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Lal Bahadur Shastri Jayanti 2022:- लाल बहादुर शास्त्री भारत के प्रचलित नेता और 60 के दशक में कांग्रेस पार्टी के मुख्य अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। इसके अलावा 50 के दशक में गिरी मंत्री और रेल मंत्री के रूप में भी लाल बहादुर शास्त्री ने काम किया है। इन सबके बावजूद देश की आजादी में महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर विभिन्न आंदोलनों में बढ़-चढ़कर लाल बहादुर शास्त्री ने हिस्सा लिया है। शास्त्री जी एक दूरदर्शी नेता और महान देशभक्त थे जिन की निगरानी में हमारे देश में विभिन्न प्रकार की क्रांति को अंजाम दिया और विश्व स्तर पर हमने कुछ नाम हम हासिल किया। महात्मा गांधी की तरह लाल बहादुर शास्त्री भी हमारे देश के लिए महान और आवश्यक नेता है। इस वजह से हर साल उनके जन्म दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाई जाती है। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और महान राजनीतिज्ञ लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में हुआ था। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको लाल बहादुर शास्त्री जयंती के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी देने जा रहे हैं।
लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय | Lal Bahadur Shastri Biographyलाल बहादुर शास्त्री एक महान राजनीतिज्ञ और देशभक्त थे जिन्होंने भारत में महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर अंग्रेजों को देश से भगाने का कार्य किया था। लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे मगर उस पद पर विराजमान होने से पहले गृह मंत्री और रेल मंत्री के रूप में भी कार्य कर चुके थे। लाल बहादुर शास्त्री के निगरानी में भारत में दूध उत्पादन को बढ़ाने के लिए सफेद क्रांति और कृषि उत्पाद को बढ़ाने के लिए हरित क्रांति हुई थी। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिला के मुगलसराय नाम के छोटे से शहर में हुआ था। उनके पिता एक शिक्षक थे जिनकी मृत्यु कब हुई जब लाल बहादुर शास्त्री महज डेढ़ साल के थे। उनके पिता की मृत्यु के बाद उनकी माता ने उन्हें उनके नाना के घर रखा वहां कुछ दिन रहने और अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद हाई स्कूल की पढ़ाई के लिए लाल बहादुर शास्त्री को अपने चाचा के घर वाराणसी जाना पड़ा और वहां अपनी पढ़ाई को उन्होंने अच्छे से पूरा किया। लाल बहादुर शास्त्री का बचपन काफी गरीबी और संघर्ष में बीता था। बचपन में कहीं जाने के लिए उनके पास चप्पल या जूता नहीं होता था इसके अलावा नदी पार करके उन्हें स्कूल जाना पड़ता था और उस नदी को पार करने के लिए उनके पास नाव के किराए के लिए पैसा नहीं होता था जिस वजह से अक्सर उन्हें नदी तैरकर पार करनी पड़ती थी। लाल बहादुर शास्त्री ने जब अपनी हाई स्कूल की पढ़ाई को पूरा किया तब उनकी रुचि आजादी के हो रहे आंदोलनों में तीव्र हो गई। उस वक्त महात्मा गांधी पूरे भारतवर्ष में विभिन्न प्रकार के आंदोलनों की वजह से सुर्खियों में बने हुए थे लाल बहादुर शास्त्री उनसे काफी प्रेरित हुए और उनके साथ अंग्रेजों के साथ हो रहे इस आजादी की लड़ाई में जुड़ गए। Lal Bahadur Shastri Biography in HindiLal Bahadur Shastri Jayanti:- बढ़ चढ़कर विभिन्न आंदोलनों के जरिए अंग्रेजों से आजादी प्राप्त करने के बाद लाल बहादुर शास्त्री राजनीति में काफी सक्रिय हो गए। 