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Chhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: cg tyohar list 2022, छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले त्योहार के नाम, छत्तीसगढ़ का पहला त्यौहार, छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहार 2022, आज छत्तीसगढ़ में कौन सा त्यौहार है, छत्तीसगढ़ में मनाए जाने वाले त्योहारों के नाम एवं महीने बताइए, सोनपान का संबंध किस पर्व से है, तीजा पोरा किस महीने में मनाया जाता है, Chhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se HainChhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: छत्तीसगढ़ में बहुत से त्यौहार मनाया जाता है। आमतौर पर छत्तीसगढ़ में त्यौहार को तिहार कहा जाता है। यंहा सभी अलग अलग जनजातियों के द्वारा अलग अलग त्यौहार मनाया जाता है। सभी त्यौहार बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यंहा त्योहारों में अपने अपने घरों में अलग अलग व्यंजन बनाया जाता है। तो आइये देखते है कि छत्तीसगढ़ के त्यौहार, छत्तीसगढ़ में कौन कौन से पर्व मनाते है? छत्तीसगढ़ी पर्व कौन कौन से है? छत्तीसगढ़ के प्रमुख त्यौहारChhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: छत्तीसगढ़ में हर वर्ष बहुत ही हर्ष और उल्लास के साथ त्योहारों को मनाया जाता है जिसमें तीजा, पोला, आदि त्यौहार सम्मिलित है। 1. हरेलीयह मुख्य रूप से किसानों का पर्व है। यह पर्व श्रावण मास की अमावस्या को मना या जाता है। यह छत्तीसगढ़ अंचल में प्रथम पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह हरियाली के उल्लास का पर्व है। इस पर्व में धान की बुवाई के बाद श्रावण मास की अमावस्या को सभी लौह उपकरणों की पूजा की जाती है। इस दिन बच्चे बांस की गोड़ी बनाकर घूमते एवं नाचते हैं। इस दिन जादू-टो ने की भी मान्यता है। इस दिन बैगा जनजाति के लोगों द्वारा फसल को रोग मुक्त करने के लिए ग्राम देवी-देवताओं की पूजा-पाठ भी की जाती है। इस पर्व के अवसर पर लोग नीम की टहनियां अपने घरों के दरवाजों पर लगाते हैं। 2. भोजलीरक्षाबंधन के दूसरे दिन भाद्र मास की प्रतिप्रदा को यह पर्व मनाया जाता है , इस दिन लगभग एक सप्ताह पूर्व से बोये गये गेहूं , चावल आदि के पौधे रूपी भोजली को विसर्जित किया जाता है । यह मूलतः मित्रता का पर्व है इस अवसर पर भोजली का आदान – प्रदान होता है । जहाँ भोजली के गीत गाए जाते हैं । “ओ देवी गंगा , लहर तुरंगा” भोजली का प्रसिद्ध गीत है । 3. नाग पंचमीश्रावण शुक्ल पक्ष के पंचमी के दिन । इस पर्व के अवसर पर दलहा पहाड़ ( जांजगीर – चांपा ) में मेला आयोजित किया जाता है । नागपंचमी के अवसर पर कुश्ती खेल आयोजित की जाती है ।
3. हलषष्ठी ( हरछठ , कमरछठ )Chhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: इस पर्व को हर छठ एवं कमरछट के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन महिलाएं भूमि 4. पोलाभाद्र अमावस्या के दिन गाँवों में बैलों को सजाकर बैल दौड़ प्रतियोगिता आयोजित की जाती है । बच्चे मिट्टी के बैल से खेलते हैं । 5. छेरछेरा: यह पर्व पौष माह की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। यह पर्व ‘पूषपुन्नी’ के नाम से भी 6. अरवा तीजChhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: इस दिन आम की डलियों का मंडप बनाया जाता है । विवाह का स्वरूप लिए हुए यह उत्सव वैसाख माह में अविवाहित लड़कियों द्वारा मनाया जाता है। 7. गौराछत्तीसगढ़ में गौरा कार्तिक माह में मनाया जाता है। इस उत्सव पर स्त्रियाँ शिव – पार्वती का पूजन करती हैं , अंत में प्रतिमा को विसर्जित किया जाता है । गोड़ आदिवासी भीमसेन की प्रतिमा में तैयार करते हैं । 8. नवरात्रिचैत्र व अश्विन दोनों माह में माँ दुर्गा की उपासन का यह पर्व 9 दिन मनाया जाता है । अंचल के दंतेश्वरी , बम्लेश्वरी , महामाया, मनकादाई आदि शक्तिपीठों पर विशेष पूजन होता है । अश्विन नवराति में माँ दुर्गा की आकर्षक एवं भव्य प्रतिमाएँ भी स्थापित की जाती है 9. तीजायह छत्तीसगढ़ का परम्परागत त्योहार है। इस त्योहार के अवसर पर भाद्र मास में माता- 10. अक्तिइस पर्व के अवसर पर लड़कियां पुतला-पुतली का विवाह रचाते है। इसी दिन से खेतों में 11. जेठवनीइस पर्व में तुलसी विवाह के दिन तुलसी की पूजा की जाती है। इस दिन गन्ने की पूजा की जाती है। और गन्ने और कांदा का भोग किया जाता है। 