बच्चों में बुखार होने की समस्या सबसे ज्यादा देखी जाती है। खासकर छोटे बच्चों को बुखार आने पर तो माता-पिता बहुत अधिक घबरा जाते हैं। आनन-फानन में कभी नजदीक के दवा दुकान से दवा खरीदकर खिला देते हैं, या हॉस्पिटल की ओर भागते हैं। कई बार साधारण बुखार होने पर भी माता-पिता को बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता है। क्या आप जानते हैं कि अधिकतर बच्चों को बुखार वायरल संक्रमण के कारण होता है? इसे वायरल फीवर कहते हैं, और आप बच्चों के बुखार का इलाज घर पर ही कर सकते हैं। Show
जी हां, बच्चों में बीमारियों से लड़ने के लिए रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से तैयार नहीं होती, इसलिए वे बाहरी संक्रमण से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं। इस कारण बच्चे बार-बार बुखार से पीड़ित हो जाते हैं। आपको यह पता है कि आयुर्वेद में बच्चों के बुखार को ठीक करने के लिए कई तरह के घरेलू उपाय बताए गए हैं। आप इन उपायों का प्रयोग कर ना सिर्फ बच्चों को स्वस्थ कर सकते हैं, बल्कि भागमभाग से भी बच सकते हैं। Contents
बुखार क्या है? (What is Fever?)आयुर्वेद के अनुसार, बच्चे बार-बार, कुछ ना कुछ खाते रहते हैं। ऐसे में एक साथ ठण्डा-गरम खाने, या संक्रमित वातावरण में रहने से जठराग्नि मंद पड़ जाती है। आहार रस ठीक प्रकार से नहीं बन पाता। कई बार बच्चों का पेट साफ ना होने की समस्या भी देखी जाती है, और इस कारण भी बच्चों को बुखार आ जाता है। इसके अलावा सर्दी के मौसम में भी बुखार और सर्दी-खांसी हो जाती है। बच्चों को बुखार आने के लक्षण (Children Fever Symptoms)बच्चों को बुखार आने पर ये लक्षण दिखाई पड़ते हैंः-
और पढ़ें – सर्दी-खांसी में अकरकरा के फायदे बच्चों को बुखार आने के कारण (Children Fever Causes)बच्चों को बुखार आने के कई कारण हो सकते हैं, जैसेः-
बच्चों का बुखार ठीक करने के लिए घरेलू उपचार (Home Remedies for Children Fever)बच्चों को बुखार होने पर ये घरेलू उपाय कर सकते हैंः- बच्चों के बुखार का घरेलू उपचार सेब के सिरके से (Apple Vinegar: Home Remedies to Treat Fever in Children in Hindi)गरम पानी में थोड़ा सा सेब का सिरका मिला लें। इसमें कपड़ा भिगाकर निचोड़ लें। इसे बच्चे के शरीर को पोछें। और पढ़े – बुखार में शिवलिंगी से लाभ बच्चों में वायरल बुखार का इलाज गिलोय से (Giloy: Home Remedy for Fever Treatment in Children in Hindi)गिलोय का रस बुखार के लिए रामबाण दवा है। बच्चे को 100-120 मि.ली. की मात्रा में गिलोय के रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर, दिन में तीन बार पीने को दें। और पढ़ें – बच्चों की खाँसी के लिए घरेलू इलाज और पढ़ें: बुखार में गिलोय का उपयोग अदरक से बच्चों के बुखार का इलाज (Ginger: Home Remedies to Cure Children’s Fever in Hindi)अदरक को पीस कर रस निकाल लें। आधा चम्मच रस में थोड़ा-सा शहद मिलाकर बच्चें को चटाएं। इससे बुखार उतर जाता है। और पढ़ेंः अदरक के फायदे और सेवन का तरीका जायफल से शिशुओं के बुखार का उपचार (Nutmeg: Home Remedy to Cure Fever in Children in Hindi)जायफल को पीसकर नाक, छाती और सिर पर लेप करें। यह शिशु को बुखार होने पर बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है। और पढ़ें: जायफल के औषधीय गुण तुलसी के प्रयोग से बच्चों के वायरल बुखार का इलाज (Tulsi: Home Remedies to Treat Children’s Fever in Hindi)
