लाख की चूड़ियाँ पाठ साहित्य की कौन सी विधा है नाटक? - laakh kee choodiyaan paath saahity kee kaun see vidha hai naatak?

लाख की चूड़ियाँ कहानी का सार (सारांश) , लाख की चूडिया का सार , लाख की चूडिया पाठ का सार , लाख की चूड़िया पाठ का सार , लाख की चूड़िया पाठ का सारांश 

कामतानाथ द्वारा लिखित लाख की चूड़ियां एक श्रेष्ठ कहानी है। इस कहानी में लेखक ने ग्रामीण जीवन और लघु उद्योग को चित्रित किया है। इसमें लेखक ने समय के साथ चीजों में होने वाले परिवर्तन को दर्शाया है।

लेखक कहता है कि सारे गांव में बदलू उसे बहुत ही अच्छा लगता है क्योंकि वह उसके लिए लाख की सुंदर-सुंदर गोलियां बनाता है। बदलू लेखक के मामा के गांव का रहने वाला था इसलिए उसे बदलू को मामा कहना चाहिए था। लेकिन लेखक उसे हमेशा काका कहकर बुलाता था। बदलू अपना सभी काम मचीए पर बैठकर करता था। साथ ही उसका हुक्का भी रहता था। बदलू लेखक को प्यार से लला कहकर पुकारता था। लेखक के आने पर बदलू उसे बैठने के लिए मचिया बढ़ा देता था। दोनों आपस में तरह-तरह की बातें करते थे। बदलू का पैतृक पेशा चूड़ियां बनाना था। वह बहुत ही सुंदर और आकर्षक चूड़ियां बनाता था। उसके गांव की सारी स्त्रियां उसी की बनाई हुई चूड़ियों को पहनती थी बदलू को संसार में यदि किसी वस्तु से चिढ़ थी तो वह कांच की चूड़ियों से थी। किसी स्त्री के हाथ में यदि वह कांच की चूड़ियां देख लेता था तो अंदर ही अंदर जल उठता था। किंतु लेखक के साथ बदसलू की बहुत बनती थी। लेखक जब कहता था कि शहर की स्त्रियां कांच की चूड़ियां पहनती है, तब बदलू कहता है कि शहर की बात और है लला वहां तो स्त्रियां मर्दो का हाथ पकड़कर घूमतीं हैं।

Show

लाख की चूड़िया पाठ में लेखक अपने पिता की बदली हो जाने के बाद लंबे समय तक गांव न आ सका 8 से 10 वर्षों के बाद जब वह मामा के गांव आया तो उसे सब कुछ बदला-बदला दिखाई दिया। लेखक देखता है कि गांव की अधिकतर स्त्रियां कांच की चूड़ियां पहनी है। तब उसे बदलू की याद आई और वह उससे मिलने चल दिया। बदलू को लेखक को पहचानने में समय लग गया। फिर वह कहता है आओ लला बैठो बहुत दिन बाद गांव वापस आ।ए लेखक ने कहा हां काका आने में विलंब हो गया। दोनों आपस में बहुत देर तक बातचीत करते हैं बदलू को लाख की चूड़ियां बनाते देखकर लेखक बहुत प्रसन्न हुआ। वह सोचता है कि समय के परिवर्तन की मार में बदलू ने हार नहीं मानी थी|

-------------------------

लाख की चूड़ियाँ कहानी का प्रश्न उत्तर 

लाख की चूड़िया का प्रश्न उत्तर  

कहानी से

प्रश्न-1- बचपन में लेखक अपने मामा के गांव चाव से क्यों जाता था? और बदलू को बदलू मामा ना कहकर बदलू काका क्यों कहता था?

उत्तर- लेखक बचपन में बड़े चाव से अपने मामा के गांव जाता था। इसका मुख्य कारण था गांव में बदलू नाम का एक व्यक्ति। जो लेखक को लाख की सुंदर-सुंदर गोलियां बनाकर देता था और लेखक को यह रंग-बिरंगी गोलियां बहुत ही अच्छी लगती थी। लेखक बदलू को मामा न कहकर काका इसलिए कहता था क्योंकि गांव के सभी बच्चे उसे बदलू काका ही कहकर बुलाते थे।

प्रश्न-2- वस्तु-विनिमय क्या है? विनिमय की प्रचलित पद्धति क्या है?

