दुःख का अधिकार Page [3] 9th Class (CBSE) Hindiलघु उत्तरीय प्रश्नोत्तरप्रश्न: खरबूजे बेचने वाली महिला पर लोग टिप्पणी क्यों कर रहे थे?उत्तर: खरबूजे बेचने वाली महिला पर लोग इसलिए टिप्पणी कर रहे थे क्योंकि वे उस महिला के दुख को नहीं समझ पा रहे थे। उन्हें तो बस उस महिला की लालच दिखाई दे रही थी। Show प्रश्न: बूढ़ी महिला द्वारा खरबूजे बेचे जाने को लोग घृणित कार्य क्यों समझ रहे थे? उत्तर- बूढ़ी महिला द्वारा खरबूजे बेचे जाने को लोग घृणित कार्य इसलिए समझ रहे थे क्योंकि उस महिला के घर में सूतक था।इस सूतक में उसके हाथ से खरबूजे खरीदने और खाने से उनका धर्म भ्रष्ट हो सकता था। प्रश्न 3. बुढ़िया को खरबूजे बेचते देख लोग किन-किन विशेषणों का प्रयोग कर रहे थे? उनका ऐसा कहना कितना उचित था?उत्तर: बुढ़िया को खरबूजे बेचते देख लोग ‘लालची’, ‘बेहया’, ‘कमीने लोग’ जैसे विशेषणों का प्रयोग कर रहे थे। उनका ऐसा कहना तनिक भी उचित नहीं था, क्योंकि बुढिया लालच या धन कमाने के लिए खरबूजे नहीं बेच रही थी। खरबूजे बेचना उसकी मज़बूरी थी। प्रश्न: खरबूजे बेचने आई महिला फफक-फफककर क्यों रोए जा रही थी?उत्तर: खरबूजे बेचने आई महिला इसलिए फफक-फफककर रोए जा रही थी क्योंकि एक दिन पहले ही उसका जवान बेटा साँप के हँसने से चल बसा था। उसके घर में पोते-पोती और बीमार बहू के लिए कुछ भी खाने को न था। शोक मनाने की जगह खरबूजे बेचने की विवशता और बेटे के दुख के कारण वह फफक-फफक रोए जा रही थी। प्रश्न: बुढ़िया की उस विवशता का उल्लेख कीजिए जिसके कारण उसे सूतक में भी खरबूजे बेचने आना पड़ा?उत्तर: बुढ़िया के जवान बेटे को साँप ने डॅस लिया था। ओझा से झाड़-फेंक करवाने और नागपूजा के बाद दान-दक्षिणा देने में घर का अनाज और आटा चला गया। उसके कफ़न के इंतजाम में साधारण जेवर भी बिक गए। भूख से बिलबिलाते पोते पोतियों और बीमार बहू की भूख शांत करने की विवशता में उसे सूतक में भी खरबूजे बेचने आना पड़ा। प्रश्न: आज अच्छी पोशाक की आवश्यकता एवं महत्त्व क्यों बढ़ गया है?उत्तर: आज अच्छी पोशाक की आवश्यकता एवं महत्त्व इसलिए बढ़ गया है, क्योंकि अच्छी पोशाक से पता चलता है कि व्यक्ति की हैसियत अच्छी है। पोशाक के कारण व्यक्ति सम्मान का पात्र समझा जाता है। पोशाक से ही कुछ लोगों के कठिन काम सरलता से बन जाते हैं। प्रश्न: बुढ़िया से खरबूजे खरीदने में लोगों को क्या डर सता रहा था?उत्तर: बुढ़िया अपने जवान बेटे की मृत्यु के दूसरे दिन ही खरबूजे बेचने बाजार में बैठी थी। उसके घर में सूतक था। यह बात लोगों को पता थी। बुढ़िया से खरबूजे खरीदने पर लोगों को यह डर सता रहा था कि उन्हें पातक लग जाएगा और उनका धर्म भ्रष्ट हो जाएगा। प्रश्न: अपने बेटे का इलाज ओझा से कराना बुढिया को किस तरह भारी पड़ गया?उत्तर: जवान बेटे को साँप ने डॅस लिया है, उसे सुनते ही बुढ़िया बावली हो गई। वह भागकर ओझा को बुला लाई ओझा ने झाड़-फूक किया, नाग पूजा की, दान-दक्षिणा लिया किंतु उसके बेटे भगवाना की जान नहीं बच सकी। इस तरह ओझा से इलाज कराना बुढ़िया को भारी पड़ गया। प्रश्न: भगवाना के इलाज और उसकी विदाई के बाद घर की आर्थिक स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ा?उत्तर: भगवाना के इलाज में ही घर का आटा और अनाज तक खत्म हो गया था। उसकी मृत्यु के बाद उसके लिए कफ़न के इंतजाम में छोटे-मोटे आभूषण तक बिक गए। अब उसके घर में खाने के भी लाले पड़ गए। इस तरह घर की आर्थिक स्थिति बिलकुल खराब हो गई। प्रश्न: भगवाना का मुँह अँधेरे खरबूजे तोड़ना किस तरह जानलेवा साबित हुआ?