1947 में हुए पहले चुनाव में वह उत्तर प्रदेश के संसद के अध्यक्ष बने। इसके बाद उनकी प्रचलिता उनके भाषण और विचारों की वजह से जब तेजी से बढ़ने लगी तो लोगों ने उन्हें दूसरा महात्मा गांधी मानना शुरू कर दिया इसी बीच 1951 में वह दिल्ली पहुंचे और रेलमंत्री के चुनाव में हिस्सा लिया और इस चुनाव को जीता भी। रेल मंत्री के पद पर कुछ काम करने के बाद 1952 में उन्होंने रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। ऐसे ही इस वजह से था क्योंकि उस दौरान रेलवे में दुर्घटना बहुत अधिक होती थी एक रेल दुर्घटना में बहुत सारे लोगों की जान चली गई थी और घटनास्थल की स्थिति देखकर उन्होंने उस दुर्घटना की जिम्मेदारी लेते हुए सब से माफी मांगा और रेल मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। जवाहरलाल नेहरू ने इस वक्त लाल बहादुर शास्त्री के अतुलनीय कार्य कब बहुत बखान किया था। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री गृह मंत्री, संचार मंत्री, वाणिज्य और उद्योग मंत्री के रूप में भी कार्य किया। इस बीच 1952 1957 और 1962 के आम चुनाव में उन्हें काफी फायदा मिला और राजनीति में उनका कद बहुत बड़ा हो गया। 1961 में लाल बहादुर शास्त्री भारत के गृह मंत्री के रूप में कार्य कर रहे थे और 9 जून 1964 को उन्होंने प्रधानमंत्री का चुनाव जीता और भारत के दूसरे प्रधानमंत्री बने। लाल बहादुर शास्त्री ने प्रधानमंत्री बनकर दूध के उत्पाद को बढ़ाने के लिए सफेद क्रांति और कृषि उत्पाद को बढ़ाने के लिए हरित क्रांति को बड़े पैमाने पर पूरे देश में शुरू किया जिससे दूध और खेती का व्यापार भारत में तेजी से बढ़ा। Lal Bahadur Shastri Jivan Parichyइस दौरान अपने आसपास के देशों के साथ लाल बहादुर शास्त्री ने विभिन्न प्रकार का दौरा भी किया जिसमें भारत को विश्व स्तर पर सम्मान और सपोर्ट मिलना शुरू हुआ। लाल बहादुर शास्त्री के दौरे का फायदा भारत को 1965 में हुआ जब पाकिस्तान भारत के साथ आक्रमक हो गया था। 23 दिसंबर 1965 को भारत पाकिस्तान का युद्ध समाप्त होता है जिसमें भारत ने जीत हासिल की थी। मगर रूस के राष्ट्रपति 1966 में भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के अयूब खान को अफगानिस्तान के ताशकंद में एक समझौता दौरे पर बुलाते हैं और 11 जनवरी 1966 को अचानक दिल का दौरा आने की वजह से ताशकंद में ही लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो जाती है। हालांकि उस वक्त इस मृत्यु पर काफी बवाल उठा था और विभिन्न प्रकार के छानबीन प्रणालियों को शुरू किया गया था अचानक बिना किसी कारणवश उन सभी छानबीन प्रणालियों को बंद कर दिया गया और लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु को एक राज ही रहने दिया गया। मगर महान राजनीतिज्ञ लाल बहादुर शास्त्री के बलिदान और उनके अतुलनीय कार्य की वजह से हर साल 2 अक्टूबर को हम लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाते हैं। लाल बहादुर शास्त्री की शिक्षा | Lal Bahadur Shastri Educationलाल बहादुर शास्त्री बहुत ही प्रचलित और भावी राजनीतिज्ञ थे। लाल बहादुर शास्त्री बीए तक पढ़े हुए थे। जब वह मात्र डेढ़ वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी