अभीष्ट मार्ग का अर्थ क्या है - abheesht maarg ka arth kya hai

काम

अपने-अपने विषयों के भोग की ओर होनेवाली इंद्रियों की स्वा भाविक प्रवृत्ति जो धार्मिक क्षेत्र में चातुर्वर्ग या चार पदार्थों में से एक मानी गई है। विशेष-हमारे यहाँ धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष ये चार ऐसे पदार्थ कहे गये हैं जिनको सिद्धि मनुष्य के जीवन में होना आवश्यक भी है और स्वाभाविक भी। ऐसे प्रसंगों में काम की प्राप्ति या सिद्धि का यह. आशय होता है कि इंद्रियों को इष्ट, संगत और स्वाभाविक प्रवृत्तियाँ चरितार्थ और पूरी होती रहें।

काम की

कम

जो उतना न हो जितना साधारणतया होता हो या होना चाहिए। जितना अपेक्षित या आवश्यक हो, उससे घटकर या थोड़ा। पद-कम-से-कम जितना कम हो सकता हो।

काम में

कामयाब

जिस की मुराद पूरी हो गई हो, जिस का मतलब पूरा हो गया हो

कामिल

पूरा; पूर्ण; कुल; सब; समूचा; संपूर्ण, परिपूर्ण, निपुण, कुशल, कौशलपूर्ण,

काम-जू

स्वार्थी, काम से मतलब रखने वाला

कामराँ

कामी

काम-वासना में रत रहनेवाला। विषयी। पुं० १. विष्णु का एक नाम। २. चंद्रमा।

कामा

काम नहीं

कामनी

कामिनी, रूपवान, सुन्दरी

कामयाबी

वांछित लक्ष्य की प्राप्ति, सफलता, उद्देश्य की सिद्धि, सफलता

कामना

अभीष्ट या हार्दिक इच्छा, मनोरथ, वासना

कामरानी

कामरान होना, कामयाबी, सफलता, विजय, उपलब्धि

कामधें

(हिंदू) इन्द्र की गाय जिसके लिए कहा जाता है कि उससे जो कुछ माँगा जाया सब देती है; (लाक्षणिक) दुधैल गाय

क़ाम

काम-देखा

काम रहना

कामोदी

रात के दूसरे पहर में गाई जाने वाली संपूर्ण जाति की एक रागिनी जो कामोद की स्त्री मानी गई है

काम-ए-दिल

दिल की मुराद, दिल का मुद्दा

काम आना

(समय पर) उपयोगी अर्थ होना, काम का होना, लाभ देना, लाभदायक होना

काम होना

कोई बड़ा कार्य परीणाम को पहुँचना, उद्देश्य प्राप्त होना, इच्छा होना, पदवी प्राप्त होना, आवश्यक्ता होना, स्वार्थ होना

काम देना

(किसी कार्य में) मदद करना, उपयोगी होना, प्रभावी होना, काम आना, काम का समूचा होना

काम देखना

काम करना

۔۱۔किसी शगल में मसरूफ़ होना। २।कोई हुनर या पेशा या हिर्फ़ा करना। वो दुकां पर सिलाई का काम करता है।३।सराएत करना। असर करना। कारगर होना। ४। फ़ायदा देना। दीकझो निगाह का काम करना। ५।मक़सद हासिल करना। मतलब निकालना। ६।नुमायां काम करना। हम या दुशवार काम में कामयाबी हासिल करना। ७।काम तमाम करना। हलाक करना। ८।अनोखा काम करना। ९। काम देना। १०। कार्रवाई करना।

काम-धाम

रोजगार, व्यवसाय, काम धंधा, तरह-तरह के काम, काम-काज

कामेला

काम-रवा

जिस का मक़सूद हासिल होचुका हो

काम-काज

कारोबार, काम-धंदा, व्यवसाय, व्यस्तता

कामिना

काम-दानी

कपड़े आदि पर बादलों के तारों, सलमे, सितारे आदि से बनाए जाने वाले बेल-बूटों का काम, कपड़े आदि पर ज़री के बेल-बूटों का काम

काम-चोर

जो अपने कर्तव्य या कार्य से जी चुराता हो, काम से जी चुराने वाला, मेहनत से भागने वाला

काम-खेल

काम पड़ना

संपर्क होना, पाला पड़ना, वास्ता पड़ना

कामिनी

एक दरख़्त का नाम जिस की लक्कड़ी फ़र्नीचर बनाने के काम आती है और जिस के फूल भीनी भीनी ख़ुशबू देते हैं, भीनी और तेज़ महक का फूल नीज़ इस का पौधा जो हमेशा हरा रहता है

कामिका

श्रावण कृष्ण एकादशी

काम-जूई

मक़सद की प्राप्ति, मक़सद पाना

काम-पेशा

श्रमिक, पारिश्रमिक पर काम करने वाला, मज़दूरी करने वाला

कमीं

‘कमीन' का लघुः, शत्रु या शिकार के लिए छिपना, घात में होना, घात लगाने की जगह

काम मिलना

काम लेना

काम में लाना, अपने लाभ के लिए प्रयोग करना, अपनाना, कार्य करना

काम-बख़्श

काम लगना

काम-काजी

वह जो प्रायः काम-धंधे में लगा रहता हो या जिसके हाथ में अनेक काम रहते हों, काम में मशग़ूल रहने वाला, कारोबार या व्यापार करने वाला, काम-काज अथवा उद्योग-धंधे में लगा रहने वाला, उद्यमी

