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न्यूटन का कहना था कि अगर इस समय तक दुनिया खत्म नहीं भी हुई तो भी उसका विनाश शुरू हो जाएगा.साराह ड्राई की किताब 'द न्यूटन पेपर्स: द स्ट्रेंज एंड ट्रू ऑडायसिस ऑफ आइसैक न्यूटंस मैन्युस्क्रिप्ट्स' में उनकी भविष्यवाणी का जिक्र विस्तार से है.न्यूटन ने 1704 में ही यह भविष्यवाणी कर दी थी. दुनिया को लॉ ऑफ ग्रैविटी यानी गुरुत्वाकर्षण का सिद्धांत बताने वाले आइसैक न्यूटन ने एक ऐसी भविष्यवाणी भी की थी जो किसी की भी समझ से परे हो सकती है. पूरी दुनिया इस समय कई तरह के उतार-चढ़ावों से गुजर रही है. कोरोना वायरस महामारी से लेकर मौसम तक का प्रकोप दुनिया को परेशान किए हुए है. न्यूटन को दुनिया का महान गणितज्ञ और भौतिक विज्ञानी कहा जाता है. न्यूटन ने अपनी गणना के आधार पर बताया था कि साल 2060 तक दुनिया खत्म हो चुकी है. न्यूटन ने कुछ फॉर्मूलों के आधार पर यह बात कही थी और उनके ये फॉर्मूले पिछले कुछ दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. 1704 में की भविष्यवाणीसर आइसैक न्यूटन ने अपने कई नोट्स और चिट्ठियों में दुनिया के खत्म होने का जिक्र किया था. उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा था कि अगर साल 2060 तक दुनिया बची रह गई तो ये विनाश की शुरुआत का साल होगा. न्यूटन ने दुनिया के खत्म होने का एक फार्मूला भी दिया था. न्यूटन ने ये भविष्यवाणी सन् 1704 में की थी. भविष्यवाणी के साथ न्यूटन का यह नोट उनकी लिखी चिट्ठियों के साथ मिला था. सन् 1727 में उनका निधन हो गया था और इसके बाद उनके लिखे सभी नोट्स, चिट्ठियां उनके घर में पाए गए. किताब में है भविष्यवाणी का जिक्रसाराह ड्राई की किताब ‘द न्यूटन पेपर्स: द स्ट्रेंज एंड ट्रू ऑडायसिस ऑफ आइसैक न्यूटंस मैन्युस्क्रिप्ट्स’ में उनकी भविष्यवाणी का जिक्र विस्तार से है. इस किताब में उन्होंने लिखा है कि न्यूटन ने अपने जीवन में करीब 10,000 नोट्स और लेटर्स लिखे. साराह ने एक इंटरव्यू के दौरान बताया था कि जब इन नोट्स और लेटर्स को सन् 1800 के अंत में कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी लाया गया तो ये काफी अस्त-व्यस्त थे. इन्हें सही ढंग से लगाने में 16 साल लग गए थे. सन् 1936 उनके नोट्स और चिट्ठियों की नीलामी हुई थी. इन्हें इंग्लैंड के अर्थशास्त्री जॉन मेयनार्ड कीन्स ने खरीद लिया. बाद में इन सभी नोट्स को जेरूशलम के एक प्रोफेसर ने ‘सीक्रेट्स ऑफ न्यूटन’ नाम से एक किताब के तौर पर पब्लिश किया था. ये किताब जेरूशलम की यूनिवर्सिटी में आज भी रखी है. क्या लिखा था न्यूटन नेन्यूटन ने एक नोट में लिखा था, ‘अगर इंसान यह सोचता है कि वह हमेशा के लिए जिंदा रहेगा तो ऐसा बिलकुल नहीं है. उनका भी समय आएगा. जब इंसान धर्म को मानना बंद कर देगा, तभी से उसका अंत शुरू हो जाएगा. दुनिया भी एक दिन खत्म हो जाएगी. दुनिया में मौजूद हर चीज कुछ समय के लिए रहेगी. एक समय आएगा, जब आधा समय रह जाएगा.’ न्यूटन ने आगे लिखा है कि उन्होंने एक किताब में पढ़ा था जिसें समय, और आधा समय का जिक्र किया गया था. न्यूटन ने इसी के आधार पर गणना की और उत्तर आया साढ़े तीन साल यानी 1,260 दिन. इसके बाद उन्होंने वैज्ञानिक गणना कर दिन को वर्ष में बदल दिया यानी 1,260 साल. क्या था न्यूटन का फॉर्मूलान्यूटन ने अपनी गणना के आधार पर कहा कि दुनिया 1260 साल में खत्म हो जाएगी. इसके बाद न्यूटन के मन में सवाल उठा कि ये 1,260 साल किस वर्ष से शुरू माने जाएं. इसके लिए उन्होंने वर्ष 800 को मानक बनाया. इसके पीछे उन्होंने तर्क दिया कि 800AD में रोम में धार्मिक क्रांति आई और रोम के राजा चैलीमैगन ने शासन से ऊपर पोप को स्थान दिया. न्यूटन की गणना के आधार पर 800 में 1260 को जोड़ने पर साल 2060 आया और उन्होंने दुनिया के अंत का साल 2060 बताया. उनका कहना था कि अगर इस समय तक दुनिया खत्म नहीं भी हुई तो भी उसका विनाश शुरू हो जाएगा. यह भी पढ़ें-द्वारकाधीश मंदिर की घटना के बहाने जानें- क्या है वह साइंस, जिससे आकाशीय बिजली गिरने पर भी नहीं होता कोई नुकसान होम /न्यूज /नॉलेज /न्यूटन ने की थी 2060 में दुनिया के अंत की भविष्यवाणी, जानें कैसे की थी विनाश के वर्ष की गणना महान ब्रिटिश वैज्ञानिक आइसैक न्यूटन ने अपनी गणना के आधार पर कहा था कि 2060 में दुनिया का अंत हो जाएगा. दुनिया में जब भी कोई महामारी अपने पैर पसारना शुरू करती है, तब-तब दुनिया के अंत को लेकर चर्चा शुरू हो जाती है. अलग-अलग धर्मों में दुनिया के अंत का समय अलग बताया गया है. नास्त्रेदमस समेत दुनिया के कई भविष्यवक्ताओं ने भी इस बारे में अनुमान जताए हैं. ब्रिटेन के महान वैज्ञानिक आइसैक न्यूटन (Isaac Newton) और भौतिकविद् स्टीफन हॉकिंग (Stephen William Hawking) ने भी दुनिया के अंत की भविष्यवाणी की थी. आइए जानते हैं कि उनकी भविष्यवाणियों के आधार क्या थे और उन्होंने इसकी गणना कैसे की...अधिक पढ़ें ...
