आबादी भूमि की रजिस्ट्री कैसे होती है? - aabaadee bhoomi kee rajistree kaise hotee hai?

काफी पुराना है आबादी पर कब्जे का विवाद

उपनिरीक्षक के साथ आधा दर्जन पुलिस कर्मी भी गए थे साथ

फोटो परिचय : रेड़ीगारापुर का विवादित स्थल।

पट्टी, प्रतापगढ़ : कोतवाली क्षेत्र के रेड़ीगारापुरमें चल रहा भूमि विवाद काफी पुराना है। राजस्व अभिलेखों में आबादी के नाम से दर्ज इस भूमि पर मालिकाना हक के लिए मामला दीवानी न्यायालय में विचाराधीन है।

उक्त गांव निवासी निवासी गूदर उर्फ रोहित की विधवा ननका देवी एवं रमापति पाण्डेय में इस जमीन को लेकर विवाद बहुत पहले से चल रहा है। वर्ष 2000 में रमापति पाण्डेय द्वारा इस भूमि पर मालिकाना हक के लिए वाद प्रस्तुत किया गया है। चूंकि विवादित भूमि पट्टी राजा बाजार मुख्य मार्ग पर स्थित है एवं रमापति पाण्डेय का मकान इस भूमि के पीछे है। ऐसे में इस भूमि को रमापति हमेशा अपनी आबादी बताते रहे हैं।

विधवा ननका देवी ने जब देखा कि भूमि में विवाद अधिक बढ़ रहा है और अब भूमि पर कब्जा करना उसके बस की बात नहीं है तो इस भूमि को उसने निवेदिका पाण्डेय, कुसुम मिश्र, मंजू देवी एवं इन्द्रावती सिंह को क्रमश: 22 फीट, 10 फीट, 15 फीट बेच दिया। इसके लिए सभी क्रेता एक ही विक्रय पत्र पर भूमि की रजिस्ट्री पांच लाख में 28 दिसम्बर 2012 को करवा लिए। इस बेचनामा में सुधार के लिए दो जनवरी 2013 को एक तितिम्मा बनाकर उसमें भूमि में स्थित दो कमरों को दिखाया। वहीं गिरे कच्चे घर के अंश की चर्चा करते हुए दोनों कमरों को क्रेता निवेदिका के पक्ष में बताते हुए उस पर अतिरिक्त स्टाम्प ड्यूटी देकर पुन: तितिम्मा की रजिस्ट्री कराई गई।

बताते हैं कि क्रेतागण भी जब भूमि कब्जा करने में अपने को कमजोर महसूस करने लगे तो सदहा निवासी सपा के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य विजय यादव के भाई सत्यप्रकाश यादव को 10 फीट भूमि का निवेदिका पाण्डेय ने बैनामा कर दिया। यह बैनामा इसी वर्ष आठ फरवरी को हुआ है। 25 फरवरी को जब कब्जाधारक जेसीबी लेकर पहुंचे थे तो उस समय उनके साथ कोतवाली के एक उपनिरीक्षक व आधा दर्जन से अधिक सिपाही भी थे। पुलिस की शह पर जब दंबगों ने कहर बरपाना शुरू किया तो बाजार के लोगों में इंसानियत जाग उठी और सभी एक साथ खड़े हुए तो कब्जा करने आए लोग भाग खड़े हुए।

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हमें घटना की जानकारी सीओ पट्टी प्रेमचन्द्र द्वारा घटना वाले दिन अपराह्न तीन बजे दी गई। मौके पर पहुंचकर भुक्तभोगियों को अस्पताल भेजने के साथ उन्हें न्याय का भरोसा दिलाया। घटना की जानकारी पहले होती तो शायद यह सब तांडव न हो पाता।

-आरएस वर्मा, उप जिलाधिकारी, पट्टी

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विक्रेता ननका देवी ने भी दी तहरीर