कामूनी

काम-रवाई

अटके पर काम निकालना, हाजतरवाई करना, लक्ष्य प्राप्ति

काम बढ़ना

निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिये- 
चलो अभीष्ट मार्ग में सहर्ष खेलते हुए,
विपत्ति, विघ्न जो पड़ें उन्हें ढकेलते हुए।
घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भिन्नता कभी,
अतर्क एक पंथ के सतर्क पंथ हों सभी।


कवि कहता है कि अपने इच्छित मार्ग पर प्रसन्नतापूर्वक हंसते खेलते चलो और रास्ते पर जो कठिनाई या बाधा पड़े उन्हें ढकेलते हुए आगे बढ़ जाओ। परंतु यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आपसी सामंजस्य न घटे और हमारे बीच भेदभाव न बढ़े।हम तर्क रहित होकर एक मार्ग पर सावधानीपूर्वक चलें।एक दूसरे को तारते हुए अर्थात् उद्धार करते हुए आगे बढ़े तभी हमारी समर्थता सिद्ध होगी अर्थात् हम तभी समर्थ माने जाएंगे जब हम केवल अपनी ही नहीं समस्त समाज की भी उन्नति करेंगे।सच्चा मनुष्य वही है जो दूसरों के लिए मरता है।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कवि ने कैसी मृत्यु को सुमृत्यु कहा है?


जो व्यक्ति दूसरों के हित को सर्वापरि मानता हैं तथा जिसमे मानवता, दया, साहनुभूति आदि गुण होते हैं, जो मृत्यु के बाद भी औरों के द्वारा सम्मान की दृष्टि से याद किया जाता है, उसी की मृत्यु को कवि ने सुमृत्यु कहा है

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
'मनुष्य मात्र बंधु है' से आप क्या समझते हैं? स्पष्ट कीजिए।


इस पंक्ति से अर्थ भाईचारे कि भावना से है। 'मनुष्य मात्र बंधु' का अर्थ है कि सभी मनुष्य आपस में भाई बंधु हैं क्योंकि सभी का पिता एक ईश्वर है। हम सभी एक ही पिता परमेश्वर कि संताने हैं इसलिए हम सभी को प्रेम भाव से रहना चाहिए तथा दुसरों की मदद करनी चाहिए। कोई पराया नहीं है। सभी एक दूसरे के काम आएँ। कर्मों के कारण ऊँच -नीच, गरीब- अमीर के भेद तो हो सकते हैं परन्तु मूल रूप से हम एक ही हैं ।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर 'मनुष्यता' के लिए क्या संदेश दिया है?


कवि ने दधीचि, कर्ण आदि महान व्यक्तियों का उदाहरण देकर ‘मनुष्यता’ के लिए उदार होने तथा परोपकारी होने की प्ररेणा दी है। हमे अपने प्राण तक न्योंछावर करने के लिए तैयार रहना चाहिए। दधीचि ने मानवता की रक्षा के लिए अपनी अस्थियॉ तथा कर्ण ने खाल तक दान कर दी। इससे यह सन्देश मिलता है कि इस नाशवान शरीर के प्रति मोह को त्यागते हुए, मानवता के कल्याण के लिए मनुष्य को आवश्यकता पड़ने पर इसका बलिदान करने से भी पीछे नही हटना चाहिए।
 

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
उदार व्यक्ति की पहचान कैसे हो सकती है?


जो व्यक्ति प्राणी मात्र से प्रेम की भावना रखता है तथा जिसका जीवन परोपकार और मनुष्यता की सेवा में व्यतीत होता है जो अपना पूरा जीवन पुण्य व लोकहित कार्यो में बिता देता है। किसी से भेदभाव नहीं रखता, आत्मीय भाव रखता है तथा जो  निज स्वार्थों का त्याग कर जीवन का मोह भी नहीं रखता, वही उदार व्यक्ति कहलाता है।

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निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए -
कवि ने किन पंक्तियों में यह व्यक्त है कि हमें गर्व रहित जीवन व्यतीत करना चाहिए?


कवि ने निम्नलिखित पंक्तियों के द्वारा इस भाव को व्यक्त करना चाहा है।
रहो न भूल के कभी मदांध तुच्छ वित्त में।
सनाथ जान आपको करो न गर्व चित्त में॥

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अभीष्ट शब्द का क्या अर्थ है?

वांछित । चाहा हुआ । अभिलषित । उ॰— जो स्पर्श कर लेता कभी था पुण्य प्रेम अभीष्ट को ।

अभीष्ट मार्ग से कवि का क्या तात्पर्य है?

कवि कहता है कि अपने इच्छित मार्ग पर प्रसन्नतापूर्वक हंसते खेलते चलो और रास्ते पर जो कठिनाई या बाधा पड़े उन्हें ढकेलते हुए आगे बढ़ जाओ। परंतु यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आपसी सामंजस्य न घटे और हमारे बीच भेदभाव न बढ़े। हम तर्क रहित होकर एक मार्ग पर सावधानीपूर्वक चलें।

अभीष्ट मार्ग से क्या तात्पर्य है उस पर चलते हुए हमें क्या करना चाहिए?

प्रेम से रहने के लिएएक ही स्थान पर रहने के लिएभेद-भाव न बढ़ने देने के लिए ये सभी।

अभीष्ट कैसे लिखते हैं?

(Abhisht) अभीष्ट meaning in hindi | Matlab | Definition.