उत्तर: भगवाना अपने खेत में मुँह-अँधेरे ही पके खरबूजे तोड़ना चला गया। वहाँ गीली मेड़ की तरावट में विश्राम करते हुए साँप पर उसका पैर पड़ गया जिसे वह हल्का अँधेरा होने के कारण देख न सका था। साँप के हँसने से उसकी मृत्यु हो गई। इस तरह मुँह अँधेरे खरबूजे तोड़ना उसके लिए जानलेवा सिद्ध हुआ। Pages: 1 2 3 4 Formulae Handbook for Class 9 Maths and ScienceEducational Loans in India NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकार is part of
NCERT Solutions for Class 9 Hindi. Here we have given NCERT Solutions for Class 9 Hindi Sparsh Chapter 2 दुःख का अधिकार. पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास मौखिक निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर एक-दो पंक्तियों में दीजिए- प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. लिखित प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. (ख) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. (ग) निम्नलिखित के आशय स्पष्ट कीजिए- प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. भाषा-अध्ययन प्रश्न 1. प्रश्न 2. उत्तर- प्रश्न 3. प्रश्न 4. निर्वाह करना- बुढिया का बेटा भगवान डेढ़ बीघा जमीन पर सब्जियाँ उगाता था और उन्हें बेचकर अपना निर्वाह किया करता था। कोई चारा न हो- घर में अनाज का एक भी दाना न होने के कारण बुढ़िया के सामने कोई चारा नहीं रह गया था जिससे वह अपनी भूखी व बीमार बहू को कुछ दे सके। वह खरबूजे बेचने को विवश थी। शोक से द्रवित होना- संवेदनशील व्यक्ति दूसरों को दुखी देखकर प्रसन्न नहीं हो सकता। वह दुखी व्यक्ति के दुख के प्रति सहानुभूति प्रकट करते हुए शोक से द्रवित हो जाता है। प्रश्न 5. उत्तर- (क) छन्नी-ककना- पुराने जमाने में गरीब स्त्रियाँ ही छन्नी-ककनी पहनती थीं। अढ़ाई मास- मक्के की यह प्रजाति अढाई मास में तैयार हो जाती है। पास-पड़ोस- व्यक्ति पर उसके पास-पड़ोस का असर अवश्य पड़ता है। दुअन्नी-चवन्नी- कभी दुअन्नी-चवन्नी भी अपनी कीमत रखते थे, पर आज वे चलन में नहीं हैं। मुँह अँधेरे- किसान मुँह अँधेरे खेत में चले जाते हैं। झाड़ना-फेंकना- ओझा का झाड़ना-फेंकना भी भगवान के काम न आया। (ख) फफक-फफककर- मेले में माँ-बाप से बिछड़ा बच्चा फफक-फफककर रो रहा था। प्रश्न 6. योग्यता विस्तार प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. अन्य पाठेतर हल प्रश्न लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. इस सूतक में उसके हाथ से खरबूजे खरीदने और खाने से उनका धर्म भ्रष्ट हो सकता था। प्रश्न 3. बुढ़िया को खरबूजे बेचते देख लोग किन-किन विशेषणों का प्रयोग कर रहे थे? उनका ऐसा कहना कितना उचित था? प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न 9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. More Resources for CBSE Class 9
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भगवान की मृत्यु कैसे हुई class 9?खेत की गीली मेड़ की तरावट में एक साँप विश्राम कर रहा था। भगवाना उसे देख न पाया और उसका पैर साँप पर पड़ गया। साँप ने उसे डॅस लिया। साँप का जहर उतारने के लिए ओझा को बुलवाया गया, पर विष के असर से उसका शरीर काला पड़ता गया और उसकी मृत्यु हो गई।
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