7 एकल इलेक्ट्रोड विभव क्या है यह कैसे निर्धारित किया जाता है ?`? - 7 ekal ilektrod vibhav kya hai yah kaise nirdhaarit kiya jaata hai ?`?

सीमांत अभिकर्मक क्या होता है इस लेख में इस बिंदु पर चर्चा करेंगे। एवं इसके उदाहरण पर भी प्रकाश डालेंगे ताकि आप सभी students को सीमांत अभिकर्मक आसानी से समझाया जा सके।

सीमांत अभिकर्मक

रसायनिक अभिक्रियाओं में अभिकर्मक संतुलित समीकरण के अनुसार ही अभिकृत होते हैं। कई बार रासायनिक अभिक्रियाओं में संतुलित समीकरण के अनुसार आवश्यक अभिकर्मकों की मात्रा उपस्थित नहीं होती है। इस स्थिति में एक अभिकारक की मात्रा दूसरे अभिकारक से अधिक होती है। अतः सीमित मात्रा में उपस्थित अभिकारक जो अभिक्रिया में बने उत्पाद की मात्रा को निर्धारित करते हैं। उन्हें सीमांत अभिकर्मक (limiting reagent in Hindi) कहते हैं।

अगर आसान शब्दों में कहें तो वह रसायनिक अभिक्रिया जिसमें दो अभिकारक उपस्थित हैं। एवं इसमें एक अभिकारक की मात्रा अधिक तथा दूसरे अधिकार की मात्रा कम है। तो जो अभिकारक कम मात्रा में उपस्थित होता है वह पहले समाप्त हो जाता है। जो उत्पाद की मात्रा को सीमित कर देता है। इसलिए उसे सीमांत अभिकर्मक कहते हैं।

सीमांत अभिकर्मक का उदाहरण

1. 1 ग्राम मैग्नीशियम को 0.5 ग्राम ऑक्सीजन में जलाने पर मैग्नीशियम ऑक्साइड प्राप्त होता है इस अभिक्रिया में सीमांत अभिकर्मक की निम्न प्रकार गणना की जा सकती है?

7 एकल इलेक्ट्रोड विभव क्या है यह कैसे निर्धारित किया जाता है ?`? - 7 ekal ilektrod vibhav kya hai yah kaise nirdhaarit kiya jaata hai ?`?

अतः 32 ग्राम ऑक्सीजन के साथ 48 ग्राम मैग्निशियम अभिक्रिया करता है तो
1 ग्राम मैग्नीशियम अभिक्रिया करेगा = \frac{32}{48} = 0.67 ग्राम ऑक्सीजन के साथ
परंतु वास्तव में ऑक्सीजन की 0.5 ग्राम मात्रा ही उपलब्ध है।
अर्थात् ऑक्सीजन की वास्तविक मात्रा, ऑक्सीजन की अभिक्रिया में उपलब्ध मात्रा से कम है। अतः ऑक्सीजन अभिक्रिया में सीमांत अभिकर्मक है।

2. हाइड्रोजन के दहन द्वारा जल (H2O) का बनना भी एक अभिकर्मक के अंतर्गत ही होता है। इस अभिक्रिया में हाइड्रोजन के दो मोल के पूर्ण दहन के लिए ऑक्सीजन के केवल एक मोल की ही आवश्यकता होती है। अतः H2O में ऑक्सीजन सीमांत अभिकर्मक है। क्योंकि यह उत्पाद की मात्रा को सीमित करता है।

सीमांत अभिकर्मक से संबंधित ज्यादा कुछ नहीं है बस इसकी परिभाषा और उदाहरण हैं। परीक्षाओं में सीमांत अभिकर्मक कि या तो परिभाषा उदाहरण पूछा जाता है। अगर दीर्घ उत्तरीय प्रश्न आता है। तो दोनों एक साथ पूछ लिया जाता है।

आशा करते हैं कि सीमांत अभिकर्मक क्या है इससे संबंधित यह लेख आपके लिए काफी मदद पूर्ण रहा होगा। अगर आपका कोई प्रश्न यह सुझाव है तो आप हमें जरूर बताएं।


एकल इलेक्ट्रोड विभव क्या है यह कैसे निर्धारित किया जाता है?

इलेक्ट्रोड विभव को हम उस दशा में ही ज्ञात कर सकते हैं जब दो इलेक्ट्रोडों को जोड़कर सेल बनायें तथा उनके मध्य उत्पन्न विभवान्तर को ज्ञात करें। यदि हमें किसी एक इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात हो तो हम दूसरे को आसानी से ज्ञात कर सकते हैं। जिस इलेक्ट्रोड का विभव ज्ञात होता है उसे मानक इलेक्ट्रोड (Reference Electrode) कहते हैं।

इलेक्ट्रोड विभव क्या होता है?

Solution : इलेक्ट्रोड- इलेक्ट्रोड एक चालक होता है जिसमें से धारा बहती है। इलेक्ट्रोड विभव- जब किसी धातु की छड़ को उसी धातु के लवण के विलयन में डुबोया जाता है तो धातु की छड़ विलयन के सापेक्ष धनावेशित या ऋणावेशित हो जाती है ।

इलेक्ट्रोड विभव क्या है इसको प्रभावित करने वाले कारकों को स्पष्ट कीजिए?

जब किसी धातु की छड़ को उसके लवण के विलयन में डूबोते हैं तो धातु की छड़ विलयन के सापेक्ष धन या ऋणावेशित हो जाती है। इस प्रकार धातु की छड़ तथा विलयन के मध्य विभवांतर स्थापित हो जाता है। जिसे इलेक्ट्रोड विभव (electrode potential in Hindi) कहते हैं।

`( ख नर्स्ट समीकरण क्या है मानक इलेक्ट्रोड विभव तथा इलेक्ट्रॉन विभव में सम्बन्ध बताइए?

एक इलेक्ट्रोड पर ऑक्सीकरण तथा दूसरे इलेक्ट्रोड पर अपचयन होता है। इनके इलेक्ट्रोड विभव एवं मानक इलेक्ट्रोड विभव को क्रमशः E तथा Eo से प्रदर्शित किया जाता है। वैज्ञानिक नर्नस्ट ने किसी अर्ध सेल का इलेक्ट्रोड विभव ज्ञात करने के लिए एक समीकरण का प्रतिपादन किया जिसे नर्नस्ट समीकरण (Nernst equation in Hindi) कहते हैं।