इसे सुनेंरोकेंवृत्त का वह भाग जो एक जीवा एवं चाप से घिरा हो, तो वह वृत्तखंड कहलाता है. अर्थात, केंद्ररहित एक ऐसा क्षेत्र जो वृत्त की एक जीवा और एक चाप से घिरा हो, ऐसी आकृति को वृत्तखंड के रूप में परिभाषित करते है. सामान्यतः एक जीवा वृत्त को दो वृत्तखंडों में विभाजित करती है. Show
वृत्त का अर्थ क्या? इसे सुनेंरोकेंकिसी एक निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता है। यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है। वृत्त एक साधारण बंद वक्र होता है जो समतल को दो क्षेत्रों में विभाजित करता है: एक आंतरिक और एक बाहरी। वृत्त की सबसे बड़ी जीवा को क्या कहते हैं? किसी वृत्त की सबसे लंबी जीवा को वृत्त का व्यास कहा जाता है या,
पढ़ना: पृथ्वी की परत कौन सी है? चाप के सिरों को मिलाने वाली रेखा को क्या कहते है?इसे सुनेंरोकें(i) जीवा (Chord) :- किसी चाप के दो सिरों को जोड़ने वाली एक सरल रेखा होती है । वृत्त की जीवा को क्या कहते हैं? इसे सुनेंरोकेंकिसी वृत्त की जीवा (chord) वह सरल रेखा है जिसके दोनों सिरे उस वृत्त की परिधि पर स्थित हों। जीवा को दोनों तरफ बढाने से प्राप्त रेखा को छेदक रेखा (secant line) कहते हैं। अधिक व्यापक रूप में कहें तो किसी भी वक्र के किन्हीं दो बिन्दुओं को जोड़ने वाली रेखा को ‘जीवा’ कहते हैं (जैसे किसी दीर्घवृत्त की जीवा)। किसी वृत्त के एक बिंदु पर कितनी स्पर्श रेखाएं खींची जा सकती है? इसे सुनेंरोकेंआप पाएँगे कि इस बिंदु से वृत्त पर दो और केवल दो स्पर्श रेखाएँ खींच सकते हैं (देखिए आकृति 10.6 (iii)]। वाली वृत्त पर कोई स्पर्श रेखा नहीं है। आकृति 10.6 (iii) 2021-22 Page 6 वृत्त 233 स्थिति 2 : वृत्त पर स्थित किसी बिंदु से वृत्त पर एक और केवल एक स्पर्श रेखा है। वह घिरा हुआ तल जो एक निश्चित बिंदु से हमेशा समदूरस्थ होता हैं वृत्त कहलाता हैं। अर्थात किसी निश्चित बिंदु से समान दूरी पर स्थित बिंदुओं का बिन्दुपथ वृत्त कहलाता हैं। वृत्त के वक्र समतल आतंरिक एवं बाह्य को दो भागों में विभाजित किया जाता हैं। वृत्त एक ऐसी बिंदु का बिंदुपथ हैं, जो इस तरह घूमता हैं कि उसकी दूरी एक स्थिर बिंदु से सदैव बराबर रहती हैं स्थिर बिंदु को वृत्त का केंद्र, अचल दूरी को वृत्त की त्रिज्या तथा बिंदु पथ को परिधि कहते हैं। केंद्र से गुजरने वाली वह सीधी रेखा जो वृत्त को दो बराबर भागों में विभक्त करती हैं वृत्त का व्यास कहलाती हैं वृत्त का व्यास उसकी त्रिज्या का दोगुना होता हैं। किसी वृत्त की परिधि की लम्बाई उसकी व्यास की लम्बाई की लगभग 22/7 गुना होती हैं इसे ग्रीक अक्षर π द्वारा प्रदर्शित किया जाता हैं अक्षर π को हिंदी में पाई पढ़ा जाता हैं। जहाँ π = परिधि/व्यास = 22/7 = 3.1428571 होता हैं। वृत्त के सूत्र
