Show हैप्पी न्यू ईयर 2022(Happy New Year 2022) का मैसेज न जाने आपको अब तक कितने लोगों ने भेजा होगा और आपने भी उन्हें सेम टू यू का रिप्लाई किया होगा. रात 12 बजे से ही साल बदलने के इंतजार में होंगे कि लेकिन कुछ लोग ऐसा कह रहे हैं कि ये साल 2079 है. अब इस बात को लेकर कंफ्यूजन होना लाजिमी है कि अगर पूरी दुनिया इसे साल 2022 मान रही है तो फिर ये साल 2079 कैसे है. कंफ्यूजन दूर करने के लिए इसे समझें इस सवाल को लेकर आपको कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है बल्कि उन मान्यताओं को ध्यान से समझने की जरूरत है, जिन्हें आज भी खूब माना जाता है. जैसे हिंदुस्तान ने दुनिया को जीरो दिया उसी तरह से एक संवत भी दिया. जिसका नाम है विक्रम संवत(Vikram Samvat) और उसके हिसाब से साल 2021 में विक्रम संवत 2078 चल रहा था. तो क्या ये मान लिया जाए कि साल बदलते ही विक्रम संवत 2078 से बदलकर 2079 हो गया, तो इसका जवाब है नहीं. Image Courtesy: Google.com विक्रम संवत की शुरुआत की कहानी थोड़ा धैर्य का परिचय दीजिए और समझने की कोशिश कीजिए कि इसकी शुरुआत कैसे हुई और लोगों के ऐसा कहने का क्या मतलब है. सम्राट विक्रमादित्य(Vikramaditya) ने शक संवत के बाद इस विक्रम संवत की शुरुआत की थी. जिसके मुताबिक हिंदी महीने चैत्र(Chaitra) से ये शुरू होता है और फाल्गुन के महीने में खत्म होता है. अगर आपने कभी पंचांग देखी हो जिससे पंडितजी ये बताते हैं कि अमावस्या, पूर्णिमा और एकादशी जैसी तिथियां कब हैं. पंचाग में विक्रम संवत का जिक्र शादी से लेकर श्राद्ध तक का उचित समय कब है. तो उस पंचांग(Panchang) में आपने देखा होगा विक्रम संवत के आगे संख्या लिखी है. विक्रम संवत का साल जानने के लिए आपको मौजूदा साल के वर्ष में 57 जोड़ना होता है. जैसे अगर 2022 है तो उसमें 57 जोड़ने पर 2079 आएगा. लेकिन इसके शुरुआत का समय चैत्र महीना होता है. Image Courtesy: Google.com ये भी पढ़ें: जानें नए साल में कब है मौनी अमावस्या, होली, दशहरा और दिवाली, देखें साल 2022 के त्यौहारों की पूरी लिस्ट क्या है 2079 में प्रवेश करने का मतलब मतलब ये है कि जो लोग ऐसा कह रहे हैं कि हम साल 2022 में प्रवेश करते ही 2079 में प्रवेश कर गए हैं, तो ये पूरी तरह सही नहीं है. बल्कि हिंदी पंचांग के हिसाब से अभी पौष(Paush) का महीना चल रहा है. पौष के बाद माघ और फाल्गुन का महीना आएगा. होलिका दहन के बाद हिंदुओं(Hindu) के लिए नए साल की शुरुआत होगी और तभी मान्यता के मुताबिक विक्रम संवत(Vikram Samvat) 2078 से बदलकर 2079 हो जाएगा. अधिक रोचक जानकारी के लिए डाउनलोड करें:- OTT INDIA App Android: http://bit.ly/3ajxBk4 IOS: http://apple.co/2ZeQjTt
श्योपुरएक वर्ष पहले
न्याय के देवता शनि का नए साल 2022 में जबरदस्त प्रभाव रहेगा। इसकी 3 वजह हैं। पहली- 1 जनवरी को नए साल की शुरुआत शनिवार के दिन होगी, दूसरी- संयोगवश 2 अप्रैल को विक्रम नवसंवत्सर 2079 का शुभारंभ भी शनिवार को होगा व तीसरी- शनिदेव अभी अपने स्वामित्व वाली मकर राशि में हैं और अगले वर्ष 29 अप्रैल को वे कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे, उसके स्वामी भी वे ही हैं। अभी चल रहे विक्रम संवत्सर 2078 का राजा मंगल है, जबकि अगले नवसंवत्सर के राजा शनि व मंत्री बृहस्पति (गुरु) होंगे। खास बात यह है कि 100 साल में 15वीं बार और 10 साल में दूसरी बार नए साल की शुरुआत शनिवार को होगी। विक्रम संवत 2079 का क्या नाम है?2 अप्रैल से हिंदू नववर्ष संवत 2079 का आरंभ हो गया है, जिसका नाम 'नल' है। नल नामक विक्रमी संवत का आरंभ शनिवार के दिन हुआ है जिससे इस साल के राज शनिदेव हुए है। शनि का राजा होना इस साल जनता के प्रभाव को बढ़ाने वाला होगा।
2022 संवत का नाम क्या है?नववर्ष की शुरुआत में मंगल और राहु-केतु उच् 2 अप्रैल, 2022 से नवसंवत्सर 2079 शुरू हो गया है। नए संवत्सर का नाम नल है और राजा शनि देव तो मंत्री बृहस्पति रहेंगे।
विक्रम संवत के अनुसार 2022 कौन सा वर्ष है?Hindu New Varsh 2022 2 अप्रैल से चैत्र नवरात्रि के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है। वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार इस नव संवत्सर 2079 के राजा शनि होंगे। जानिए नव संवत्सर के बारे में सभी जानकारी। नई दिल्ली, Hindu New Varsh 2022: चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ हिंदू नववर्ष की शुरुआत हो रही है।
नए संवत का नाम क्या है?नव संवत्सर 2079 का नाम : वैदिक पंचांग की गणना के अनुसार इस नव संवत्सर 2079 का नाम नल होगा जिसके स्वामी शुक्रदेव होते हैं। इस नवसंवत्सर के राजा शनि और मंत्री गुरु होंगे। 60 संवत्सरों के नाम : संवत्सर को वर्ष कहते हैं: प्रत्येक वर्ष का अलग नाम होता है। कुल 60 वर्ष होते हैं तो एक चक्र पूरा हो जाता है।
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