अर्थ की दृष्टि से कौन वाक्य भेद नहीं है? - arth kee drshti se kaun vaaky bhed nahin hai?

मनुष्य सामाजिक प्राणी है। वह समाज में दूसरों से जुड़ा रहता है। वह दूसरों से बातचीत करने के लिए भाषा का प्रयोग करता है। इसके लिए वह ध्वनियाँ निकालता है। इन्हीं ध्वनियों का सार्थक समूह शब्द और वाक्य का रूप ले लेते हैं। वह प्रायः वाक्यों के रूप में अपनी बातें कहता है।

परिभाषा :

सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह जिनके माध्यम से मन के भाव-विचार प्रकट किए जाते हैं, उन्हें वाक्य कहते हैं।
उदाहरण – पक्षी गीत गाते हैं।
वसंत ऋतु आते ही फूल खिल जाते हैं।
फैक्ट्रियाँ लगने से प्रदूषण बढ़ गया है।
उपर्युक्त वाक्य सार्थक शब्दों का वह व्यवस्थित समूह है जिनसे भाव-विचारों की पूरी अभिव्यक्ति हो रही है।

वाक्य के तत्ववाक्य से भाव-विचारों की भलीभाँति अभिव्यक्ति हो, इसके लिए वाक्य में निम्नलिखित तत्व होने चाहिए –
1. सार्थकता – वाक्य की रचना सार्थक शब्द समूह द्वारा की जाती है ताकि वाक्य से उचित अर्थ की अभिव्यक्ति हो सके; जैसे –

  • प्रातः होते ही पक्षी कलरव करने लगे।
  • सालभर मेहनत करने के कारण ही वह कक्षा में प्रथम आया।
    कभी-कभी निरर्थक शब्द भी वाक्य में प्रयुक्त होकर अर्थ का बोध कराने लगते हैं, जैसे
  • सुमन, इस भिखारी को कुछ खाना-वाना दे देना।
  • ये गौरैयाँ कब से बक-झक किए जा रही हैं।

2. आकांक्षा – किसी वाक्य के एक पद को सुनकर अन्य आवश्यक पद को सुनने या जानने की जो उत्कंठा प्रकट होती है, उसे आकांक्षा कहते हैं; जैसे – मैदान में खेल रहे हैं।

यह वाक्य सुनते ही हमारे मन में प्रश्न उठता है- मैदान में कौन खेल रहे हैं? हमें इसका उत्तर मिलता है –
लड़के मैदान में खेल रहे हैं।
यहाँ ‘लड़के’ शब्द जोड़ देने से वाक्य पूरा हो गया। इससे पहले वाक्य को ‘लड़के’ शब्द की आकांक्षा थी जिसके जुड़ते ही यह आकांक्षा समाप्त हो गई।

3. योग्यता – वाक्य में प्रयुक्त प्रत्येक शब्द (पद) प्रसंगानुरूप अर्थ प्रदान करता है। इसे ही योग्यता कहते हैं।
जैसे – किसान कुदाल से खेत जोतता है।
इस वाक्य में योग्यता का अभाव है क्योंकि कुदाल से खेत की जुताई नहीं की जाती है। कुदाल के स्थान पर ‘हल’ का प्रयोग करने से वाक्य में वांछित योग्यता आ जाती है। तब वाक्य इस तरह हो जाएगा- किसान हल से खेत जोतता है।

4. निकटता – वाक्य के किसी शब्द को बोलते या लिखते समय अन्य शब्दों में परस्पर निकटता होना आवश्यक है। इसके अभाव में शब्दों से अभीष्ट अर्थ की प्राप्ति नहीं हो पाती है; जैसे –
गाय … घास … चर रही है।

यहाँ ‘गाय’ शब्द बोलकर रुक जाने से मन में जिज्ञासा उठती है कि गाय ‘दूध देती है’ या दुधारू पशु है या कुछ और। इसी प्रकार ‘घास’ कहने के बाद रुक जाने से जिज्ञासा प्रकट होती है और हमें अर्थ के लिए अनुमान लगाना पड़ता है। अतः इस वाक्य को बिना रुके इस प्रकार लिखा या बोला जाना चाहिए- गाय घास चर रही है।

