अमावस्या की रात को क्या कहते हैं? - amaavasya kee raat ko kya kahate hain?

अमावस्या की रात को श्मशान या कब्रिस्तान के पास से नहीं गुजरना चाहिए, जानिए क्यों?

हिंदू पंचांग के अनुसार एक महीने में दो पक्ष होते हैं कृष्ण व शुक्ल। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। 

अमावस्या की रात को क्या कहते हैं? - amaavasya kee raat ko kya kahate hain?

अमावस्या की रात को क्या कहते हैं? - amaavasya kee raat ko kya kahate hain?

Ujjain, First Published May 21, 2020, 1:07 PM IST

उज्जैन. धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व है। इस पितरों की तिथि भी कहा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्‌ट के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष काम करने की मनाही है। जानिए कौन-से हैं वो काम-

1. अमावस्या पितरों की तिथि है। इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। बल्कि जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान आदि करना चाहिए।
2. अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां ज्यादा सक्रिय रहती हैं। जो कमजोर इच्छाशक्ति वाले रहते हैं या जिनकी कुंडली में ग्रहण योग होता है, वे नकारात्मकता के प्रभाव में जल्दी आ जाते हैं। इसीलिए इस रात में श्मशान या किसी भी सुनसान जगह पर जाने से बचना चाहिए।
3. अमावस्या पर पति-पत्नी को दूरी बनाकर रखना चाहिए। इस रात में बने संबंध से जो संतान पैदा होती है, उसका जीवन सुखी नहीं रह पाता है।
4. अमावस्या पर घर में पितर देवताओं का आगमन होता है, इस कारण घर में शांति बनाए रखना चाहिए। इस दिन वाद-विवाद न करें, अगर घर में अशांति होगी तो पितर देवताओं की कृपा नहीं मिल पाएगी।
5. अमावस्या पर महिलाओं को बाल खुले नहीं रखना चाहिए। इससे वे निगेटिव एनर्जी के संपर्क में आ सकती हैं। साथ ही इस दिन परफ्यूम आदि का उपयोग भी करने से बचना चाहिए।
 

Last Updated May 21, 2020, 1:07 PM IST

Ashadha Amavasya 2022: शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या की रात को लेकर बहुत सी बातें कही गई हैं. ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियों को प्रभाव बहुत बढ़ जाता है, इसलिए इस वक्त भूलकर भी एक गलती नहीं करनी चाहिए.

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अमावस्या की रात को क्या कहते हैं? - amaavasya kee raat ko kya kahate hain?

Ashadha Amavasya 2022: अमावस्या की रात भूलकर भी श्मशान के पास से ना गुजरें, जानें वजह (Photo: Getty Images)

अमावस्या की रात को क्या कहते हैं? - amaavasya kee raat ko kya kahate hain?

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 जून 2022,
  • (अपडेटेड 28 जून 2022, 5:09 PM IST)

स्टोरी हाइलाइट्स

  • अमावस्या की रात भूलकर भी ना करें ये गलती
  • श्मशान और सुनसान रास्तों से रहें दूर

Ashadha Amavasya 2022: आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या या आषाढ़ी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन पितरों का तर्पण और दान-धर्म के कार्य करने की परंपरा होती है. शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या की रात को लेकर बहुत सी बातें कही गई हैं. ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है, इसलिए इस वक्त कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए.

अमावस्या कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है. अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं. यानी भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, और निशाचर ज्यादा सक्रिय रहते हैं. मानसिक या भावनात्मक रूप से कमजोर लोग इन नकारात्मक शक्तियों के वश में जल्दी आ सकते हैं. इन शक्तियों के संपर्क में आने के बाद इंसान का खुद पर काबू नहीं रहता है.

श्मशान के आस-पास से ना गुजरें
ज्योतिषविदों कहते हैं कि अमावस्या की रात को कभी भी श्मशान या उसके आस-पास से नहीं गुजरना चाहिए. इस दौरान सूनसान रास्तों पर जाने से भी बचना चाहिए. कमजोर इच्छाशक्ति के लोगों को इन बातों का विशेष ख्याल रखना चाहिए. यदि इंसान एक बार इन शक्तियों के वश में आ जाए तो उसका पूरा जीवन तबाह हो सकता है.

अमावस्या की रात जरूर करें ये काम
अमावस्या की रात घर की छत पर सरसों के तेल का एक दीपक जरूर जलाएं. इससे घर हमेशा नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बचा रहेगा. साथ ही मां लक्ष्मी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहेगी. आप इष्ट देव या कुल देव के नाम से भी दीपक प्रज्वलित कर सकते हैं. ऐसा करने से घर में धन के भंडार कभी खाली नहीं होते हैं.

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  • अमावस्या की रात को क्या कहते हैं? - amaavasya kee raat ko kya kahate hain?

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अमावस्या का दूसरा नाम क्या है?

जिस दिन भूले चूके या जितने भी हमारे पूर्वज मृत हैं उन सभी के निमित्त एक ही दिन श्राद्ध कर्म किया जा सके तो इसी कारण अश्विन अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है।

अमावस्या की रात को क्या कहते है?

बिलासपुर। अगर आप साहसी हैं और भूत-प्रेतों की हरकतों को देख सकते हैं, तो तैयार हो जाइए! आज अमवस्या है। अमवस्या की रात यहां भूतों का मेला लगता है और भूत डांस करते हैं।

अमावस्या की रात को क्या करना चाहिए?

इस दिन पितरों का तर्पण और दान-धर्म के कार्य करने की परंपरा होती है. शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या की रात को लेकर बहुत सी बातें कही गई हैं.

कृष्ण पक्ष की अंतिम रात को क्या कहते हैं?

शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या।