प्रतिवर्ती क्रिया और टहलने के बीच क्या अंतर है ?प्रतिवर्ती क्रिया में मस्तिष्क की क्या भूमिका है प्रतिवर्ती क्रिया में क्या होता है हम एक अगरबत्ती की गंध का पता कैसे लगाते हैं दो तंत्रिका कोशिकाओं के मध्य अंतर ग्रहण में क्या होता है प्रतिवर्ती क्रिया तथा हटाने के बीच क्या अंतर है Prativarti Kriya Aur Tahlane Ke Beech Kya Antar Hai प्रतिवर्ती क्रिया में क्या होता है 2 Answers प्रतिवर्ती
क्रिया प्रतिवर्ती क्रिया मस्तिष्क की इच्छा के बिना होने वाले अनैच्छिक क्रिया है। यह स्वायत्त प्रेरक के प्रत्युत्तर है। यह बहुत स्पष्ट और यांत्रिक प्रकार की हैं। यह मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा कराई जाती है जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती हैं जबकि टहलना एक ऐच्छिक क्रिया है जो मनुष्य सोच विचार कर ही करता है और उसका नियंत्रण मस्तिष्क द्वारा होता है। प्रतिवर्ती क्रिया में शरीर
के केवल एक भाग मेरुरज्जु प्रतिक्रिया करता है जबकि टहलने में मस्तिष्क और पूरा शरीर एक स्थान से दूसरे स्थान पर जाता है। विषयसूची
प्रतिवर्ती क्रिया क्या?इसे सुनेंरोकेंप्रतिवर्ती क्रियाएँ मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा अनैच्छिक क्रियाएँ होती हैं जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती हैं। यदि शरीर के किसी भाग में अचानक एक पिन चुभोया जाए तो संवेदियों द्वारा प्राप्त यह उद्दीपक इस संवेदी संतु क्षेत्र के एफैरेंट तंत्रिका तन्तु को उद्दीपित करता है। प्रतिवर्ती क्रियाओं का नियंत्रण केन्द्र कहाँ पर है? इसे सुनेंरोकेंप्रमस्तिष्क में। इन सभी विकल्पों में से उत्तर कशेरुक रज्जू में है। प्रतिवर्ती चाप कैसे बनाते हैं?एक सरल प्रतिवर्ती क्रिया में:
प्रतिवर्ती क्रिया का नियंत्रण मस्तिष्क का कौन सा भाग करता है? इसे सुनेंरोकेंयह मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती है। * निम्न में से कौन एक प्रतिवर्ती क्रिया है?इसे सुनेंरोकेंखाँसी करना, आँखों का झपकना और मुँह में पानी आना प्रतिवर्ती क्रियाएं हैं। अनैच्छिक क्रियाओं का नियंत्रण कौन करता है? इसे सुनेंरोकेंइनका नियंत्रण मध्यमस्तिष्क व पश्चमस्तिष्क द्वारा किया जाता हैं। 2. ये मुख्यत: मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित होती हैं, न कि मस्तिष्क के द्वारा। प्रतिवर्ती क्रिया और प्रतिवर्ती चाप में क्या अंतर है?इसे सुनेंरोकेंप्रतिवर्ती क्रिया किसी उद्दीपन के प्रति जंतुओं की इच्छा के रहित होने वाली त्वरित, अचानक स्वत: व अनैच्छिक क्रिया है, जबकि प्रतिवर्ती चाप, प्रतिवर्ती क्रिया के समय उत्पन्न तंत्रिका आवेग का ग्रहिअंग से प्रभावक स्थल तक पहुंचाने का मार्ग है। प्रतिवर्ती क्रिया तथा टहलने के बीच क्या अंतर? प्रतिवर्ती क्रिया में शरीर का केवल एक भाग प्रतिक्रिया करता है न कि पूर्ण शरीर।…टहलना
निम्नलिखित में से कौन सा कोण प्रतिवर्ती कोण का माप है?इसे सुनेंरोकेंप्रतिवर्ती कोण (Reflix angle) – जिस कोण का माप 180 अंश तथा 360 अंश के बीच हो, पुनर्युक्त कोण या प्रतिवर्ती कोण कहलाते हैं। इसे सुनेंरोकेंप्रतिवर्ती क्रियाएँ मेरुरज्जु द्वारा नियंत्रित पेशियों द्वारा अनैच्छिक क्रियाएं होती हैं जो प्रेरक के प्रत्युत्तर में होती हैं। यदि शरीर के किसी भाग में अचानक एक पिन चुभोया जाए तो संवेदियों द्वारा प्राप्त यह उद्दीपक इस क्षेत्र के एफैरेंट तंत्रिका तन्तु को उद्दीपित करता है। प्रतिवर्ती क्रिया कितने प्रकार की होती हैं? प्रतिवर्ती क्रिया क्या है? यह कितने प्रकार की होती है? किसी एक का वर्णन कीजिए |
प्रतिवर्ती क्रियाओं का क्या महत्व है?इसे सुनेंरोकेंप्रतिवर्ती क्रिया के लिए मस्तिष्क के किसी प्रक्रम की आवश्यकता नहीं होती इसलिए सोचने-समझने में समय नहीं लगता। 2. प्राणी बिना सोचे-समझे इन की सहायता से शरीर की रक्षा करता रहता है। यह खतरों से हमें सुरक्षित रखती है। अनैच्छिक क्रिया तथा प्रतिवर्ती क्रिया में क्या अंतर है?अनैच्छिक क्रियाएँ तथा प्रतिवर्ती क्रियाएँ एक दूसरे से किस प्रकार भिन्न हैं? (i) वे क्रियाएँ जो हम अपनी इच्छानुसार सोच-विचार कर भी नहीं कर पाते हैं उन्हें अनैच्छिक क्रियाएँ कहते हैं। जैसे- हृदय स्पंदन। अचानक किसी उद्दीपन के प्रति अनुक्रिया जिसमें मस्तिष्क सम्बद्ध नहीं होता है उसे प्रतिवर्ती क्रिया कहते हैं।
अनैच्छिक क्रिया क्या होती है?अनैच्छिक क्रिया == भूख प्यास पाचन नींद तथा शारीरिक आंतरिक क्रियाऐ दिल का धड़कना लीवर के कार्य करना सांस लेना आदि । परन्तु अनैच्छिक और ऐच्छिक क्रिया आपास में मिलाकर भी कार्य करते है । जैसे भूख लगाना ये अनैच्छिक है क्योंकि शरीर को पोषक तत्व चाहिए फिर क्या खाना चाहिए ये ऐच्छिक है अर्थात स्वयं के ऊपर निर्भर करता है ।
अनैच्छिक क्रिया का नियंत्रण कौन करता है?ये सभी अनैच्छिक क्रियाएँ जैसे रक्तदाब, लार आना तथा वमन पश्चमस्तिष्क स्थित मेडुला द्वारा नियंत्रित होती हैं।
प्रतिवर्ती क्रिया का उदाहरण क्या है?प्रतिवर्ती क्रियाओं का उदाहरण: रुधिर में कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाने से थकान महसूस होती है। गहरी श्वास द्वारा CO2 की अधिक मात्रा को शरीर से बाहर निकालना उबासी लेना (yawning) कह जाता है कहलाता है।
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