5. पदक्रम – वाक्यों में प्रयुक्त शब्दों को एक निश्चित क्रम में रखा जाता है ताकि वांछित अर्थ की अभिव्यक्ति हो। इसे ही पदक्रम कहते हैं। पदों (शब्द) के इस क्रम को बदल देने पर अर्थ की अभिव्यक्ति नहीं हो पाती है; जैसे –

  • पटरी रेलगाड़ी पर दौड़ती है।
  • हैं छात्रों को रहे पढा अध्यापक।

पदक्रम की दृष्टि से यह वाक्य उचित नहीं है। उचित पदक्रम में रखने पर इस तरह लिखा जाएगा

  • रेलगाड़ी पटरी पर दौड़ती है।
  • अध्यापक छात्रों को पढ़ा रहे हैं।

6. अन्वय – वाक्य अनेक शब्दों (पदों) का व्यवस्थित मेल होता है। यही व्यवस्थित रूप अन्वय कहलाता है।
वाक्य में प्रयुक्त पदों का लिंग, वचन, कारक, काल, पुरुष आदि के साथ यथोचित सामंजस्य होना चाहिए। इसके अभाव में वाक्य न व्याकरणिक दृष्टि से सही होते हैं और न वांछित अर्थ की अभिव्यक्ति कर पाते हैं; जैसे –

  • धोबी कपड़े धोती हैं।
  • छात्राएँ सुंदर चित्र बनाते हैं।
  • मज़दूर ने सवेरे-सवेरे काम पर जाते हैं।

उचित अन्वय के साथ लिखने पर –

  • धोबी कपड़े धोते हैं।
  • छात्राएँ सुंदर चित्र बनाती हैं।
  • मज़दूर सवेरे-सवेरे काम पर जाते हैं।

वाक्य भेद :
वाक्यों के वर्गीकरण के मुख्यतया दो आधार हैं –

  1. अर्थ के आधार पर
  2. रचना के आधार पर

नोट: कक्षा-10 के पाठ्यक्रम में ‘रचना के आधार पर’ वाक्य भेद शामिल नहीं है। अत: यहाँ इसका अध्ययन नहीं किया जाएगा।

वाक्य- पदों के सार्थक समूह को वाक्य कहते हैं. वाक्य के लिए एक उद्देश्य और एक विधेय का होना आवश्यक है.

जैसे- आशा विद्यालय जा रही है.

इसमें ‘आशा ’उद्देश्य है और ‘स्कूल जा रही है’ विधेय है.


वाक्य को दो आधारों पर बाँटा जाता है-


1.अर्थ के आधार पर 

2.रचना के आधार पर


अर्थ की दृष्टि से कौन वाक्य भेद नहीं है? - arth kee drshti se kaun vaaky bhed nahin hai?



arth ke aadhar par vakya bhed

vakya parivartan arth ke aadhar par


अर्थ के आधार पर वाक्य भेद




अर्थ के आधार पर आठ (8) प्रकार के वाक्य होते हैं –

arth ke aadhar par vakya ke bhed


  • 1-विधान वाचक वाक्य
  • 2- निषेधवाचक वाक्य
  • 3- प्रश्नवाचक वाक्य
  • 4- विस्मयादिवाचक वाक्य
  • 5- आज्ञावाचक वाक्य
  • 6- इच्छावाचक वाक्य
  • 7-संकेतवाचक वाक्य
  • 8-संदेहवाचक वाक्य


arth ke aadhar par vakya ke bhed

विधानवाचक वाक्य - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की जानकारी प्राप्त होती है, वह विधानवाचक वाक्य कहलाता है।


जिन वाक्यों  में क्रिया के करने या होने का बोध हो और ऐसे वाक्यों में  किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध होता हो, उन्हें विधिवाचक या विधानवाचक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण -



  • भारत एक देश है।
  • विद्यार्थी प्रतिदिन विद्यालय जाता है .
  • श्रीराम के पिता का नाम दशरथ था।
  • मजदूर ने श्रमपूर्वक कार्य किया .
  • दशरथ अयोध्या के राजा थे।
  • पाँच दिन से लगातार वर्षा हो रही है .
  • सूर्य गर्मी देता है।
  • वह देहरादून गया होगा।
  • भारत हमारा देश है।
  • वह बालक है।
  • हिमालय भारत के उत्तर दिशा में स्थित है।
  • राधा सुबह गाती है .
  • गाय रोज घास चरने जाती है .
  • माँ आज रोटी बनाएगी.