उत्तर- वस्तु-विनिमय पद्धति का अर्थ है किसी वस्तु के बदले में वस्तु को देना। जैसे बदलू गांव की स्त्रियों को चूड़ियां पैसे में न देकर अनाज के बदले में देता था। आज के समय में वस्तु विनिमय पद्धति समाप्त हो चुकी है। आज के समय में वस्तु विनिमय की सबसे प्रचलित पद्धति धन या रुपया है।

प्रश्न-3- ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’ इस पंक्ति में लेखक ने किस व्यथा की ओर संकेत किया है?

उत्तर- लेखक ने अपने कथन ‘मशीनी युग ने कितने हाथ काट दिए हैं’ में बदलूं जैसे हस्तशिल्पीयों के मन के दर्द को व्यक्त किया है। इस मशीनी युग में हस्तशिल्पयों द्वारा निर्मित वस्तुओं की मांग व खपत कम हो जाने से वह बेरोजगार और असहाय हो गए हैं। जिससे उनकी जीविका अच्छे ढंग से नहीं चल पा रही है। लेखक ने लघु उद्योग में काम करने वाले लोगों की असीम पीड़ा को व्यक्त किया है।

प्रश्न-4- बदलू के मन में ऐसी कौन सी व्यथा थी जो लेखक से छिपी न रह सकी?

उत्तर- गांव में लाख की चूड़ियों का चलन खत्म हो जाने तथा बदलू के बेरोजगार हो जाने की व्यथा लेखक से न छिपी रह सकी।

प्रश्न-5- मशीनी युग में बदलू के जीवन में क्या बदलाव आया?

उत्तर- मशीनी युग से बदलू के जीवन में नीरसता आ गई। मशीनों से बनी वस्तुओं के प्रचलन से बदलू के साथ-साथ बहुत से लोग बेरोजगार हो गए। बदलू के हाथ की बनाई लाख की चूड़ियों को खरीदने वाला अब गांव में कोई न रह गया। अर्थात् सभी स्त्रियां अब मशीनों से बनी हुई कांच की चूड़ियां पहनने लगीं। इससे बदलू दिनभर प्रायः खाली ही बैठा रहता था। उसके जीवन में जोश उत्साह नित प्रति समाप्त होता गया

---------------

लाख की चूड़ियाँ कहानी का कहानी से आगे

कहानी से आगे

प्रश्न-1- आपने मेले-बाजार आदि में हाथ से बनी चीजों को बिकते देखा होगा। आपके मन में किसी चीज को बनाने की कला सीखने की इच्छा हुई हो। और आपने कोई कारीगरी सीखने का प्रयास किया हो तो उसके विषय में लिखिए।

उत्तर- हमारा देश त्योहारों या पर्वों का देश है। प्रायः प्रत्येक पर्व पर मेले या बाजार लगते हैं। पिछले दिनों मैं तीज का मेला देखने गया था मेले में अनेक वस्तुओं खेल खिलौनों ने मेरा मन अपनी ओर आकर्षित कर लिया। एक व्यक्ति को मैंने मिट्टी के मोर बेचते हुए देखा। उस मिट्टी के मोर ने मुझको मंत्रमुग्ध कर लिया। वह मुझे इतना अच्छा लगा कि मैंने घर आकर उसे स्वयं बनाया। मैंने चिकनी मिट्टी के लोदे को मोर की शक्ल दी। कागज के पंख उस पर लगाए। सूखने के पश्चात उसे गर्म लाख के घोल में डुबो दिया। इससे मोर की शक्ल में चमक और मजबूती आ गई। और इसके बाद मैंने उस पर तरह-तरह के रंग से ड्राइंग किया।

प्रश्न-2- लाख की वस्तुओं का निर्माण भारत के किन-किन राज्यों में होता है ?लाख से चूडियों के अतिरिक्त क्या-क्या चीजे बनती हैं? ज्ञात कीजिए।

उत्तर- प्रायः भारत के सभी राज्यों में लाख की वस्तुओं का निर्माण होता है। परंतु राजस्थान में इसका सर्वाधिक प्रयोग होता है। यहां लाख से अनेक प्रकार के सौंदर्य प्रसाधन बनाए जाते हैं। राजस्थान में बने स्त्रियों के लिए लाख की चूड़ियां कंगन विश्व प्रसिद्ध हैं। लाख से खिलौने मूर्तियां और तरह-तरह की आकृतियां बनाई जाती हैं।

लाख की चूड़ियाँ कहानी का अनुमान और कल्पना

प्रश्न-1- घर में मेहमान के आने पर आप उसका अतिथि सत्कार कैसे करेंगे?

