धारा 414 में क्या होता है? - dhaara 414 mein kya hota hai?

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धारा 414 आईपीसी (IPC Section 414 in Hindi) - चुराई हुई संपत्ति छिपाने में सहायता करना।

धारा 414 का विवरण

भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के अनुसार, जो भी कोई ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, को छिपाने, या निपटाने, या इधर उधर करने में स्वेच्छा पूर्वक सहायता करेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

  लागू अपराध
चुराई हुई संपत्ति को छिपाने या निपटाने में सहायता करना।
सजा - तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (चुराई हुई संपत्ति के मालिक) द्वारा समझौता करने योग्य है।


Offence : चोरी की संपत्ति को छुपाने या निपटान में सहायता करना, इसे चोरी होने के लिए जानना

Punishment : 3 साल, या जुर्माना, या दोनों

Cognizance : संज्ञेय

Bail : गैर जमानतीय

Triable : कोई भी मजिस्ट्रेट



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IPC धारा 414 पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न


आई. पी. सी. की धारा 414 के तहत क्या अपराध है?

आई. पी. सी. धारा 414 अपराध : चोरी की संपत्ति को छुपाने या निपटान में सहायता करना, इसे चोरी होने के लिए जानना


आई. पी. सी. की धारा 414 के मामले की सजा क्या है?

आई. पी. सी. की धारा 414 के मामले में 3 साल, या जुर्माना, या दोनों का प्रावधान है।


आई. पी. सी. की धारा 414 संज्ञेय अपराध है या गैर - संज्ञेय अपराध?


आई. पी. सी. की धारा 414 के अपराध के लिए अपने मामले को कैसे दर्ज करें?


आई. पी. सी. की धारा 414 जमानती अपराध है या गैर - जमानती अपराध?


आई. पी. सी. की धारा 414 के मामले को किस न्यायालय में पेश किया जा सकता है?

आई. पी. सी. की धारा 414 के मामले को कोर्ट कोई भी मजिस्ट्रेट में पेश किया जा सकता है।


लोकप्रिय आईपीसी धारा


भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के अनुसार, जो भी कोई ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, को छिपाने, या निपटाने, या इधर उधर करने में स्वेच्छा पूर्वक सहायता करेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

  लागू अपराध
चुराई हुई संपत्ति को छिपाने या निपटाने में सहायता करना।
सजा - तीन वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।
यह एक गैर-जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी न्यायाधीश द्वारा विचारणीय है।

यह अपराध पीड़ित व्यक्ति (चुराई हुई संपत्ति के मालिक) द्वारा समझौता करने योग्य है।

अपराधसजासंज्ञेयजमानतविचारणीय
चोरी की संपत्ति को छुपाने या निपटान में सहायता करना, इसे चोरी होने के लिए जानना 3 साल, या जुर्माना, या दोनों संज्ञेय गैर जमानतीय कोई भी मजिस्ट्रेट

नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के बारे में पूर्ण जानकारी देंगे। क्या कहती है भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के अंतर्गत कैसे क्या सजा मिलती है और जमानत कैसे मिलती है, और यह अपराध किस श्रेणी में आता है, इस लेख के माध्यम से आप तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।

भारतीय दण्ड संहिता (IPC) में धारा 414 के विषय में पूर्ण जानकारी देंगे जो कोई ऐसी सम्पत्ति को छिपाने में, या व्ययनित करने में, या इधर-उधर करने में, स्वेच्छया सहायता करेगा, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई सम्पत्ति है, तो वह धारा 414 के अंतर्गत दंड एवं जुर्माने से दण्डित किया जाएगा।

आईपीसी की धारा 414 के अनुसार

चुराई हुई संपत्ति छिपाने में सहायता करना-

जो कोई ऐसी सम्पत्ति को छिपाने में, या व्ययनित करने में, या इधर-उधर करने में, स्वेच्छया सहायता करेगा, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई सम्पत्ति है, वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

Assisting in concealment of stolen property- Whoever voluntarily assists in concealing or disposing of or making away with property which he knows or has reason to believe to be stolen property, shall be punished with imprisonment of either description for a term which may extend to three years, or with fine, or with both.

लागू अपराध

चुराई हुई संपत्ति को यह जानते हुए कि वह चुराई हुई है, छिपाने में या व्ययनित करने में सहायता करना।
सजा- तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो।
यह अपराध एक गैर-जमानतीय और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है।
यह अपराध समझौते योग्य नहीं है।

जुर्माना/सजा (Fine/Punishment) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के अंतर्गत जो कोई ऐसी सम्पत्ति को छिपाने में, या व्ययनित करने में, या इधर-उधर करने में, स्वेच्छया सहायता करेगा, जिसके विषय में वह यह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई सम्पत्ति है, तो वह दोनों में से किसी भाँति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकेगी, या जुर्माने से, या दोनों से, दण्डित किया जाएगा।

जमानत (Bail) का प्रावधान

भारतीय दंड संहिता की धारा 414 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।

अपराध सजा अपराध श्रेणी जमानत विचारणीय
चुराई हुई संपत्ति को यह जानते हुए कि वह चुराई हुई है, छिपाने में या व्ययनित करने में सहायता करना। तीन वर्ष के लिए कारावास या जुर्माना या दोनो। संज्ञेय गैर-जमानतीय किसी भी श्रेणी के मजिस्ट्रेट व्दारा

हमारा प्रयास आईपीसी की धारा 414 की पूर्ण जानकारी, आप तक प्रदान करने का है, उम्मीद है कि उपरोक्त लेख से आपको संतुष्ट जानकारी प्राप्त हुई होगी, फिर भी अगर आपके मन में कोई सवाल हो, तो आप कॉमेंट बॉक्स में कॉमेंट करके पूछ सकते है।

धारा ४१४ में जमानत कैसे मिलती है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 414 अंतर्गत जो अपराध कारित किए जाते है वह अपराध दंड प्रक्रिया संहिता में गैर-जमानतीय (Non-Baileble) अपराध की श्रेणी में आते है, इसलिए इस धारा के अंतर्गत किए गए अपराध में जमानत नहीं मिल सकेगी।

धारा 414 का मतलब क्या होता है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 414 के अनुसार, जो भी कोई ऐसी संपत्ति, जिसके विषय में वह जानता है या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, को छिपाने, या निपटाने, या इधर उधर करने में स्वेच्छा पूर्वक सहायता करेगा, उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे तीन वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से, ...

आईपीसी की धारा 412 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 412 में कहा गया है कि जो कोई भी किसी चोरी की संपत्ति को बेईमानी से प्राप्त करता है या रखता है, जिसके कब्जे को वह जानता है या विश्वास करने का कारण है कि उसे डकैती के आयोग द्वारा स्थानांतरित किया गया है, या बेईमानी से वह संपत्ति प्राप्त करता है जिसे वह जानता है या उसके पास इसका कारण है डकैतों के ...

धारा 413 क्या है?

भारतीय दंड संहिता की धारा 413 के अनुसार, जो कोई ऐसी संपत्ति, जिसके संबंध में वह यह जानता है, या विश्वास करने का कारण रखता है कि वह चुराई हुई संपत्ति है, अभ्यासतः प्राप्त करेगा, या उसमें व्यापार करेगा, तो उसे आजीवन कारावास या किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दस वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दण्ड के लिए भी ...