निषेधवाचक वाक्य : जिन वाक्यों से कार्य न होने का भाव प्रकट होता है, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं।


एक ऐसा सन्देश जो किसी काम को न करने का आदेश दे रहा हो, वह निषेधवाचक वाक्य कहलाता है। इसे नकारात्मक वाक्य भी कहते हैं . इन वाक्यों में प्रायः न, नहीं या मत जैसे शब्दों का प्रयोग किया जाता है। 'नहीं' का प्रयोग सामान्यतः सभी स्थितियों में किया जाता है, लेकिन 'मत' का प्रयोग प्रायः आज्ञावाचक वाक्यों में और 'न' का प्रयोग 'अगर' या 'यदि' जैसे शब्दों से शुरू होने वाले वाक्यों में किया जाता है।


जैसे-


  • मैंने दूध नहीं पिया।
  • कई कर्मचारी ईमानदार नहीं होते हैं .
  • मैंने खाना नहीं खाया.
  • आज मोहन घर नहीं आएगा .
  • कल वर्षा नहीं हुई थी .
  • बच्चे नहीं पढ़ रहे हैं .
  • अभी महामारी का खतरा नहीं टला .


hindi grammar MCQs


प्रश्नवाचक वाक्य - वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार का प्रश्न किया जाता है, वह प्रश्नवाचक वाक्य कहलाता है।


उदाहरण -


  • मौसम कैसा है ?
  • कृष्ण के पिता कौन थे?
  • दशरथ कहाँ के राजा थे?
  • तुम कैसे हो?
  • मैं यहाँ क्या कर रहा हूँ?
  • तुमने ऐसा क्यों किया ?
  • सूरज किस दिशा से निकलता है ?
  • भारत कब स्वतंत्र हुआ था ?
  • मृत्यु पर किसका वश है ?



आज्ञावाचक वाक्य - वह वाक्य जिसके द्वारा किसी प्रकार की आज्ञा दी जाती है या प्रार्थना की जाती है, वह विधिसूचक वाक्य कहलाता है।



उदाहरण -


  • बैठो।
  • मेरे लिए किताब लाओ .
  • बैठिये।
  • आज की पढ़ाई पूरी करो .
  • कृपया बैठ जाइये।
  • शांत रहो।
  • कृपया शांति बनाये रखें।
  • तुम वहाँ जाओ।
  • यह पाठ तुम पढ़ो।
  • अपना–अपना काम करो।
  • आप चुप रहिए।
  • तुम पानी लाओ।
  • आप वहाँ जा सकते हो.



विस्मयादिबोधक वाक्य - वह वाक्य जिससे किसी प्रकार की गहरी अनुभूति का प्रदर्शन किया जाता है, वह विस्मयादिबोधक वाक्य कहलाता है।


जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हों, उन्हें विस्मयादिबोधक वाक्य कहते हैं।

उदाहरण -


  • अहा! कितना सुन्दर उपवन है।
  • अरे वाह ! भारत की दीपिका ने स्वर्ण पदक जीत लिया .
  • ओह! कितनी ठंडी रात है।
  • अहा! झील का दृश्य बहुत मनोरम है।
  • बल्ले! हम जीत गये।
  • अरे! इतनी लम्बी रेलगाड़ी!
  • ओह! बड़ा जुल्म हुआ!
  • छिः! कितना गन्दा दृश्य!
  • शाबाश! बहुत अच्छे!