पट्टी, प्रतापगढ़ : विवादित भूमि की विक्रेता विधवा ननका देवी ने कोतवाली में तहरीर देकर आरोपित किया है कि पड़ोसी रमापति पाण्डेय सहित अन्य ने उसके घर का ताला तोड़कर घर में रखा सामान उठा ले गए।

ननका देवी का कहना है कि इस दौरान वह पट्टी कोतवाली में मौजूद थी। मोबाइल द्वारा पड़ोस के लोग एवं ग्रामीणों ने इसकी सूचना हमें दी तो हमने मौके पर जाकर देखा घटना को सही पाया। उसने नामजद आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत करने के साथ कार्रवाई की मांग की है।

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दोनों पक्षों के 11 लोगों ने कराई जमानत

पट्टी, प्रतापगढ़ : कोतवाली क्षेत्र के रेड़ीगारापुर गांव में विवादित भूमि को लेकर दोनों पक्षों में तनातनी को देखते हुए पुलिस द्वारा एक माह पूर्व पांबद किए गए कुल 11 लोगों ने बुधवार को तहसील में पहुंचकर अपनी जमानत कराई। विदित हो कि रमापति पाण्डेय के पक्ष के पांच लोगों ने तथा अतुल पाण्डेय के पक्ष के छह लोग बुधवार को तहसील में पहुंचे और उन्होंने अपनी जमानत की प्रक्रिया पूरी की। दूसरी ओर सोमवार को हुए बवाल के मामले में अभी तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। मामले की गूंज ऐसी हुई है कि प्रशासन के साथ कोतवाली के लोग इस विवाद से संबंधित सभी अभिलेख ठीक करने में जुटे हुए हैं। पूरे दिन अभिलेख यहां पर खंगाले जाते रहे और फाइल तैयार की जाती रही।

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विषयसूची

  • 1 आबादी की जमीन का मालिक कौन होता है?
  • 2 प्रधानमंत्री भू स्वामित्व योजना क्या है?
  • 3 गोचर भूमि का पट्टा कैसे बनाएं राजस्थान?
  • 4 जमीन पर कब्जा कैसे करे?

आबादी की जमीन का मालिक कौन होता है?

इसे सुनेंरोकेंआबादी जमीन किसकी होती है? ऐसी खाली पड़ी जमीन जो किसी व्यक्ति या संस्था के नाम पर ना हो यानि उस जमीन की रजिस्ट्री किसी के नाम पर नहीं हुई हो आबादी जमीन कहलाती है। गांव, शहर, कस्बों में जितने भी आबादी जमीन होती है वह सरकार की होती है। इस जमीन को स्थानीय प्रशासन अपने अनुसार उपयोग कर सकती है।

प्रधानमंत्री भू स्वामित्व योजना क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपीएम स्वामित्व योजना 2021 के माध्यम से लोगों की संपत्ति का डिजिटल ब्यौरा रखा जायेगा। स्वामित्व योजना के अंतर्गत ग्रामीण इलाकों की जमीन का मालिकाना अधिकार ग्रामीण नागरिकों को सौंपा दिया जाएगा। ग्रामीण इलाके में रहने वाले व्यक्ति अपने खेतों के माध्यम से बैंक से ऋण प्राप्त कर सकते हैं।

आबादी भूमि की रजिस्ट्री कैसे होती है?

इसे सुनेंरोकेंआबादी भूमि के नियम : आज ग्रामीण एवं शहरी दोनों क्षेत्रों में आबादी भूमि है। इसके लिए सरकार कई योजनाएं बनाती है, जिससे गरीब एवं भूमिहीन परिवारों को इस आबादी जमीन पर पट्टा दिया जा सकें। अलग – अलग राज्य सरकारें अपने राज्य की स्थिति के अनुसार आवासीय भूखण्ड आवंटन हेतु नियम बनाती है।

घर का पट्टा कैसे बनता है?