घर की स्थिति काफी गरीब हो गई थी इस वजह से वह अपने नाना के यहां जाकर रहते और पढ़ाई करते थे। अपनी प्रारंभिक पढ़ाई पूरी करने के बाद उनके नाना की भी मृत्यु हो गई थी। जिसके बाद उनके मौसा ने उन्हें काफी समर्थन दिया था और उनका दाखिला हर्षवर्धन हाई स्कूल में करवाया जहां कुछ दिन पढ़ने के बाद अपनी हाई स्कूल की पूरी पढ़ाई उन्होंने काशी विद्यापीठ से पूरी की। उसके बाद पढ़ाई में काफी रुचि होने के कारण उन्होंने बीए में ग्रेजुएशन पूरा किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उस जमाने में अंग्रेजो के खिलाफ आंदोलन चल रहे थे जिसमें लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी के साथ कदम से कदम मिलाकर देश हित की लड़ाई में शामिल हो गए। कुछ सालों तक इस क्षेत्र में बढ़ चढ़कर कार्य करने और विभिन्न आंदोलनों का नेतृत्व वाराणसी में करने की वजह से 7 साल की जेल भी हुई थी। मगर उसके तुरंत बाद देश आजाद हो गया था और 1947 में उन्हें उत्तर प्रदेश का सांसद बनाया गया था जिसके 1 साल पश्चात 1948 में पुलिस मंत्री या संचार मंत्री के रूप में उन्होंने कार्य किया। लाल बहादुर शास्त्री की उपलब्धियां
लाल बहादुर शास्त्री जयंती पर निबंध | Lal Bahadur Shastri EssayLal Bahadur Shastri Jayanti हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी की जयंती के दिन मनाया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री की माता का नाम रामदुलारी था और उनके पिता का नाम सारादा शास्त्री था इनके पिता की मृत्यु हो गई थी जब लाल बहादुर शास्त्री महज डेढ़ वर्ष के थे। तब लाल बहादुर शास्त्री के परिवार की स्थिति काफी खराब हो गई थी। उस वक्त उन्होंने अपने नाना के घर जाकर अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी की थी। और उसके बाद अपने मौसा के साथ रहकर उन्होंने काशी विद्यापीठ से हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी, बीए से ग्रेजुएशन की पढ़ाई उन्होंने पूरी की थी। इस तरह पढ़ाई पूरी करने के बाद वह राजनीति में काफी सक्रिय हो गए थे महात्मा गांधी के साथ मिलकर आजादी की लड़ाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने पर उन्हें काफी फायदा मिला था और परिणाम स्वरूप उन्होंने आजादी के बाद पुलिस मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला था, उस वक्त परिवहन संचार मंत्री और पुलिस मंत्री एक हि पद होता था। इसके बाद लाल बहादुर शास्त्री का राजनीतिक कद काफी तेजी से बढ़ने लगा 1951 में वह भारत के रेल मंत्री बने थे मगर 1952 में हुए दुर्घटना से आहत होकर उन्होंने रेल मंत्री का पद त्याग दिया था जिसके बाद भारत में लोगों ने उनके विचारों को काफी समर्थन दिया था इसी तरह आगे बढ़ते हुए उन्होंने गृह मंत्री का पद भी कुछ सालों तक संभाला जिसके बाद भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में 1964 को कार्यभार संभाला। Lal Bahdur Shastri Essay in Hindi1965 में जो पाकिस्तान भारत का युद्ध हुआ उसमे पाकिस्तान को हराने के लिए लाल बहादुर शास्त्री ने अहम फैसले लिए थे। मगर 11 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौता के दौरान अफगानिस्तान में अचानक दिल का दौरा पड़ने की वजह से लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु हो जाती है और उनकी मृत्यु पर कोई भी व्यक्ति जांच-पड़ताल नहीं करता है। यह दुख की बात है कि लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु को आज भी एक रहस्य बना कर रख दिया गया है मगर लाल बहादुर शास्त्री महात्मा गांधी के विचारों पर चलते थे और वह महान राजनीतिज्ञ के रूप में सदैव हमें याद रहेंगे। लाल बहादुर शास्त्री के अतुलनीय कार्य की वजह से उनके जन्म दिवस के अवसर पर प्रत्येक साल 2 अक्टूबर को लाल बहादुर शास्त्री जयंती भी मनाया जाता है।