और पढ़ेंः तुलसी के फायदे और सेवन का तरीका काली मिर्च से बच्चों के बुखार का इलाज (Black Pepper: Home Remedy for Children Fever in Hindi)दो काली मिर्च और तुलसी के दो पत्तियों को पीस कर शहद के साथ मिलाकर, बच्चे को दिन में 2-3 बार चटाएं। इससे बुखार में आराम मिलता है। और पढ़ेंः शहद के फायदे बच्चों के बुखार की दवा कुटकी (Kutki: Home Remedies for Kids Fever Treatment in Hindi)
और पढ़ेंः कुटकी के फायदे और नुकसान बच्चों के बुखार का इलाज करने के लिए अन्य घरेलू उपाय (Other Home Remedies for Kids Fever in Hindi)
और पढ़ें: बुखार में भुई-आंवला का उपयोग बुखार के दौरान बच्चों का खान-पान (Children Diet in Fever)बुखार आने पर बच्चों का खान-पान ऐसा होना चाहिएः-
बुखार के दौरान बच्चों की जीवनशैली (Children Lifestyle in Fever)बुखार आने पर बच्चों की जीवनशैली ऐसी होनी चाहिएः-
और पढें – बुखार में फायदेमंद परवल सामान्य तौर पर बच्चों को बुखार कितने दिनों तक रहता है? बच्चों में यदि वायरल बुखार हुआ है, तो यह कम से कम तीन दिन और अधिक से अधिक दो हफ्ते तक रह सकता है। अगर तीन दिनों के बाद भी बच्चों का बुखार कम नहीं हो रहा हो तो क्या करना चाहिए? यदि बुखार 3 दिन से अधिक हो, और घरेलू उपचार से भी राहत ना मिलें। तापमान बार-बार बढ़ रहा हो, तथा जुकाम और खांसी में भी कोई आराम ना मिले तो यह गंभीर स्थिति बन सकती है। शिशुओं को बुखार आने पर डॉक्टर से कब सम्पर्क करना चाहिए? बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह से विकसित नहीं होती है। इसलिए उनमें संक्रमण के कारण कई रोग होने का खतरा रहता है। बुखार के कारण बच्चे सुस्त और कमजोर पड़ जाते हैं। उनमें चिड़चिड़ापन आ जाता है। कई बार बच्चों में अधिक तापमान के कारण दौरे पड़ने की स्थिति भी देखी जाती है। इसलिए यदि दो-तीन दिन के बाद बुखार के लक्षणों में कमी ना आए, तो तुरंत डॉक्टर से सम्पर्क करें। अक्सर ऐसा देखा जाता है कि स्तनपान करने वाले शिशुओं का बुखार बहुत ही कष्टदायक होता है। इसमें उन्हें स्तनपान तथा साँस लेने में कठिनाई के साथ उल्टी और दस्त भी होने लगता है। बच्चा सुस्त एवं पीला पड़ जाता है। इस अवस्था में तुरंत उपचार की जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में लापरवाही गंभीर हो सकती है। और पढ़ें:
2 साल के बच्चे को बार बार बुखार आए तो क्या करें?अगर बच्चे को हल्का बुखार है, तो उसे जबरदस्ती ना खिलाएं. बेहतर होगा कि आप उसे सूप, जूस, दाल का पानी ही दें. इससे वे बेहतर महसूस करेंगे और आराम कर पाएंगे. अगर दवा देने के बाद भी बच्चे का शरीर गर्म है और टेम्परेचर बढ़ता जा रहा है, तो आप उसे ठंडा स्पंज बाथ दें.
बच्चों को बार बार बुखार आने पर क्या करना चाहिए?खूब पानी पिलाएं
डिहाइड्रेशन की वजह से बच्चे की हालत और बिगड़ सकती है और बुखार की स्थिति खराब भी हो सकती है। इसलिए बुखार आने पर बच्चे को हाइड्रेट रखना जरूरी है। अगर डिहाइड्रेशन के लक्षण दिख रहे हैं तो आप बच्चे को नारियल पानी पिला सकते हैं। शिशु को ज्यादा से ज्यादा स्तनपान करवाएं।
बार बार बुखार आता है तो क्या करना चाहिए?खूब पानी पिएं
पानी का सेवन बढ़ाने से शरीर में मौजूद टॉक्सिन्स निकल जाते हैं, जिससे डिटॉक्स के साथ इन्फेक्शन भी निकल जाता है। बुखार में शरीर ज़्यादा गर्म हो जाता है, जिससे पसीना आता है ताकि शरीर ठंडा हो। लेकिन पसीना आपके शरीर में पानी की कमी भी कर सकता है। इसलिए पानी खूब पिएं।
बच्चे को बुखार कब ज्यादा होता है?अगर शिशु की आयु तीन महीने से कम है और उसे 100.4 डिग्री फेहरनहाइट या इससे ज्यादा बुखार है अगर शिशु की आयु छह महीने से कम है और उसे 102.2 डिग्री फेहरनहाइट या इससे ज्यादा बुखार है
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