इसे सुनेंरोकेंअगर आप गरीब है या भूमिहीन है तब आपको सरकार द्वारा पट्टा आबंटित किया जाता है। पट्टा प्रदान करने के लिए राज्य के अनुसार अलग अलग मापदंड हो सकते है। किसी व्यक्ति को जमीन का पट्टा प्रदान करने के लिए sc, st, obc या सामान्य वर्ग का होना जरुरी नहीं। किसी भी वर्ग के भूमिहीन परिवारों को आवासीय पट्टा प्रदान किया जा सकता है।

गोचर भूमि का पट्टा कैसे बनाएं राजस्थान?

इसे सुनेंरोकेंऐसी भूमि को पंचायत के नाम दर्ज कराएं। { सीईओ सीमाज्ञान कराई गई भूमि को पंचायती राज अधिनियम 1996 के नियम 137 के तहत रजिस्ट्रर में इंद्राज कराएं। { सीईओ पंचायत भूमि पर हो रहे अतिक्रमण को हटवाएं। { जिन पंचायतों में ट्रेसपास के प्रकरण हों वहां नियमित कर पट्टे आबंटित किए जा सकते हैं।

जमीन पर कब्जा कैसे करे?

इसे सुनेंरोकेंसंबंधित पुलिस थाने से इस धारा के अंतर्गत कार्यवाही की जा सकती है। कोई भी पीड़ित व्यक्ति को सर्वप्रथम अपने इस अधिकार का उपयोग करना चाहिए। भारतीय दंड संहिता की धारा 406 अमानत में खयानत के मामलों में लागू होती है। इस धारा के अंतर्गत किसी व्यक्ति की संपत्ति में विश्वास के आधार पर घुसकर उस पर कब्जा कर लेगा संगीन अपराध है।

आबादी भूमि क्या है UP?

140. आबादी भूमि - " आबादी भूमि" से किसी पंचायत सर्किल के बसे हुए क्षेत्रों के भीतर पड़ने वाली ऐसी नजूल भूमि अभिप्रेत है जो राज्य सरकार के किसी आदेश के द्वारा या अधीन किसी पंचायत में निहित हो या निहित की गई हो या उसके निर्वर्तनाधीन रखी गई हो ।

बंजर भूमि पर कब्जा के नियम up?

आदेशों में स्पष्ट किया गया है कि ऐसे कब्जाशुदा जमीन पर बना हुआ मकान केवल सिवायचक भूमि पर बना हुआ होना जरूरी है। यदि गोचर या आगोर भूमि पर कब्जा कर मकान बनाया हुआ पाया गया तो उन्हें पट्टे नहीं मिलेंगे। सरकारीभूमि पर बने मकानों का पट्टा अधिकतम 300 वर्ग गज की भूमि का ही बनेगा।

छत्तीसगढ़ में सरकारी जमीन का पट्टा कैसे बनाएं?

सरकारी जमीन का पट्टा कैसे बनाएं ऑनलाइन ?.
स्टेप-1 जमीन का पट्टा बनाने की वेबसाइट खोलें.
स्टेप-2 आवासीय पट्टे विकल्प को चुनें.
स्टेप-3 भूमि का विवरण भरें.
स्टेप-4 आवेदक एवं सीमाओं का विवरण भरें.
स्टेप-5 पट्टा के लिए दस्तावेज संलग्न करें.
स्टेप-6 जमीन पट्टा का पावती प्रिंट करें.
स्टेप-7 जमीन का पट्टा की पावती निकाले.

जमीन का पट्टा कैसे देखें up?

सभी राज्य सरकार Jamin Ka Patta बनाने के लिए ऑनलाइन पोर्टल शुरू कर रखे है जिससे आप अपने राज्य के पोर्टल कि वेबसाइट पर अपने जमीन के पट्टे कि जानकारी को ऑनलाइन देख सकते है इसके अलावा आप आप अपने क्षेत्र के तहसील कार्यायल/ग्राम पंचायत कार्यलय में जाकर के जमीन का पट्टा देख सकते है.