उत्तर- भारतीय संस्कृति में अतिथि को देव के समान मानकर सदैव उनको पूजा जाता है और कहा भी गया है कि अतिथि देवो भव अर्थात अतिथि देवता के समान होते हैं। आज भी अतिथि सत्कार की परंपरा हम अपने समाज में देखते हैं। मेहमान अर्थात अतिथि के आने से घर भर के माहौल में प्रसन्नता छा जाती है। उसकी आवभगत में घर के सभी सदस्य लग जाते हैं। तरह-तरह के स्वादिष्ट व्यंजन पकाए जाते हैं। उसके बाद जीवन एवं व्यवहार से संबंधित बहुत सारी बातें होती है। अंत में अतिथि को भेंट स्वरूप कुछ उपहार देकर विदा किया जाता है।

प्रश्न-2- आपको छुट्टियों में किसके घर जाना सबसे अच्छा लगता है वहां की दिनचर्या अलग कैसे होती है लिखिए

उत्तर- जैसे ही गर्मियों की छुट्टियां शुरू होती हैं मैं अपने मामा के गांव चला जाता हूं शहर की दौड़-धूप वाली जिंदगी से दूर गांव का शांत माहौल बहुत ही शांति और सुकून देता है। अपने उम्र के बच्चों के साथ सारा दिन सैर सपाटा करना बहुत अच्छा लगता है। सुबह सैर के लिए खुले शांत लहलहाते खेतों की ओर जाने में बहुत ही आनंद की अनुभूति होती है। गांव के बाहर बहती नदी की जल धाराओं का कल कल बहना और पक्षियों का कलरव मधुर संगीत पैदा करता है। दोपहर के समय में आम के घने छायादार वृक्षों की छाया में लेटना तन मन की सुध बुध भुला देता है।

प्रश्न-3- मशीनी युग में अनेक परिवर्तन आए दिन होते रहते हैं। आप अपने आसपास से इस प्रकार के किसी परिवर्तन का उदाहरण चुनिए और उसके बारे में लिखिए।

उत्तर- इस मशीनी युग में दिन प्रतिदिन नए-नए परिवर्तन होते हुए देखे जाते हैं। परंतु मैंने एक सबसे अनूठा परिवर्तन देखा, वह यह कि मेरे घर के बगल में वर्मा जी रहते हैं वह एक ऐसी कार लेकर आए हैं जो बिना डीजल और पेट्रोल के चलती है उसे केवल बिजली से चार्ज करना पड़ता है। यह परिवर्तन मुझे बहुत ही आश्चर्यचकित किया।

प्रश्न-4- बाजार में बिकने वाले सामानों की डिजाइनों में हमेशा परिवर्तन होता रहता है। आप इन परिवर्तनों को किस प्रकार देखते हैं? आपस में चर्चा कीजिए।

 विद्यार्थी स्वयं लिखें

प्रश्न-5- हमारे खान-पान, रहन-सहन और कपड़ों में भी बदलाव आ रहा है। इस बदलाव के पक्ष-विपक्ष में बातचीत कीजिए और उसके आधार पर लेख तैयार कीजिए।

 विद्यार्थी स्वयं लिखें

लाख की चूड़ियाँ कहानी का भाषा की बात

प्रश्न-1- ‘बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो कांच की चूड़ियों से' और बदलू स्वयं कहता है- “ सुंदरता कांच की चूड़ियों में होती है लाख में कहां संभव है” यह पंक्तियां बदलू की दो प्रकार की मनोदशा को सामने लाती है। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंगय भी है। हारे हुए मन से या दुखी मन से अथवा व्यंग्य में बोले गए वाक्यों के अर्थ सामान्य नहीं होते। कुछ व्यंग्य वाक्यों को ध्यान पूर्वक समझकर एकत्र कीजिए और उनके भीतरी अर्थ की व्याख्या करके लिखिए।

विद्यार्थी स्वयं लिखें

प्रश्न-2 बदलू कहानी की दृष्टि से पात्र है और भाषा की बात(व्याकरण) की दृष्टि से संज्ञा है। किसी भी व्यक्ति, स्थान, वस्तु, विचार अथवा भाव को संज्ञा कहते हैं। संज्ञा को तीन भागों में बांटा गया है 1-व्यक्तिवाचक संज्ञा जैसे लला, रज्जो, आम, कांच, गाय इत्यादि। 2-जातिवाचक संज्ञा जैसे चरित्र, स्वभाव, वजन, आकार आदि द्वारा जानी जाने वाली संज्ञा। 3-भाववाचक संज्ञा सुंदरता, नाजुक, प्रसन्नता, इत्यादि जिसमें कोई व्यक्ति नहीं है और न आकार या वजन। परंतु उसका अनुभव होता है। पाठ से तीनों प्रकार की संज्ञा में चुनकर लिखिए।