वृत्त के भागएक वृत्त में पदों और उनके गुणों के आधार पर अलग-अलग भाग होते हैं चलिए नीचे दिए विभिन्न भागों को पढ़ते और समझते हैं। 1. केंद्र किसे कहते हैंवह बिंदु जो वृत्त के सभी बिंदुओं से समान दूरी पर स्थिर होता है। अर्थात वह निश्चित बिंदु जो वृत्त के मध्य स्थिर होता है केंद्र कहलाता है। 2. त्रिज्या किसे कहते हैंवृत्त में केंद्र से परिधि तक की दूरी को त्रिज्या कहते है। वृत्त में असंख्य त्रिज्याएँ होती है। सभी की लम्बाई आपस में समान होती है। 3. व्यास किसे कहते हैंवृत्त की दो बराबर भागों में बांटने वाली रेखाखंड को व्यास कहते है। अर्थात वृत्त में दो बिंदुओं के बीच की सबसे बड़ी दूरी व्यास कहलाती है। यह वृत्त की सबसे बड़ी जीवा भी होती है जो त्रिज्या की दोगुनी होती है। 4. अर्द्धवृत्त किसे कहते हैंकिसी वृत का अर्ध भाग अर्द्धवृत्त कहलाता हैं। इसके चाप के अन्तिम दोनों बिन्दुओं को केन्द्र से जोड़ने वाली रेखाएँ मिल कर एक ऋजु रेखा का निर्माण करती हैं। अर्द्धवृत्त के कोण का मान सदैव 180° होता हैं। यही कोण की रेखा व्यास कहलाती है। जब एक रेखा वृत्त की परिधि के दो बिंदु को मिलाते हुए ऐसे रेखा खीचीं जाये कि वह उस वृत्त के केन्द्र से गुजरे तो उसे व्यास रेखा कहते हैं। अर्द्धवृत्त के सूत्र
5. स्पर्श रेखा किसे कहते हैंकिसी वृत्त के एक बिंदु से गुजरनेवाला रेखा स्पर्श रेखा कहलाती है। अर्थात वह रेखा जो केवल वृत्त के बाह्य बिंदु को स्पर्श करता हो स्पर्श रेखा कहलाता है। 6. चाप किसे कहते हैंपरिधि पर स्थित किन्हीं दो बिंदुओं को मिलाने वाली सीधी रेखा को वृत्त की चाप कहते हैं। 7. जीवा किसे कहते हैंवृत्त के किसी दो हिस्सों में विभाजित करने वाली रेखाखंड जीवा कहलाती है। अथवा वृत्त के एक बिंदु से दूसरे बिंदु तक जानेवाली रेखाखंड को जीवा कहते है। 8. त्रिज्याखण्ड किसे कहते हैंवृत्त की दो त्रिज्याओं और संगत चाप से घिरे क्षेत्र को त्रिज्याखण्ड कहते हैं। त्रिज्याखण्ड को मुख्यतः दो भागों में विभाजित किया गया हैं।
Note :-
त्रिज्याखण्ड के सूत्र
9. वृत्तखण्ड किसे कहते हैंवृत्त के एक जीवा और सांगत के चाप से घिरा क्षेत्र वृत्तखंड कहलाता है इसे सामान्यतः दो भागों में बाँटा गया है. जैसे :-
10. परिधि किसे कहते हैंवृत्त को घेरने वाली वक्र रेखा की लम्बाई परिधि कहलाती है अर्थात वृत्त के बाहरी घेरे को परिधि कहा जाता हैं 11. छेदक किसे कहते हैंकिसी भी वृत्त के दो बिन्दुओं से गुजरने वाली रेखा छेदक कहलाती है अर्थात वह रेखा जो वृत्त के दो अलग-अलग बिन्दुओं पर प्रतिच्छेद करती हो वह छेदक कहलाती हैं वृत्त का निश्चित बिंदु क्या कहलाता है?यह निश्चित बिंदु, वृत्त का केंद्र कहलाता है, केंद्र और वृत्त की परिधि के किसी भी बिन्दु के बीच की दूरी वृत्त की त्रिज्या कहलाती है।
वृत्त में कितने शीर्ष होते हैं?इसकी आमने-सामने की भुजाएँ समान लम्बाई की होती हैं। इसमें तीन भुजाएँ और तीन कोने (शीर्ष) होते हैं।
वृत्त को घेरने वाली वक्र रेखा को क्या कहते हैं?मोटे तौर पर वृत्त और दीर्घवृत्त के बाहरी घेरे को, और घेरे की लम्बाई को परिधि कहते हैं। किन्तु इसका सामान्यीकरण करते हुए किसी भी बन्द वक्र के किनारों की कुल लम्बाई (परिमाप) को 'परिधि' कहा जाता है। अर्थात परिधि, परिमाप की एक विशिष्ट अवस्था है।
व्रत की परिधि को क्या कहते हैं?वृत्त और दीर्घवृत्त के बाहरी घेरे और घेरे की लम्बाई को परिधि कहते हैं। किन्तु इसका सामान्यीकरण करते हुए किसी भी बन्द वक्र के किनारों की कुल लम्बाई को 'परिधि' कहा जाता हैं।
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