इस दिन अलग-अलग जगहों पर लाल बहादुर शास्त्री जी के लिए एक समारोह आयोजित करवाया जाता है और लोग उनके विचार और अतुलनीय कार्य का बखान करते है। लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे महान व्यक्ति हैं जिन्होंने अपने जीवन को देश के नाम कर दिया और उसके बाद हर किसी के लिए एक प्रेरणात्मक राजनीतिज्ञ के रूप में सामने आए। लाल बहादुर शास्त्री पर भाषण | Lal Bahadur Shastri Speechसभी आदरणीय सभा गणों को मेरा नमस्कार मुझे महान राजनेता के लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिवस के अवसर पर उनके निमित्त भाषण प्रस्तुत करने का मौका देने के लिए आप सब का धन्यवाद। जैसा कि हम सब जानते हैं 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के साथ भारत के एक महान राजनीतिज्ञ और देशभक्त लाल बहादुर शास्त्री का जन्म दिवस भी आता है। लाल बहादुर शास्त्री एक महान में व्यक्ति थे जिनका जीवन काफी गरीबी और संघर्ष में पीता था इसके बावजूद प्रधानमंत्री के पद पर विराजमान होकर उन्होंने देश के लिए कार्य किया विभिन्न प्रकार के आंदोलनों का नेतृत्व किया जिसे याद करने के लिए हर साल लाल बहादुर शास्त्री जयंती मनाया जाता है। लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले के एक छोटे से शहर मुगलसराय में हुआ था। लाल बहादुर शास्त्री के पिता शारादा शास्त्री एक शिक्षक थे जो बाद में क्लर्क का काम करने लगे थे इस वजह से उनके पिता को गांव में मुंशी जी के नाम से जाना जाता था। जब लाल बहादुर शास्त्री महज डेढ़ वर्ष के थे तब उनके पिता की मृत्यु हो गई थी उसके बाद उनकी माता ने उन्हें ननिहाल में पाला था। शास्त्री जी का बचपन काफी गरीबी और संघर्ष में पीता है जहां उनके पैर में जूते नहीं होते थे और उन्हें गर्मी ठंडी में खाली पैर हि दूर से दूर चलना पड़ता था। लाल बहादुर शास्त्री अपनी पढ़ाई वाराणसी के स्थानीय स्कूल से पूरा करने के बाद राजनीति में काफी सक्रिय हो गए थे उस दौरान आजादी का आंदोलन बड़ी तेजी से परवान चढ़ रहा था जिसमें महात्मा गांधी के विचारों पर चलने का फैसला लाल बहादुर शास्त्री ने किया और उनके साथ कदम से कदम मिलाकर विभिन्न आंदोलनों का हिस्सा बने। Lal Bahadur Shastri Speech in Hindi1947 में जब देश आजाद हुआ तब लाल बहादुर शास्त्री उत्तर प्रदेश के सांसद में शामिल हुए और 1948 में उन्हें संचार और पुलिस मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया, इसके बाद 1951 में उन्होंने रेलमंत्री के पद पर भी विराजमान किया गया मगर एक रेल दुर्घटना से आहत होकर उन्होंने 1952 में इस पद से इस्तीफा दे दिया उस वक्त लाल बहादुर शास्त्री पूरे भारत पर चर्चा में आए थे और राजनीति में उनका कद बहुत बड़ा हो गया था। लाल बहादुर शास्त्री इसके बाद गृह मंत्री के रूप में कई सालों तक कार्य किए उसके बाद जवाहरलाल नेहरू के मरने के उपरांत 1964 को भारत के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में विराजमान हुए। 