इच्छावाचक वाक्य - जिन वाक्य‌ों में किसी इच्छा, आकांक्षा या आशीर्वाद का बोध होता है, उन्हें इच्छावाचक वाक्य कहते हैं।


उदाहरण-


  • भगवान तुम्हें दीर्घायु करें ।
  • नववर्ष मंगलमय हो।
  • ईश्वर करे, सब कुशल लौटें।
  • दूधो नहाओ, पूतो फलो।
  • कल्याण हो।
  • नव वर्ष की हार्दिक बधाई।
  • तरक़्क़ी की हार्दिक बधाई।
  • भगवान करे कि आप सुखी वैवाहिक जीवन बिताएँ।


संकेतवाचक वाक्य- जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं।इन वाक्यों में किसी-न-किसी शर्त की पूर्ति का विधान किया जाता है इसीलिए इनको शर्तवाची वाक्य भी कहते हैं।


उदाहरण-

  • यदि तुम भी मेरे साथ रहोगी तो मुझे अच्छा लगेगा।
  • वर्षा होती तो अनाज पैदा होता।
  • यदि पेड़ नहीं कटते तो ऑक्सीजन पर्याप्त होती .
  • यदि महामारी समाप्त हो जाती तो विद्यालय खुल जाते .



  click ⇨⇨

 hindi vyakaran 




संदेहवाचक वाक्य - जिन वाक्यों में संदेह का बोध होता है, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं।



उदाहरण-


  • क्या वह यहाँ आ गया ?
  • संभवतः कोरोना इस वर्ष समाप्त हो जाए .
  • क्या उसने काम कर लिया ?
  • सम्भवतः वह सुधर जाए।
  • शायद मैँ कल बाहर जाऊँ।
  • आज वर्षा हो सकती है।
  • शायद वह मान जाए।



"समास " पढ़ने के लिए CLICK करें -


Samas in Hindi





वाक्य परिवर्तन के उदाहरण




उदाहरण 1

vakya parivartan arth ke aadhar par

 

  • विधान वाचक- दीपिका बहुत अच्छी तीरंदाज है .
  • निषेधवाचक- दीपिका बहुत अच्छी तीरंदाज नहीं  है .
  • आज्ञावाचक- दीपिका तुम  बहुत अच्छी तीरंदाज बनो .
  • प्रश्नवाचक- क्या दीपिका बहुत अच्छी तीरंदाज है ?
  • विस्मयवाचक- अरे वाह ! दीपिका बहुत अच्छी तीरंदाज है .
  • संदेशवाचक- संभवतः दीपिका बहुत अच्छी तीरंदाज होगी .
  • इच्छावाचक- मेरी इच्छा है कि दीपिका बहुत अच्छी तीरंदाज बने .
  • संकेतवाचक- यदि दीपिका मेहनत करती तो बहुत अच्छी तीरंदाज होती  .



उदाहरण 2

vakya parivartan arth ke aadhar par

 

  • विधान वाचक- राहुल  विद्यालय जाता है .
  • निषेधवाचक- राहुल  विद्यालय नहीं जाता है .
  • आज्ञावाचक- राहुल  विद्यालय जाओ .
  • प्रश्नवाचक- क्या राहुल  विद्यालय जाता है ?
  • विस्मयवाचक- वाह ! राहुल  विद्यालय जाता है .
  • संदेशवाचक- संभव है राहुल विद्यालय जाता होगा .
  • इच्छावाचक- राहुल  विद्यालय जाए .
  • संकेतवाचक- यदि राहुल विद्यालय जाता है, तो वह अवश्य पढ़ाई करता .



उदाहरण 3

vakya parivartan arth ke aadhar par



  • निषेधवाचक- तुम कल बाजार नहीं जाओगे .
  • विधानवाचक- तुम कल बाजार जाओगे .
  • आज्ञावाचक- तुम कल बाजार जाओ .
  • प्रश्नवाचक- क्या तुम कल बाजार  जाओगे ?
  • विस्मयवाचक- वाह ! तुम कल बाजार जाओगे . 
  • संदेहवाचक- शायद तुम कल बाजार  जाओगे .
  • इच्छावाचक- काश, तुम कल बाजार  जाते .
  • संकेतवाचक- यदि तुम कल बाजार जाओगे तो मैं भी तुम्हारे साथ चलूँगा .