उत्तर-

1-व्यक्तिवाचक संज्ञा- बदलू, जनार्दन बदलू मामा, बदलू काका,

2-जातिवाचक संज्ञा- बेटी, बच्चे, चूड़ियां, औरतें, लड़के, वधू

3-भाववाचक संज्ञा- व्यक्तित्व, भलाई, अच्छाई, चाव, मोह

प्रश्न-3 गांव की बोली में कई शब्दों के उच्चारण बदल जाते हैं। कहानी में बदलू वक्त (समय) को बखत, उम्र (वाय/आयु) को उमर कहता है। इस तरह के अन्य शब्दों को खोजिए जिनके रूप में परिवर्तन हुआ हो, अर्थ में नहीं।

उत्तर- 

शब्द              परिवर्तित अर्थ

मर्द-                      मरद, 

लगभग-                बहुधा, 

किसी-किसी-          विरले, 

देखकर-                 मुखातिब, 

डोलची-                  डलिया, 

समय-                    बखत, 

ठहर गई-                ठिठक गई, 

अच्छी लगना-          फबना,

लाख की चूड़ियाँ कहानी का अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न 

लाख की चूड़िया के अन्य प्रश्न / लाख की चूड़ियाँ के अतिरिक्त प्रश्न 

प्रश्न- लाख की चूडिय़ां का उद्देश्य क्या है ?  

उत्तर- ग्रामीण जीवन में अधिकाधिक लघु उद्योगों के प्रवेश पर रोक लाख की चूड़ियाँ कहानी का यही मुख्य उद्देश्य है।

प्रश्न- लाख की चूड़ियाँ  का संदेश क्या है ?

उत्तर- लाख चूड़ियाँ पाठ का यह संदेश है कि जिस तरह बदलू कांच के चूड़ियों की बिक्री बंद हो जाने के बाद भी जीवन में उदासी नहीं आने देता है ठीक उसी तरह हमें भी जीवन के कठिन से कठिन परिस्थितियों का उत्साह के साथ डटकर सामना करना चाहिए।

प्रश्न- लाख की चूड़ियाँ की विधा क्या है?

उत्तर- लाख की चूड़ियाँ पाठ की विधा कहानी है।

प्रश्न- लाख की चूड़ियाँ के लेखक कौन हैं?

उत्तर- लाख की चूडियां पाठ के लेखक कामतानाथ हैं।

प्रश्न- बदलू लाख से क्या बनाता था?

उत्तर- बदलू लाख से चूड़ियां बनाता था।

प्रश्- बदलू प्रतिदिन कितनी जोड़ी चूड़ियाँ बनाता था?

उत्तर- बदलू प्रतिदिन चार-छह जोड़ी चूड़ियाँ बनाता था।

प्रश्न- बदलू और लेखक एक दूसरे को क्या कहकर संबोधित करते थे

उत्तर- बदलू लेखक को 'लला' और लेखक उसे 'काका' कहकर संबोधित करता था।

प्रश्न- बदलू को किस बात से चिढ़ थी?

उत्तर- बदलू को कांच की चूड़ियों से चिढ़ थी।

प्रश्न- लाख और कांच की चूड़ियों में क्या अंतर होता है?

उत्तर- लाख की चूड़ियां हाथ से बनाई जाती हैं जबकि कांच की चूड़ियां मशीन से। लाख की चूड़ियां भारी होती है जबकि कांच की चूड़ियां हल्की होती है। लाख की चूड़ियों की अपेक्षा कांच की चूड़ियां अधिक सुंदर होती हैं।

प्रश्न- बदलू ने किसके विवाह का आखिरी जोड़ा बनाया था?

उत्तर- बदलू ने जमीदार की बेटी के लिए आखिरी जोड़ा बनाया था।

प्रश्न- किस अवसर पर बदलू सारी कसर निकाल लेता था?

उत्तर- विवाह के अवसर पर बदलू सारी कसर निकाल लेता था।

प्रश्न- लाख की चूड़ियां पाठ के अनुसार वर्तमान युग किसका कहा गया है?

उत्तर- लाख की चूड़ियां पाठ के अनुसार वर्तमान युग मशीनों का कहा गया है।

प्रश्न- बदलू किससे घंटों बातें करता था? 

उत्तर- बदलू लेखक के साथ घंटों बातें करता था।

प्रश्न- लाख की चूड़ियां पाठ में 'सुहाग का जोड़ा' किसे कहा गया है ?