नई दिल्ली. दुनिया में जब भी कोई खतरनाक बीमारी विकराल रूप लेने लगती है तो लोग अकसर चर्चा करने लगते हैं कि दुनिया का अंत कब होगा? इस समय दुनिया के 76 देश कोरोना वायरस (Corona Virus) की चुनौती का सामना कर रहे हैं. चीन के वुहान (Wuhan) शहर से शुरू हुआ कोरोना वायरस अब तक करीब एक लाख लोगों को अपनी चपेट में ले चुका है, जिसमें 3382 लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले चीन (China) में 3,042 लोगों की कोरोना वायरस के कारण मौत हो चुकी है. दुनिया पर जीवन को लेकर ब्रिटेन के महान गणितज्ञ और भौतिक वैज्ञानिक आइसैक न्यूटन (Isaac Newton) ने भी अपने नोट्स और चिट्ठियों में जिक्र किया था. उनके मुताबिक, अगर साल 2060 तक दुनिया बची रह गई तो ये विनाश की शुरुआत का साल होगा. न्यूटन ने 1704 में लिखे नोट्स और चिट्ठियां नोट्स और लेटर्स को संभालने में लगे 16 साल आइसैक न्यूटन ने 1704 में लिखे नोट में दुनिया के अंत के साल का जिक्र किया था. (फोटो साभार: टॉपटेंज) न्यूटन ने लिख, दुनिया भी एक दिन खत्म होगी वर्ष 800 को मानक मानकर निकाला दुनिया के अंत का साल न्यूटन ने 1704 में ही दुनिया के अंत की भविष्यवाणी अपने एक नोट में कर दी थी. वहीं, भौतिक विज्ञानी स्टीफन हॉकिंग का कहना था कि 600 साल के भीतर पृथ्वी आग के गोले में तब्दील हो जाएगी. स्टीफन हॉकिंग ने की थी 600 साल में अंत की भविष्यवाणी हॉकिंग ने कहा, दुनिया पर राज करने की जिद में होगा अंत ये भी पढ़ें: अल्बर्ट आइंस्टीन के पसंदीदा खिलौने की आज होगी नीलामी, जानें कौन सा है यह गेम और किसने किया ईजाद कोरोना वायरस को आपके पास फटकने नहीं देगा चीन में डिजाइन किया जा चुका ये कवच एक ऐसा जानवर जो पूरी जिंदगी रहता है प्रेग्नेंट, हर 30 दिन में दे सकता है बच्चे को जन्म ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी| Tags: Britain, Corona, Corona Virus, Earth, Global warming, Pollution, Science, Stephen hawking, World news FIRST PUBLISHED : March 06, 2020, 14:30 IST 2060 में क्या दुनिया खत्म हो जाएगा?न्यूटन की गणना के आधार पर 800 में 1260 को जोड़ने पर साल 2060 आया और उन्होंने दुनिया के अंत का साल 2060 बताया. उनका कहना था कि अगर इस समय तक दुनिया खत्म नहीं भी हुई तो भी उसका विनाश शुरू हो जाएगा.
पृथ्वी कब खत्म होने वाली है?पृथ्वी का अंत का कारण सूरज बनेगा
वैज्ञानिकों का अनुमान है कि सूर्य अभी अपने जवानी के चरण पर है जिसे इसके "मुख्य अनुक्रम" के रूप में जाना जाता है, अब से लगभग पांच अरब वर्ष बाद सूरज ब्लास्ट हो जाएगा जिसके कारण पूरी धरती तबाह हो जाएगी।
पृथ्वी का अंत कहाँ पर है?इंटरनेशनल डेस्क. ये फोटोज धरती के सबसे साउदर्न प्वाइंट पर मौजूद तिएरा डेल फ्यूगो आइलैंड की हैं। ये आइलैंड चिली और अर्जेंटीना के बीच बंटा है। धरती के आखिरी छोर पर बसा ये आइलैंड दुनिया से बिल्कुल अलग-थलग पड़ा है।
पृथ्वी पर प्रलय कब होगा?केवल धर्म ग्रंथों में ही नहीं, बल्कि कई देशों में वैज्ञानिकों ने भी प्रलय की अवधारणा को सही माना है। अमेरिका के कुछ वैज्ञानिकों ने घोषणा कि है कि 13 अप्रैल 2036 को पृथ्वी पर प्रलय हो सकता है। खगोलविदों के अनुसार अंतरिक्ष में घूमने वाला एक ग्रह एपोफिस 37014.91 किमी/ प्रति घंटा) की रफ्तार से पृथ्वी से टकरा सकता है।
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