"रचना के आधार पर वाक्य भेद" पढ़ने के लिए CLICK करें -

Rachna ke Aadhar par Vakya Bhed





MCQs


अर्थ की दृष्टि से कौन वाक्य भेद नहीं है? - arth kee drshti se kaun vaaky bhed nahin hai?


अर्थ के आधार पर वाक्य भेद : 50 MCQs





NCERT BOOKS DOWNLOAD

in single click



अर्थ की दृष्टि से कौन वाक्य भेद नहीं है? - arth kee drshti se kaun vaaky bhed nahin hai?

अर्थ के आधार पर वाक्य भेद MCQs


openclasses presents 9th study material of all chapters of NCERT-CBSE books. This 9th class study material pdf includes all types of questions and answers in simple language. Students can read, listen and revise 9 class study material anytime from here. In this platform HOTs and LOTs are included in 9th class study material. High-quality class 9 study material with simple language and excellent understanding is presented in a different way by openclasses. study for class 9 before class 10th becomes very important. The skill and efficiency required in the 10th class start to be formed from class 9 study, so smart work and hard work both are required from the 9th class itself.



The study material has been prepared to understand Hindi grammar in an easy way by which you can learn Hindi meaning. Grammar is an integral part of any language that is why to learn Hindi grammar. The comprehension of language grows only through grammar. It is important to guide the students about learn basic Hindi in an interesting and curious manner. It is the need of today to study in simple language while combining it with different subjects. Learn basic Hindi words related to all subjects.It is also important to build a foundation for the preparation of competitive exams. Learn Hindi for kids and kids also learn Hindi.





हिंदी व्याकरण को विस्तार से पढ़ने के लिए klick करें -


Basic Hindi Grammar



हिंदी व्याकरण को आसान तरीके से समझने के लिए अध्ययन सामग्री को निर्मित किया गया है . व्याकरण किसी भी भाषा का अभिन्न अंग होता है . भाषा की समझ व्याकरण से ही बढ़ती है . विद्यार्थियों को रुचिकर और उत्सुकता बढ़ाने वाले ढंग से मार्गदर्शन देना जरुरी है . सरल भाषा में विभिन्न विषयों के साथ संयोजन करते हुए पढ़ाई करना आज की आवश्यकता है . प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी के लिए आधार बनाना भी जरुरी है . बच्चों के लिए हिंदी सीखें और बच्चे भी हिंदी सीखें.

अर्थ की दृष्टि से कौनसा वाक्य का भेद नहीं है?

अर्थ के आधार पर आठ प्रकार के वाक्य होते हैं –1-विधान वाचक वाक्य, 2- निषेधवाचक वाक्य, 3- प्रश्नवाचक वाक्य, 4- विस्म्यादिवाचक वाक्य, 5- आज्ञावाचक वाक्य, 6- इच्छावाचक वाक्य, 7-संकेतवाचक वाक्य, 8-संदेहवाचक वाक्य

अर्थ की दृष्टि से वाक्य भेद क्या है?

अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद– किसी के अस्तित्व का बोध भी इस प्रकार के वाक्यों से होता है। अशोक राजनगर में रहता है। (ब) निषेधवाचक वाक्य– जिन वाक्यों से किसी कार्य के निषेध (न होने) का बोध होता हो, उन्हें निषेधवाचक वाक्य कहते हैं। इन्हें नकारात्मक वाक्य भी कहते हैं।

अर्थ की दृष्टि से कितने भेद होते है?

अर्थ की दृष्टि से 2 भेद होते है - सार्थक और निर्थक।

अर्थ के आधार पर वाक्य के कितने भेद होते हैं class 9?

CBSE CLASS IX - HINDI VYAKARAN - ARTH KE ADHAR PAR VAKYA KE BHED (अर्थ के आधार पर वाक्य के भेद) १ - विधानवाचक वाक्य । २ - आज्ञावाचक वाक्य । ३ - निषेधवाचक वाक्य