12. सरहुलयह उरांव जनजाति का महत्वपूर्ण त्योहार है , इस अवसर पर प्रतीकात्मक रूप से सूर्य देव और धरती माता विवाह रचाया जाता है , मुर्गे की बलि भी दी जाती है। अप्रैल के प्रारंभ में , जब साल वृक्ष फलते हैं । तब यह उरांव जनजाति व अन्य लोगों द्वारा मनाया जाता है । मुर्गे को सूर्य तथा काली मुर्गी को धरती का प्रतीक मानकर उन्हें सिंदूर लगाया जाता है तथा उनका विवाह किया जाता है । बाद में उनकी बलि चढ़ा दी जाती है। 13. कजरीChhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: यह छत्तीसगढ़ के क्षेत्र का एक और महत्वपूर्ण त्योहार है और उसी दिन आता है जो रक्षा बंधन या श्रावण पूर्णिमा पर मनाया जाता है । यह त्योहार किसानों के जीवन में विशेष महत्व रखता है और यह वह है जो इस त्योहार को बड़ी धूमधाम से मनाते हैं । 14. चैतराईयह छत्तीसगढ़ राज्य में गोंडों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है । इस त्यौहार के दिन गाँव के भगवान को कुछ शराब के साथ एक सुअर या मुर्दा चढ़ाया जाता है । इसके बाद आदिवासी समूह नृत्य , लोककथाओं और अन्य प्रकार के सांस्कृतिक प्रदर्शनों के रूप में पूर्ण मनोरंजन करते हैं । 15. गोंचाबस्तर में प्रसिद्ध रथयात्रा को गोंचा कहा जाता है । यह बस्तर का महत्वपूर्ण आयोजन है । 16. करमाChhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: यह ओरां व, बैगा, बिंझवार, गोंडगों आदि जनजातियों का एक महत्वपूर्ण त्योहार है। यह पर्व कठोर वन्य जीवन और कृषि संस्कृति में श्रम के महत्व पर आधारित है। ‘कर्म की जीवन में प्रधानता’ इस पर्व का महत्वपूर्ण संदेश है। यह पर्व भाद्र माह में मनाया जाता है। यह प्रायः धा न रोपने व फसल कटाई के बीच के अवकाश काल का उत्सव है। इसे एक तरह से अधिक उत्पादन के हेतु मनाया जाने वाला पर्व भी कहा जा सकता है। इस अनुष्ठान का केन्द्रीय तत्व ‘करम वृक्ष’ है। करम वृक्ष की तीन डालियां काट कर उसे अखाड़ा या नाच के मैदान में गाड़ दिया जाता है तथा उसे ‘करम राजा’ की संज्ञा दी जाती है। 17. मेघनाद पर्वगोड़ जनजाति का यह पर्व फाल्गुन मास के प्रथम पखवाड़े में होता है । कहीं – कहीं यह पर्व चैत्र में मनाया जाता है । गोंड मेघनाथ को अपना सर्वोच्च देवता मानते हैं मेघनाथ का प्रतीक एक बड़ा सा ढाँचा आयोजन के मुख्य दिवस के पहले खड़ा किया जाता है । मेघनाथ ढाँचे के निकट स्त्रियाँ नृत्य करते समय खण्डेरादेव के अपने शरीर में प्रवेश का अनुभव करती हैं । यह आयोजन गोंड जनजाति में आपदाओं से विजय पाने का विश्वास उत्पन्न करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है । 18. माटी पूजामाटी पूजा या ‘ पृथ्वी की पूजा छत्तीसगढ़ राज्य में महत्वपूर्ण महत्व का त्योहार है जहां लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि है । इस त्यौहार के दौरान बस्तर जिले के आदिवासी लोग अगले सीजन के लिए फसलों की भरपूर पैदावार के लिए पृथ्वी की पूजा करते हैं । धार्मिक संस्कार और परंपराएं भी उनके द्वारा अत्यंत श्रद्धा और समर्पण के साथ मनाई जाती हैं। 19. ककसारककसार उत्सव अबूझमाड़िया आदिवासियों में एक महत्त्वपूर्ण पर्व के में मनाया जाता है । * इसमें स्त्री – पुरुष अपने – अपने अर्द्धवृत्त बनाकर सारी रात नृत्य करते हैं। ककसार के अवसर पर वैवाहिक संबंध भी तय किए जाते हैं इस तरह यह अविवाहित लड़के – लड़कियों के लिए अपने जीवन साथी चुनने का अवसर भी होता है। Chhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain:Chhattisgarh Ke Pramukh Tyohar Kaun Kaun Se Hain: इन सभी त्योहारों के अलावा छत्तीसगढ़ में बाकी सभी त्यौहार जो हमारे देश में मनाई जाती है उन सब को भी मनाया जाता है। Pathaan Full Movie Download Shah Rukh Khan & Deepika छत्तीसगढ़ में कौन कौन सा त्यौहार मनाया जाता है?छत्तीसगढ़ के उत्सव. 1 होली. 2 पोरा. 4 हरेली. 5 नृत्य-गान. छत्तीसगढ़ का सबसे पहला त्यौहार कौन सा है?हरेली : यह मुख्य रूप से किसानों का पर्व है।
यह पर्व श्रावण मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह छत्तीसगढ़ अंचल में प्रथम पर्व के रूप में मनाया जाता है। यह हरियाली के उल्लास का पर्व है। इस पर्व में धान की बुवाई के बाद श्रावण मास की अमावस्या को सभी लौह उपकरणों की पूजा की जाती है।
छत्तीसगढ़ में तीज का त्यौहार कब है?Haritalika Teej 2022: छत्तीसगढ़ का सबसे प्रमुख लोकपर्व हरितालिका तीज (तीजा) इस साल 30 अगस्त को मनाया जाएगा।
तीजा पोरा कब मनाया जाता है?हरतालिका तीज व्रत 2022 शुभ मुहूर्त-
हरतालिका तीज व्रत इस साल 30 अगस्त 2022 को रखा जाएगा। इस दिन सुबह साढ़े छह बजे से लेकर 8 बजकर 33 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा। जबकि शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात 08 बजकर 51 मिनट तक प्रदोष काल रहेगा।
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