उत्तर- लाख की चूड़ियां पाठ में 'सुहाग का जोड़ा' लाख की चूड़ियों को कहा गया है। 

प्रश्न- 'वहां तो सभी कुछ होता है' बदलू ने यह कथन किसके लिए कहा था?

उत्तर- 'वहां तो सब कुछ होता है' बदलू ने यह कथन शहर के लिए कहा था।

प्रश्न- बदलू कौन था? वह किस प्रकार का व्यवसाय करता था?

उत्तर- बदलू लेखक के मामा के गांव का रहने वाला था वह चूड़ियां बनाता था और उसे बेचता था यही उसका व्यवसाय था।

प्रश्न-  बदलू को अपना व्यवसाय क्यों बंद करना पड़ा ?

उत्तर- बदलू को अपना व्यवसाय बंद करना पड़ा क्योंकि गांव में कांच की चूड़ियों के उद्योग स्थापित हो गए थे जिससे गांव की महिलाएं अब लाख की चूड़ियां न पहनकर कांच की चूड़ियां पहनने लगी।

प्रश्न-बदलू चूड़ियां किस प्रकार बनाता था ?

उत्तर- बदलू लाख को पिघलाकर बेलन में आकर देकर लाख की चूड़ियाँ बनाता था|

प्रश्न-बदलू की चारित्रिक विशेषताओं का वर्णन करें।

उत्तर- बदलू का चरित्र बहुत ही अच्छा था उसके अंदर ग्रामीण संस्कृति-सभ्यता के भाव कूट-कूट कर

भरे हुए थे |

लाख की चूड़ियां का शब्दार्थलाख की चूडियां पाठ का शब्दार्थ

फबना का क्या अर्थ है फबना का अर्थ है सजना या शोभा देना 

मुखातिब का क्या अर्थ है मुखातिब का अर्थ है देख कर बात करना 
नाजुक का क्या अर्थ हैनाजुक का अर्थ है कोमल 
खपत का क्या अर्थ है खपत का अर्थ है माल की बिक्री 

कसर का क्या अर्थ है कसर का अर्थ है घाटा पूरा करना या कमी 
चाव का क्या अर्थ है चाव का अर्थ है चाह, तीव्र इच्छा या रुचि 
पैतृक का क्या अर्थ है पैतृक का अर्थ है पिता से प्राप्त या पुश्तैनी या पूर्वजों का 
विनिमय का क्या अर्थ है वस्तु के बदले दूसरी वस्तु लेना ही विनिमय है 
मुँगरी का क्या अर्थ है मुंगरी का अर्थ है गोल या मुठियादार लकड़ी जो ठोकने-पीटने के काम आती है सलाख का क्या अर्थ है सलाख का अर्थ है धातु की छड़ या सलाई 
सहसा का क्या अर्थ है सहसा का अर्थ है अचानक नाजुक का क्या अर्थ है नाजुक का अर्थ है कोमल 

लाख की चूड़ियाँ कहानी कौन सी विधा में लिखित है?

लेखक कामतानाथ द्वारा रचित यह कहानी शहरों में बढ़ रहे औद्योगिकरण से गांव के उद्योग खत्म होने का एक दुखद वर्णन है। कहानी एक बच्चे और बदलू मामा की है। लेखक गर्मियों की छुट्टी में अपने मामा के घर जाते थे। उनके मामा बहुत सुंदर लाख की चूड़ियां बनाते थे।

लाख की चूड़ियाँ पाठ की साहित्यिक विधा क्या है *?

'बदलू को किसी बात से चिढ़ थी तो काँच की चूड़ियों से' और बदलू स्वयं कहता है – “जो सुंदरता काँच की चूड़ियों में होती है लाख में कहाँ संभव Page 8 वसंत भाग 3 है?” ये पंक्तियाँ बदलू की दो प्रकार की मनोदशाओं को सामने लाती हैं। दूसरी पंक्ति में उसके मन की पीड़ा है। उसमें व्यंग्य भी है।

लाख की चूड़ियाँ की विधा क्या है?

प्रश्न- लाख की चूड़ियाँ की विधा क्या है? उत्तर- लाख की चूड़ियाँ पाठ की विधा कहानी है

लाख की चूड़ियाँ कहानी की रचना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

Solution : . लाख की चूड़ियाँ. कहानी का रचना का मुख्य उद्देश्य शहरीकरण व मशीनीकरण के कारण गाँवों के लघु कुटीर उद्योगों के उजड़ने का वर्णन करना है। इससे गाँवों में बढ़ रही बेरोजगारी बताता है