NEP) कैसे डाउनलोड की जा सकती हैं आदि लेख में दिया जा रहा है। Uttarakhand: उच्च शिक्षा में लागू हुई NEPअपडेट- स्कूल एजुकेशन के बाद अब उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) में भी राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लागू कर दी गयी है। अब स्टूडेंट्स को नई शिक्षा नीति के आधार पर प्रवेश मिलेगा। 16 अक्टूबर को मुख्यमंत्री आवास में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय उच्च शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान जी ने इसका शुभारंभ किया है। Academic Session 2022-23 के लिए उत्तराखंड सरकार ने सबसे पहले उच्च शिक्षा के लिए NEP को लागू किया है। उत्तराखंड में अब प्राइमरी से लेकर उच्च स्तर पर 35 लाख छात्राओं को पढ़ाने की क्षमता है। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी – New National education policy[ ISRO ] प्रमुख डॉक्टर के कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में शिक्षा नीति को लेकर नई समिति का गठन किया गया था और मई 2019 में कस्तूरीरंगन समिति ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति का नया रूप सरकार के समक्ष प्रस्तुत किया। जिसे बुधवार को कैबिनेट बैठक के दौरान सरकार द्वारा मंजूरी दे दी गई है। वर्ष 1986 के बाद भारत में यह तीसरी शिक्षा नीति है जो भारत में लागू होने जा रही है। जिसके तहत Education Policy में बहुत से बदलाव किये जा रहें हैं। आर्टिकल के माध्यम से नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 (नई शिक्षा नीति) की सभी जानकारियां नीचे दी जा रही हैं। New Education Policy की पूरी जानकारी प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए आर्टिकल को पढ़ें। New Education Policy 2020 highlights
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 का उद्देश्यनई राष्ट्रीय एजुकेशन नीति (NEP)का मुख्य उद्देश्य भारत को वैश्विक स्तर पर शैक्षिक रूप से महाशक्ति बनाना तथा भारत में शिक्षा का सार्वभौम करण कर शिक्षा की गुणवत्ता को उच्च करना है। नई शिक्षा नीति /नेशनल एजुकेशन पालिसी (NEP)क्या है?नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2030 तक शैक्षिक प्रणाली को निश्चित किया गया है और वर्तमान में चल रही 10 + 2 के मॉडल के स्थान पर पाठ्यक्रम में 5 + 3 + 3 + 4 की शैक्षिक प्रणाली के आधार पर पाठ्यक्रम को विभाजित किया जाएगा। नई शिक्षा नीति 2020 के लिए केंद्र तथा राज्य सरकार के निवेश का लक्ष्य भी निर्धारित किया गया है जिसमें केंद्र तथा राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र सहयोग के लिए देश की 6% जीडीपी के बराबर शिक्षा क्षेत्र में निवेश करेगी। एनईपी (राष्ट्रीय शिक्षा नीति )के उद्देश्यNEW NATIONAL EDUCATION POLICY का उद्देश्य शैक्षिक क्षेत्र में भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना है और भारत के लिए नई शैक्षिक नीतियां के माध्यम से संपूर्ण भारत में शिक्षा का उचित स्तर प्रदान करना है जिससे शैक्षिक क्षेत्र की गुणवत्ता उच्च हो सके। भारत में बच्चों को तकनीकी तथा रचनात्मकता के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता का महत्व से अवगत कराना नई शिक्षा नीति का उद्देश्य है जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके। शिक्षा में गुणवक्ता लाने के लिए यह केंद्र सरकार के तहत नई शिक्षा नीति को शुरू किया गया है। National Education Policy (NEP) 5+3+3+4 Structure की विशेषता
नई शिक्षा नीति 2020 के मुख्य तथ्य
न्यू एजुकेशन पालिसी 2020 के लाभनेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 के माध्यम से लाभार्थियों को कौन-कौन से लाभ प्रदान किये जाएंगे। उन सभी लाभों की सूची लेख में नीचे दी जा रही है। New Education Policy लाभों की पूरी जानकारी नीचे दी गयी सूची से प्राप्त कर सकते हैं।
नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 के चरणनई शिक्षा नीति के चरणों को 4 चरणों में विभाजित किया गया है। पुरानी शिक्षा नीति के 10+2 के फार्मूले को समाप्त करने के बाद सरकार नई शिक्षा नीति को 5+3+3+4 के फार्मूले में लागू करने जा रही है। इस नए फार्मूले के नए पैटर्न में 3 साल की फ्री स्कूली शिक्षा को तथा 12 साल की स्कूली शिक्षा सम्मिलित की गई है। इस फार्मूले को सरकारी तथा गैर सरकारी संस्थानों को फॉलो करना अनिवार्य किया गया है। आइए जानते हैं नई शिक्षा नीति के नए फार्मूले के चार चरणों को …! फाउंडेशन स्टेज :- नई शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों को सम्मिलित किया गया है। जिसमें 3 साल की प्री स्कूली शिक्षा को सम्मिलित किया गया है जिसके अंतर्गत छात्रों का भाषा कौशल तथा शैक्षिक स्तर का मूल्यांकन किया जाएगा और उसके विकास में ध्यान केंद्रित किया जाएगा। नई शिक्षा नीति 2020 के अंतर्गत उठाए जाने वाले महत्वपूर्ण कदमनई शिक्षा नीति को सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षकों की भर्तियों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत क्षेत्र तथा मातृ भाषाओं की पढ़ाई को भी सम्मिलित किया गया है जिसके शिक्षकों की कमी चल रही शैक्षिक पाठ्यक्रम के भीतर है। नई शिक्षा नीति के अंतर्गत क्षेत्रीय भाषा बोलने वाले शिक्षकों को भर्ती किया जाएगा। माध्यमिक स्तर से ही बच्चों के पास होंगे विदेशी भाषा के कई विकल्प मातृभाषा तथा क्षेत्रीय भाषा को सम्मिलित किया जाएगा शैक्षिक पाठ्यक्रम में वोकेशनल पढ़ाई पर मुख्य जोर नए कौशलों को सम्मिलित किया जाएगा शैक्षिक पाठ्यक्रम
में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से छात्रों के लिए निर्णयनई शिक्षा नीति के माध्यम से बताया गया है की छात्रों के लिए होमवर्क व स्कूल बैगों का वजन कम किया जाएगा। जो छात्र 1 से 10 की कक्षा में पढ़ते हैं उनके स्कूल बैग का वजन उनके 10 % होना चाहिए। छात्रों को केवल आवश्यक पुस्तकों को ले कर ही विद्यालय जाना होगा। छात्रों के बैग का वजन चेक करने के लिए विद्यालयों में डिजिटल वेइंग मशीन लगाई जाएंगी जिसमे छात्रों के बैग का वजन चेक किया जाएगा। छात्रों को स्कूल बैग लाने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। National Education Policy syllabus 2020नेशनल एजुकेशन पालिसी पाठ्यक्रम में क्या बदलाव हुए हैं ? उसकी जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है। अधिक जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है।
नई शिक्षा नीति के स्ट्रीम्स 2020नेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत छात्रों के पाठ्यक्रम में जो-जो बदलाव किये गए जैसे- शारारिक शिक्षा व पाठ्यक्रम को बढ़ावा दिया जाएगा इसके साथ एकेडमिक स्ट्रीम और वोकेशनल को बांटा नहीं जाएगा। नयी शिक्षा नीति का उद्देश्य छात्रों की की शिक्षा का स्तर को और छात्रों की शैक्षिक क्षमता को बढ़ाना है। इसके साथ अन्य पाठ्यक्रमों को भी नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के अंतर्गत शामिल किया गया है। नई शिक्षा नीति के स्ट्रीम्स की अधिक जानकारी लेख में नीचे दी जा रही है। सभी जानकारियों को उम्मीदवार नीचे दिए गए लेख से प्राप्त कर सकते हैं। स्ट्रीम्स का चयननई शिक्षा नीति के तहत के तहत अब छात्र साइंस स्ट्रीम, कॉमर्स स्ट्रीम और आर्ट्स स्ट्रीम में से तीनों स्ट्रीम की पढ़ाई कर सकते हैं अब छात्रों को एक स्ट्रीम का चयन नहीं करना पड़ेगा जिस छात्र का जिस स्ट्रीम में रूचि है वे उसकी पढ़ाई कर सकते हैं। इससे छात्रों को एक स्ट्रीम की पढ़ाई के साथ बाकी स्ट्रीमों की पढ़ाई भी कर सकते हैं। शिक्षा के लिए मातृभाषा का प्रयोगस्कूलों में छात्रों को पढ़ाने के लिए शिक्षक द्वारा क्षेत्रीय भाषा का प्रयोग होना चाहिए इसके माध्यम से छात्रों को समझने में आसानी होगी। नई शिक्षा नीति के माध्यम से सरकार ने निर्णय लिया की पांचवीं तक के छात्रों की पढ़ाई उनके मातृभाषा में होनी चाहिए। छात्रों को समझने में आसानी हो इसके लिए पाठ्यक्रम को भी क्षेत्रीय भाषा में बनाने का प्रयास किया जा रहा है। B.Ed अब 4 साल का किया जाएगानेशनल एजुकेशन पालिसी के तहत B.Ed. को 2030 तक 4 साल का कर दिया जाएगा। जिन विश्वविद्यालयों द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जाएगा