1965 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के वक्त लाल बहादुर शास्त्री ने काफी निडरता से देश का नेतृत्व किया था। उन्होंने अपने राजकाल में दूध का उत्पाद बढ़ाने के लिए श्वेत क्रांति और कृषि उत्पाद बढ़ाने के लिए हरित क्रांति का नृत्यत्व किया था। मगर भारत में बढ़ते भ्रष्टाचार और राजनीति चालों की वजह से लाल बहादुर शास्त्री अधिक समय तक प्रधानमंत्री के पद पर नहीं रह पाए 11 जनवरी 1966 को ताशकंद समझौता के दौरान उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ता है और उनकी मृत्यु हो जाती है। लाल बहादुर शास्त्री के बाद इंदिरा गांधी भारत की प्रधानमंत्री बनती है मगर लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु पर किसी भी प्रकार जांच नहीं की जाती है। परिणाम स्वरूप आज भी लाल बहादुर शास्त्री की मृत्यु एक राज बनी हुई है। लाल बहादुर शास्त्री भारत के महान राजनीतिज्ञ और देशभक्त के रूप में हम सब को सदैव याद रहेंगे उनके अतुलनीय कार्य को हम कभी भूल नहीं पाएंगे और इसी तरह उनके निमित्त उनके विचारों का निर्वाहन करने के लिए लाल बहादुर शास्त्री जयंती के दिन सम्मान प्रकट करने का प्रयास करेंगे। Lal Bahadur Shastri Jayanti FAQ’sQ. लाल बहादुर शास्त्री कौन थे?लाल बहादुर शास्त्री भारत के दूसरे प्रधानमंत्री थे इसके अलाव उन्होंने रेल मंत्री गृह मंत्री और सड़क संचार मंत्री के रूप में भी कार्य किया है। Q. लाल बहादुर शास्त्री महान क्यों थे?लाल बहादुर शास्त्री एक महान राजनीतिज्ञ थे क्योंकि वह देश के लिए कार्य करते थे और आजादी की लड़ाई में भी महात्मा गांधी से कदम मिलाकर उन्होंने विभिन्न प्रकार के आंदोलनों का नेतृत्व किया था। Q. लाल बहादुर शास्त्री जयंती कब मनाई जाती है?लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को हुआ था इस वजह से हर साल लाल बहादुर शास्त्री जयंती उनके जन्म दिवस के अवसर पर 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। निष्कर्षआज इस लेख में हमने आपको Lal Bahadur Shastri Jayanti से जुड़ी कुछ आवश्यक जानकारी दी है। इस लेख के जरिए हमने आपको सरल शब्दों में यह समझाने का प्रयास किया है कि लाल बहादुर शास्त्री कौन थे और उन्होंने किस प्रकार हमारे देश का उचित नेतृत्व करते हुए देश को आजादी दिलाई थी और देश के शुरुआती समय में समक्ष हमें मान सम्मान दिलाया था। लाल बहादुर शास्त्री की 2022 में कौन सी जयंती है?2 अक्टूबर को गांधी जयंती के साथ साथ लाल बहादुर शास्त्री की जयंती मनाई जाती है. इस वर्ष लाल बहादुर शास्त्री जी की 119 वीं जयंती मनाई जा रही है.
क्या आज लाल बहादुर शास्त्री का जन्मदिन है?लाल बहादुर शास्त्री जी का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के मुगलसराय में हुआ था।
लाल बहादुर शास्त्री का असली नाम क्या था?श्री लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 अक्टूबर 1904 को उत्तर प्रदेश के वाराणसी के एक छोटे से रेलवे टाउन, मुगलसराय में हुआ था. उनका असली नाम लाल बहादुर श्रीवास्तव था. लेकिन लाल बहादुर शास्त्री जाति प्रथा के घोर विरोधी थे. इसलिए उन्होंने कभी अपने नाम के साथ सरनेम नहीं लगाया.
Lal Bahadur Shastri की मृत्यु कब हुई?11 जनवरी 1966
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