अमावस्या की रात को श्मशान या कब्रिस्तान के पास से नहीं गुजरना चाहिए, जानिए क्यों?हिंदू पंचांग के अनुसार एक महीने में दो पक्ष होते हैं कृष्ण व शुक्ल। कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहते हैं। Show
Ujjain, First Published May 21, 2020, 1:07 PM IST उज्जैन. धर्म ग्रंथों में इस तिथि का विशेष महत्व है। इस पितरों की तिथि भी कहा जाता है। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. प्रफुल्ल भट्ट के अनुसार, इस दिन कुछ विशेष काम करने की मनाही है। जानिए कौन-से हैं वो काम- 1. अमावस्या पितरों की तिथि है। इस दिन देर तक नहीं सोना चाहिए। बल्कि जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद पितरों की आत्मा की शांति के लिए दान आदि करना चाहिए। Last Updated May 21, 2020, 1:07 PM IST Ashadha Amavasya 2022: शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या की रात को लेकर बहुत सी बातें कही गई हैं. ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियों को प्रभाव बहुत बढ़ जाता है, इसलिए इस वक्त भूलकर भी एक गलती नहीं करनी चाहिए.X Ashadha Amavasya 2022: अमावस्या की रात भूलकर भी श्मशान के पास से ना गुजरें, जानें वजह (Photo: Getty Images) aajtak.in
स्टोरी हाइलाइट्स
Ashadha Amavasya 2022: आषाढ़ माह की अमावस्या को हलहारिणी अमावस्या या आषाढ़ी अमावस्या कहा जाता है. इस दिन पितरों का तर्पण और दान-धर्म के कार्य करने की परंपरा होती है. शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या की रात को लेकर बहुत सी बातें कही गई हैं. ऐसा कहा जाता है कि अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव बहुत बढ़ जाता है, इसलिए इस वक्त कुछ गलतियां करने से बचना चाहिए. अमावस्या कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि होती है. अमावस्या की रात नकारात्मक शक्तियां सक्रिय रहती हैं. यानी भूत-प्रेत, पितृ, पिशाच, और निशाचर ज्यादा सक्रिय रहते हैं. मानसिक या भावनात्मक रूप से कमजोर लोग इन नकारात्मक शक्तियों के वश में जल्दी आ सकते हैं. इन शक्तियों के संपर्क में आने के बाद इंसान का खुद पर काबू नहीं रहता है. श्मशान के आस-पास से ना गुजरें अमावस्या की रात जरूर करें ये काम ये भी पढ़ें:
आजतक के नए ऐप से अपने फोन पर पाएं रियल टाइम अलर्ट और सभी खबरें डाउनलोड करें अमावस्या का दूसरा नाम क्या है?जिस दिन भूले चूके या जितने भी हमारे पूर्वज मृत हैं उन सभी के निमित्त एक ही दिन श्राद्ध कर्म किया जा सके तो इसी कारण अश्विन अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या कहा जाता है।
अमावस्या की रात को क्या कहते है?बिलासपुर। अगर आप साहसी हैं और भूत-प्रेतों की हरकतों को देख सकते हैं, तो तैयार हो जाइए! आज अमवस्या है। अमवस्या की रात यहां भूतों का मेला लगता है और भूत डांस करते हैं।
अमावस्या की रात को क्या करना चाहिए?इस दिन पितरों का तर्पण और दान-धर्म के कार्य करने की परंपरा होती है. शास्त्रों में इसका विशेष महत्व बताया गया है. ज्योतिष शास्त्र में अमावस्या की रात को लेकर बहुत सी बातें कही गई हैं.
कृष्ण पक्ष की अंतिम रात को क्या कहते हैं?शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा कहते हैं और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या।
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