सरकार द्वारा उन पर कारवाई की जायेगी। और इसके साथ ऐसे विश्वविद्यालयों से कोर्स करने करने वाले छात्रों को प्राप्त डिग्री मान्य नहीं मानी जायेगी वोकेशनल स्टडीज की शुरुआतसरकार द्वारा बताया जा रहा है की 2025 तक देश के 50 प्रतिशत छात्रों को वोकेशनल स्टडी करवाई जायेगी। ऐसे बहुत कम छात्र हैं जो वोकेशनल स्टडी करना चाहते हैं। परन्तु इसे अधिक से अधिक छात्रों को प्रदान किया जाएगा। जिसमे ज्यादा ध्यान कक्षा छटवीं से कक्षा आठवीं के छात्रों को रखा जाएगा। और इसके अंतर्गत लकड़ी का काम, बागबानी, मिट्टी के बर्तन बनाने का काम आदि भी रखा जाएगा। टीचरों की भर्तीशिक्षकों की ज्यादा से ज्यादा भर्ती के लिए भी शिक्षा निति द्वारा बदलाव किया गया है जिसमे अलग-अलग भाषा के लिए शिक्षकों की भर्ती करवाई जायेगी। जिस शिक्षकों का रिटायरमेंट हो चुका है उन टीचरों को भी पुनः पढ़ाने का मौका प्रदान किया जा सकता हैं। जिससे शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा और अधिक से अधिक लोगों को रोजगार की प्राप्ति भी करवाई जायेगी। कोरोना के कारण कम किया गया पाठ्यक्रमकोरोना वायरस के चलते पढ़ाई में छात्रों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन परेशानियों को देखते हुई छात्रों के लिए 30% सिलेबस को कम कर दिया गया है। छात्रों को परीक्षा में कम किये गए पाठ्यक्रम में से ही प्रश्न पूछे जाएंगे। नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 से सम्बंधित प्रश्न उत्तरनेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 क्या है ? नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 को शिक्षा नीति 1986 की जगह पर लागू किया गया है। नई एजुकेशन पालिसी 2020 में 3 साल से 18 साल तक के बच्चों को शिक्षा का अधिकार कानून, 2009 के तहत रखा गया है। नई शिक्षा नीति 2020 के तहत 2030 तक नई शैक्षिक प्रणाली को निश्चित किया गया है और वर्तमान में चल रही 10+2 के मॉडल के स्थान पर पाठ्यक्रम में 5+3+3+4 की शैक्षिक प्रणाली के आधार पर पाठ्यक्रम को विभाजित किया जाएगा। इस नीति का विजन सभी छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करना है। नई शिक्षा नीति 2020 कब लागू होगी ? National Education Policy 2020 कब लागू होगी इस बारे में सरकार ने कोई भी अधिकारी बयान जारी नहीं किया है, लेकिन सरकार द्वारा अधिसूचित होने के बाद नई शिक्षा नीति 2020 लागू हो जाएगी। National Education Policy 2020 के चार चरण क्या हैं ? फाउंडेशन स्टेज,प्रीपेटरी स्टेज,मिडिल स्टेज,सेकेंडरी स्टेज नई शिक्षा नीति 2020 चार चरण क्या है। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की हिंदी PDF कैसे डाउनलोड करें ? नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 की हिंदी पीडीऍफ़ को उम्मीदवार आर्टिकल में दिए गए लिंक के माध्यम से डाउनलोड कर सकते हैं। नई शिक्षा नीति में किये गए बदलाव क्या-क्या हैं ? शैक्षिक पाठ्यक्रम में नए कौशलों को सम्मिलित किया जाएगा, वोकेशनल पढ़ाई पर मुख्य जोर दिया जाएगा, विदेशी भाषा सिखाई जाने पर भी जोर, मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में शिक्षा प्राप्त, आदि बदलाव किये जाते हैं नेशनल एजुकेशन पालिसी 2020 के चरण कौन-कौन से हैं ? फाउंडेशन स्टेज के तहत नई शिक्षा नीति के फाउंडेशन स्टेज में 3 से 8 साल तक के बच्चों को सम्मिलित किया जाएगा। क्या छात्र तीनों स्ट्रीमों की पढ़ाई कर सकते हैं ? हाँ, नई शिक्षा नीति के तहत छात्र तीन स्ट्रीम साइंस, कॉमर्स, आर्ट्स में से तीनों की पढ़ाई कर सकते हैं। कोरोना के चलते शिक्षा विभाग द्वारा छात्रों के कितने प्रतिशत सिलेबस को कम कर दिया गया है ? विभाग द्वारा छात्रों के 30 प्रतिशत सिलेबस को कम कर दिया गया है। हायर एजूकेशन में NEP लागू करने वाला पहला राज्य कौन है ? हायर एजुकेशन में NEP लागू करने वाला पहला राज्य उत्तराखंड है अब नई शिक्षा नीति के अनुसार स्टूडेंट्स को उच्च शिक्षा में एडमिशन मिलेगा। New Education Policy 2020 PDF Download -:
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